गौतम बुद्ध के ज्ञान पर आधारित मेडिटेशन की विधि अनापान मेडिटेशन है। गुरु गोयंका द्वारा फैलाए गए इस ध्यान के रोज़ाना दस मिनट के अभ्यास से अनेकों लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं इसके क्या लाभ मिलते हैं?

अनापान मेडिटेशन के अभ्यास से मानसिक शांति और मन में स्थिरता लाने में मदद करता है। यह मन शांत और चिंतामुक्त बनता है।

अनापान साधना के निरंतर अभ्यास करने से तनाव कम होता है। यह आपके शरीर और मस्तिष्क की स्थिति को स्थिर रख आपको खुश रहने में मदद करता  है।

अनापान साधना करने से आपका मन मानसिक शान्ति के साथ विचारों में स्पष्टता प्राप्त मिलती है। यह आपको अपने विचारों को समझने और नियंत्रित करने में मदद करता है।

अनापान मेडिटेशन आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके नियामित अभ्यास से श्वास लेने की क्षमता और शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ता है।

अनापान के अभ्यास से शरीर में प्राणशक्ति का समुचित संचार होने से कई प्रकार की बीमारियां ठीक होने लगती हैं।

अनापान मेडिटेशन के अभ्यास से फोकस में  विकास होता है। किसी भी कार्य में अधिक एकाग्रता बढ़ने से सफलता प्राप्त करना आसान हो जाता है।

अनापान साधना आत्म निरीक्षण का बल देती है। इससे आत्म-जागृति होती है, स्वयं का विकास एवं। संयम शक्ति के साथ परिर्वतन शक्ति भी बढ़ती है।

इस प्रकार नियमित 10 मिनट अनापान ध्यान का अभ्यास कर आप अपने जीवन को बदलने और 4बेहतर स्वास्थ्य पाने में सफ़ल हो सकते हैं।