International Yoga Day/ Yog Diwas in Hindi शरीर, मन तथा कर्म का संतुलन बनाए रखने में सहयोगी योगासनों का स्थान सदियों से सर्वोच्च रहा है। संपूर्ण विश्व में योग की विभिन्न विधाओं का प्रचार प्रसार करने में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विशेष योगदान रहा है।
सदियों पहले श्रीमद्भागवत गीता के संदेश को सम्पूर्ण विश्व में फैलाने तथा ग्रंथों में सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती/स्वामी विवेकानंद ने एक कदम उठाया था और सफल रहे। कुछ सालों पहले योग की सम्पूर्ण विश्व में लहर फैलाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र ने पहल की और सफ़ल रहे।
योग भारतीय संस्कृति एवं प्राचीन ऋषि मुनियों की महानतम देन है जो आज भी विश्व के किसी भी आधुनिक चिकित्सा पद्धति को मात दे रही है। विश्व भर में फैली कोरोना महामारी को मात देने वाले कई योद्धाओं ने दावा भी किया है कि योग प्राणायाम ही उनके स्वास्थ्य का गहरा राज है।
MysticMind के इस आर्टिकल में योग दिवस क्या है, योग दिवस/Yog Diwas की शुरुआत कैसे हुई तथा योग दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे।
इससे पहले कि जानें, योग दिवस क्या है तथा इसका आरंभ कब हुआ। आइए जानते हैं कि योग क्या है?
What is Yog in Hindi/ योग क्या है/ योग की परिभाषा
योग, शाब्दिक अर्थ में देखा जाए तो योग का अर्थ होता है जोड़ना अर्थात संबंध स्थापित करना। इस प्रकार योग भारत की एक प्राचीन क्रिया/पद्धति है जो शरीर, मन एवं ईश्वर के साथ संबंध बनाने में मदद करता है।
योग के कई प्रकार हैं जिसमे आसन, क्रिया, मुद्रा, ध्यान इत्यादि शामिल हैं।
गीता में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है,”योगः कर्मसु कौशलम” जिसका अर्थ है –
” योग के नियमित अभ्यास से कर्मों में कुशलता आती है” अर्थात योग का अभ्यास करने वाला न सिर्फ़ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है बल्कि उसके कर्म भी श्रेष्ठ बनते जाते हैं।
बुद्धि, विवेक स्तर में भी वृद्धि होती है जिसके कारण अनेक मानसिक अथवा भावनात्मक समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है।
What is International Yoga Day। Yog Diwas in Hindi
जिस प्रकार नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा एवं सम्मान देने के लिए ८ मार्च तथा मजदूर दिवस के लिए १ मई को सम्पूर्ण विश्व में त्योहार के रूप में मनाया जाता है। ठीक इसी प्रकार योग को बढ़ावा देने एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए २१ जून को विश्वभर में योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन बहुत बड़े स्तर पर कार्यक्रम होते हैं जहां पर जाने माने योग गुरु योग के महत्व को बताने के साथ योगाभ्यास करवाते हैं।
आइए जानते हैं कि योग दिवस का आरंभ कब और कैसे हुआ?
Origine Of International Yoga Day in Hindi/Yog Diwas
विश्व भर में बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम एवं स्वास्थ्य के प्रति सजगता फैलाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के पहल की।
२७ सितंबर २०१४ को मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र सभा/यूनाइटेड नेशंस की आम सभा में प्राकृतिक रूप से स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने के उद्देश्य से योग दिवस मनाने प्रस्ताव रखा। जिसके परिणाम स्वरूप इतिहास में पहली बार जैसा हुआ जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने बहुत ही कम समय में स्वीकार कर लिया।
११ दिसंबर २०१४ को सम्पूर्ण विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा कर दी गई। माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के शब्द जो उन्होंने अपने प्रस्ताव में कहा था कुछ इस प्रकार थे –
“योग, भारत की प्राचीन प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। या मन और शरीर की एकता, विचार और कर्म, संयम और पूर्ति, मनुष्य और प्रकृति के बीच संबंध स्थापित करने का सरल तरीका है। योग की मदद से न सिर्फ़ तन बल्कि शांत मन को भी प्राप्त किया जा सकता है। इसकी मदद से सम्पूर्ण विश्व में शांति एवं व्यवस्था स्थापित की जा सकती है”
मोदी जी की उच्च भावना का परिणाम है कि आज योग के माध्यम से लाखों लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है।
INTERNATIONAL Yoga Day Theme। Yog Diwas Theme
प्रतिवर्ष योग दिवस को एक नए भावनात्मक विचार से जोड़ दिया जा जाता है ताकि विश्व भर में उस विचार की ऊर्जा फैल जाए।
पिछले कुछ सालों की थीम कुछ इस प्रकार थी
- Yog Diwas योग दिवस २०१५- सामंजस्य एवम् शांति के लिए योग
- Yog Diwas योग दिवस २०१६ – युवाओं को जोड़ें
- Yog Diwas योग दिवस २०१७ – स्वास्थ्य के लिए योग
- Yog Diwas योग दिवस २०१८ – शांति के लिए योग
- Yog Diwas योग दिवस २०१९ – क्लाइमेट एक्शन
- Yog Diwas योग दिवस २०२० – स्वास्थ्य के लिए योग – घर पर योग( सम्पूर्ण विश्व में लॉक डाउन लगा था)
Yog Diwas /योग दिवस का उद्देश्य
हालांकि कम शब्दों के भारतीय प्रधान मंत्री ने अपने भाषण में अपनी मंशा जाहिर की थी। विस्तार में जानें क्या है World Yoga day/अंतराष्ट्रीय योग दिवस मानने का उद्देश्य?
#१ भारतीय धरोहर योग का विश्व कल्याण हेतु प्रचार प्रसार
#२ प्रकृति के साथ संबंध स्थापित कर ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना।
#३ बढ़ती आधुनिकता के कारण फेल रही मानसिक समस्याओं की रोकथाम के लिए ध्यान को बढ़ावा देना।
#४ गलत जीवन शैली के कारण बढ़ रही बीमारियों के रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करना।
#५ मृत्यु दर को रोकने तथा सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्राकृतिक रूप से हासिल करने की नई दिशा।
#६ व्यस्त जीवन शैली में तनाव रहित जीवन एवं मानसिक शांति को बढ़ावा देना।
#७ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक बीमारियों के प्रति सजग कर उससे मुक्ति के लिए सहज योग को अपनाना।
#८ देशों में आपसी सामंजस्य बढ़ाकर शांति स्थापित करना।
#९ बुरी आदतों एवं लतों से मुक्ति पाने के लिए प्राकृतिक उपाय अर्थात योग को अपनाना।
Types Of Yoga/ योग के प्रकार
अक्सर लोग योग को मात्र आसनों तक ही सीमित समझते हैं, जबकि योग का दायरा अत्यंत बड़ा है। शिव संहिता एवं गोरक्ष शतक के अनुसार योग के चार प्रकार होते हैं –
#१ मंत्र योग
#२ हठयोग
#३ लय योग
#४ राजयोग
इन्हीं प्राचीन योगों के आधार पर महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग की स्थापना की है। पतंजलि योग सूत्र आधुनिक समय में अत्यंत प्रचलित है। महर्षि पतंजलि द्वारा बनाए गए योग के आठ अंग कुछ इस प्रकार हैं –
#१ यम
#२ नियम
#३ आसन
#४ प्राणायाम
#५ प्रत्यहार
#६ धारणा
#७ ध्यान
#८ समाधि
कुल मिलाकर विश्व भर में १७ योग प्रचलित हैं जिनके बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे लिंक पर जाएं।
Benefits of Yoga in Hindi / योग के लाभ
ध्यान योग और मुद्रा के लाभ को जितने भी शब्दों में बयान किया जाए उतना कम है। फिर भी उसकी कुछ लाभों के बारे में नीचे दिया है।
#१ सर्वप्रथम योग के अभ्यास से शरीर का स्वास्थ्य सुधरता है तथा शरीर की मांसपेशियां सुदृढ़ बनती हैं।
#२ शरीर से अतिरिक्त चर्बी नियमित योग के अभ्यास से कम होती है तथा शरीर की टोनिंग अच्छी हो जाती है।
#३ शुगर लेवल को कंट्रोल करता है तथा शरीर से भी शुगर लेवल को घटाकर संपूर्ण स्वास्थ्य का संतुलन करता है।
#४ योग आसन के नियमित अभ्यास से आपकी सारी बीमारियों से मुक्ति पाने के साथ-साथ अपने शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति को भी बढ़ा सकते हैं। जिससे भविष्य में होने वाली कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
#५ शरीर तथा मन से आलस और किसी भी नकारात्मक भावनाओं को बाहर निकालकर आपके अंदर नई और स्वच्छ ऊर्जा का संचार करता है जिससे आप की कार्य क्षमता बढ़ जाती है।
#६ योग आसन का अभ्यास आपके मस्तिष्क पर भी जबरदस्त असर करता है मस्तिष्क के साथ संपूर्ण शरीर से तनाव को निकालकर तनाव रहित करता है।
#७ योगासनों का नियमित अभ्यास करने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है तथा समय पर और सुकून भरी नींद आसानी से आने लगती है।
#८ योगासनों का लंबे समय तक किया गया नियमित अभ्यास शरीफ में अदृश्य चक्रों को सक्रिय करता है जिसके परिणाम स्वरूप कुंडलिनी शक्ति जागने में मदद मिलती है।
जाने: कुंडलिनी शक्ति क्या है तथा इससे होने वाले लाभ
#९ क्योंकि आसनों के अभ्यास से पीड़ा और और पिंगला नाड़ियों का प्राकृतिक रूप से शुद्धीकरण हो जाता है जिसके कारण रीड की हड्डी के साथ अन्य प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
#१० पेट संबंधित सभी विकार जैसे कि पेट में गैस बनना अपच की समस्या होना या पुराने से पुराना कब्ज आसानी से दूर हो जाता है तथा पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करने लगता है।
#११ किसी भी अन्य प्रकार की बीमारी जैसे कि फेफड़ों की समस्या ह्रदय रोग अथवा बवासीर माइग्रेन इत्यादि भयंकर बीमारियों को भी योगासनों के नियमित अभ्यास से दूर भगाया जा सकता है।
जानें: गैस के लिए आसान
#१२ योगासनों का नियमित अभ्यास शरीर से मृत कोशिकाओं को नष्ट कर नई कोशिकाओं का संचार करता है जिसके परिणाम स्वरूप असमय बालों का सफेद होना दातों का गिरना अथवा एजिंग की समस्या से मुक्ति मिलती है।
#१३ नियमित तथा सही विधि से किया गया योगासनों का अभ्यास ह्रदय रोग अस्थमा अर्थराइटिस यहां तक कि कैंसर आदि बीमारियों को ठीक करने में भी मदद करता है।
जानें:अस्थमा के लिए विशेष मुद्राएं
#१४ किसी भी प्रकार की एलर्जी शरीर में तत्व के असंतुलन के कारण होती है। योगासनों का नियमित अभ्यास शरीर के सभी तत्वों का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है जिससे किस प्रकार की एलर्जी को कुछ दिनों के अभ्यास से ही आसानी से दूर किया जा सकता है।
#१५ घुटनों का दर्द कमर दर्द तथा पीठ का दर्द एक आम बात हो चुकी है। नियमित योग आसनों का अभ्यास हड्डियों के दर्द से आसानी से मुक्ति दिला सकता है।
#१६ योगासनों का नियमित अभ्यास शरीर में एक नई उर्जा का संचार करता है तथा आने वाली किसी भी कठिन परिस्थिति से लड़ने के लिए आपको क्षमता प्रदान करता है।
#१७ एकाग्रता निर्णय लेने की क्षमता एवं ज्यादा स्कोर बढ़ाने का सबसे आसान तरीका नियमित योग आसनों का अभ्यास करना है।
नियमित रूप से कुछ विशेष आसनों का अभ्यास कर आप ऊपर दिए गए सभी लाभ ले सकते हैं। इस Yog Diwas/विश्व योग दिवस पर शपथ लें कि अपनी दिनचर्या में कम से कम आधे घंटे समय निकालकर स्वयं के साथ रहेंगे तथा आसनों का अभ्यास करेंगे।
जोक मात्र शरीर और मन ही नहीं बल्कि अपने इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने का सबसे सरल और सबसे असरदार तरीका है।
माननीय प्रधानमंत्री के इस कदम की जितनी तारीफ की जाए उतना कम है। विश्व में बढ़ती नई नई बीमारियों की रोकथाम करने का तथा स्वयं के स्वास्थ्य का ख्याल रखने का सबसे शक्तिशाली तरीका योगासनों ध्यान एवं मुद्राओं का अभ्यास करना है।
Yoga Day २०२१
1 साल बीत जाने के बाद भी करो ना का कहर कभी भी कम नहीं हुआ है। साल 2021 के Yog Diwas/योग दिवस पर अपने आप से एक वादा करें कि दिन में आधे घंटे निकाल कर आप कुछ विशेष आसनों का अभ्यास करेंगे तथा अपनी सेहत का ख्याल रखेंगे।
FAQs
#१ सूर्य ग्रहण फादर्स डे और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दोनों एक ही दिन ऐसा पहले कितनी बार हो चुका है?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 2014 से हुई है। 21 जून सन 2020 वह पहला दिन था जिस दिन पहली बार योग दिवस फादर्स डे और सूर्यग्रहण एक साथ यह खगोलीय घटना घटी थी।
#२ 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?
खगोलीय घटनाक्रम एवं भारतीय संस्कृति के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूरज दक्षिणायन हो जाता है इस दिन सूरज जल्दी उगता है और देर से डरता है अर्थात 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन होता है। यही कारण है कि 30 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाया जाता है।
#३ 2019 योग दिवस केंद्र सरकार में कौन चीफ गेस्ट था?
केंद्र सरकार दिल्ली में हुआ करता है। 2019 में योग दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली के राजपथ पर हुआ था। इस समारोह के चीफ गेस्ट स्वयं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी थे।
Final Words: उम्मीद है International Yoga Day/YogDiwas के बारे में यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। उससे भी बढ़कर उम्मीद है कि आप यदि पहले से योग करते हैं तो समय सीमा बढ़ाएंगे और यदि नहीं करते हैं तो अपनी दिनचर्या में योग शामिल करेंगे।
आर्टिकल को दूसरों के साथ साझा कर उनका भी मार्गदर्शन करें।
विश्व योग दिवस/ Yog Diwas की हार्दिक शुभकामनाएं
सबका भला हो