Vakrasana Steps in Hindi स्वस्थ शरीर का सबसे बड़ा राज उसका लचीलापन है। शरीर को लचीला बनाने वाले आसनों में प्रमुख आसन वक्रासन है। वक्रासन अभ्यास के पूर्व भुजंगासन का अभ्यास अति लाभप्रद होता है।
जानें: भुजंगासन कैसे करें एवं इसके लाभ
MysticMind के इस आर्टिकल में हम Vakrasana Steps and Benefits के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही वक्रासन अभ्यास के लिए सही तरीका समय एवं सावधानियों पर भी प्रकाश डालेंगे।
Vakrasana Information in Hindi मानव शरीर जितना अधिक लचीला एवं संतुलित वजन का होता है, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रहता है।
प्राचीन समय में बीमारियां कम एवं शरीर अधिक बलशाली होने का मुख्य कारण शारीरिक श्रम था। समय के साथ ग्रामीण विभाग शहरीकरण में तब्दील हो गया तथा कार्य एक स्थान पर खड़े अथवा बैठकर होने लगे।
खड़े रहकर अथवा बैठकर, दोनों ही परिस्थितियों में शरीर को जितना क्रियाकलाप चाहिए उतना हो नही पाता है।
यही कारण है कि आज भी शहरों की अपेक्षा ग्रामीण विभाग में लाइफस्टाइल बीमारियां जैसे कि मधुमेह, हृदय रोग अथवा रक्तचाप कम पाई जाती हैं।
बीमारियां सिर्फ़ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक परिस्थितियों का भी परिणाम है। यह एक ऐसी अवस्था है जो शहरी एवं ग्रामीण सब पर हावी हो रही है। ऐसे में शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य संतुलन के लिए योगासनों, ध्यान, मुद्राओं का अभ्यास दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए।
वक्रासन एक ऐसा अद्भुत आसन है जो मानसिक एवं शारीरिक दोनों को संतुलित रखने में मदद करता है।
इससे पहले कि हम Vakrasana Steps And Benefits के बारे में जानें, जानते हैं कि वक्रासन क्या है?
What is Vakrasana Yoga In Hindi
वक्रासन संस्कृत भाषा के दो शब्द “वक्र” एवं आसन से मिलकर बना है। वक्र का अर्थ टेढ़ा होता है तथा आसन शरीर के बैठने की अवस्था को कहते हैं।
इस प्रकार वक्रासन शरीर को टेढ़ा मेढा कर उसकी थकान दूर करने के साथ शरीर में रक्त संचार संतुलित करता है। जिसके फलस्वरूप कई रोगों से निजात पाने में यह एक आसन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जिस प्रकार छोटे बच्चे की मालिश कर उसके शरीर को टेढ़ा मेढ़ा किया जाता है। जो बच्चेके शारीरिक स्वास्थ्य बनाने के साथ शरीर की संरचना में भी मदद करता है। उसी प्रकार वक्रासन बड़े होने पर शरीर के स्वास्थ्य के साथ शरीर की सुडौलता बनाए रखने में मदद करता है।
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पाश्चात्य देशों में Twisted Pose के नाम से प्रसिद्ध वक्रासन शरीर के मुख्य हिस्से जैसे कि कमर तथा मेरुदंड को लचीला बनाता है। इस आसन के अभ्यास में हम अपनी रीढ़ की हड्डी को घुमाकर टेढ़ा करते है जिससे इसमें लचीलापन बढ़ता है।
रीढ़ को हड्डी जिसका स्वास्थ्य मानव शरीर के लिए अति आवश्यक है क्योंकि इसी के बल पर हम खड़े रहते हैं तथा चलते फिरते हैं।
इसके अलावा वक्रासन अभ्यास से अनेकों लाभ मिलते हैं जिसके बारे में हम आगे जानेंगे।
पहले जानते हैं कि How To Do Vakrasana वक्रासन अभ्यास की सही विधि और Vakrasana Steps क्या हैं?
How To Do Vakrasana in Hindi/ Vakrasana Steps
वक्रासन अभ्यास के लिए सही विधि अपनाना अति आवश्यक है। एक गलत मुद्रा परिणाम बदल सकती है। इसलिए Vakrasana Steps को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
१- Vakrasana Steps वक्रासन अभ्यास से पूर्व भुजंगासन का अभ्यास करें तथा फिर सुखासन में बैठ जाएं। एक लंबी गहरी सांस लें तथा भीतर जितनी देर संभव हो रोक रखें। फिर मुख द्वारा सांस को बाहर छोड़ दें। इस प्रकार सात से आठ बार अभ्यास करें।
२- अब दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं तथा ध्यान रखें कि दोनों पैर एक दूसरे के पास हो रखें।
३- Vakrasana Steps अब बाएं पैर को उठाकर दाहिने जांघ के बगल में रख दें। इस दौरान कमर के ऊपर का शरीर बिल्कुल सीधा रखें एवं सिर सांसों को सामान्य रहने दें।
४- अब एक गहरी सांस लें तथा बाएं पैर को घुटने के पास से हाथों से पकड़कर पेट की तरफ़ खींचे। पेट पर पड़ने वाले दबाव तथा नितंबों पर पड़ने वाले खिंचाव पर ध्यान दें। मन में दस से पंद्रह गिनने तक इसी अवस्था में रहें फिर सांस बाहर छोड़ते हुए बाएं पैर को सामान्य अवस्था में लाएं।
५- Vakrasana Steps दोनों पैरों को सीधा करें तथा दूसरे पैर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं। दोनों पैरों के साथ वक्रासन अभ्यास पूरा होने के बाद इस आसन का एक चक्र पूर्ण होता है।
६- Vakrasana Steps प्रारंभिक दिनों में तीन से पांच चक्र वक्रासन का अभ्यास कर सकते हैं।
Vakrasana Benefits in Hindi वक्रासन के लाभ
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि शरीर के साथ रीढ़ की हड्डियों का व्यायाम बचपन से ही होता आया है। इसलिए यह तो अवश्य है कि इसके लाभ हैं इसीलिए यह आसन इतना महत्वपूर्ण आसन है। आइए देखते हैं कि Varasana Steps का अभ्यास करने से क्या क्या लाभ मिलते हैं।
१- वक्रासन के अभ्यास का सबसे अधिक प्रभाव मेरुदंड अर्थात रीढ़ की हड्डी को पड़ता है। फलस्वरूप हड्डियों में तनाव एवं खिंचाव होने के कारण शरीर में ऑक्सीजन के कईरूकावटें खुलने लगती हैं।
३- मेरुदंड में खिंचाव के कारण इड़ा एवं पिंगला में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है जिससे कुंडलिनी शक्ति जागृत करने में आसानी हो जाती है।
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४- वक्रासन के अभ्यास से मूलाधार चक्र आसानी से सक्रिय एवं संतुलित हो जाता है। फलस्वरूप गुप्तांगों के आस पास के सभी अंगों में ऊर्जा का संचार सुचारू हो जाता है।
५- वक्रासन के अभ्यास से पेट पर दबाव पड़ने के कारण पेट संबंधी समस्याएं जैसे कि गैस का बनना, अपचन, कब्ज जैसे बीमारियों से राहत मिलती है।
६- इस आसन के अभ्यास/ Vakrasana Steps में पैरों का एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पैरों में रक्त संचार कमी होने के कारण हड्डियां कमज़ोर होने के साथ पैर दर्द की समस्या हो जाती है।। ऐसे में वक्रासन का अभ्यास पैरों में रक्तसंचार बढ़ाता है जिससे उपरोक्त समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
७- वक्रासन के अभ्यास से कमर दर्द दूर होता है तथा पेट एवं नितंबों की अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती है।
८- वक्रासन का नियमित अभ्यास मूलाधार चक्र संतुलित कर हर्निया, बवासीर अथवा फिशर जैसी भयंकर एवं पीड़ादायक रोगों से भी बचाता है।
९- कुण्डलिनी शक्ति जागृति के साथ शरीर से आलस को भगाकर शरीर एवं मन की ऊर्जा को बढाता है। काम करने में उत्साह एवं मन को अधिक शक्तिशाली बनाने में वक्रासन का बहुत बड़ा योगदान होता है।
१०- उपरोक्त विशेष लाभों के अलावा वक्रासन के नियमित/ Vakrasana Steps अभ्यास से किडनी, लीवर, पाचन तंत्र, फेफड़े स्वस्थ होने के साथ अन्य मानसिक तनावों से मुक्ति मिलती है।
Vakrasana Precautions वक्रासन अभ्यास में सावधानियां
इस अत्यंत लाभकारी आसन के अभ्यास के पूर्व तथा अभ्यास के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है।
१- वक्रासन का अभ्यास खाली पेट करें तथा इसके पहले भुजंगासन का अभ्यास करें।
३- किसी भी प्रकार के कमर दर्द अथवा हड्डियों को समस्याओं की हालत में चिकित्सक की सलाह के बिना इस आसन का अभ्यास ना करें।
४- अति पेट दर्द अथवा घुटनों में दर्द की अवस्था में चिकित्सक की सलाह एवं योग्य शिक्षक की निगरानी में ही इस आसन का अभ्यास करें।
५- किसी भी प्रकार की सर्जरी होने पर योग्य शिक्षक की निगरानी में आस आसन का आरंभ करें।
Final Words: उम्मीद है Vakrasana Steps के साथ आपको इस आसन से संबंधित सभी जानकारी मिल गई होगी। शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा, मेरुदंड का खयाल रखना अति आवश्यक है इसलिए वक्रासन का अभ्यास अपनी दिनचर्या में अवश्य शामिल करें।
यदि आपको योग, मुद्रा एवं ध्यान से संबंधित कोई सवाल है तो कॉमेंट बॉक्स में अवश्य पूछें। हमारी कोशिश होती है कि आपको सही मार्गदर्शन किया जाए।
सबका भला हो
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