त्रिकोणासन की विधि इसके 9 लाभ एवं सावधानियां। Trikonasana in Hindi

Trikonasana in Hindi:शरीर को बीमारियों से बचाने, मस्तिष्क को तेज करने एवं मन को चिंतामुक्त करने के लिए प्रभावी आसनों से एक आसन त्रिकोणासन है।

MysticMind इस आर्टिकल में त्रिकोणासन क्या है/Trikonasana in Hindi, इसे करने की सही विधि/Steps of Trikonasana in Hindi क्या है एवं इस आसन से मिलने वाले लाभ/Benefits of Trikonasana in Hindi क्या हैं के बारे में विस्तार से जानकारी देखेंगे।

शरीर को लचीला बना कर अतिरिक्त वसा एवं किसी भी बीमारियों को शरीर से बाहर भगाने का एक आसान सा सरिया योगासन का नियमित अभ्यास है।

त्रिकोणासन/Trikonasana इन सारी आवश्यकताओं को मिटाने में सक्षम है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर न सिर्फ लचीला बनता है बल्कि हड्डियां भी मजबूत एवं लचीली बनती हैं।

शुरुआती दिनों में अभ्यास करने योग्य प्रभावी एवं आसन आसनों में से एक त्रिकोणासन है। जितना सरल इसका अभ्यास है उतना ही लाभकारी एवं प्रभावी इसके परिणाम हैं।

त्रिकोणासन से मिलने वाले अन्य लाभों/Benefits of Trikonasana in Hindi के बारे में विस्तार से जानने से पहले जानते हैं त्रिकोणासन क्या है/ What is Trikonasana in Hindi तथा इसकी अभ्यास की सही विधि क्या है?

What is Trikonasana in Hindi/ त्रिकोणासन क्या है

पाश्चात्य देशाें में ट्रैंगल पोज/ Trinagle Pose के नाम से प्रचलित त्रिकोणासन संस्कृत के दो शब्दों त्रिकोण एवं आसन से मिलकर त्रिकोणासन बना है। त्रिकोण का अर्थ होता है तीन कोनों वाला एवं आसन अर्थात शरीर की मुद्रा।

इस प्रकार त्रिकोणासन का शाब्दिक अर्थ देखा जाए तो शरीर की वह अवस्था जिसमें शरीर तीन कोनों वाला दिखाई दे।

खड़े होकर किए जाने वाले कुछ विशेष आसनों में से एक त्रिकोणासन है। इसके अभ्यास के दौरान शरीर का आकार त्रिकोण जैसा बन जाता है।

शरीर की संपूर्ण मांसपेशियों में रक्त संचार एवं ऊर्जा का संचार कर यह आसन शरीर की सामान्य प्रक्रिया को बेहतरीन तरीके से चलाने में मदद करता है।

त्रिकोणासन/Trikonasana के संपूर्ण लाभों को पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है इस आसन का सही तरीके से अभ्यास किया जाना।

आइए जानते हैं कि त्रिकोणासन करने की विधि/ Trikonasana Steps क्या है?

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How To Do Trikonasana In Hindi/ त्रिकोणासन कैसे करें

#१ सर्वप्रथम एक खुला स्थान समतल एवं जमीन देखकर योगा मैट बिछाकर ताड़ासन मुद्रा में खड़े हो जाएं। ध्यान रहे दोनों पैरों के बीच करीब २ से ३ फीट की दूरी बनाए रखें।

#२ धीरे-धीरे सांस भीतर लेते हुए अपने दाएं हाथ को ऊपर उठाएं, सिर के ऊपर तक ले जाए तथा भुजाओं को कान से सटाकर रखें।

#३ सांस छोड़ते हुए शरीर को बाएं तरफ झुकाए एवं बाएं हाथ को जितना संभव नीचे बाएं पैर के समांतर में रखते हुए झुकाएं।

#४ ऐसा करते समय ध्यान रहे हाथ में पैर में एवं शरीर में किसी भी तरीके का लचीलापन ना आए बल्कि सब कुछ बिल्कुल सीधा रहे। सिर्फ कमर से शरीर को बाई तरफ झुका दे रहे जहां तक संभव है ले जाए और फिर रुक जाएं।

#५ मन में एक से 15 अथवा 20 तक गिनती गिनने तक उसी अवस्था में रहें। ध्यान बाएं हाथ की हथेलियों पर रखें। शरीर में कहां किस प्रकार से खींचा में ससुराल है वहां पर ध्यान दें।

Trikonasana Images/Trikonasana in Hindi

#६ जितनी देर संभव है उसी स्थिति में रहे फिर धीरे-धीरे कमर से शरीर को सीधा करते हुए बाएं हाथ को ऊपर लाते हुए शरीर को बिल्कुल सीधा करें।

#७ दाहिने हाथ को धीरे-धीरे नीचे की तरफ लाते हुए ताड़ासन मुद्रा में आ जाएं। कुछ सेकंड विश्राम के बाद बाएं हाथ को ऊपर उठाएं एवं दाहिनी तरफ झुकना शुरू करें।

#८ पहले की तरह ही दाईं तरफ भी झुक कर इस आसन को पूरा करें। इस प्रकार त्रिकोणासन/Trikonasana का एक चक्र पूरा होता है।

#९ नियमित रूप से कम से कम तीन से चार चक्र त्रिकोणासन का अभ्यास अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ है।

जब आप नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करने लगेंगे तो आपके शरीर में हो रहे परिवर्तन से आपको इससे होने वाले लाभों का अंदाजा लग जाएगा। आइए देखते हैं Trikonasana Benefits in Hindi/ त्रिकोणासन के अभ्यास से सामान्य रूप पर कितने फायदे होते हैं।

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Trikonasana Yoga Benefits in Hindi/ त्रिकोण आसन के लाभ

#१ त्रिकोणासन के अभ्यास में मेरुदंड अर्थात रीड की हड्डी का विशेष उपयोग होने के कारण इडा एवं पिंगला नाड़ियों में ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है। जिससे कुछ ही दिनों में संपूर्ण स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन होने लगता है।

#२ शरीर में अतिरिक्त वसा अक्सर कमर के आसपास जमा हो जाती है। त्रिकोण आसन/Trikonasana के अभ्यास से कमर में अत्यधिक खिंचाव होने के कारण कमर के आसपास की वर्षा कम होने लगती है।

#३ त्रिकोण आसन के नियमित अभ्यास से कमर एवं पेट के पास आसपास का मोटापा कम होने के साथ संपूर्ण शरीर का वजन कम होने लगता है अर्थात वजन कम करने के लिए यह एक फायदेमंद आसन है।

#४ कम ऊंचाई वाले लोगों के लिए यह आसन एक आसान तरीका है उनकी ऊंचाई बढ़ाने का। त्रिकोण आसन के अभ्यास से नसीब संपूर्ण शरीर में संतुलन बढ़ता है बल्कि शरीर की ऊंचाई भी प्रभावित होने लगती है और आप अपना मनचाहा कर पा सकते हैं।

#५ शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग पेट जिसमें किसी भी प्रकार के असंतुलन के कारण न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि त्वचा भी खराब होने लगती है। त्रिकोण आसन/Trikonasana के नियमित अभ्यास से पेट की समस्याएं दूर हो जाती है तथा त्वचा स्वच्छ जवान और चमकीली दिखने लगती है।

#६ त्रिकोणासन का नियमित अभ्यास ह्रदय एवं फेफड़ों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है क्योंकि इससे सीने पर प्रभाव पड़ने के कारण आसपास के सभी अंगों में ऊर्जा एवं रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे उनके स्वास्थ्य में बेहतरीन सुधार होने लगता है।

#७ कब्ज एसिडिटी मधुमेह के लिए त्रिकोणासन रामबाण के समान है। शासन का नियमित अभ्यास संपूर्ण पाचन तंत्र को सुधारना है तथा तथा उसके असंतुलन से उत्पन्न बीमारियों को जड़ से खत्म करने में मदद करता है।

#८ त्रिकोणासन/Trikonasana का नियमित अभ्यास संपूर्ण शरीर की मांस पेशियों को मजबूत बनाता है, अतिरिक्त वसा को कम करता है, हड्डियों में लचीलापन आता है तथा जोड़ों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

#९ त्रिकोणासन शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य में संतुलन बनाकर तनाव मुक्त एवं ऊर्जावान बनाए रहने में सहायक आसन है।

हालांकि इस असम को नियमित करने से किसी भी प्रकार का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता किंतु इस आसन के अभ्यास से पूर्व एवं इस आसन के अभ्यास के दौरान कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है। आइए देखते हैं कि त्रिकोण आसन के अभ्यास में क्या क्या सावधानियां/Precautions of Trikonasana in Hindi बरतनी चाहिए।

Trikonasana Precautions in Hindi/ त्रिकोणासन में सावधानियां

#१ स्लिप डिस्क अथवा गर्दन के जोड़ों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर इस आसन का अभ्यास नहीं करें।

#२ हड्डियों में किसी गंभीर बीमारी की अवस्था में अथवा जोड़ों में अधिक दर्द की हालात में भी इस आसन के अभ्यास से बचना चाहिए।

#३ माइग्रेन की हालत में त्रिकोणासन/Trikonasana का अभ्यास करने से बचें।

#४ अभ्यास के दौरान तेज सिर दर्द होने पर अथवा चक्कर आने पर इस आसन का अभ्यास रूप देना चाहिए।

#५ त्रिकोणासन का अभ्यास करने से पूर्व अपने संपूर्ण स्वास्थ्य को देखते हुए योग शिक्षक की निगरानी में शुरुआत करें अथवा अपने चिकित्सक से सलाह लेकर इस आसन का अभ्यास शुरू कर सकते हैं।

#६ त्रिकोणासन/Trikonasana का अभ्यास करने के लिए सबसे सही समय सुबह सूर्योदय से पहले एवं खाली पेट इस आसन का अभ्यास करें। यदि आप दिन में इस आसन का अभ्यास करना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि त्रिकोणासन अभ्यास के 3 से 4 घंटे पहले कुछ खाएं पिएं नहीं।

Final Words: इसमें कोई शक नहीं कि त्रिकोणासन एक अत्यंत ही सरल एवं प्रभावी आसन है। उम्मीद है इतनी विस्तार से (Information About Trikonasana in Hindi) जानकारी लेने के बाद आप अपनी दिनचर्या में इस आसन को अवश्य शामिल करेंगे तथा अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेंगे।

त्रिकोणासन संबंधित आपके किसी भी सवाल का स्वागत है, आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

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