Shunya Mudra in Hindi: शून्य मुद्रा कैसे करें तथा उससे होने वाले 7 लाभ

Shunya Mudra: मानव शरीर पांच प्रकृति के पांच तत्वों पृथ्वी, आकाश, जल अग्नि और वायु से मिलकर बना है। इन तत्वों का हमारे मन और शरीर दोनों पर गहरा असर होता है। इन पांचों तत्वों के असंतुलन से ही शरीर में बीमारियां उत्पन्न होती हैं।

शरीर के भिन्न भिन्न अंग तथा इन्द्रियां, भिन्न तत्व से जुड़ी हुई हैं। इन्हें संतुलित रखकर शरीर, मन तथा बुद्धि को स्वस्थ तथा सुखी रखने के लिए ही ऋषि मुनियों में भिन्न मुद्राओं का आविष्कार किया। इन्हीं मुद्राओं में एक महत्वपूर्ण मुद्रा है – शून्य मुद्रा Shunya Mudra!

What is Shunya Mudra in Hindi शून्य मुद्रा क्या है?

योग के भिन्न भिन्न विधियों में अनेक मुद्रा, ध्यान तथा आसान हैं। इन सभी विधियों के अपने अलग अलग काम हैं तथा ये भिन्न भिन्न अवस्थाओं में अलग लाभ देती हैं।

शून्य मुद्रा Shunya Mudra आसन का एक भाव है जो आकाश तत्व से जुड़ा है। यदि इसका शाब्दिक अर्थ लिया जाए तो एक ऐसा भाव जो चंचल मन को शांत कर शून्य की अवस्था में ले जाता है। इसलिए इसे Heaven Mudra हेवेन मुद्रा भी कहा जाता है।

Why to Do Shunya Mudra शून्य मुद्रा क्यों करें

जैसा कि अपने ऊपर पढ़ा, प्रकृति के पांचों तत्व हमारी पांच इन्द्रियों को प्रभावित करते हैं। इन्हीं इन्द्रियों के वशीभूत होकर सम्पूर्ण शरीर काम करता है। आकाश तत्व कान से जुड़ा है जिसका अर्थ है कि जब भी शरीर में आकाश तत्व का असंतुलन होता है, श्रवण प्रक्रिया प्रभावित होती है।

आकाश खुलेपन, स्वतंत्रता, विस्तार एवं प्राकृतिक ध्वनि का प्रतीक है। इन तीनों ही चीजों का असंतुलन जीवन को अस्त व्यस्त करता है। ऐसे में Shunya Mudra शून्य मुद्रा इसका संतुलन करने में प्रभावी मुद्रा है।

आकाश तत्व ना सिर्फ कान बल्कि कान से जुडे़ सभी अंगों को प्रभावित करता है जैसे कि हृदय, सिर इत्यादि। इनसे जुड़ी किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए शून्य मुद्रा Shunya Mudra का प्रतिदिन अभ्यास अत्यन्त लाभदायक है।

How to Do Shunya Mudra शून्य मुद्रा कैसे करें

शून्य मुद्रा का सही तरीके से अभ्यास करने के लिए इन प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दें।

१- ज़मीन पर कोई आसान जैसे कि चटाई बिछाकर बैठ जाएं। पद्मासन अथवा सिद्धासन जो भी आसान में आप आरामदायक महसूस करें, में बैठें। महत्वपूर्ण यह है कि आपकी पीठ सीधी अर्थात रीढ़ की हड्डी सीधी हो।

२- दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें, ध्यान रहे कि हथेलियां आसमान की तरफ़ खुल रही हों। जैसा कि ध्यान प्रक्रिया को प्रभावी बनाने में आंखों का अहम स्थान है तो यदि आप चाहें तो इन्हें खुला रख सकते हैं अथवा बंद कर सकते हैं। मेरा सुझाव है कि बंद कर लें इससे ऊर्जा का बाहरी प्रवाह कम हो जाता है।

३- हाथ की मध्यमा अर्थात बीच की उंगली को बंद करें अर्थ अंदर की तरफ़ मोड़े। अब अंगूठे से मध्यमा उंगली को दबाएं और अन्य तीन उंगलियों को बिल्कुल सीधा रखने की कोशिश करें।

Shunya Mudra Images

४- ठीक इसी प्रकार दूसरे हाथ की उंगलियों को भी इस मुद्रा में लाएं। शून्य मुद्रा में आने के बाद ध्यान को सांसों पर ले जाएं। आप पाएंगे कि आपके सांसों की प्रक्रिया में तुरंत अंतर हो गया है।

५- किसी भी ध्यान का सही तथा प्रभावी परिणाम पाने के लिए कम से कम ४०-४५ मिनट प्रतिदिन अभ्यास आवश्यक है। शून्य मुद्रा में में किया गया ध्यान अत्यधिक प्रभावी होता है। जितना अधिक समय सम्भव हो, शून्य मुद्रा में ध्यान करें।

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Shunya Mudra benefits in Hindi शून्य मुद्रा से होने वाले लाभ

१- जैसा कि Shunya Mudra शून्य मुद्रा ध्वनि से सम्बन्धित है, इसके अभ्यास से कानों से सम्बन्धित समस्याओं जैसे कि कान का बजना, कान में दर्द अथवा कानों का बहना आदि से निजात मिलती है।

२- अक्सर रक्त संचार की कमी से शरीर सूजन अथवा सुन्नपन आ जाता है। ऐसे में शून्य मुद्रा का अभ्यास तुरंत रक्त संचार बढ़ाता है तथा इस समस्या से मुक्ति दिलाता है।

३- Shunya Mudra शून्य मुद्रा के अभ्यास से स्वसन प्रक्रिया प्रभावित होती है। जिसके फलस्वरूप गले के रोग जैसे कि थायराइड अथवा गले में अक्सर होने वाली खरास, आवाज़ का बदलना आदि समस्याएं दूर हो जाती हैं।

४- शून्य मुद्रा गले, हृदय के साथ दांतों की समस्याएं जैसे कि पायरिया के रोग को भी ठीक करने में सहायक है।

५- कुछ परिस्थितियां जब कानों पर दबाव बढ़ता है जैसे कि हवाई यात्रा तथा स्कूबा डाइविंग, ऐसे में शून्य मुद्रा का प्रयोग लाभदायक है। जो लाभ कान में होने वाले रिसाव को रोकने के लिए अथवा किसी नुकसान से बचने के लिए कान में रूई डालने से लाभ होता है। ठीक यही फायदा शून्य मुद्रा के अभ्यास से होता है।

६- अधिक उग्र स्वभाव को शांत तथा व्यवहार में गम्भीरता लाने में शून्य मुद्रा सहायक है। आकाश तत्व के असंतुलन से स्वभाव उग्र, अशांत, जिद्दी तथा कम एकाग्र हो जाता है।। ऐसे में शून्य मुद्रा का प्रतिदिन कुछ मिनटों का अभ्यास अधिक लाभकारी है।

७- Shunya Mudra शून्य मुद्रा का अभ्यास रक्त संचार के प्रवाह को बढ़ाकर आलस खत्म करने में सहायक है। कार्य क्षमता, एकाग्रता बढ़ाने के साथ साथ तनाव कम करने में भी शून्य मुद्रा अत्यन्त असरदार है।

Shunya Mudra शून्य मुद्रा के करते समय ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें

१- शून्य मुद्रा के अभ्यास के दौरान शरीर को ज़मीन से छूने ना दें अर्थात सीधा ज़मीन पर न बैठकर आसान पर ही बैठें।

२- शून्य मुद्रा कभी भी खाली पेट ही करें, ऐसा करने से शरीर पर इस मुद्रा का प्रभाव कम समय में पड़ता है तथा लाभ अधिक होते हैं।

३- शून्य मुद्रा बनाते समय उंगली पर उतना ही दबाव डालें जितना आप लंबे समय तक टिका सकते हैं।

४- किसी कारणवश यदि आप सुबह के बजाय दिन के किसी दूसरे समय में इस मुद्रा का अभ्यास करना चाहते हैं तो ध्यान रहे कि एक घण्टे पहले से कुछ खाएं या पिएं नहीं।

किन परिस्थितियों में शून्य मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए

१- कुछ खाने या पीने के तुरंत बाद इस मुद्रा का अभ्यास ना करें। ऐसा करने से पाचन प्रक्रिया में बाधा होती है जो शरीर के लिए हानिकारक है।

२- यदि आपके अंगूठे या मध्यमा उंगली में किसी तरह की चोट है या हड्डियों में तकलीफ़ है तो जबरदस्ती ना करें। इसका उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।

३- ध्यान तथा इस Shunya Mudra मुद्रा के अभ्यास के लिए रीढ़ की हड्डी का स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

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Shunya Mudra side effects in Hindi

यदि सही तरीके तथा ऊपर बताई हुई बातों को ध्यान में रखकर शून्य मुद्रा का अभ्यास किया जाता है तो इसके लाभ हैं कोई। साइड इफेक्ट नहीं।

मेरा सुझाव रहेगा कि आप शुरू में किसी शिक्षक की देख देख में इस मुद्रा का आरम्भ करें। अपने पूर्व स्वास्थ्य को नज़र में रखकर इस मुद्रा का अभ्यास करें।

Shunya Mudra for Vertigo in Hindi

Shunya Mudra Images for Vertigo

जैसा कि अपने ऊपर पढ़ा कि शून्य मुद्रा कान से सम्बन्धित बीमारियों के लिए अत्यधिक लाभ कारी है। वर्टिगो मस्तिष्क में होने वाली रक्त संचार के सुचारु प्रवाह के रुक जाने की वजह से होता है।

मस्तिष्क की कोशिकाओं को यदि अक्सीजन की प्रचुर मात्रा ना मिले तो गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। शून्य मुद्रा का सबसे गहरा प्रभाव मस्तिष्क की कोशिकाओं पर पड़ता है। रक्त प्रवाह में यदि कोई रुकावट होती है तो उसे दूर करने संतुलित करता है।

इस प्रकार वर्टिगो की हालत में शून्य मुद्रा का प्रतिदिन या फिर दिन में दो बार १५- २० मिनट का अभ्यास उपयोगी है।

Shunya Mudra for Thyroid in Hindi

प्रतिदिन कम से कम आधे घण्टे के शून्य मुद्रा का असर गले तथा थी थायराइड ग्रंथि पर असर करता है। फलस्वरूप गले या गले के आप पास किसी भी प्रकार की बीमारियां ठीक होने लगती हैं।

Final Words: शून्य मुद्रा ना सिर्फ शारीरिक बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करती है। यदि आपको यह लेख लाभदायक लगे तो दूसरों के साथ ज़रूर साझा करें।

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