क्या आप डॉक्टर के पास जाने से पहले ही अपनी तबियत की जांच करने में विश्वास रखते हैं? यदि आप भी Typhoid ke Lakshan in Hindi में जानना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिए है ।
टायफाइड के लक्षण को ऐसे करें पता, जानें इसके कारण और जड़ से खत्म करने के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानेंगे।
टाइफाइड पाचन तंत्र और ब्लड स्ट्रीम में साल्मोनेला बैक्टीरिया के इंफेक्शन के कारण होता है। अब टाइफाइड के लक्षण को पहचानने के लिए ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता नहीं है।
बस, आपको इस आर्टिकल में कुछ लक्षण टाइफाइड के बताए जाएंगे जिससे कि आपको पता चल जाएगा कि किसी भी व्यक्ति को टाइफाइड है या फिर नहीं।
आमतौर पर टाइफाइड, किसी के शरीर में तब होती है जब उसके शरीर में किसी भी प्रकार से साल्मोनेला बैक्टीरिया प्रवेश कर जाए।
अब इतना तो हम लोगों को पता है कि बैक्टीरिया है उसको हम लोग अपने आंखों से तो देख नहीं सकते कि प्रवेश होते समय ही उसे बाधित किया जाए लेकिन हां गंदी जगहों पर ऐसे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो कि आपके शरीर को नुकसान बहुत अच्छे तरीके से पहुंचा सकते हैं।
Typhoid ke Lakshan जानने से पहले जानते हैं कि टाइफाइड क्या है?
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टाइफाइड क्या है | What is Typhoid in Hindi
टायफाइड का हिंदी नाम आंत्र ज्वर है, किंतु आम तौर पर इसे टायफाइड के नाम से ही जाना जाता है। टायफाइड का दूसरा नाम मियादी बुखार भी है जिसका अर्थ होता है कि यह एक निश्चित समय तक रहता है।
बहुत कारणों में यह देखा गया है कि टाइफाइड उसको हो जाता है जो कि कुछ गंदे चीजों का सेवन करता है यानी कि हो सकता है वह संक्रमित कोई पानी पी रहा हो या फिर किसी तरह का संक्रमित भोजन ग्रहण कर रहा हो।
क्योंकि ऐसे जगहों पर अक्सर साल्मोनेला बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई जाती है और ऐसे संक्रमित चीजों के माध्यम से टाइफाइड को पैदा करने वाली बैटरी के लोगों के शरीर में आ जाती है जिसके कारण लोगों को टाइफाइड जैसी बीमारी का सामना करना पड़ जाता है।
आइए जानते हैं कि Typhoid ke Lakshan क्या हैं
टाइफाइड के प्रमुख लक्षण | Typhoid ke Lakshan
- शरीर में तेज बुखार रहना करीब 104 डिग्री तक
- सिर में तेज दर्द होना
- भूख कम लगना
- भीड़ में भी काफी दर्द रहना
- दस्त का होना
- शरीर में सुस्ती और आलस होना
- शरीर में कमजोरी लगना
- बच्चों में अक्सर 10 के जगह पेट में कब्ज का होना
- शरीर में ठंड लगना
अगर ऊपर में दिए गए किसी भी तरह के लक्षण किसी व्यक्ति में है तो उसे सतर्क जरूर हो जाना चाहिए अक्षर इनमें से कुछ लक्षण के होने से यह गारंटी नहीं दी जा सकती कि टाइफाइड है।
बहुत से मामले में देखा गया है कि इन लक्षणों के होने से ही टाइफाइड होने का पता चलता है और खासकर के शरीर में तेज बुखार रहना वह भी करीब 104 डिग्री तक और भूख कम लगना यह जो प्रमुख 2 लक्षण है इससे साफ पता चलता है कि कोई भी व्यक्ति टाइफाइड से पीड़ित है।
Typhoid ke Lakshan जानने के बाद जानते हैं कि इसके मुख्य कारण क्या हैं?
टाइफाइड बुखार होने के कारण
1- जैसा कि आपको पहले बता दिया गया है की “Salmonella Typhi” नाम का एक बैक्टीरिया होता है, और वह बैक्टीरिया जब किसी भी माध्यम से किसी व्यक्ति के शरीर में चल जाता है तो उसके ब्लड स्ट्रीम या फिर पाचन तंत्र को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।
2- अपना इंफेक्शन पूरे शरीर में फैला देता है। जैसे कि कोई भी व्यक्ति टाइफाइड से पीड़ित हो जाता है और यही कारण है टाइफाइड बुखार होने का।
3- टाइफाइड किसी भी तरह के संक्रमित वस्तु को ग्रहण करने से ही नहीं बल्कि किसी भी तरह के टाइफाइड से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से भी होता है। क्योंकि, यह एक फैलने वाली बीमारी है जो कि 1 लोगों से दूसरे लोगों तक आसानी से फैल जाती है।
अब अगर मान लीजिए कि किसी भी व्यक्ति को टाइफाइड हो चुका है, तो वह अब क्या करें कि वह जल्द से जल्द ठीक हो जाए? इसके लिए मैं आपको घरेलू तरीके बताऊंगा, आप घर में रहते हुए इस बीमारी से अपने ठीक है कर सकते हो।
और ऐसा इसलिए क्योंकि, टाइफाइड का अब घर बैठे भी इलाज संभव है और कुछ आसान तरीकों के माध्यम से आप टाइफाइड का इलाज घरेलू तरीके से ही कर सकते हो। और इसके लिए अब आपको ज्यादा डॉक्टरों के पास जाने की भी आवश्यकता नहीं होगी।
टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के लिए कुछ सावधानियाँ
अगर आपको टाइफाइड को जड़ से खत्म करना है वह भी घरेलू उपाय से तो आपको उसमें कुछ चीजों का परहेज करने की बहुत ही आवश्यकता है। एक एक करके उन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक चर्चा करा लेते हैं कि टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय क्या है?
1- टाइफाइड में कटहल और अनानास जैसे गैस बनाने वाले चीजों का उपयोग भी नहीं करना चाहिए जिससे कि आपको टाइफाइड बीमारी कर इलाज करने में बहुत ही ज्यादा आसानी होगी।
2- पहले आपको अगर घर बैठे ही टाइफाइड को ठीक करना है तो आपको लहसुन और प्याज जैसे चीजों का सेवन करने से परहेज करना पड़ेगा और साथ ही लहसुन प्याज जैसे किसी भी तेज गंध करने वाले चीजों का भी उपयोग नहीं करना चाहिए।
3- टाइफाइड में आपको सिरका मिर्च या फिर किसी भी तरह के मसालों का सेवन बंद करना चाहिए अगर आप इस तरह की चीजों का सेवन करने से टाइफाइड खत्म जल्दी नहीं हो सकता है।
4- टाइफाइड के लक्षण अगर आपको महसूस हो या फिर कोई टाइफाइड से पीड़ित हो तो उसे वसायुक्त चीज जैसे कि तले हुए आहार, मक्खन, मिठाई, बाजारू चीज, माँस और मछलियों जैसी चीजों का सेवन सख्ती के साथ नहीं करना चाहिए।
5- आपको टाइफाइड में किसी भी हाल में रेशेदार फलों या फिर सब्जियों का सेवन नहीं ही खाना चाहिए। जिससे की आप टाइफाइड जैसी खतरनाक, बीमारी से अपने आप की रक्षा कर सकते हो।
मगर आपको अभी भी कुछ सावधानियाँ बरतने की जरूरत है, जिससे आप टाइफाइड को जड़ से खत्म कर सकते हो जैसे की अगर किसी को टाइफाइड हुआ भी है तो भी उसे नहलवाएं जरूर, क्यूंकी ऐसा करने से मन प्रसन्न होता है और टाइफाइड धीरे-धीरे करके खत्म होने लगता है।
आपको अपने आसपास साफ सफाई बनए रखने की बेहद ही जरूरत है, क्यूंकी बिना सफाई की आप टाइफाइड जैसे गंभीर रोग जो की सफाई के अभाव में ही पनपते हैं उससे नहीं बच सकते हो।
Typhoid ke Lakshan जानने के बाद जानते हैं कि इसका घरेलू इलाज क्या है?
टाइफाइड को जड़ से से खत्म करने के कुछ घरेलू नुस्खे
अब जब आप लोगों ने टाइफाइड से बचने के लिए कुछ घरेलू सावधानियों को बढ़त लिया है उसके बावजूद भी अगर आपको अभी तक रात नहीं मिली है तो आपको यहां पर दिए गए कुछ घरेलू नुस्खों को जरूर आ जाना है जिससे कि आप पूरे तरीके से स्वस्थ हो जाओगे टाइफाइड से।
1- टाइफाइड के इलाज में सेब का जूस का उपयोग कर सकते हो जिससे कि आपका टाइफाइड खत्म होने में मदद मिलेगी, क्योंकि सेव में औषधीय गुण भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं।
आप को सेब का रस को बनाने के लिए भी एक विधि का पालन करना होगा जिसमें आपको सेब के रस में अदरक का रस मिलाना होगा उसके बाद आपको उस सेव के रस को पीना होगा।
2- तुलसी में कितना ज्यादा औषधीय गुण भरपूर मात्रा में मौजूद रहता है जिसके बारे में बताने की तो कोई जरूरत है ही नहीं, और खास करके तुलसी का रस जो होता है वह सर्दी और बुखार जैसी चीजों में बहुत ही ज्यादा कारगर साबित होता है।
आप टाइफाइड के इलाज के लिए घर बैठे तुलसी का तो इंतजाम कर ही सकते हो और उसका रस निकाल कर आप सेवन करना शुरू कर दें।
3- आपको उन चीजों के मदद से ही इलाज मिल सकती है जो आपके घरों में मौजूद है और ऐसे में ही एक खड़े मसलों में से लौंग का ज्यादा घरों में उपयोग किया जाता है।
लॉन्ग में भी औषधीय गुण भरपूर मात्रा में मौजूद रहती है जिसके कारण से आप चार पांच लोगों को आधे कप पानी में लोगों को मिला देना है, इसके बाद आपको उस पानी का सेवन करना है।
4- टाइफाइड के घरेलू उपचार का एक ऐसा तरीका बता रहे हैं जिससे घर बैठे टाइफाइड का जड़ से इलाज भी हो जाएगा और आपको उस उपाय को करने में मजा भी बहुत आएगा क्योंकि इस नुस्खे में आप उपयोग करोगे शहद का।
इसके लिए आपको हल्के उबलते हुए पानी में एक दो चम्मच शहद को डालकर उसका सेवन करना है जिससे कि आपको टाइफाइड से राहत मिलेगी।
5- अगर आपको टाइफाइड में बहुत ज्यादा बुखार की समस्या आ रही है तो इसके लिए आप ठंडे पानी का भी उपयोग कर सकते हो इसके लिए आपको ठंडे पानी में एक कपड़े के पट्टी को दबाना है और उसके बाद उसे अपने सर पर रखना है या फिर उसके सर पर रखना है जिसको टाइफाइड है।
इससे टाइफाइड के साथ-साथ बुखार में भी राहत बहुत ही अच्छे तरीके से मिलेगी। आप लोगों ने अपने घरों में नोटिस जरूर किया गया कि अगर, किसी को बुखार रहता है तो उसे घर के लोग माथे पर ठंडे पानी के पट्टी को डालते हैं इससे होता है क्या किस शरीर का जो गढवी होता है वह पट्टी में खींचा जाता है।
डॉक्टर से ले सकते हैं परामर्श
वैसे अधिकतर बारिश संभावना रहती है कि इन उपायों को करने से आपको टाइफाइड से जल्द से जल्द राहत घर पर ही मिल जाएगी। और जिससे कि आप टाइफाइड को जड़ से खत्म घर पर ही कर सकते हो।
लेकिन, अगर किसी भी कारण से आपको और टाइफाइड में इन उपायों को करने के बाद भी राहत नहीं मिल रही हो तो आपको किसी डॉक्टर से मिलने में देरी नहीं करनी चाहिए।
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टायफाइड इंजेक्शन नाम लिस्ट
2018 में WHO ने टायफाइड के टीका पर मंजूरी दी थी। इसके तहत Tybar TCV नाम की दवा शामिल है। स्वस्थ्य विभाग का यह महत्वपूर्ण निर्णय दुनियाभर में उपलब्ध है एवं इससे सभी उम्र के लोगों को लाभ मिलेगा ।
FAQS
मोतीझरा में क्या होता है?
मोतीझरा एक विषेश प्रकार का बुखार है जिसके होने से रोगी को ज्वर, सिरदर्द, कमज़ोरी एवं शरीर पर दाने आ जाते हैं। यह बुखार सालमोनिला टाइफोसा नामक जीवाणु के संक्रमण से होता है। इसके विषेश लक्षणों के कारण इसे मोतीझरा का नाम दिया गया है।
नॉर्मल टायफाइड कितना होता है?
टायफाइड का बुखार अकसर 102 तापमान के आस पास पाया जाता है। कभी कभी तेज़ होकर 104 तक जाने की संभावना होती है।
अकसर इस तीव्र बुखार के कारण व्यक्ती में कमजोरी के साथ बदन दर्द और असह्य पीड़ा का सामना कारण पड़ता है।
अकसर टायफाइड ठीक होने में चार से छह सप्ताह का समय लगता है।
टायफाइड से कौन सा अंग प्रभावती होता है?
जैसा कि हम जान चुके हैं कि टायफाइड ठीक होने में कम से कम चार एवं ज्यादा से ज्यादा छह सप्ताह का समय लगता है।
ऐसे में खान पान एवं अन्य दिनचर्या प्रभावती होने के कारण सबसे पहले पाचन तंत्र प्रभावती होता है। यदि संक्रमण अधिक बढ़ा तो अंतरिक रक्तस्राव होने का भय भी रहता है।
Final Words: Typhoid ke Lakshan जानने के बाद इस बात का निश्चय करें कि यह घर पर ठीक करना संभव है या नही? यदि बुखार ज्यादा रहे तो जरूर है कि जल्द से जल्द चिकित्सक से सलाह लें।
यदि यह आर्टिकल ज्ञानवर्धक एवं लाभकारी लगा हो तो दूसरों के साथ वश्य साझा करें।
सबका मंगल हो
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