विटामिन डी न सिर्फ़ हड्डियों के लिए आवश्यक है बल्कि इससे शरीर की कई अन्य गतिविधियां भी संतुलित रुप से होती रहती हैं।

आईए जानें कि ऐसे कौन से लक्षण अथवा शारीरिक संकेत हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि शरीर में विटामिन डी की कमी हो रही है....

विटामिन डी की कमी का पहला एवं सबसे आम संकेत यह है कि हड्डियों और जोड़ों में दर्द का अनुभव होने लगता है।

शरीर में विटामिन डी की कमी का दूसरा संकेत शारीरिक कमज़ोरी अथवा थकान का महसूस होना है। यदि आपको पहले से अधिक थकान का अनुभव हो तो विटामिन डी की मात्रा बढ़ाएं।

विटामिन डी की कमी के कारण मांसपेशियों में दर्द या अस्थायी मांसपेशी का खिंचाव महसूस होने लगता है।

विटामिन डी की कमी का अगला संकेत है कि आपके बालों का झड़ना बढ़ जाता है अथवा बालों की कमजोरी को महसूस कर सकते हैं।

विटामिन डी की कमी दांतों को भी प्रभावित करती है। इससे दांतों में कमजोरी, मसूड़ों की समस्या या दांतों के पतले होने की संभावना बढ़ जाती है।

विटामिन डी की कमी से किसी कटे अथवा जले घावों का ठीक होने में समय लग सकता है। साथ ही घाव की पीड़ा भी गहरी हो सकती है।

विटामिन डी की कमी के कारण मस्तिष्क संबंधी समस्याएं  जैसे कि बार-बार भूल जाना अथवा जल्दी से समझ नहीं आना जैसे समस्याएं भी बढ़ जाती हैं।

विटामिन डी की कमी से दिमाग की कमजोरी बढ़ सकती है। साथ ही साथ मानसिक स्थिति में अस्थिरता होने की संभावना भी बढ़ती है।

विटामिन डी की कमी से नींद की समस्याएं जैसे कि अनिद्रा का बढ़ जाना अथवा बार बार नींद का टूटना जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

विटामिन डी की कमी के कारण दिल संबंधी समस्याएं जैसे कि हृदय रोग या उच्च रक्तचाप इत्यादि की संभावना भी बढ़ जाती है।

विटामिन डी की कमी रोग प्रतिकार शक्ति को कम कर देती है जिससे संक्रमण जैसी बीमारियां आसानी से पकड़ लेती हैं।

विटामिन डी की कमी से मस्तिष्किक संगठन की कमजोरी हो सकती है, जिससे संवेदनशीलता, संकेतों के समय पर कार्य करने की क्षमता या कोई अन्य मानसिक कार्य प्रभावित हो सकती है।

विटामिन डी की कमी के कारण मुँह की समस्याएं जैसे कि छाले, मसूड़ों की समस्या, या मुँह के अलसर आदि होने में समय नहीं लगता।

विटामिन डी की कमी से व्यक्ति के वजन में भी गिरावट होने लगती है। विटामिन डी की कमी से पोषक तत्वों के संचय प्रक्रिया प्रभावित होता है जिससे वजन कम होने लगता है।