Cow and Tiger Story in Hindi – An extraordinary Story About Power Of Unity

Cow and Tiger Story in Hindi- दोस्तों आपने ये तो सुना ही होगा कि संगठन में अटूट बल होता है। बात चाहे दोस्तों की हो, परिवार की या व्यापार की, जहां लोग एकत्रित होकर रहते हैं वहां नुकसान नहीं होता। आज हम ऐसी ही एक रोचक- एक गाय और चीते की कहानी आपके लिए लेकर आए हैं।

बहुत समय पहले एक जंगल में गायों का एक समूह रहता था। जंगल हिंसक पशुओं जैसे शेर, बाघ एवं चीता से भरा हुआ था। सारे जानवर डरे सहमें इनसे बचते फिरते थे। किन्तु इन गायों में भय नाम मात्र भी नहीं था। वे सभी सुबह साथ बाहर जाती, चरती तथा साथ ही शाम को वापस आतीं।

Cow and Tiger Story in Hindi- Power of Unity

The Problem

एक बार एक चीते की नज़र इन हृष्ट पुष्ट गायों पर पड़ी और उसका मन ललचा गया। वह छुप छुपकर इनका पीछा करता तथा इनको खाने के तरीके खोजने लगा।

समय बीतता गया, चीते को इनको खाने का मौका ही नहीं मिल रहा था। चीते की मंशा से अनजान गाएं मस्ती में एक शाम वापस घर जा रहीं थीं कि झाड़ियों में से अचानक चीते ने सबसे पीछे चल रही गाय पर हमला बोल दिया।

Cow and Tiger Story in Hindi- Power of Unity

चीते के झपट्टे से चौकन्नी सभी गायों ने पलटकर चीते पर धावा बोल दिया। चीते ने इस हमले की बिल्कुल उम्मीद नहीं की थी। स्वयं को गायों से घिरा देखकर चीते को अपने फैसले पर अफ़सोस हुआ। बड़ी मुश्किल से वह जान बचाकर भाग निकला। किन्तु अब उनको खाने की उसकी मंशा बदले की भावना में बदल चुकी थी।

समय के साथ गायों का आपस में मतभेद हो गया और वे एक दूसरे से अलग होने लगीं। चीते की नज़र अभी भी इसी झुंड पर थी। गायों को अलग जाते देख उसने मौके का फ़ायदा उठाया और एक गाय का पीछा किया।

Cow and Tiger Story in Hindi by MysticMind

Cow and Tiger Story in Hindi थोड़ी दूर जाने पर ही उसने आस पास नज़र घुमाई, दूर दूर तक दूसरी कोई भी गाय नज़र नहीं आई। उसने बिल्कुल भी समय न गंवाते हुए गाय पर हमला कर दिया। अकेली गए चिल्लाती रह गई, जान बचाने की कोशिश की किंतु हार गई।

एक एक करके चीते ने सभी गायों को इसी तरह खा लिया।

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Cow and Tiger Story in Hindi

Cow and Tiger Story in Hindi- The Loss

तो दोस्तों, देखा ना कि एकता में कितना बल होता है। जब तक गाएं साथ थीं, तब तक चीते को मार भगाया किन्तु जैसे ही अकेले हुई, जान गंवानी पड़ गई।

इस कहानी ने मेरे जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जब भी परिवार में या कार्य क्षेत्र में किसी भी प्रकार का मतभेद होता है, उसे सुलझाना मेरा पहला कदम होता है। आपसी मतभेद हमेशा नुकसान कराता है। कभी- कभी तो इन गायों के जान की तरह ऐसे नुकसान करा देता है जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है।

Cow and Tiger Story in Hindi अतः जब भी मतभेद हो, रिश्ते या व्यवसाय में नुकसान के बजाय आपस में बात करके सुलझा लेना तथा एकता बनाए रखना ही समझदारी कहलाती है।

Moral: जहां एकता है, वहां कोई तीसरा व्यक्ति आपका कुछ नुकसान नहीं कर सकता। कभी – कभी बड़े नुकसान से बचने के लिए झुककर मतभेद दूर कर लेना चाहिए।

 

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