कहते हैं जीवन में सुख और दुख मनुष्य के उसके हो कर्मों का फल होता है। आइए कर्म के बारे में कुछ तथ्य जानते हैं।
जीवन अपने ही कर्मों का फल होता है और यह लगातार चलता ही रहता है।
कर्म वो बीज हैं जो आप खेत में डालते हैं और जीवन उसका फल होता है, जो कर्मों के हिसाब से अच्छा या बुरा होता है।
कर्म कभी भी अनजाने में नहीं होता, यह बस अपनी अपनी इच्छाओं का परिणाम है। आपके निर्णय के अनुसार ही कर्म सही या गलत होते हैं।
जैसा कर्म मनुष्य करता जय वैसा ही फल उसको मिलता है।। कभी आम के पेड़ में सेब का फल देखा है?
कर्म व्यक्ति का अच्छा गाइड हो सकता है यदि व्यक्ति एक कदम आगे बढ़ने से पहले उस पर एक बार विचार करे।
व्यक्ति के विचार और कर्म ही उसका भाग्य बनाते हैं तो अपने भाग्य बनाने से पहले कितना सोचना चाहिए?
अच्छे कर्म, सत्य और न्याय को अपनाकर मनुष्य अपने लिए श्रेष्ठ भाग्य की रचना कर सकता है।