Vish Yoga in Hindi क्या आपको लगता हो कि हर संभव प्रयास के बावजूद भी आपके जीवन में हर मोड़ पर कठिनाइयां आ जाती हैं? यदि हां,। तो हो सकता है कि आपकी कुंडली में विष योग की युति हो!
अच्छी बात ये है कि कुछ सरल उपाय से कुंडली के दोष को कम या समाप्त किया जा सकता है। कुंडली के दोष कुछ और नहीं बल्कि पूर्व जन्मों के कर्म तथा ग्रह नक्षत्रों के विपरीत प्रभाव हैं। जिन्हें अपने जीवन शैली, विचारों तथा कर्मो में परिवर्तन कर बदला जा सकता है।
What is Vish Yoga in Astrology? कुंडली में विष योग क्या है?
यदि इस योग का शाब्दिक अर्थ देखा जाए तो विष अर्थात जहर समान योग, दूसरे शब्दों में कहूं तो हर काम खराब हो जाना। इसमें कोई शक नहीं कि यह योग Vish Yoga व्यक्ति के जीवन में कुछ अच्छा नहीं करता।
जब किसी के जन्म के समय चन्द्रमा और शनि का योग बनता है तो इसका असर उसके जीवन पर प्रभाव डालता है।
वैसे तो देखा जाए तो हर महीने चन्द्रमा कम से कम एक बार शनि से गोचर करता है। परिणास्वरूप हर राशि पर इसका प्रभाव होता है, किन्तु सिर्फ एक या दो दिन। कभी कभी बना हुए काम एक झटके से खराब हो जाता है, यह Vish Yoga विष योग का परिणाम होता है।
किन्तु जिसकी कुंडली में विष योग हो, उसका जीवन अत्यंत दुखदाई हो जाता है।
How to check Vish Yoga in Kundali कुंडली में विष योग होने के लक्षण
यदि परिस्थितियां हमेशा आपके ख़िलाफ़ हैं और आपकी लाख कोशिशों के बावजूद कुछ अच्छा ना हो तो एक बार इस पर ध्यान ज़रूर दें। कुछ ऐसे संकेत हैं जो इस ओर इशारा करते हैं कि कुंडली में विष योग हो सकता है।
१- विषयोग Vish Yoga में शनि और चंद्रमा की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है।
२- कुंडली में यदि शनि की तीसरी, सातवीं, एवं दसवीं दृष्टि चन्द्रमा पर हो तो विष योग बनता है।
३- यदि कर्क राशि में शनि पुष्य नक्षत्र और चन्द्र चन्द्र मकर राशि में श्रावण नक्षत्र तथा दोनों की दृष्टि एक दूसरे पर हो या एक दूसरे के विपरीत हो तो भी विष योग बनता है।
४- कुंडली में यदि सूर्य आठवें, चन्द्र छठवें तथा शनि बारहवें घर में हो तो भी विषयोग Vish Yoga की अवस्था बनती है।
५- कुंडली में यदि राहु आठवें स्थान पर हो और शनि मेष, कर्क, सिंह या वृश्चिक लग्न में हो तो भी विषयोग का योग बनता है जो जीवन को कष्टदायक बनाता है।
कुंडली के अलावा भी कुछ लक्षण है जिससे जीवन में विष योग Vish Yoga की अवस्था को समझकर उसे कम करने के उपाय किए जा सकते हैं।
Vish yog ke lakshan विष योग के लक्षण
१- विष योग के प्रभाव में व्यक्ति शंकालु तथा वहमी मानसिकता से ग्रस्त होने के साथ अक्सर बीमार रहता है। पारिवारिक जीवन में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
२- पिता से संपत्ति सुख नहीं मिलता तथा नौकरी या बिज़नेस में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पारिवारिक संबंध अच्छे नहीं ह होने के साथ गले के ऊपरी भाग में समस्या होती रहती है।
३- विष योग Vish Yoga की स्थिति में अधिकतर सांस संबंधी बीमारियों प्रभाव कष्टदाई होता है।
४- स्त्रियों में स्तन संबंधी समस्याएं ज्यादा होती हैं। विषैले जीवों का भय सताता है तथा पारिवारिक सुख की कमी होती है।
५- यदि माता की कुंडली में विषयो ग का प्रभाव है तो संतान के लिए भी पीड़ादायक होता है। संतान की शिक्षा पर उल्टा असर होता है।
६- कुंडली में विष योग का प्रभाव विवाह संबंधी समस्या खड़ी करता है। जल्दी से योग नहीं मिलता यदि मिल भी गया तो वैवाहिक जीवन सुखद नहीं होता क्योंकि दोनों के विचार भिन्न होते हैं।
७- अंतिम समय कष्टकारी होगा के भय से दुर्घटना के खयाल आते रहते हैं। ऐसा व्यक्ति निराशा, बुरी आदतों का शिकार तथा विलासी होता है।
Vish Yoga Cancelation in Hindi
कुंडली में ऐसे डरावने योग होने के बावजूद जीवन की सबसे अच्छी बात यह है कि ऐसे योग के प्रभाव को कम या कुछ सरल युक्तियों द्वारा खत्म किया जा सकता है।
अक्सर लोग कुंडली को अपना भविष्य मानकर निराश हो जाते हैं। निराश होने की ज़रूरत नहीं है, याद रखिए कुंडली पूर्व कर्मों के आधार पर बनती है। यह जन्म, इस जन्म के कर्म अभी बाकी हैं जिसे चुनने का मौका आपके पास है।
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The Best Remedy for Vish Yoga in Hindi
१- शनिवार के दिन शनि को प्रसन्न करने के लिए शनि मंदिर में तिल के लड्डू अथवा गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं तथा किसी है, कुत्ते या कौओं को खिला दें।
२- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि या हनुमान जी के मंदिर में जाकर पानी से भरे घड़े का दान करें। हनुमान चालीसा का पाठ भी विष योग Vish Yoga के प्रभाव को कम करता है।
३- प्रत्येक शनिवार हनुमान मंदिर में घी तथा सिंदूर चढ़ाएं, हनुमान जी की याद से विष योग का प्रभाव खत्म होता है।
४- घर के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद किसी भी नकारात्मक प्रभाव को कम करने का आसान तरीका है। घर के बड़ों को सम्मान करें तथा उनकी सेवा करें।
५- विष योग Vish Yoga के प्रभाव को खत्म करने के लिए पूर्णिमा तथा अमावस्या के दिन शिवजी के मंदिर में रूद्राभिषेक करवाएं।
६- महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन १०८ बार जाप करें, शिवजी का हलाहल रूप कुंडली के किसी भी नकारात्मक योग का आसानी से खत्म कर देता है।
७- शनि अमावस्या के दिन शनिदेव की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल में काली उड़द तथा काले तिल डालकर दिया जलाएं। शनि मंत्र “ओम् शां शनैश्चराय नमः” का १०८ बार जाप करें।
८- प्रतिदिन सुब शाम तुलसी के पास तिल के तेल का शनि तथा चन्द्र के नाम का दिया और अगरबत्ती ज़रूर जलाएं।
९- मांस मदिरा का सेवन ना करें तथा घर की महिलाओं का सम्मान करें।
१०- मन, वचन तथा कर्मों में शुद्धता का खयाल रखें। हर रोज़ सुबह सूर्य देव को स्नान के बाद एक लोटा जल चढ़ाएं।
Note: ऊपर दिए गए प्रतिदिन वाले उपाय रोज़ करें तथा शनि, चन्द्र, हनुमान जी तथा शिवजी की विशेष पूजा दिन विशेष पर करें। २१ दिनों में ही आपको अपने जीवन में परिवर्तन का अनुभव होने लगेगा।
Vish Yog Ke Achuk Upay
ऊपर दिए गए उपाय से बदलाव आएगा ही, किन्तु यदि आप सुबह कम से कम १५ मिनट का समय निकालकर योग/ मेडिटेशन कर सकें तो बहुत अच्छा है।
इस ध्यान विधि में सूर्य, चन्द्रमा तथा शनि ग्रहों से अपने पूर्व कर्मों के लिए माफ़ी मांगकर अपने जीवन को सुखमय बनाने का योग करें। ध्यान के बारे में अधिक जानने के लिए नीचे लिंक पर जाकर पढ़ें।
Final Words: माना कि कुंडली के दोष सच्चे होते हैं, किन्तु इस तरह कुछ सरल उपायों द्वारा इन्हें दूर किया जा सकता है।
अपने जीवन को शांति तथा सुखमय बनाने के लिए कर्मों पर विशेष ध्यान देते रहें। उम्मीद है इस पोस्ट से आपको मदद मिलेगी।
कॉमेंट करके अनुभव ज़रूर बताएं।
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