Titali Asana जीवन रंगों से भरा और बेहद खूबसूरत है, शर्त ये है की उसे साफ़ नज़र से देखा जाए। अक्सर मनुष्य जीवन को अपने दुख और खुशियों के हिसाब से नाम देता है। इसीलिए वह जीवन की खूबसूरती देख नहीं पाता हैं।
योग, ध्यान, मुद्राएं, शरीर मन तथा आंखों पर चढ़ी परतों को उतारकर उसकी सुंदरता का अनुभव कराने में मदद करते हैं।
एक छोटी सा किंतु बेहद खूबसूरत तथा रंग बिरंगी जीव तितली है। उसके गुणों को देखते हुए प्राचीन गुरुओं ने तितली आसन का अविष्कार किया। इस आसन के अभ्यास से न सिर्फ़ शारीरिक एवं मानसिक लाभ होते हैं बल्कि विचारों को सही दिशा भी मिलती है। महत्वपूर्ण यह होता है कि किसी भी बात का अभ्यास करने तथा उसका लाभ अनुभव करने के लिए उसकी पूर्ण जानकारी लेना आवश्यक होती है।
इस आर्टिकल में हम सतरंगी Titali Asana तितली आसन जिसे पाश्चात्य देशों में बटरफ्लाई पोज के नाम से जाना जाता है, उसकी विस्तार से जानकारी देंगे।
तितली आसन करने का सही तरीका एवं उसके लाभ जानने से पहले यह जानते हैं कि Mystic Butterfly Aasana के अविष्कार के पीछे गुरुओं की असली मंशा क्या थी?
Meaning Of Mystic Butterfly Asana in Hindi तितली आसन का अर्थ
तितली आसन का अभ्यास करते समय इंसान की शारीरिक अवस्था उड़ती हुई तितली की भांति दिखने लगती है इसलिए इसे तितली आसन का नाम दिया गया।
तितली की उम्र बहुत छोटी होती है, जीवन की शुरुआत बेहद बदसूरत होती है। किन्तु समय के साथ वह एक खूबसूरत और आकर्षित तितली बनकर दूसरों का मन मोह लेती है।
मानव शरीर का महत्वपूर्ण भाग छाती से नीचे का हिस्सा है। दूसरों शब्दों में कहूं तो नीचे के तीन चक्रों के संतुलन से ही स्वस्थ शरीर, मन तथा जीवन संभव है। तितली आसन Titali Asana इन तीनों चक्रों को संतुलित रखने तथा सुचारू रूप से सक्रिय करने में मदद करता है।
चक्रों के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर जाएं।
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Difference between Baddhkonasana and Titali Asana
बद्ध कोणासन तथा तितली आसन में अंतर
अक्सर लोग इन दोनों आसनों को एक समझने की गलती कर बैठते हैं। इसलिए यह जान लेना अत्यंत आवश्यक है कि आसन मुद्राओं तथा ध्यान विधियों के अभ्यास में छोटी छोटी बातों से बड़े बड़े अंतर हो जाते हैं।
तितली आसन और बद्ध कोणासन में जो सूक्ष्म किंतु सबसे महत्वपूर्ण अंतर है वह यह है कि तितली आसन में दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर तितली के पंखों की भांति हिलाते हैं। जबकि बद्ध कोणासन के अभ्यास में पैरों को मोड़कर कमर से सामने की ओर झुककर ज़मीन को छूने की कोशिश करनी होती है।
इस प्रकार ये दोनों ही आसन का प्रभाव अलग होता है।
How to do Titali Asana तितली आसन कैसे करें
आसनों का सम्पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए सही तरीके से सभी स्टेप्स करना आवश्यक होता है।
१- किसी हवादार स्थान पर समतल ज़मीन देखकर आसन बिछाएं तथा उस पर बैठ जाएं। थोड़ी देर सांसों के आवागमन पर ध्यान देकर अथवा नाड़ी शोधन का अभ्यास कर ध्यान को वर्तमान में लाएं।
२- सांसों की प्रक्रिया पर ध्यान देने से शरीर को विश्राम भी मिलता है तथा उसके बाद कोई भी आसन करने में आसानी होती है।
३- दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाएं तथा सिर एवं मेरुदंड बिल्कुल सीधा रखें।
४- दाहिने पैर को घुटने से मोड़कर अंदर की तरफ़ लें, ठीक उसी प्रकार बाएं पैर को भी मोड़ें। दोनों पैरों के तलवे को एक दूसरे से मिला लें। जैसा कि तस्वीर में दिखाई दे रहा है।
५- दोनों हथेलियों से जुड़े हुए पैरों के तलवे को पकड़ें एवं खींचकर मूलाधार चक्र के करीब लाएं।
६- Titali Asana कमर के ऊपर का हिस्सा बिल्कुल सीधा रखें तथा सांसों को बिलकुल सामान्य रखें।
७- दोनों पैरों के घुटने को एक साथ धीमी गति से ऊपर तथा नीचे हिलाना शुरू करें। यही अवस्था तितली के फड़फड़ाते हुए पंख के समान होती है। ध्यान रखें कि इस अभ्यास के दरमियान पैरों को जमीन से थोड़ा ऊपर ही रखें।
८- पच्चीस से तीस बार इस क्रिया को करने के बाद पहले बाएं पैर को फिर दाएं पैर को घुटनों से सीधा कर सामने लाएं। इस प्रकार आपका तितली आसन Titali Asana का एक चक्र पूरा हुआ।
९- थोड़ी देर विश्राम के बाद पुनः पैरों को मुड़कर इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं। ४- ५ बार तितली आसन का अभ्यास करना बेहद लाभकारी होता है।
Titali Asana Benefits/ तितली आसन से होने वाले लाभ
तितली आसन के लाभ जानने के बाद आप स्वयं को इसके अभ्यास से रोक नहीं पाएंगे।
१- पैर, जिनके बिना जीवन अपंग हो जाता है, उसके स्वास्थ्य के लिए तितली आसन सबसे लाभकारी आसन है।
२- Titali Asana पैरों की मांस पेशियों को मजबूत करने के साथ इस आसन के अभ्यास से संपूर्ण पैरों में रक्त संचार सुचारू हो जाता है।
३- देर तक खड़े रहने वालों के पैर समय के साथ कमज़ोर हो जाते हैं क्योंकि कम क्रियाकलापों के कारण उनमें आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। ऐसे में तितली आसन इस समस्या से मुक्ति का सर्वोत्तम उपाय है।
४- तितली आसन के अभ्यास से रूट अर्थात मूलाधार चक्र संतुलित होता है। जीवन में हर तरह का संतुलन बनाए रखने के लिए यह चक्र सबसे महत्वपूर्ण है।
५- Titali Asana इस आसन के अभ्यास से पेट तथा पेट के नीचे के अंगों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। फलस्वरूप पाचन तन्त्र, किडनी, लीवर आदि अंगों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
६- तितली आसन फिशर अथवा बवासीर गुदा द्वार अथवा जननांगों संबंधी अनेक बीमारियों से बचाता है।
८- कमर तथा बाहर निकले पेट से परेशान लोगों को उनकी समस्या से मुक्ति दिलाने में तितली आसन मदद करता है।
९- कुछ लोगों को कूल्हे तथा जांघों पर अतिरिक्त वसा की समस्या होती है। ऐसे में तितली आसन का अभ्यास अतिरिक्त वसा से मुक्त कर इन अंगों को मजबूत भी बनाता है।
Butterfly Asana Benefits for Women
स्त्रियों के लिए तितली आसन के लाभ
महिलाओं का स्वास्थ्य इस देश में सबसे बड़ी समस्या होने के साथ सबसे ज्यादा अनदेखा की जाने वाली समस्या है। यह एक आसान महिलाओं की अनेक समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
१- महिलाओं का सर्वाधिक समय रसोईघर में खड़े होकर भोजन बनाने में जाता है। ऐसे में उन्हें अक्सर पैर दर्द अथवा घुटनों में तकलीफ होने लगती है। Titali Asana तितली आसन का अभ्यास रक्त प्रवाह को सुचारू कर इस समस्या से बचाता है।
२- शायद ही कोई महिला हो जो मासिक धर्म के दौरान पीड़ा से न गुजरती हो। इस पीड़ा की वजह यही है कि पेट के निचले हिस्सा में आवश्यक रक्त संचार नही होता है। तितली आसन Titali Asana पेट के निचले हिस्से पर सर्वाधिक प्रभाव डालता है तथा रक्त संचार बढ़ाता है। इसलिए माहवारी के दर्द से मुक्ति मिलती है।
३- गर्भावस्था के समय ध्यान पूर्वक तथा सही तरीके से किया गया इस आसन का अभ्यास ना सिर्फ़ डिलीवरी में होने वाले दर्द से बचाता है बल्कि डिलीवरी प प्रक्रिया को आसान कर देता है।
४- महिलाएं अक्सर शारीरिक तथा मानसिक तनाव से गुजरती रहती हैं ऐसे में नियमित रूप से तितली आसन का अभ्यास उसके शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य का संतुलन रखने में मदद करता है। तनावमुक्त जीवन प्रदान करता है।
५- चालीस की उम्र के बाद अक्सर हर महिला माहवारी की समस्या से जूझ रही होती है। जिसका कारण रजोनिवृति प्रोसेस तथा मानसिक असंतुलन होता है। ऐसे में तितली आसन Titali Asana का अभ्यास उनके स्वास्थ्य को संतुलित रखने में सहायक होता है।
६- प्रजनन अंगों के स्वाथ्य के लिए तितली आसन लाभकारी है। इससे अंग मजबूत तथा उसमें कसाव बना रहता है। किसी अन्य प्रकार की प्रजनन संबंधी समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है।
७- महिलाओं में अक्सर मानसिक असंतुलन अथवा मूड स्विंग की समस्या देखने के लिए मिलती है। उसका कारण उनका शारीरिक तथा मानसिक श्रम है। ऐसे में Titali Asana तितली आसन के अभ्यास से मिला विश्राम तथा संतुलती रक्त संचार इस समस्या से निजात दिलाता है।
Titali Asana Preacautions तितली आसन में सावधानियां
१- तेज़ कमर दर्द अथवा मेरुदंड में किसी समस्या की अवस्था में चिकित्सक की सलाह के बिना तितली आसन का अभ्यास ना करें।
२- पैरों को हिलाते समय तलवों को स्थिर रखें तथा सामान्य गति से पैर हिलाएं। ज़ोर डालने से मोच आने के आसार होते हैं।
३- अर्थराइटिस अथवा साइटिका की अवस्था में डॉक्टर की सलाह लेकर ही योग्य शिक्षक की निगरानी में करें।
४- पेट के निचले हिस्से में किसी भी प्रकार का आप्रेशन हुआ हो तो तितली आसन के अभ्यास से बचें।
Final Words: तितली आसन Titali Asana एक सरल किन्तु अत्यंत महत्वपूर्ण आसन है जो अनेक प्रकार के स्वास्थ्य लाभ देता है। नियमित कुछ समय निकलकर इसका अभ्यास अवश्य करें।
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