त्राटक क्रिया कैसे करें | त्राटक क्रिया के लाभ | Tratak Kriya in Hindi

Tratak Kriya in Hindi | Tratak Meditation in Hindi | Tratak Meditation Benefits in Hindi

क्या आपका मन हर सेकंड इधर उधर भटकता रहता है? लाख कोशिशों के बावजूद भी आप स्वयं को कुछ मिनट के लिए स्थिर नहीं रह सकते? इस भटकाव का असर आपके काम या संपूर्ण जीवन में पड़ता है?

यदि जीवन में, अपने मन में स्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, अथवा इच्छुक हैं, तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़िए। हम इस सृष्टि के सबसे शक्तिशाली ध्यान योग के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

ध्यान की सैकड़ों विधियों में त्राटक विधि सबसे कठिन किन्तु सबसे प्रभावशाली विधि है। यदि आपको लगता है कि कठिन है और आप नहीं कर सकते तो पढ़ते रहिए, हम आपको सरल तरीके से त्राटक का अभ्यास करने के लिए टिप्स भी बताएंगे।

MysticMind के इस आर्टिकल में हम त्राटक क्या है, कैसे किया जाता है, त्राटक मैडिटेशन कितनी देर करना चाहिए एवं इसके क्या लाभ होते हैं इत्यादि के बारे में विस्तार से बात करेंगे।

चलिए पहले देखते हैं कि त्राटक विधि क्या है, तथा क्यों करनी चाहिए? सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इसे करने से आपके जीवन में क्या बदलाव आएगा?

Tratak Kriya in Hindi | त्राटक क्रिया | त्राटक मेडिटेशन 

मेरे कई सारे साधक मुझसे मिलने से पहले त्राटक किया करते थे। जब मैंने उनसे पूछा कि त्राटक को परिभाषित कीजिए अथवा उसके बारे में बताइए।

“मोमबत्ती जलाकर एकटक उसकी लौ को देखते रहना है”। ज्यादातर लोगों के जवाब एक वाक्य में थे।

दुनिया के सबसे शक्तिशाली त्राटक की बस इतनी सी पहचान देखकर दुःख हुआ। इस बात का आभास भी हुआ कि लोगों के जीवन में मनचाहा परिवर्तन क्यों नहीं हो पाता है?

यहां एक बात कहना चाहती हूं, किसी भी प्रकार के ध्यान का अभ्यास करना उसका दूसरा चरण होता है। पहला चरण उसके बारे में सही ज्ञान प्राप्त करना है। तो, चलिए पहले त्राटक का अर्थ जान लेते हैं।

Tratak Kriya in Hindi | Tratak Sadhana in Hindi

त्राटक का शाब्दिक अर्थ यदि देखा जाए तो यह संस्कृत के दो शब्दों त्र जिसका अर्थ है तीन तथा टक जिसका अर्थ यहां है – एक टक देखना। इस प्रकार त्राटक का अर्थ है। तीसरी आंख अर्थात आज्ञा चक्र जिसे हम शिवजी का तीसरा नेत्र कहते हैं, वहां पर ध्यान लगाना।

दूसरे शब्दों में कहूं तो तीसरी आंख से टकटकी लगाकर देखना। यहां एक और बात बता देना चाहती हूं कि त्राटक का मूल उद्देश्य क्या होता है?

एक Spiritual Healer होने के नाते उदाहरण भी कुछ ऐसा ही देना पसंद है मुझे। शरीर के जिस हिस्से को हम Heal करना चाहते हैं, उसी पर ध्यान देते हैं।

समय के साथ वह अपने प्राकृतिक स्वरूप में आ जाता है अर्थात Heal हो जाता है ठीक उसी प्रकार जब आप आज्ञा चक्र पर ध्यान देते हैं तो वह अपने प्राकृतिक स्वरूप में आने लगता है। दूसरे शब्दों में कहूं तो वह सक्रिय होने लगता है।

आज्ञा चक्र के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे लिंक पर जाकर पढ़ें।

आज्ञाचक्र सक्रिय करने की 5 विधियाँ

Tratak Kriya Steps in Hindi | Tratak Kriya for Eyes

चलिए देखते हैं कि त्राटक Tratak Kriya Procedure क्या है? किस प्रकार आप कम समय में Tratak Sadhana का ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकते हैं?

त्राटक एक ऐसी ध्यान ध्यान साधना है जिसका अभ्यास करने के लिए आपका कमरे में अकेले होना अति आवश्यक है। जिससे आपको ध्यान लगाने में आसानी हो।

अक्सर मैंने सुना है, मोमबत्ती जलाकर त्राटक किया जाता है। किन्तु मेरा सुझाव है कि आप मिट्टी का एक दिया लें तथा घी का प्रयोग कर दीप जलाएं।

मोमबत्ती के स्थान पर मिट्टी तथा घी का प्रयोग कमरे के पीछे गहरा विज्ञान है। ये दोनों ही प्राकृतिक तत्व हैं जिसका आंखों पर स्वास्थ्यकर प्रभाव पड़ता है। जबकि मोमबत्ती कृतिम है जो आपकी आंखों के लिए लाभकारी नहीं है।

१- अंधेरे कमरे में अकेले ध्यान की सहज मुद्रा अर्थात सुखासन में बैठ जाएं। सिर तथा पीठ को सीधा रखें। १० से पंद्रह लंबी गहरी सांस ले, इससे मन में चल रहे इधर उधर के विचार बंद हो जाएंगे तथा आप पूर्ण रूप से वर्तमान में आ जाएंगे।

२- दिया जलाकर किसी ऊंचे स्थान पर रखें, ऊंचाई इतनी हो कि आपके नेत्रों के बराबर में जलती हुई लौ हो। दिए को आंखों से दो से ढाई फुट की दूरी पर रखें।

३- आंखें बंद कर कुछ लंबी सांस लेने के बाद आंखों लो खोलें तथा ध्यान को धजलती हुई लौ पर टिका दें। खास ध्यान यह दें कि नज़रे दिए पर तथा मन में विचार कुछ और चल रहे हैं, ऐसा ना हो। आपका पूरा ध्यान दिए की लौ पर रखें।

४- तब तक एकटक देखते रहें जब तक आंखें थक ना जाए या फिर उनमें पानी आ जाए। शुरू में शायद आप कम समय तक टकटकी लगा सकें किन्तु निरंतर अभ्यास से अवधि बढ़ती जाएगी।

५- एक दिन में, एक समय में कम से कम ५-१० बार इसका आभास करें। इस अभ्यास को तब तक जारी रखें जब तक आप सामान्यतः १०-१५ मिनट तक आंखों को खुला रख सकें।

६- सबसे महत्वपूर्ण है कि बिना पलकें झपकाए कितनी देर तक आपका ध्यान दिए की लौ पर रहता है। इस बात का खास ध्यान रखें, क्योंकि यही आपके Growth का हिसाब बताता है।

आंखों से चश्मा हटाने के लिए योगासन

Tratak Kriya Benefits in Hindi | त्राटक क्रिया के लाभ

त्राटक एकमात्र ध्यान क्रिया है जिसमें आपको पहले ही दिन से कुछ परिवर्तन महसूस होने लगता हैं देखते हैं कि इस शक्तिशाली ध्यान के क्या लाभ होते हैं?

१- Tratak kriya for eyes जैसा कि साफ़ है, त्राटक क्रिया में नेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जिसकी वजह से तनाव आंखों में अवरुद्ध ऊर्जा का प्रवाह पुनः शुरू हो जाता है। आंखों की रोशनी बढ़ने के साथ नेत्र संबंधी किसी भी समस्या को दूर करता है।

२- Tratak ki shakti तीसरी आंख अर्थात आज्ञा चक्र पर त्राटक का सीधा प्रभाव पड़ता है। परिणामस्वरूप त्राटक आज्ञा चक्र सक्रिय करने में सहायक क्रिया है। आज्ञा चक्र क्या है, इसकी शक्तियां तथा इसकी सक्रियता से होने वाले फायदे जानने के लिए नीचे दी हुई लिंक पर जाकर पढ़ें।

३- शीघ्रता से एकाग्रता बढ़ाने का सबसे सरल उपाय त्राटक का अभ्यास है। मस्तिष्क की सभी निष्क्रिय नसों को प्रभावित कर त्राटक उन्हें सक्रिय कर देता है। जिसकी वजह से त्राटक क साधना करने वालों की एकाग्रता में जादुई तरीके से बढ़ोत्तरी होती है।

४- किसी ध्येय पूर्ति हेतु चाहत में त्राटक का अभ्यास उस ध्येय को पूर्ण करने में सक्षम है। जब मन मस्तिष्क एकाग्र होकर किसी लक्ष्य पर अपना ऊर्जा प्रवाहित करते हैं तो वह सफलता शीघ्र मिल जाती है।

५- त्राटक का प्रभाव आंखों के साथ मस्तिष्क पर सबसे ज्यादा पड़ता है। पुराने तथा नकारात्मक विचारों को निकालकर मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करने में त्राटक अत्यंत सहायक है।

६- Power of Tratak in Hindi तनाव निवारण में भी त्राटक क्रिया सहायक सिद्ध हुई है। इसके अभ्यास से मस्तिष्क में अल्फा तरंगों का प्रवाह जल्दी शुरू होता है। परिणामस्वरूप दिमाग शांत तथा शीतल होने लगता है।

७- सिर संबंधी बीमारियां जैसे कि माइग्रेन को ठीक करने में त्राटक प्रभावी साधना है। क्रोधी व्यक्ति को उसका क्रोध काबू करने में भी त्राटक क्रिया सहायक है।

Tratak Kriya Precautions | त्राटक करते समय सावधानियां

१- त्राटक क्रिया करने से पहले अनिवार्य रूप से योग्य शिक्षक/गुरु से संपर्क करें।

२- त्राटक साधना का गुप्त रूप से, अंधेरे में तथा एकांत में करें।

३- जिन्हें नेत्र सम्बन्धी कोई गंभीर बीमारी है, इसे शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

४- यदि कमरे में पंखा चलाना हो तो दीए को इस प्रकार रखें कि पंखे कि हवा उसे प्रभावित ना करे।

५- त्राटक का प्रयोग कर जीवन में उसका संपूर्ण लाभ लेने के लिए कम से कम २१ दिन तक लगातार साधना करें।

FAQs

१- क्या त्राटक घातक/ खतरनाक है?

यदि इस साधना को जबरदस्ती करने की कोशिश की गई तो यह घातक हो सकती है। इसलिए हमारी सलाह है कि योग्य शिक्षक के संरक्षण में ही इसका अभ्यास करें।

२- क्या चश्मा पहनने वाले लोग त्राटक क्रिया कर सकते हैं?

जी बिल्कुल कर सकते हैं। Tratak Kriya त्राटक क्रिया प्राकृतिक रूप से नेत्र की ज्योति को बढ़ाती है तथा इससे संबंधी किसी भी बीमारी को ठीक करती है। इसलिए हमारी आपको सलाह होगी कि चश्मा उतारकर त्राटक क्रिया का अभ्यास करें।

३-  क्या त्राटक क्रिया से लंबाई बढ़ाई जा सकती है?

त्राटक विधि के निरंतर अभ्यास से व्यक्ति अपनी सुप्त हुईं शक्तियों को जगाने में सफ़ल हो जाता है। यदि उम्र बीस से कम है तो वह त्राटक के अभ्यास के दौरान कुछ विशेष अभ्यास करके लंबाई बढ़ाई जा सकती है।

Final Words: उम्मीद है त्राटक संबंधी आपके सभी सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे। यदि आपका कोई सवाल है तो कॉमेंट बॉक्स में अवश्य पूछें। अंत में यही सुझाव रहेगा कि यदि आप नए हैं तो किसी गुरु के सान्निध्य में शुरू करें।

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त्राटक क्रिया Tratak Kriya एक बहुत ही शक्तिशाली साधना है। यदि इसे पूरे मन और श्रद्धा के साथ किया जाए तो अत्यंत फलदाई ध्यान साबित होता है। त्राटक सीखने या जीवन की किसी भी समस्याओं से संबंधी सलाह के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

सबका मंगल हो

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