Short Essay on MahaShivratri in Hindi: नमस्कार, स्वागत है आपका एक नए article में। हम अत्यंत भाग्यशाली हैं जो हमारा जन्म इस पृथ्वी के सबसे तिलिस्मी स्थान यानि भारत में हुआ है। यहां हर धर्म जाति के लोग रहते हैं। अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं, कुछ त्योहार आपसी प्रेम संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए कुछ हमारी स्व उन्नति के लिए।
पर एक बात तो पक्की है की हर त्योहार के पिछे कोई न कोई खगोलीय यानी प्लेनेटरी मूवमेंट या सरल शब्दो में कहूं तो वैज्ञानिक कारण होते हैं जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। आज के इस article में हम ऐसे ही एक अद्भुद त्योहार के बारे में जानेंगे जिसे हम महाशिवरात्रि के नाम से जानते हैं।
महाशिवरात्रि मानने के पिछे का वैज्ञानिकों कारण जानेंगे जो हमारी स्पिरिचुअल एक्टिविटीज को अधिक प्रभावी बनाकर हमारे जीवन को प्रभावित करती है।
Short Essay on MahaShivratri in Hindi
वैसे तो साल के ३६५ दिनों में १२-१३ शिवरात्रि आती हैं, किंतु ये वाली महाशिवरात्रि जिसे हम ek त्योहार के रूप में मनाते हैं, यह कुछ विशेष होती है। यह उन सभी शिवरात्रियों में से विशेष हैं क्योंकि यह रात्रि साल की सबसे अंधेरी रात्रि होती है।
वैज्ञानिक शब्दों में कहूं तो हमारी पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है। साल में दो रात ऐसी रात्रि होती है जब सम्पूर्ण पृथ्वी पर एक ही समय होता है। यह रात्रि इसी खगोलीय गति विधियों से पप्रभावित है।
इस रात्रि में हमारे ब्रह्माण्ड में कुछ विशेष गतिविधियां होती हैं जो सीधा सीधा हमारे शरीर और मन बुद्धि को प्रभावित करती हैं।
तो आप सभी आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वाले अनुभवी लोग हैं तो मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को ऊर्जा का महत्त्व समझाने की आवश्यकता तो नहीं होगी। हम अपने शरीर में हो रहे ऊर्जा के प्रवाह को ऊपर की ओर प्रवाहित करने के लिए कितनी सारी साधनाएं और एक्टिवाइटिस करते हैं।
यह रात्रि, यानि महाशिवरात्रि एक ऐसी तिलस्मी रात्रि है जब पूरे प्लैनेट से ऊर्जा का प्रवाह प्राकृतिक रूप से बिना कुछ किए ऊपर की ओर प्रवाहित होती है।
चाहे कोई योगी हैं, भोगी है, रेकी साधक हैं, आम व्यक्ति या कोई अज्ञानी है, शरीर में ऊर्जा का प्रवाह ऊपर की ओर ही होता है। यही कारण हैं कि योगी और ध्यानी व्यक्ति इस रात को सोकर व्यर्थ नहीं करता बल्कि इसका भरपूर लाभ लेने के लिए जागरण करता है।
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Short Essay on MahaShivratri in Hindi
यह रात्रि आपके जीवन को मैजिकल रूप से बदल के रख सकती है। आप सभी जानते हैं कि यदि शरीर की ऊर्जा नीचे से ऊपर की ओर प्रवाहित होनी शुरु हो जाए तो व्यक्ति इस सांसारिक मायाजाल से ऊपर उठ जाता है। अपने जीवन में हो रही घटनाओं को कंट्रोल कर सकता है।
अपने जीवन में आध्यात्मिक ग्रोथ और भौतिक एवं आध्यात्मिक बैलेंस के लिए ही लोग मैडिटेशन की ओर आकर्षित होते हैं। ईश्वर की आराधना करते हैं, भिन्न भिन्न साधनाएं करते हैं। महा शिवरात्रि एक ऐसी अद्भुत रात्रि है जब आप ऊर्जा के प्रवाह के साथ अपने जीवन को एक नया मोड़ दे सकते हैं।
तो अब जानते हैं कि यह बदलाव कैसे होता है। तो हमारे में ऊर्जा के जो मुख्य केंद्र हैं वे हमारी रीढ़ की हड्डियों में हैं। इन्हीं केंद्रों से होकर ऊर्जा हमारे शरीर में प्रवाहित होती रहती है। यही कारण है कि रेकी साधक अपनी साधनाएं, या मैडिटेशन सीधा बैठकर करते हैं। ताकि चक्रों को उर्जा मिले और सम्पूर्ण शरीर को इसका लाभ मिले।
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Short Essay on MahaShivratri in Hindi
जैसा कि मैंने पहले ही कहा, महाशिवरात्रि की रात ऊर्जा शरीर से स्वतः ऊपर की ओर प्रवाहित होती है, ऐसे में आपको कुछ और करने की आवश्यकता नहीं। बस जागरण कर अपने रीढ़ की हड्डी को सीधी रखनी है। साथ में अपने ईंटेशन, अपनी भावना, अपने लाइफ पर्पज को क्लियर रखना है।
यह वो जादुई रात है जो आपको अपने इष्ट से, ब्रह्माण्ड से मिलने का,। एक होने का अवसर प्रदान करती है।। तो इसका लाभ उठाएं,। सोकर इस तिलिस्मी खजाने को बर्बाद न जानें दें बल्कि इसे अनुभव करें। इसका अपने जीवन में,। अपने शरीरिक स्वास्थय,। मानसिक बदलाव और आध्यात्मिक ग्रोथ के लिए यूज करें।
इस रात्रि ईशा फाउंडेशन जो कि एक जाना माना केंद्र हैं जहां पर यौगिक क्रियाएं की जाती हैं, जिसके संस्थापक सद्गुरु को कौन नहीं जानता। इस स्थान पर जागरण होता है,। मंत्र जाप होता है, अनेकों कार्यक्रम होते हैं, यह बताने का कारण यह है कि इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाता है तो आप चाहें तो इसे देखकर अपना जागरण पूरा कर सकते हैं।
इस प्रसार महाशिवरात्रि की रात्रि महज़ हिंदू धर्म के लिए नहीं है बल्कि पूरे पृथ्वी पर रहने वाले सभी मनुष्यों के लिए विशेष है। उम्मीद है इस वीडियो के बाद आप इन वैज्ञानिक तथ्यों को जानने के बाद, इस रात्रि को जागरण कर इसका लाभ उठाएंगे। और अपनी अध्यामतिक यात्रा को और विकसित करेंगे।
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तब तक के लिए स्वस्थ रहें और आपका दिन शुभ हो।
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