ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति के भीतर दबी शक्तियों को उबारकर जीवन को पूर्ण रुप से जीने की कला सिखाता है। आइए जानते हैं कि ध्यान के प्रचलित प्रकार कौन कौन से हैं?

विपश्याना ध्यान एक पारंपरिक बौद्ध ध्यान तकनीक है जिसमें सांस और शारीरिक अनुभूतियों का अवलोकन करके मन को इनसे डिटैच किया जाता है ।

विपश्याना ध्यान (Vipassana Dhyan)

त्राटक ध्यान में ध्यान को एक ही बिन्दु या वस्तु पर केंद्रित किया जाता है, जैसे मोमबत्ती की लौ या एक चित्र। यह विधि फोकस एवं आंतरिक जागरूकता को बढ़ाने में मददगार है।

त्राटक ध्यान (Tratak Dhyan)

मंत्र जाप में किसी एक मंत्र को १०८ बार या १००८ बार मन ही मन दोहराया जाता है। मंत्र पवित्र एवं शक्तिशाली शब्दों का संग्रह होता है जो मन को शान्त करके ईष्ट से मिलन का अनुभव देता है।

मंत्र जाप (Mantra Jap)

सहज समाधि ध्यान आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा सिखाया जाने वाली विधि है। एक विशेष मंत्र का प्रयोग कर मन को शान्त, शरीर को आराम, एवं तनाव दूर करके आंतरिक शांति प्राप्त करना इसका उद्देश्य होता है।

सहज समाधि (Sahaj Samadhi)

आनापान सति, यानी सांस पर ध्यान देना, एक अद्भुत ध्यान की विधि है।  इस विधि में सांसों के आवागमन पर ध्यान देना होता है। यह विधि मन को शान्त करने एवं ध्यान को वर्तमान में रखने में सहायक है।

आनापान सति (Anapan Sati

मेत्ता भावना, जिसे प्रेम और सदभावना का ध्यान भी कहा जाता है, एक ध्यान तकनीक है जिसमें व्यक्ति अपने आप में और दूसरों के प्रति प्यार, करुणा और उत्कर्ष की भावना को प्रवाहित करता है। इसका उद्देश्य एक सकारात्मक और प्रेमपूर्ण मानसिकता का विकास करना होता है।

मेत्ता भावना (Metta Bhavana)

ध्यान मंडल ध्यान विधि में अपनी कल्पना द्वारा एक मंडल अर्थात घेरा बनाना होता है। यह विधि एकाग्रता, आराम और आध्यात्मिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एवं स्वयं को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने में मदद करता है।

ध्यान मंडल (Dhyan Mandala)

इसके अलावा भी ध्यान की कई विधियां सम्पूर्ण विश्व में प्रचलित हैं। नियमित रुप से अभ्यास करने से सबके लाभ मिलते हैं।