Shirshasana in Hindi: शीर्षासन अभ्यास का सही तरीका एवं 9 जादुई लाभ

Shirshasana Yoga in Hindi कभी आपने सोचा है कि हाथ में चलाने वाले मोबाइल की अच्छे स्पीड रखने के लिए और फोटो के लिए जगह रहे इसके लिए क्या क्या करते हैं? गति( स्पीड ) के लिए जंक फाइल डिलीट करते हैं, जगह (स्पेस) के लिए काम में ना आने वाले फोटोज और फाइल को डिलीट करते हैं। सोचने वाली बात यह है कि कभी अपने मस्तिष्क का इतना खयाल रखा है?

घर के किसी कोने में कोई गंदगी ना रहे इसके लिए रोज़ सुबह झाड़ू पोछा करने में एक घंटे का समय देते हैं। जब जीवन का हर कोना साफ़ सुथरा पसंद है तो वह मशीन जो आपको चलने फिरने तथा सोचने समझने की शक्ति देती है उसका कितना खयाल रखना चाहिए?

उम्मीद है आप समझ ही गए होंगे कि मैं आपसे क्या और किस मशीन के बारे में बात करना चाह रही हूं। जी हां, मैं आपके उस तिलस्मी मस्तिष्क की बात कर रही हूं जो ना सिर्फ़ इस शरीर को चलाता है बल्कि जीवन के हर फैसले लेता है, हर मुश्किलों से निपटने का रास्ता दिखाता है।

योगियों ने इस मशीन अर्थात मस्तिष्क का खयाल रखने के लिए शीर्षासन का आविष्कार किया। शीर्षासन हठ योग का अत्यंत महत्वपूर्ण आसन है। दिखने में अत्यंत कठिन लगने वाला यह आसन अत्यंत लाभदायक है। यह ना सिर्फ़ शरीर बल्कि मन एवं बुद्धि को अच्छा स्वास्थ्य तथा ताज़गी प्रदान करता है।

MysticMind के इस आर्टिकल में Mind अर्थात मन एवं मस्तिष्क का खास खयाल खयाल रखने वाले एवं अनेकों शारीरिक लाभ देने वाले शीर्षासन के बारे में विस्तार से जानकारी लेंगे।

इससे पहले कि शीर्षासन करने की सही विधि एवं लाभ को जानें, देखते हैं कि यह शब्द शीर्षासन क्या है?

What is Shirshasana in Hindi

अंग्रेजी में Headstand Pose के नाम से प्रचलित शीर्षासन संस्कृत के दो शब्द शीर्ष एवं आसन से मिलकर बना है। शीर्ष का अर्थ सिर एवं आसन का अर्थ खड़े एवं बैठने की अवस्था होता है, इस प्रकार शीर्षासन का अर्थ शरीर की वह अवस्था जहां सम्पूर्ण शरीर सिर पर निर्भर होता है।

अन्य शब्दों में “सलंबा शीर्षासन” के नाम से जाने वाले इस आसन को करने के लिए सम्पूर्ण शरीर को सिर के ऊपर संतुलित रखना पड़ता है। यही कारण है कि यह आसन सलंबा आसन के नाम से भी जाना जाता है।

जितना मुश्किल इस आसन का सही अभ्यास है उतना ही अद्भुत इसके अभ्यास के लाभ हैं। शीर्षासन Shirshasana के अभ्यास से होने वाले लाभों को जानने से पहले इस आसन को करने की सही विधि का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है।

Shirshasana Yoga शीर्षासन योग से पहले किए जाने वाले आसन

आसनों की क्रमबद्ध तरीके से करने में अधिक फायदा है। इससे शरीर, मन दोनों ही आसनों की कठिनाई के लिए तैयार हो जाते हैं। शीर्षासन के पहले कर्णापीड़ासन, ऊर्ध्व पद्मासन, पिंडासन, मत्स्यासन तथा उत्तान पादासन करने से शीर्षासन का अभ्यास सरल हो जाता है।

How To do Shirshasana in Hindi

मुश्किल से दिखने वाले इस आसन को सही तरीके से करना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा एक गलती भारी पड़ सकती है। इसलिए Shirshasana Steps in Hindi को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

१- सर्वप्रथम शांत एवं हवादार स्थान पर योगा मैट पर वज्रासन में बैठ जाएं। आंखेंबंद कर लंबी गहरी सांस लेकर सांस को भीतर रोके। रखें फिर बाहर छोड़ दें। आठ से दस बार सांसों का अभ्यास कर मन को शांत एवं ध्यान को वर्तमान में लाएं तथा शीर्षासन के अभ्यास के लिए तैयार हो जाएं।

२- दोनों हाथों की उंगलियों में एक दूसरे को उलझाएंअर्थात इंटरलॉक कर दें। सामने की और झुकते हुए हाथों को ज़मीन पर टिका दें।

३- अब सिर के अगले हिस्से को हथेलियों के बीच टिका कर दाहिने पैर को घुटने से मोड़कर उपर की पर उठाएं। फिर बाएं पैर को भी घुटने से मोड़कर दाहिने पैर के बराबर ले जाएं।

४- अब दोनों पैरों को ऊपर उठाकर ले जाकर सीधा करें।। इस दौरान सम्पूर्ण शरीर का वजन बाहों तथा हथेलियों पर पड़ेगा।

Shirshasana Images

५- सम्पूर्ण शरीर के उल्टा अथवा पैर ऊपर एवं सिर नीचे होने पर शरीर को बिल्कुल सीधा रखें तथा। सांसों पर ध्यान दें। मन में एक से लेकर १५ अथवा बीस तक की गिनती गिनें।

६- अब नीचे आने के लिए दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर आधा नीचे की तरफ लाएं। कुछ सेकंड के लिए रुकें फिर पैरों को ज़मीन पर रख कर दोबारा वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं।

७- इस प्रकार शीर्षासन का एक चक्र पूरा हुआ, नियमित अभ्यास के लिए कोशिश करें कि तीन से चार चक्र शीर्षासन का पूरा करें।

Shirshasana Benefits in Hindi/ Advantages Of Shirshasana

यकीन कीजिए, Shirshasana Yoga Benefits के बारे में जानने के बाद आप स्वयं कोशिश करेंगे कि कम से कम एक चक्र नियमित अभ्यास करें। चलिए, देखते हैं कि Benefits of shirshasana in Hindi कौन कौन से हैं।

Shirshasana Benefits Images

१- सर्वप्रथम शीर्षासन योग Shirshasana के अभ्यास से शरीर के साथ साथ मन ध्यान को लंबे समय तक संतुलित रखने में मदद मिलती है। शरीर तथा मन का संतुलन विचारों में प्राकृतिक तरीके से संतुलन ला देता है।

२- सिर, जिसके इर्द गिर्द इस शरीर को चलाने वाली सभी इन्द्रियां अथवा संवेदी अंगो जैसे कि आंख, नाक, कान, मुख में रक्त संचार संतुलित होता है तथा इसे संबंधित सभी विकार दूर होते हैं।

३- शीर्षासन Shirshasana का अभ्यास करने वालों का ध्यान उतना ही संतुलित एवं शक्तिशाली होता है जितना कि नियमित ध्यान अभ्यासी अथवा किसी योगी का। इसलिए यदि आपको मेडिटेशन में मुश्किल हो रही है तो कुछ दिनों तक शीर्षासन का अभ्यास करें।

४- Shirshasana Benefits for hair in Hindi सामान्य रूप से मनुष्य कभी सिर के लिए कोई व्यायाम नहीं करता, किन्तु शीर्षासन के अभ्यास से सिर पर सम्पूर्ण शरीर का भार पड़ता है। सिर में रक्त संचार बढ़ने लगता है तथा बालों से संबंधित समस्याएं दूर हो जाती है। बाल झड़ने, रूसी अथवा अन्य समस्याओं के दूर होने से बल लंबे घने एवं मजबूत बनते हैं।

४- सिरदर्द एवं अनिद्रा से परेशान लोगों के लिए शीर्षासन रामबाण जैसा काम करता है। सिरदर्द शरीर में पर्याप्तरक्त संचार ना होने तथा अनिद्रा अधिक सोचने की वजह से होती है। शीर्षासन Shirshasana का अभ्यास रक्त संचार संतुलित करने के साथ अधिक सोचने की बीमारी से भी बचाता है। इस प्रकार सिर दर्द एवं अनिद्रा से मुक्ति मिलती है।

५- सिर के आस पास के अंग जैसे कि चेहरे, गर्दन इत्यादि में भरपूर रक्तसंचर होने से चेहरे पर मुहांसे अथवा आंखों के नीचे काले घेरों की समस्या दूर होती है। चेहरे तथा आंखों में प्राकृतिक पर चमक आ जाती है।

६- बीमारियों की मुख्य जड़ पेट से शुरू होती है, शीर्षासन पेट के मुख्य अंगों जैसे किडनी, लीवर, इत्यादि पाचन अंगों में रक्त संचार बढ़ाता है। पाचन तंत्र तंदुरुस्त होने से अन्य बीमारियों जैसे कि मधुमेह, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप की संभावना कम हो जाती है।

७- तनाव, अवसाद, चिंता से मुक्ति पाने में शीर्षासन का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। नियमित दो से तीन चक्र का शीर्षासन मन को शांति के साथ किसी भ मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाता है।

८- पिट्यूटरी ग्रंथि तथा पिनियाल ग्लैंड को सक्रिय कर फ़ोकस के साथ लम्बाई बढ़ने में भी मदद करता है। तीसरी आंख अथवा आज्ञा चक्र को सक्रिय करने में शीर्षासन अत्यंत लाभकारी है।

आज्ञा चक्र के सक्रिय होने से लाभ जानने के लिए नीचे लिंक पर जाएं।

आज्ञा चक्र कैसे सक्रिय करें तथा इससे होने वाले लाभ

८- शरीर के उल्टे होने से चक्रों में संतुलन होने लगता है। फलस्वरूप कुण्डलिनी शक्ति के जागने में मदद होती है तथा इस शक्ति का भरपूर लाभ लिया जा सकता है।

कुण्डलिनी शक्ति के बारे में अधिक जानने के लिए नीचे लिंक पर जाएं।

कुण्डलिनी शक्ति से मिलने वाले लाभ

९- शीर्षासन Shirshasana के नियमित अभ्यास से कब्ज़, अस्थमा, साइनस, माइग्रेन, यहां तक कि बांझपन से मुक्ति पाने में भी मदद मिलती है।

Also Read: Balasana Benefits in Hindi बालासन के लाभ

Shirshasana Time in Hindi/ Shirshasana Duration

वैसे तो आजकल सामान्य रूप से दो से पांच मिनट तक का अभ्यास करने के लिए सुझाव दिया जाता है।
हठ योग प्रदीपिका के अनुसार एक व्यक्ति तीन घंटे टक का अभ्यास भी कर सकता है। मेरा मानना है कि सामान्य व्यक्ति के लिए आजकल ये संभव नहीं है।

फ़िर भी आपके लिए जितना समय संभव हो अधिक से अधिक समय तक करें।

Shirshasana Side effects in Hindi

सावधानीपूर्वक तथा सही तरह से लिए गए शीर्षासन का कोई side effects तो नहीं है किन्तु गलत तरीके अथवा गर्दन पर ही सम्पूर्ण शरीर का भार डाल देने से परिणाम गलत हो सकते हैं।

इसलिए हमारा सुझाव यही है कि शीर्षासन का अभ्यास शुरुआती दिनों में योग्य शिक्षक की निगरानी में ही करें।

Shirshasana for Beginners in Hindi

शुरू के दिनों में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें क्योंकि शीर्षासन कई बीमारियों की हालत में पूर्ण रूप से वर्जित है। आगे सावधानियों में आपको जानकारी मिल जाएगी।

चिकित्सक की सलाह के बाद योग्य शिक्षक की निगरानी में शुरुआत करें ताकि कोई ग़लती ना है तथा इसका लाभ भी मिले।

शुरू में एक साथ शरीर को ऊपर उठाने के बजाय आप दीवार का सहारा ले सकते हैं। अथवा किसी व्यक्ति को आपके पैर सीधा कर पकड़ने की मदद मांग सकते हैं। समय तथा नियमित अभ्यास से आप स्वयं शरीर का संतुलन करने में सक्षम हो जाएंगे।

Shirshasana Yoga शीर्षासन अभ्यास में सावधानियां

Shirshasana Precautions

शीर्षासन के अभ्यास से पूर्व निम्न बातों का अवश्य ध्यान रखें।

१- महिलाएं मासिक धर्म के दरमियान शीर्षासन का अभ्यास ना करें।

२- सर्फी कफ अथवा गर्दन में किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में शीर्षासन Shirshasana का अभ्यास ना करें।

३- उच्च रक्तचाप, माइग्रेन अथवा अन्य किसी गंभीर बीमारी की दशा में चिकित्सक की सलाह के बिना शीर्षासन का अभ्यास ना करें।

४- मेरुदंड अथवा किसी अन्य हड्डियों में कोई समस्या हो तो पहले डॉक्टर की सलाह लें फिर योग्य शिक्षक की निगरानी में शीर्षासन का अभ्यास करें।

५- शीर्षासन Shirshasana के अभ्यास के बाद बालासन का अभ्यास तथा योगासनों के बाद शवासन का अभ्यास अवश्य करें।

६- शुरुआती दिनों में जितना आसानी से संभव हो उतना ही करें। अपने शरीर के साथ कोई ज़ोर ज़बरदस्ती ना करें जिससे आपको कोई हानि हो।

Shirshasana Yoga शीर्षासन के बाद किए जाने वाले आसन

शीर्षासन के बाद आसनों का सम्पूर्ण लाभ पाने के लिए तथा थकान दूर करने के लिए बालासन, बद्ध पद्मासन, योगमुद्रा, पद्मासन, तुलासन तथा अंत में शवासन का अभ्यास करें।

Final Words: उम्मीद है शीर्षासन योग Shirshasana Yoga से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर आपको मिल गए होंगे। दिन में कुछ समय निकलकर अपने स्वास्थ्य के प्रति पपरवाह करना तथा आसनों का अभ्यास करना अनेक बीमारियों से बचाता है।

यदि आर्टिकल मददगार लगा हो तो दूसरों के साथ साझा कर उनकी भी मदद करें।

भवतु सब्बै मंगलम!

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