Shani Chalisa in Hindi- नव ग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह शनि को माना जाता है। इनकी कुदृष्टि से राजा रंक एवं सुदृष्टि से रंक भी राजा बन जाता है।
शनि देव को प्रसन्न करने के अनेकों उपाय हैं जिनमें से मुख्य रूप से शनि मंत्र एवं शनि चालीसा का नियमित पाठ करना है।
MysticMind के इस आर्टिकल में हम शनि चालीसा/Shani Chalisa in Hindi हिंदी शब्दों में विस्तार से प्रस्तुत करेंगे।
शनि चालीसा के शब्दों के साथ साथ इसके पाठ से होने वाले लाभों एवं विधि के बारे में भी जानकारी देंगे।
नियमित रूप से शनि चालीसा Shani Chalisa का पाठ करने वालों के अनेक फ़ायदे होते हैं। आइए, शनि चालीसा पाठ से मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
शनि चालीसा के फायदे Shani Chalisa Benefits in Hindi
#१ शनि चालीसा पढ़ने से ग्रहों में अत्यंत शक्तिशाली ग्रह शनि के प्रकोप से बचा तथा जीवन से नकारात्मक प्रभावों को दूर किया जा सकता है।
#२ नियमित रूप से शनिवार को शनि देव को पूजा अर्चना इन शनि चालीसा का पाठ करने वालों के किसी भी कार्य में बाधा नहीं आती है।
#३ शनि चालीसा Shani Chalisa का पाठ राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने तथा जीवन में शांति लाने में मदद करता है
#४ सालों से चली आ रही गरीबी को दूर कर जीवन में धन संपदा, एवं सुख सुविधा लाने में शनि चालीसा का पाठ मदद करता है।
#५ शनिवार के दिन Shani Chalisa का पाठ शनि देव को प्रसन्न करता है। शनि देव की प्रसन्नता अर्थात जीवन में सुखों का आगमन होता है।
#६ शनिवार के दिन शनि मंदिर में पवित्र मन से तेल अर्पण करने, एवं शनि चालीसा का पाठ करने वालों को शनिदेव राजा बना देते हैं।
#७ नियमित रूप से शनि चालीसा Shani Chalisa के पाठ करने वालों के जीवन से नकारात्मकता दूर होती है, बीमारियां दूर भागती हैं तथा सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शनि चालीसा Shani Dev chalisa in Hindi
Doha
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
धीमन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल।।
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय राघव जन की लाज।।
Shani Chalisa
जयति जयति शनिदेव दयाला, करत सदा भक्तन प्रतिपाला।
चारभुजा तनु श्याम विराजे, माथे रतन मुकुट छवि छाजै।।
परम विशाल मनोहर वाला, टढ़ी दृष्टि वृकुटी विक्राला।
कुंडल श्रवण चमा चम चमके, हिय माल मुक्तन दणी दमके।।
कर में गदा त्रिशूल कुठारा, पल बिच करें अरिही संहारा।
पिंगल कृष्णो छाया नंदन, यम कोणस्थ रूद्र दुख भंजन।।
सौरी मंद शनि दस नामा, भानु पुत्र पूजहिं सब कामा।
जहां पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जहिं, रंकहि राव करें क्षण माहीं।।
पर्वतहुं तृण होई निहारत, तृणहुं को पर्वत करि डारत।
राज मिलत बन रामहिं दीन्हों, कैकेईहूं की मति हरि लिन्हों।।
बीनहूं में मृग कपट दिखाई, मातु जानकी गई चुराई।
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा, मचिगा दल में हाहाकारा।

रावण की गति मति बौराई, रामचंद्र सो बैर बढ़ाई।
दीयों कीट करि कंचन लंका, बची बजरंग बीर की डंका।।
डनृप विक्रम पर तुहि पगु धारा, चित्र मयूर निकल गै हारा।
हार नौलखा लाग्यो चोरी, हाथ पैर डरवायो तोरी।।
भारी दशा निकृष्ट दिखायो, तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो।
विनय राग दीपक महं कीन्हों, तब प्रसन्न ह्वैं सुख दीन्हों।।
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी, आपहुं भरे डोम घर पानी ।
तैसे नल पर दशा सिरानी, भूंजी-मीन कूद गई पानी ।।
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई, पारवती को सती कराई।
तनिक विलोकत ही करि रीसा, नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा।।
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी, बची द्रौपदी होति उघारी।
कौरव के भी गति मति मारयो, युद्ध महाभारत करि डारयो।।
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला, लेकर कूदि परयो पाताला।
शेष देव-लखि विनती लाई, रवि को मुख ते दियो छुड़ाई।।
वाहन प्रभु के सात सुजाना, जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना।
जम्बुक सिंह आदि नख धारी, सो फल ज्योतिष कहत पुकारी।।
Shani Chalisa In Hindi
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं, हय ते सुख सम्पति उपजावैं।
गर्दभ हानि करै बहु काजा, सिंह सिद्धकर राज समाजा।।
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै, मृग दे कष्ट प्राण संहारै।
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी, चोरी आदि होय डर भारी।।
तैसहि चारि चरण यह नामा, स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा।
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं, धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं।।
समता ताम्र रजत शुभकारी, स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी।
जो यह शनि चरित्र नित गावै, कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै।।
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला, करैं शत्रु के नशि बलि ढीला।
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई, विधिवत शनि ग्रह शांति कराई।।
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत, दीप दान दै बहु सुख पावत।
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा, शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा।।
दोहा
पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि चालीसा/ Shani Chalisa in Hindi के साथ शनि स्तुति का पाठ भी हितकारी है। शनि की सुदृष्टी का संपूर्ण फल पाने के लिए शनि स्तुति भी कर सकते हैं।
शनि स्तुति/ Shani Stuti in Hindi
म: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।
नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।
तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।
देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।
शनिदेव की विधिवत पूजा स्तुति, Shani Chalisa के बाद उनकी आरती अवश्य उतारें। जिस प्रकार अन्य देवों की आरती से देवता प्रसन्न होते हैं तथा उनका आशीर्वाद मिलता है। ठीक उसी प्रकार शनिदेव की प्रसन्नता जीवन से दरिद्रता को दूर कर खुशियों को निमंत्रित करती है।
श्री शनिदेव की आरती/ Shani Aarti in Hindi
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि….
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि देव….
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनि देव….
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय जय श्री शनि देव….
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥जय जय श्री शनि देव….
शनि की दृष्टि बदलने तथा कृपा पाने के लिए शनि चालीसा/Shani Chalisa के साथ शनि मंत्रों का जप भी लाभकारी होता है। नियमित १०८ बार शनि मंत्र का उच्चारण करने से शनि दोष दूर होते हैं।
साथ ही जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होने लगते हैं।
शनि देव मंत्र। Shani Mantra In Hindi
#१ ॐ शं शनैश्चराय नमः
#२ ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
#३ ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।।
#४ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम
उपर्युक्त किसी भी मंत्र का विधिवत जप शनि देव को प्रसन्न करने में मदद करता है।
FAQS
#1 When can you read Shani chalisa?
शनि चालीसा/Shani Chalisa पाठ का सर्वोत्तम समय ब्रह्मा मुहूर्त है। ब्रह्मा मुहूर्त के समय जब सभी प्राणी दो रहे होते हैं, उठकर कुश से बने आसन पर उत्तर दिशा में मुख करके शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए।
यदि आप शनि दोष निवारण के लिए शनि चालीसा Shani Chalisa का पाठ करना चाह रहे हैं तो ऐसे में हनुमान चालीसा का पाठ भी अत्यंत प्रभावी है।
शुक्ल पक्ष के मंगलवार अथवा शनिवार से शुरू कर तीन महीने तक दिन में ११ बार किया गया हनुमान चालीसा का पाठ जल्दी राहत दिलाता है।
Final Word: उम्मीद है शनि देव के चालीसा/Shani Chalisa, मंत्र एवं स्तुति का सही प्रयोग कर आप अपने जीवन में सफलता, स्वास्थ्य एवं शांति का लाभ ले सकेंगे।
यदि आपको यह लेख ज्ञानवर्धक एवं लाभकारी लगा हो तो दूसरों के साझा कर उनका मार्ग दर्शन अवश्य करें।
इस लेख को लाइक करना न भूलें तथा कोई संबंधित प्रश्न हो तो कॉमेंट बॉक्स में अवश्य करें।
सबका मंगल हो
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