सूर्य नमस्कार कैसे करें एवं इसके लाभ। Yoga Namaskar in Hindi

Yoga Namaskar अर्थात सूर्य नमस्कार नए लोगों को शुरू करने के लिए सर्वश्रेष्ठ आसन है। कुल मिलाकर 12 आसनों से बने इस सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करने से सभी शारीरिक बीमारियों को दूर होती हैं।

अक्सर लोग पूछते हैं कि सूर्य नमस्कार का सम्पूर्ण विश्व में इतना महत्व क्यों है तथा इसके पीछे का वैज्ञानिक तथ्य क्या है?

MysticMind किस आर्टिकल में सूर्य नमस्कार/Yoga Namaskar क्या है, कैसे किया जाता है/Surya namaskar kaise karte hain एवं इसके क्या लाभ होते हैं/Surya Namaskar benefits in Hindi इत्यादि के बारे में विस्तार से जानेंगे।

विज्ञान ने भी स्वीकार किया है कि योग मनुष्य के शारीरिक मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास का सर्वश्रेष्ठ जरिया है। सबसे महत्वपूर्ण सूर्य नमस्कार एकमात्र ऐसा योगासन है जिसके अभ्यास से नए लोगों को जल्द ही परिणाम देखने के लिए मिल जाता है।

सूर्य नमस्कार/Yoga Namaskar का अभ्यास कैसे करें/Surya namaskar kaise kiya jata hai, इसका सही समय क्या है, यह जानने से पहले जानते हैं कि सूर्य नमस्कार/ क्या है/Surya Namaskar information एवं इसका इतना महत्व क्यों है?

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What is Sun Salutation in Hindi। Yoga Namaskar/ सूर्य नमस्कार क्या है

संपूर्ण सृष्टि पर ऊर्जा का एकमात्र एवं सर्वोच्च साधन सूर्य है। यही कारण है कि इस प्राचीन समय से योग्य ऋषि-मुनियों ने सूर्य को अत्यधिक महत्व दिया।

आज भी लोग सुबह उठकर स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पण करते हैं एवं उसकी पूजा करते हैं।

वैज्ञानिक कारण यही है कि सूर्य की अनुपस्थिति में पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। भारतीय परंपरा हमेशा से धन्यवाद के रूप में पूजा अर्चना एवं दान अर्पण को विशेष महत्व देती आई है।

सूर्य नमस्कार के अभ्यास से हम न सिर्फ सूर्य को धन्यवाद कहते हैं बल्कि शरीर में उर्जा के मुख्य स्रोत, मणिपुर चक्र को अधिक बलशाली बनाते हैं।

मणिपुर चक्र को सक्रिय करने में सूर्य नमस्कार/Yoga Namaskar सबसे महत्वपूर्ण योगदान करता है। इस चक्र की संतुलित रहने से मनुष्य शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत तथा ऊर्जावान रहता है।

Yoga Namaskar Steps/ Surya Namaskar 12 Steps Names in Hindi

१- प्रणाम आसन (प्रणामासन)

२- हस्त उत्तानासन

३-पादहस्तासन

४- अश्व संचालन आसन

५- दंडासन

६- अष्टांग नमस्कार

७- भुजंगासन

८- अधोमुख शवासन

९- अश्व संचालन आसन

१०- पादहस्तासन

११- हस्त उत्तानासन

१२- प्रणाम आसन

सूर्य नमस्कार/Yoga namaskar के नियमित अभ्यास से और भी कई फायदे होते हैं।

Surya Namaskar ke Labh विस्तार से जानने से पहले जानते हैं Surya Namaskar steps in Hindi/ सूर्य नमस्कार कैसे किया जाता है। सूर्य नमस्कार कैसे करें?

How To Do Surya Namaskar In Hindi। सूर्य नमस्कार कैसे करें

जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा सूर्य नमस्कार/Yoga namaskar में कुल मिलाकर 12 आसनों का अभ्यास किया जाता है। वे 12 आसन/Poses of Surya Namaskar निम्नलिखित हैं-

१- प्रणाम आसन (प्रणामासन)

बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं तथा दोनों हाथों को प्रणामासन की अवस्था में हृदय के पास रखें। सांस बाहर छोड़ें तथा ध्यान अनाहत चक्र पर रखें।

२- हस्त उत्तानासन

दोनों हाथों को जोड़े हुए धीरे धीरे ऊपर उठाएं तथा सिर के ऊपर से ले जाकर जितना संभव हो पीछे की ओर झुकें।

सांसों को भीतर लेते हुए पीछे तक जाएं, ध्यान को विशुद्ध चक्र पर केंद्र करें।

३-पादहस्तासन

सांस बाहर छोड़ते हुए हाथों को सामने लाएं एवं नीचे झुकते जाएं। दोनों हथेलियों से पैरों के पिछले भाग को पकड़ने की कोशिश करें।

इस आसन के अभ्यास के दौरान ध्यान को मूलाधार चक्र पर केंद्र करें।

४- Yoga Namaskar अश्व संचालन आसन

धीरे धीरे सांस भीतर लेते हुए दाहिने पैर को पीछे की ओर ले जाएं। दोनों हाथों को जमीन पर टिककर दाहिने पैर को पूर्ण रूप से सीधा फैलाएं।

नजरें सामने की ओर एवं ध्यान आज्ञा चक्र पर रखें।

५- दंडासन

सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे बाएं पैर को भी पीछे ले जाएं एवं दंडासन की स्थिति में आ जाएं।
नजरें नीचे एवं ध्यान विशुद्धि चक्र पर ले जाएं।

६- अष्टांग नमस्कार(Ashtanga namaskara)

सांस भीतर लेते हुए पहले ठुड्ढी, फिर छाती एवं अंत में पैरों के घुटने जमीन पर रखें। शरीर के बाकी हिस्से जमीन के ऊपर ही रहने दें।

नजरें नीचे एवं ध्यान स्वदिस्ठान चक्र पर ले जाएं।

७- भुजंगासन

कमर के निचले हिस्से को पूर्ण रूप से जमीन पर रखें। हाथों के ऊपर शरीर का वजन डालते हुए एवं सांस छोड़ते हुए कमर के ऊपर का हिस्सा ऊपर ले जाएं।

नजरें ऊपर एवं ध्यान मूलाधार चक्र पर रखें।

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८- Yoga Namaskar अधोमुख शवासन

सांस छोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं एवं पर्वतासन की अवस्था में आ जाएं। सिर को अंदर की तरफ़ रखें।

ध्यान विसुद्धि चक्र पर रखें।

९- अश्व संचालन आसन

सांस भीतर लेते हुए बाएं पैर को सामने लाकर आएं। दाहिने पैर के घुटने को जमीन पर रखें बाकी पैर जमीन के ऊपर रहने दें।

ध्यान सामने की ओर एवं आज्ञा चक्र पर रखें।

१०- पादहस्तासन

सांस बाहर छोड़ते हुए दोनों पैरों को सामने लाते हुए शरीर को ऊपर उठाएं एवं दोनों हाथों को पैरों के पीछे रहने दें।

ध्यान मूलाधार चक्र पर रखें।

११- हस्त उत्तानासन

दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए सांस भीतर लें। हाथों को सिर के पीछे की ओर ले जाते हुए यथा संभव पीछे झुकें।

ध्यान विसुद्धि चक्र पर रखें।

१२- प्रणाम आसन/Yoga Namaskar

अंत में दोनों हाथों को जोड़े हुए, सांस छोड़ते हुए हाथों को हृदय के पास लाएं। ध्यान अनाहत चक्र पर केंद्रित करें एवं सामान्य हो जाएं।

यही प्रक्रिया दोहराएं एवं इस बार बाएं पैर को पहले पीछे ले जाएं। दूसरा चक्र पूरा होने के बाद योग नमस्कार। सूर्य नमस्कार/Yoga namaskar का एक चक्र पूरा होता है।

इसीलिए कहते हैं कि सूर्य नमस्कार जोड़ी में किया जाता है। दो चक्र होने के बाद एक चक्र की गिनती की जाती है।

शुरुआती दिनों में दो या तीन चक्र से शुरू करना चाहिए। हर हफ्ते एक चक्र बढ़ाते जाने से अभ्यास आसन हो जाता है।

नियमित रूप से किए गए सूर्य नमस्कार/Yoga namaskar का अभ्यास अनेकों लाभ देता है। आइए देखते हैं Surya Namaskar ke fayde क्या हैं?

Benefits Of Surya Namaskar In Hindi। सूर्य नमस्कार के लाभ

#१ सूर्य नमस्कार/Yoga Namaskar के नियमित अभ्यास से मणिपुर चक्र सक्रिय होता है जो मनुष्य को काम करने की ऊर्जा देता है एवं आत्मविश्वास बढ़ाता है।

#२ मणिपुर चक्र मनुष्य के पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है। फलस्वरूप पाचन तंत्र संबंधी सभी समस्याएं दूर होती हैं एवं पाचन क्रिया सुचारू रूप से काम करने लगती है।

#३ सूर्य नमस्कार/Surya Namaskar के अभ्यास के दौरान पेट की त्वचा में तनाव आने के कारण पेट के आसपास ऊर्जा का समुचित संचार होने लगता है। साथ ही पेट के आसपास की चर्बी घटने लगती है जिससे मोटापा कम करने में भी मदद मिलती है।

#४ पाचन तंत्र बेहतर होने से कब्ज अपच पेट में जलन अथवा अन्य पेट संबंधी बीमारियां से मुक्ति मिलती है।

#५ पाचन तंत्र में सुधार होने के कारण त्वचा से कील मुहासे गायब होते हैं एवं त्वचा सुंदर तेजवान तथा दाग रहित बन जाती है।

#६ सूर्य नमस्कार/Surya Namaskar के दरमियान सांसों के आवागमन पर ध्यान देने से स्वसन नलिका स्वच्छ बनती है जिससे फेफड़े एवं ह्रदय में ऊर्जा एवं रक्त संचार बढ़ जाता है।

#७ सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से हड्डियों में लचीलापन आने के साथ-साथ घुटनों के साथ जोड़ों की दर्द से राहत मिलती है एवं शरीर लचीला बनता है।

#८ सूर्य नमस्कार/Surya Namaskar के नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव, चिंता अथवा अवसाद से मुक्ति मिलती है तथा शरीर ऊर्जावान होने के साथ मन प्रसन्न रहता है।

#९ सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं एवं सारे चक्र संतुलित हो जाते हैं।

Surya Namaskar Mantra in Hindi 

Yoga Namaskar/ Surya Namaskar Mantra Images

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Yoga Namaskar Precautions । सूर्य नमस्कार में सावधानियां

#१ उच्च एवं निम्न रक्तचाप अथवा हृदय संबंधी समस्या वाले लोग सूर्य नमस्कार/Yoga Namaskar के अभ्यास पूर्व अपने चिकित्सक से अवश्य सलाह लें।

#२ अत्यधिक पीठ दर्द अथवा हड्डियों की किसी भी स्वास्थ्य समस्या की अवस्था में सूर्य नमस्कार का अभ्यास ना करें।

#३ शुरुआती दिनों में प्रत्येक आसन का अभ्यास आराम आराम से करें, जल्दबाजी में मोच आने की संभावना है।

#४ गर्भवती महिलाएं सूर्य नमस्कार/Yoga Namaskar का अभ्यास न करें।

#५ सूर्य नमस्कार का अभ्यास खाली पेट करें एवं शुरू के दिनों में योग्य शिक्षक की निगरानी में ही अभ्यास करें।

FAQs

#१ सूर्य नमस्कार के बाद कौन सा आसन करना चाहिए?

सूर्य नमस्कार अपने आप में एक सम्पूर्ण व्यायाम है। इसके अभ्यास से शरीर के अंग अंग में ऊर्जा का एवं रक संचार बढ़ जाता है। साथ ही शरीर में तनाव भी आता है।

सूर्य नमस्कार/Yoga Namaskar के अभ्यास के बाद थोड़ी देर शवासन का अभ्यास अवश्य करें, ऐसा करने से थकान एवं तनाव तुरंत दूर हो जाता है।

#२ सूर्य नमस्कार कितनी बार करना चाहिए?

यदि आप नए हैं तो कम से कम चार अर्थात दो जोड़ी से शुरुआत कीजिए। समय के साथ एक- एक जोड़ी बढ़ाते रहें और इसे बढ़ाकर बारह तक ले जा सकते हैं।

#3 When to do Surya Namaskar?

सूर्योदय के समय अथवा उससे कुछ मिनटों के पूर्व किया गया अभ्यास पूरे दिन ऊर्जावान रखने में मदद करता है। इसलिए संभव हो तो इसी समय अभ्यास करें।
यदि किसी कारण वश संभव न हो तो शाम के समय भी कर सकते हैं।

Final Words: उम्मीद है, इस अद्भुद व्यायाम सूर्य नमस्कार/Yoga Namaskar को अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखेंगे।

यदि इस आसन से संबंधित कोई सवाल हो तो कॉमेंट बॉक्स में अवश्य पूछें।

यदि जानकारी लाभप्रद लगी हो तो दूसरों के साथ साझा कर उनका भी मार्गदर्शन करें।

सबका मंगल हो।

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