गर्भाशय को हेल्दी बनाए रखने के लिए 5 योग | Yoga for Uterus in Hindi

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गर्भाशय महिलाओं के प्रजनन तंत्र का वो हिस्सा है, जिसे वो महल कहा जाता है जहां हमारे आने वाले वंश के जीवन की शुरुआत होती है। इसलिए हर महिला के लिए आवश्यक है कि वो अपनी दिनचर्या में हेल्दी खानपान के अलावा योग और एक्सरसाइज को भी जरूर शामिल करें, ताकि उनका यूट्रस यानी गर्भाशय स्वस्थ बना रहे।

कई महिलाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें कंसीव करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इसके पीछे कहीं न कही गर्भाशय का अस्वस्थ होना बड़ा कारण हो सकता है।

अगर आप भी अपने गर्भाशय को हेल्दी बनाए रखना चाहती हैं, तो नियमित रूप से एक्सरसाइज और योगासन अवश्य करें और साथ ही खान-पान का भी खास ध्यान रखें। ऐसा करने से आपको कंसीव करने में कोई परेशानी नहीं होगी।

इस लेख में हम जानेंगे

  • गर्भाशय का हेल्दी रहना हमारे लिए क्यों आवश्यक है?
  • गर्भाशय को हेल्दी रखने के लिए एक्सरसाइज
  • गर्भाशय स्वस्थ रखने के लिए इन आहारों का करें सेवन

Yoga for Uterus के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि गर्भाशय को स्वस्थ रखना क्यों आवश्यक है? दूसरे शब्दों में कहें तो बच्चेदानी को मजबूत करने के लिए क्या करना चाहिए?

गर्भाशय का स्वस्थ रहना क्यों आवश्यक Importance of Health of Uterus in Hindi

किसी भी महिला के लिए उनके शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक होता है उनका यूट्रस यानी गर्भाशय, जो उनकी प्रेग्नेंसी के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक होता है। क्योंकि गर्भाशय का मुख्य कार्य निषेचित डिंब का पोषण करना होता है।

ऐसे में अगर किसी महिला का गर्भाशय हेल्दी नहीं रहेगा तो उन्हें कंसीव करने में परेशानी हो सकती है। इसलिए आवश्यक है कि महिलाएं अपने गर्भाशय के स्वास्थ्य की अच्छी तरह से देखभाल करें।

इसके लिए स्वास्थ्यवर्धक आहार के साथ-साथ एक्सरसाइज या योग को भी दिनचर्या में शामिल करना आवश्यक हो जाता है।

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आइए जानते हैं कि खानपान के साथ किन योगासनों का अभ्यास आपके गर्भाशय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो What are The Best Yoga for Uterus?

गर्भाशय को हेल्दी रखने के लिए योगासन | Yoga for Uterus in Hindi

योग शरीर के अन्य स्वास्थ्य के साथ-साथ गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। योग से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है और गर्भाशय को मजबूती मिलती है।

हम जो आपको योगासन बताने जा रहे हैं, उसे करना काफी आसान है और ये आपके गर्भाशय को हेल्दी बनाने में आश्चर्यजनक रूप से कारगर साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में विस्तार से।

1. Yoga for Uterus- तितली आसन (Butterfly Posture)

गर्भाशय को हेल्दी बनाने में तितली आसन को काफी ज्यादा फायदेमंद बताया जाता है। नियमित तौर पर इस आसन को करने से आपको गर्भाशय के स्वास्थ्य की वजह से कंसीव करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। ये आसन गर्भाशय के साथ-साथ पैरों को भी मजबूती देने का काम करता है।

Butterfly Pose Images

कैसे करें तितली आसन?

  • किसी शांत जगह पर योगा मैट बिछाकर सूर्य की ओर मुख करके बैठ जाएं।
  • अब अपने पैरों को सीधा करें और फिर अपने घुटनों को मोड़ते हुए पैर के दोनों तलवों को एक-दूसरे से मिलाएं।
  • अब अपने हाथों से पैर के तलवों को अच्छे से पकड़ लें।
  • अब अपने दोनों घुटनों सहित पैरों को तितली की तरह ऊपर-नीचे करें। इसे आप लगातार 5-7 मिनट तक कर सकती हैं।
  • अगर आपके घुटनों और कमर में दर्द की शिकायत रहती हो, तो इस आसन को ना करें। इसके अलावा अगर आपकी कोई सर्जरी हो रखी हो, तो भी इस आसन को ना करें।

2. Yoga for Uterus- पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

इस आसन को करना भी ज्यादा मुश्किल नहीं है, लेकिन प्रजनन स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। पश्चिमोत्तानासन ओवेरियन मसल्स और गर्भाशय को फैलाने में सहायक होता है और पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत देने में मददगार होता है। इस आसन को खाली पेट ही करना चाहिए।

Paschimottanasana Images

कैसे करें पश्चिमोत्तानासन?

  • इस आसन को करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
  • इसके लिए कमर सीधी करके बैठ जाएं और अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके फैलाएं।
  • गहरी सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। कोशिश करें कि अपने पैरों के पंजों को पकड़ सकें। वैसे जितना संभव हो उतना ही झुकें, जबरदस्ती ना करें। नियमित तौर पर करने से आप इसे और बेहतर तरीके से कर पाएंगी।
  • जितनी देर तक हो सके होल्ड करें और फिर श्वांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस सीधे हो जाएं।

3. Yoga for Uterus- अंजनेयासन (Anjaneyasana)

नियमित तौर पर अंजनेयासन को करके आप अपने गर्भाशय को काफी स्वस्थ और हेल्दी रख सकती हैं। अगर आपको गर्भाशय की वजह से पिछले लंबे समय से कंसीव करने में दिक्कत आ रही है, तो इस आसन को करना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

वैसे तो इसे करना भी आसान ही है, लेकिन किसी आसन को करने के लिए एकदम से जल्दबाजी ना करें। इसका अभ्यास भी धीरे-धीरे करें। लेकिन अगर आप घुटनों के दर्द से पीड़ित रहती हैं तो इस आसन को ना करें।

Anjaneyasana Images

कैसे करें अंजनेयासन?

  • इस आसन को करने के लिए घुटनों को मोड़कर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
  • अपने एक पैर को पीछे की ओर ले जाएं और दूसरे पैर के घुटने को जमीन पर रखें।
  • अब अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर नमस्कार की मुद्रा बनाएं। ध्यान रखें कि आपके दोनों हाथ एकदम सीधे हों।
  • धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें। जितना हो सके उतना ही झुकें। जबरदस्ती ना करें। धीरे-धीरे अभ्यास करने से और बेहतर तरीके से होने लगेगा।
  • इस पोजीशन में करीब 30 सेकेंड तक रहें और फिर नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं।
  • अब पैरों को बदलकर इसे दोहराएं।
  • इस आसन को आप 5-6 बार कर सकती हैं।

नोट – ध्यान रखें कि अगर आपने किसी प्रकार का ऑपरेशन कराया है, या फिर आपको साइटिका की शिकायत है, तो इस आसन को करने से बचें।

4. Yoga for Uterus- उत्कट कोणासन (Utkata Konasana)

गर्भाशय को हेल्दी बनाने में उत्कट कोणासन बहुत कारगर साबित हो सकता है। इसे करने से पैरों, घुटनों और पेट की मसल्स मजबूत बनती है।

इसके अलावा ये आसन पेल्विक फ्लोर को भी मजबूत बनाने में कारगर होता है। इस आसन को करना भी आसान है। तो आईए जानते हैं इसे करने का तरीका।

Utkata Konasana Images

कैसे करें उत्कट कोणासन?

  • अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप बनाकर खड़ी हो जाएं।
  • बाहर की ओर पैरों की उंगलियों को 45-90 डिग्री तक मोड़ें।
  • लंबी और गहरी सांस लेते हुए रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर खींचें।
  • सांस छोड़ते हुए दोनों घुटनों को मोड़ें और अपने हिप्स को नीचे की ओर स्क्वाट की अवस्था में लाएं और अपनी हथेलियों को नमस्कार की मुद्रा में जोड़कर चेस्ट के सामने रखें।
  • अपनी सांस को थोड़ी देर तक होल्ड करें और फिर धीरे से छोड़ें।
  • अब फिर से इसे दोहराएं।

5. Yoga for Uterus- सेतुबंधासन (Setu Bandhasana)

इस आसन को करने वाले व्यक्ति का शरीर एक पुल की तरह नजर आता है। इसे करने से पैरों, हाथों, पेट और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा ये हमारी हड्डियों को भी मजबूती देने का काम करता है।

शुरुआत में इसे करने में आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन नियमित तौर पर अभ्यास करने से इसे करना भी आसान हो जाता है। इससे गर्भाशय स्वस्थ बनता है, जिससे कंसीव करने में मदद मिलती है। तो आइए जानते हैं इस सेतुबंधासन को करने का तरीका।

Setu Bandhasana Images

कैसे करें सेतुबंधासन?

  • योग मैट पर पीठ के बल आराम से लेट जाएं।
  • अपनी श्वास को एकदम सामान्य रखें
  • दोनों हाथों को दोनों ओर आराम से रखें।
  • अब अपने दोनों घुटनों को मोड़ते हुए ऊपर उठाएं और तलवों को जमीन पर रखें।
  • अपने हिप्स को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं और दोनों हथेलियों को इंटरलॉक कर लें। कोशिश करें कि अपने कंधों तक शरीर को उठाएं।
  • हाथों को जमीन पर ही रहने दें।
  • थोड़ी देर के लिए श्वास रोकें और फिर नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं।
  • इसे आप 5-6 बार दोहरा सकती हैं।

उपर्युक्त योगासनों के साथ साथ गर्भाशय को स्वस्थ रखने के लिए कुछ विशेष बहारों का सेवन भी उपयोगी होता है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी चीजें हैं जो गर्भाशय को मजबूत एवं स्वस्थ बनाते हैं?

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गर्भाशय को हेल्दी रखने के लिए इन आहारों का करें सेवन

किसी भी महिला के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक होता है उसका यूट्रस यानी गर्भाशय। शरीर में जितनी भी मांसपेशियां होती हैं, उनमें सबसे ज्यादा मजबूत गर्भाशय की मांसपेशियां होती हैं।

अगर यही गर्भाशय कमजोर हो जाए या किसी वजह से कमजोर हो जाए तो गर्भ धारण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इसे स्वस्थ बनाए रखने के लिए योगासन के साथ-साथ स्वस्थ खान-पान भी काफी ज्यादा आवश्यक होता है।

नट्स और बीज गर्भाशय को बनाते हैं मजबूत – नट्स और बीज हार्मोन के अच्छे उत्पादन में काफी योगदान निभाते हैं। इसलिए अखरोट, काजू, बादाम और अलसी के बीज का सेवन करें। ये कोलेस्ट्रॉल और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। ये सारे पौष्टिक आहार गर्भाशय फाइब्रॉएड के जोखिम को कम करने का काम करते हैं।

इनके सेवन से यूट्रस में कैंसर होने के खतरे को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं, समय से पहले बच्चे के जन्म को रोकने में भी ये मददगार साबित होते हैं।

डेयरी प्रोडक्ट भी होते हैं काफी फायदेमंद – डेयरी प्रोडक्ट में विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो गर्भाशय को स्वस्थ रखने में काफी मददगार होते हैं। इन डेयरी प्रोडक्ट्स में दूध, दही, पनीर और मक्खन जैसे उत्पाद शामिल हैं।

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ग्रीन टी से होता है फाइब्रॉयड का इलाज – नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन करने से फाइब्रॉएड का इलाज तो होती ही है, साथ ही एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी गर्भाशय को स्वस्थ रखने में काफी मददगार होते हैं। नियमित रूप से ग्रीन टी पीने से फाइब्रॉएड की संख्या में कमी आ सकती है।

नींबू के सेवन से गर्भाशय बनेगा मजबूत – विटामिन सी से भरपूर नींबू गर्भाशय की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी ज्यादा मददगार साबित हो सकता है। नींबू को आप अपने आहार में किसी भी तरीके से सेवन करें फायदा ही मिलेगा।

ताजा फलों के सेवन से गर्भाशय बनता है स्वस्थ – फलों में पाए जाने वाले फ्लेवेनॉइड और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व गर्भाशय में फाइब्रॉएड के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा भी इसके अनेकों फायदे हैं, जो गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं। इसलिए स्वस्थ गर्भाशय के लिए फलों का सेवन जरूर करें।

Food For Healthy Uterus in Hindi

पत्तेदार सब्जियों से बनाएं यूट्रस को स्वस्थ – हममें से बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं, जो हरी सब्जियों को खाना पसंद नहीं करते हैं, जबकि इस बात को अच्छे से जानते हैं कि ये हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए भी काफी ज्यादा लाभदायक होते हैं।

इसलिए अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करें और इसके अलावा भी जमकर सब्जियों का सेवन करें। क्योंकि सब्जियों में मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन की भरपूर मात्रा मौजूद रहती है, जो गर्भधारण करने में आ रही दिक्कतों को दूर करने में मददगार होते हैं।

Final Words: अगर आप भी अपने गर्भाशय को स्वस्थ और मजबूत बनाना चाहती हैं, तो बताए गए योगासन को तो करें ही साथ ही साथ खान-पान का भी अच्छे से ध्यान रखें। लेकिन अगर आपको ज्यादा परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

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