monkey and crocodile story in hindi-बंदर और मगरमच्छ

दोस्तों आज हम बंदर और उसके मित्र मगरमच्छ की अद्भुत कहानी पढ़ने जा रहे हैं। monkey and crocodile story in hindi

बंदर और मगरमच्छ का कहानी

बहुत समय पहले की बात है। एक नदी के किनारे एक बहुत विशाल और पुराना जामुन का वृक्ष था जिस पर एक बंदर ने अपना घर बना रखा था। वह अकेला आराम से जामुन के फल खाता और पेड़ पर उछला कूद करता रहता। उसका जीवन बहुत ही आनंदमय, सुख और शांति से गुज़र रहा था।

monkey and the crocodile

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कुछ समय बाद, नदी के उस भाग में एक मगरमच्छ दंपत्ति रहने के लिए आए। एक दिन जब मगरमच्छ धूप खाने के लिए नदी के किनारे लेटा था तो बंदर की नज़र उस पर पड़ी। बंदर ने सोचा कि इससे दोस्ती कर लेते हैं। लेकिन अगले ही पल उसे खयाल आया कि मगरमच्छ उसे खा सकता है इसलिए इससे दूर ही रहना अच्छा है। यह सोचकर वह मुड़कर वापस जाने लगा, तभी मगरमच्छ ने उसे देख आवाज़ लगाई।

वह मित्रता करना चाहता था किन्तु बंदर ने कोई जवाब नहीं दिया बल्कि वापस जाने लगा। मगरमच्छ ने फिर से आवाज़ दी। वह समझ चुका था कि बंदर उससे डर रहा है। उसने आश्वासन दिया कि वह उसे कभी नहीं खाएगा।

“मैं तुम पर कैसे विश्वास कर लूं? तुमने कभी सुना है कि किसी मगरमच्छ ने सामने आए भोजन को छोड़ दिया हो?” बंदर ने दूर से ही पूछा।

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“नहीं ऐसा सुना तो नहीं है। लेकिन मैं तुम्हें नहीं खाऊंगा इसलिए तुम्हें मुझसे डरने की आवश्यकता नहीं है।” मगरमच्छ ने कहा।

मित्रता

उसकी बातें सुन कर बंदर ठहर गया और उत्सुकतावश पूछा,” ऐसा क्यों? तुम मुझे क्यों नहीं खाओगे?”
मगरमच्छ ने सांत्वना भरे शब्दों में कहा,”नदी के इस भाग में दूसरा कोई मगरमच्छ या बड़ा जानवर नहीं है इसलिए पर्याप्त भोजन मुझे पानी में ही मिल जाता है। मुझे तुम्हें खाने की आवश्यकता ही नहीं है।”

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बंदर को मगरमच्छ की बातों पर विश्वास हो गया क्योंकि वह उस पेड़ पर सालों से रहता था। उसने दूसरा कोई भी बड़ा और खतरनाक जानवर अब तक नहीं देखा था।

उन दोनों की बात चीत होने लगी। बंदर फिर भी उससे दूरी बनाए रखता था। बंदर पेड़ पर रहता और मगरमच्छ नीचे नदी के किनारे। दोनों एक दूसरे से अपने जीवन से संबंधित बहुत सारी बातें करते। बंदर उसे ऊपर से जामुन के मीठे फल तोड़कर देता था। मगरमच्छ को जामुन के फल भा गए।

एक दिन मगरमच्छ ने बंदर को बताया कि नदी के उस पार उसकी पत्नी भी रहती है। वह थोड़े जामुन के फल उसके लिए ले जाना चाहता है। बंदर ने खुशी- खुशी ढेर सारे जामुन के फल तोड़कर दे दिए।
दूसरे दिन जब मगरमच्छ बंदर से मिलने आया तो उसने बताया कि उसकी पत्नी को जामुन के फल बेहद पसंद आए। उसने मेरे मित्र को धन्यवाद कहने के लिए कहा है। यह सुनकर बंदर बहुत खुश हुआ और उसने और भी जामुन देते हुए कहा कि “भाभीजी के लिए लेकर जाना।”

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इस तरह समय के साथ बंदर और मगरमच्छ की मित्रता गहरी होती चली गई। दोनों को एक दूसरे के साथ समय बिताना, खेलना, बातें करना अच्छा लगने लगा। दोनों एक दूसरे से मिले बिना नहीं रह पाते थे। मगरमच्छ जानता था कि बंदर उसका इंतज़ार करता है इसलिए वह रोज़ समय पर आ जाता था।

monkey and crocodile story in hindi– निमंत्रण

बंदर और मगरमच्छ मानों एक दूसरे को अपने परिवार का हिस्सा समझने लगे थे। एक दिन मगरमच्छ ने घर आकर जब उसकी पत्नी को जामुन दिए और कहा कि” मेरे मित्र ने ये खास तुम्हारे लिए भेजा है।”
उसकी पत्नी के मन में पाप आ गया। वह सोचने लगी कि यदि इस बंदर द्वारा भेजे गए जामुन इतने मीठे और स्वादिष्ट हैं तो उसका कलेजा तो और भी स्वादिष्ट होगा। उसने अपने ये विचार मगरमच्छ के सामने रखा।

मगरमच्छ हैरानी से उसे देखने लगा। उसने कहा,” तुम ऐसा कैसे सोच सकती हो? तुम्हें पता है ना कि वह मेरा इकलौता और सच्चा मित्र है। वह तुम्हारी भी खुशियों का खयाल रखता है इसलिए तो तुम्हारे लिए अक्सर जामुन भेजता है।”
उसकी पत्नी बोली,” ये तुम कैसी बातें कर रहे हो? बंदर और मगरमच्छ कभी मित्र नहीं हो सकते, वे हमारा भोजन हैं। उसको लेकर घर आओ। बहुत समय हो गया है बंदर का कलेजा खाए हुए।”

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मगरमच्छ ने कहा,” मैं अपने मित्र के साथ ऐसा नहीं कर सकता।”
“कैसा मित्र? कितने समय तक हम यहां रहेंगे? अभी तक तो तुमने कोई मित्र नहीं बनाया तो इस बंदर के लिए इतना मत सोचो। हम आज यहां हैं, कल कहीं और होंगे। भावनाओं में मत बहो, उसको बहाने से यहां लेकर आओ, मुझे बंदर का कलेजा खाना है।” मगरमच्छ की पत्नी बोली।

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धोखा

मगरमच्छ अपनी पत्नी को समझाने में नाकामयाब रहा और मित्र के साथ दगा करने के लिए मजबूर हो गया।
अगले दिन जब वह बंदर से मिलने गया तो एक नए विचार के साथ गया था। उसने कहा,” मित्र, तुम्हारी भाभी ने आज तुमको घर पर खाना खाने के लिए बुलाया है।”

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बंदर यह सुनकर खुशी से झूम उठा। उसने कभी सोचा ही नहीं था कि उसकी मित्रता इतनी गहरी हो जाएगी कि उसको खाने पर बुलाया जाएगा। अगले ही पल वह उदास हो गया तो मगरमच्छ ने पूछा,” क्या हुआ? तुम नहीं आना चाहते तो कोई बात नहीं, मैं तुम्हारी भाभी को बोल दूंगा कि तुमने मना कर दिया।” दरअसल, मगरमच्छ दिल में चाह रहा था कि बंदर मना कर दे क्योंकि वह अपने दोस्त को खोना नहीं चाहता था।

बंदर ने कहा कि वह आना चाहता है किन्तु उसकी कुछ मजबूरियां हैं।
“तो फिर क्या बात है?” मगरमच्छ ने पूछा।
बंदर ने अपनी चिंता जताते हुए बताया कि उसे तैरना ही नहीं आता है तो  वह नदी के उस पार तक  कैसे जाएगा?
“ओह, इतनी सी बात! तुम इसकी चिंता मत करो, मैं तुम्हें अपनी पीठ पर बिठाकर ले जाऊंगा।” मगरमच्छ ने उसे सुझाव दिया।

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बंदर खुशी- खुशी तैयार हो गया। उसने मगरमच्छ को वादा किया कि कल वह उसे साथ खाने पर चलेगा।
मगरमच्छ की पत्नी को यह सुनकर बहुत खुशी हुई कि बंदर उसके जाल में फंस चुका है। अगली सुबह वह अत्यंत खुश और उत्साहित थी क्योंकि आज उसे बंदर का कलेजा खाने के लिए मिलने वाला था।

मगरमच्छ सही समय पर बंदर के पास पहुंच गया। बंदर ने साथ में ढेर सारे जामुन के फल लिए और मगरमच्छ के साथ जाने को तैयार हो गया। दोनों नदी में उतर गए। बीच नदी में पहुंचकर मगरमच्छ ने उससे पूछा, “ये तुमने अपने साथ क्या लाया है?”

बंदर ने कहा कि पहली बार किसी ने उसे घर पर खाने के लिए बुलाया है, खाली हाथ जाना ठीक नहीं लगा इसलिए उसने जामुन के कुछ फल साथ ले लिया।
मगरमच्छ यह सुनकर बहुत भावुक हो गया। उसका अपना मन उसी धिक्कारने लगा। उसने सोचा कि बंदर इतना प्रेम करता है हमसे और मैं ये क्या कर रहा हूं।

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भावनाओं में बहकर उसने फैसला किया कि वह बंदर को सच बता देगा, और उसने बता भी दिया। बंदर को सच का पता चलते ही, उसे लगा कि अब उसे मौत के मुंह से कोई नहीं बचा सकता। वह अत्यंत दुखी और क्रोधित महसूस करने लगा। किन्तु कुछ कहने से पहले उसे एहसास हुआ कि वह बीच नदी में है और उसे तैरना नहीं आता। इसलिए उसने धैर्य और समझदारी से काम लेना उचित समझा।

सूझबूझ

उसने शांत होकर हंसते हुए कहा,” अरे पागल, तुम ये बात मुझे अभी बता रहे हो? पहले बताते तो भाभीजी की इच्छा पूरी हो जाती।”
” तुम तो अब घर ही चल रहे हो, उसकी इच्छा तो पूरी हो ही जाएगी।” मगरमच्छ ने उत्तर दिया।
” बेवकूफ़, मैंने तो अपने कलेजा पेड़ पर ही छोड़ दिया। पहले बता दिया होता तो जामुन के साथ वह भी ला लेता।” बंदर ने अपने उसी दोस्ताना अंदाज़ में कहा।

मगरमच्छ ने पूछा,” फिर अब क्या करें?”
बंदर ने सुझाव देते हुए कहा कि वैसे भी भाभीजी को तो सिर्फ उसका कलेजा चाहिए था, उसके बिना जाने पर तो वह नाराज भी हो सकतीं हैं। इसलिए वापस पेड़ के पास चलते हैं और मेरा कलेजा लेकर आते हैं। मगरमच्छ ने उसकी बात मान ली।

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दोनों वापस पेड़ के पास आ गए।
“जाओ, जल्दी से जाकर कलेजा लेकर आओ। देर हो चुकी है। तुम्हारी भाभी इंतज़ार कर रही होगी।” मगरमच्छ ने कहा।
बंदर जल्दी से उसकी पीठ से नीचे उतरा और भागकर पेड़ पर चढ़ गया और राहत की सांस ली।
मगरच्छ ने ऊपर देखा, बंदर आराम से बैठा मुस्कुरा रहा था।

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monkey and crocodile story in hindiजैसे को तैसा

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“अरे, मुस्कुरा क्यों रहे हो? जल्दी से आओ हमें समय पर घर पहुंचना है।” मगरमच्छ ने झल्लाकर कहा।
बंदर ने हँसते हुए बताया कि कलेजा शरीर के अंदर होता है। अपना कलेजा बाहर निकालकर कोई ज़िंदा नहीं रह सकता है? उसने अपनी जान बचाने के लिए झूठ कहा था।

“इसका मतलब तुमने मुझे धोखा दिया?” मगरमच्छ ने पूछा।
बंदर  ने उसे धिक्कारते हुए कहा, धोखा तो तुमने मुझे दिया, अुपनी पत्नी के प्रेम में अंधा होकर मित्र से किया वचन भूल गया और अपने ही मित्र को मौत के घाट उतारने ले जा रहा था।

सच ही है कि जिन लोगों पर पहली नज़र में विश्वास न हो, उन पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। आज से तुम्हारी और मेरी मित्रता हमेशा- हमेशा के लिए खत्म” कहते हुए बंदर ने मुंह फेर लिया।

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मगरमच्छ अपने किए पर शर्मिंदा हुआ और माफ़ी मांगने लगा।
बंदर ने दोबारा उसकी तरफ़ पलटकर नहीं देखा। थक – हारकर मगरमच्छ वहां से चला गया, उसको पता था कि अब उसका मित्र उससे दोबारा बात नहीं करेगा।

कुछ समय बाद मगरमच्छ उस इलाके से चला गया। थोड़े दिन बंदर अपने उस पुराने और इकलौते मित्र को याद कर, उस पर विश्वास करने के लिए खुद को कोसता रहा। समय के साथ उसकी ज़िन्दगी वापस पुराने ढर्रे पर आ गई और वह अकेले खुश रहना सीख गया।

कुछ समय बाद, नया मगरमच्छ का जोड़ा उस इलाके में रहने आया। बंदर की तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाने की कोशिश की। बंदर उनके लिए ऊपर से जामुन फेंक देता था लेकिन उनसे दोस्ती स्वीकार नहीं किया।

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सीख:  मित्रता में कभी भी, किसी भी हाल में धोखा नहीं देना चाहिए। सच्चा मित्र बड़ी मुश्किल से मिलता है किन्तु एक गलती की वजह से आप उसे हमेशा – हमेशा के लिए खो सकते हैं।

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शब्दावली:
बंदर- Monkey
मगरच्छ- Crocodile
अद्भुत- Interesting
विशाल- Huge
जामुन-
वृक्ष- Tree
शांति- Peaceful
दंपत्ति- Couple
धूप- Sunlight
नदी के किनारे- At The Bank of River
दोस्ती- Friendship
लाज़मी- Natural
विश्वास- Trust
भोजन- Food
आवश्यकता- Need
खतरनाक जानवर- dangerous Animal
उत्सुकतावश- Curiosity
जीवन से संबंधित- Related to Life
बेहद- Very Much
गहरी- Deep
कलेजा- Heart
भाभी- Sister-In-Law

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