ध्यान एकमात्र ऐसा अभ्यास है जिससे सुख शान्ति अच्छी सेहत अच्छे रिश्ते सब कुछ पाया जा सकता है। यदि आप घर पर ही अभ्यास करना चाहते हैं तो आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आई हूं।

ध्यान का अभ्यास शुरुवाती दिनों में एक शांत और स्थिर स्थान पर ही करें। ऐसा स्थान चुनें जहां आप बिना किसी रुकावट के ध्यान कर सकते हैं। स्थान स्वच्छ, शांतिपूर्ण और आपके लिए आरामदायक होना चाहिए।

अपने लिए एक आरामदायक आसन चुनें जिसपर आप आराम से आधे घंटे बैठ सकें। आप चाहें तो किसी योगासन पद्धति का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि पद्मासन, सुखासन या वज्रासन।

अपनी आँखें बंद कर अपनी सांसों पर ध्यान दें। स्वांस भी भीतर जाते और बाहर आते हुए देखें। ध्यान केंद्रित करें कि आप कैसे सांस लेते हैं और उसे धीरे-धीरे छोड़ते हैं। आप चाहें तो अनुलोम विलोम भी कर सकते हैं।

कुछ देर अनुलोम विलोम करने के बाद  मन की उलझनों और विचारों को दूर करने के लिए अपने मन को शांत करें। इसके लिए, आप मन्त्र जप कर सकते हैं, जैसे "ओम" या "शांति"। नहीं तो बस शांत रहें।

अब अपनेअपने शरीर के विभिन्न भागों की संवेदना पर ध्यान केंद्रित करें। आप ध्यान दें कि कैसा लग रहा है, जैसे कि नाक के पास गरम है या ठंडा। सिर से लेकर पैर तक एक एक अंगों पर बिना कोई प्रतिक्रिया किए आगे बढते जाएं।

एक चक्र पूरा होने के बाद दोबारा सिर से शुरू कर चेहरे, कान, नाक, गला, पीठ, पेट, पैर और पैरों के तलवे तक ध्यान को घुमाएं। किसी भी सेंसेशन पर कोई प्रतिक्रिया न करें।

जितनी देर संभव हो, जितने चक्र संभव हो अभ्यास करें। फिर धीरे धीरे ध्यान को उस स्थान पर लाएं जहां आप बैठे हों। आराम से आंखें खोलें और आस पास के वातावरण पर ध्यान दें। और फिर उठ जाएं।

वैसे तो मेरा हमेशा सुझाव होता है कि आप किसी गुरु से कोई विशेष ध्यान सीखें। फिर घर पर अभ्यास शुरू करें। मेरा सुझाव हमेशा ब्रह्माकुमारी ध्यान रहता है।