Shambhavi Mahamudra in Hindi:शांभवी मुद्रा के13 जादुई लाभ

Shambhavi Mahamudra- ईश्वर ने मनुष्य को ज़मीन पर चलने के लिए तथा पक्षियों को आसमान में उड़ने के लिए बनाया है। प्राकृतिक नियमानुसार मछलियों को समुद्र में तैरने के लिए बनाया है। किन्तु आज मनुष्य आसमान में उड़ भी रहा है तथा पानी में तैर भी रहा है।

यदि आपने हवाई यात्रा की है या पानी में स्कूबा डाइविंग की है तो आपको कुछ अनुभव हुए होंगे। इन दोनों ही हालातों में कान में असहनीय दर्द होता है। यहां इस बात को कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि मनुष्य आज इतना आज़ाद और मशीनरी इतनी एडवांस हो गई है कि कुछ भी कर लेता है।

इन सारी उपलब्धियों का दुष्परिणाम भी मिला है। चिंता, स्ट्रेस, डिप्रेशन, आदि इसी का परिणाम है। मनुष्य इन उपलब्धियों की प्राप्ति में इतना उलझ गया है कि स्वयं से ही संबंध तोड़ चुका है।

कम शब्दों में कहूं तो किसी भी प्रकार का ध्यान आपका संबंध फिर से आपसे जोड़ता है। शांभवी मुद्रा Shambhavi Mahamudra बाहरी सारी चीजों से अलग कर आपको ध्यान की गहराई में आसानी से जाने में मदद करती है।

What is Isha Shambhavi Mahamudra in Hindi

अध्यात्म तथा योग जगत में शांभवी मुद्रा को महामुद्रा अथवा शिव मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। भगवान भोलेनाथ को शंभू के नाम से भी जाना जाता है, इसी नाम से प्रेरित होकर इस मुद्रा का नाम शांभवी पड़ा।

यदि आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि शिवजी जब ध्यान में होते हैं तो उनके दोनों नेत्र अर्धखुले होते हैं। उनकी इसी मुद्रा को शाभवी मुद्रा कहते हैं। यह मुद्रा अन्य मुद्राओं से कठिन किन्तु अत्यंत लाभदाई है इसलिए इसे शांभवी भी महामुद्रा Shambhavi Mahamudra कहा गया है।

ध्यानी व्यक्ति किसी भी मुद्रा को आसानी से कर लेता है। किन्तु यदि आप नए हैं तथा इस मुद्रा का लाभ लेना चाहते हैं तो इसको विस्तार से समझ लीजिए। यदि आपको ध्यान अर्थात मेडिटेशन के बारे में विस्तार में पढ़ना है तो यहां पढ़ सकते हैं।

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यह मुद्रा अन्य ध्यान की विधियों से अलग है। इसलिए इसे Shambhavi Mahamudra Kriya कहते हैं। क्रिया का शाब्दिक अर्थ ही होता है- किसी भी कार्य को करना। जैसे अन्य यौगिक क्रियाएं पूरी तल्लीनता से करनी होती है वैसे ही इस मुद्रा को करने के लिए भी प्रक्रिया है।

How to Practice Isha Shambhavi Mahamudra in Hindi

किसी भी मुद्रा या ध्यान को करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। या यूं कहें कि इनको सही तरीके से करने के कुछ नियम और shambhavi mudra steps होते हैं।

तो चलिए देखते हैं कि How to Perform Isha Shambhavi Mahamudra kriya जिससे इसका भरपूर लाभ मिल सके।

१- आरामदायक, हवादार तथा शांत स्थान के साथ समय का चुनाव करें। ये दोनों इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक ही स्थान तथा एक ही समय पर की गई क्रिया अधिक प्रभावी होती है।

२- Isha Shambhavi Mahamudra के लिए पदमासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन या सुखासन में से जिस भी आसान में आप क्रिया पूर्ण होने तक स्वयं को स्थिर रख सकते हैं, उस आसान में बैठ जाएं।

Shambhavi Mahamudra- GyanMudra

३- हाथों की उंगलियों को ज्ञान अथवा चिन मुद्रा में स्थिर कर पैरों के घुटनों पर टिका दें।

४- रीढ़ की हड्डी का किसी भी क्रिया या ध्यान में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। इस एकदम सीधी रखें।

५- ४ से ५ लंबी गहरी सांस लें, कुछ देर तक स्वांस को अंदर रोककर रखें तथा फिर मुंह से छोड़ दें। एक बार अपनी अवस्था देख लें कि आप पूर्ण रूप से शांभवी महामुद्रा Isha Shambhavi Mahamudra को करने के लिए तैयार हैं।

६- अपनी आंखों को अर्धखुली अवस्था में रखें तथा दोनों भौहों के बीच में ध्यान को स्थिर करें।

Shambhavi Mahamudra in Hindi

७- कुछ असहजता जैसे कि चक्कर आना या आंखों में दर्द ये सिर में दर्द का अनुभव हो सकता है। इसलिए स्वयं को Force ना करके, सहज करने की कोशिश करें।

८- जब भी ज्यादा असहज महसूस हो या दर्द हो आंखों को normal अवस्था में लाएं। दोबारा से उसे भृकुटी के मध्य में टिकाने की कोशिश करें।

कुछ दिनों के निरंतर अभ्यास से इस Isha Shambhavi Mahamudra मुद्रा में लंबे समय तक बने रहना बिलकुल आसान हो जाएगा।

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Isha Shambhavi Mahamudra Benefits in Hindi

यदि आप इस मुद्रा को नियमित रूप से करते हैं तो समय के साथ आपको अनगिनत फ़ायदे देखने के लिए मिलेंगे।

१- Bhysical Benefits शारीरिक फ़ायदे

१- शांभवी मुद्रा के प्रयोग से आंखों से संबंधित समस्याएं ठीक होती हैं। अक्सर मनुष्य आंखों के लिए कोई विशेष व्यायाम नहीं करता हो कि अति आवश्यक है। यह मुद्रा नेत्र की सभी कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर उसे स्वस्थ तथा सुदृढ़ करती है।

२- इस मुद्रा से मस्तिष्क के खास हिस्से में हलचल होने लगती है। परिणास्वरूप नए बनने वाले न्यूरॉन की मात्रा बढ़ जाती है तथा ये न्यूरॉन संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभावी होते हैं।

३- शांभवी मुद्रा Isha Shambhavi Mahamudra का निरंतर अभ्यास व्यक्ति को मधुमेह, माइग्रेन या मोटापे आदि की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हुआ है।

४- मस्तिष्क में बन रहे नए तथा स्वस्थ न्यूरॉन रोग प्रतिकार शक्ति को बढ़ाकर बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।

५- शांभवी मुद्रा Anti Aging का भी लाभ देती है। शरीर को संपूर्ण स्वस्थ कर उम्र का प्रभाव शरीर पर नही पड़ने देती।

२- Mental Benefits मानसिक लाभ

१- शांभवी मुद्रा सीधा मस्तिष्क पर असर करती है जो कि इस शरीर को चलाने वाला इंजन है। निरंतर चलने वाले मस्तिष्क की गति धीमी हो जाती है। दूसरे शब्दों में, शांभवी मुद्रा से मन को आराम मिलता है।

२- मस्तिष्क संबंधी समस्याएं जैसे कि अनिद्रा, किसी भी प्रकार का तनाव तथा याददाश्त सम्बन्धी समस्याओं में जबरदस्त सुधार आता है।

३- कहते हैं शांत मन मुश्किल से मुश्किल समस्याओं का हल आसानी से तलाश लेता है। शांभवी मुद्रा आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाती है।

४- शांभवी मुद्रा का प्रयोग मनुष्य को भावनात्मक रूप से सुदृढ़ तथा सही गलत निर्णय शक्ति प्रदान करती है।

३- Spiritual Benefits अध्यात्मिक लाभ

१- शांभवी मुद्रा Third Eye आज्ञा चक्र को कम समय में खोलने का सबसे असरदार विधि है।

२- आज्ञा चक्र जो कि मनुष्य की सारी सुप्त शक्तियों को सक्रिय करने में सहायक है। शांभवी मुद्रा से सारी शक्तियों जागृत होकर आपके आध्यात्मिक क्रियाओं को मजबूत बनाती है।

३- यह मुद्रा मानसिक शक्तियों को जागृत कर चेतना के उच्च स्तर पर ले जाती है। ब्रह्मांड अथवा ईश्वर के साथ आपके जुड़ाव को अधिक मजबूत करती है।

४- शांभवी मुद्रा आपके जीवन, परिवार, व्यवसाय तथा आस पास शांति लाने में सहायक है।

Isha Shambhavi Mahamudra Dangers in Hindi

शांभवी मुद्रा का प्रयोग सावधानी से करना अति आवश्यक है। यह मुद्रा सीधा मस्तिष्क तथा आज्ञा चक्र को सक्रिय करती है। परिणाम स्वरूप सिरदर्द तथा आंखों में दर्द नॉर्मल है। इसलिए धीरे धीरे इस मुद्रा का अभ्यास बढ़ाएं। ज़बरदस्ती ना करें।

Third Eye के सक्रिय होने से कुछ ऐसे अनुभव होते हैं जिससे कई बार लोग डर भी जाते हैं। इसलिए इस मुद्रा के अभ्यास से पहले आज्ञा चक्र संबंधी सभी जानकारियां हासिल कर लें। नीचे लिंक पर जाकर विस्तार से पढ़ें।

Power of Isha Shambhavi Mudra in Hindi

जैसा कि अपने ऊपर पढ़ा शांभवी मुद्रा सीधा आज्ञा चक्र को सक्रिय करती है। आज्ञा चक्र मानवीय तथा चमत्कारिक शक्तियों का स्रोत है।

Shambhavi Mahamudra- Third Eye Chakra

शांभवी मुद्रा Shambhavi Mahamudra चेतना के द्वार खोलकर उन सारी शक्तियों को सक्रिय कर देती है। इन शक्तियों के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दिए गए सारे आर्टिकल पढ़िए।

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Shambhavi Mahamudra and Midnight in Hindi

मेरा अपना एक विश्वास है, किसी भी अच्छे काम को करने के लिए हर समय सही होता है। मैंने अक्सर सुना है कि ध्यान या यौगिक क्रियाएं करने के लिए सुबह का समय उत्तम तथा रात्रि सही नहीं है। ये बात बिल्कुल सही है किन्तु यदि किसी के पास सुबह इतना समय नहीं मिलता है तो वे ध्यान नहीं करे?

उसको जब समय मिलता है तब करना चाहिए। ध्यान का लाभ उसे ज़रूर मिलेगा। सिर्फ एक बात ध्यान रखें कि आपका पेट भरा हुआ नहीं होना चाहिए।

रात्रि के समय इसलिए मना किया जाता है क्योंकि इसमें नींद आने के बहुत ज्यादा संभावना होती है। सकारात्मक साइड देखें तो अच्छी बात है, आपको सोने से पहले दस मिनट ज़रूर ध्यान करना चाहिए ताकि अच्छी नीद आए।

जब तक आप को शांभवी मुद्रा का सहज अनुभव नहीं होता आप किसी भी समय कीजिए। जैसे ही आपके लिए यह क्रिया आसान हो जाए, एक समय निर्धारित कर लीजिए और उसी समय पर,। उसी स्थान पर कीजिए। जैसा कि मैंने ऊपर बताया है कि इसका भी एक खास महत्व है।

Shambhavi mudra and Shambhavi Mahamudra in Hindi

कई लोगों को shambhavi mudra aur Isha shambhavi mahamudra में अंतर लगता है। शांभवी महामुद्रा सद्गुरु के inner engenering program में सुनने के लिए मिलता है। दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि Isha Shambhavi Mahamudra सद्गुरु द्वारा प्रोग्राम की गई मुद्रा है जिसके लिए २८ घंटों का अभ्यास ज़रूरी है।

कोई भी ध्यान जब गुरू की मदद से तथा उसके Guidance में की जाती है उसकी ताकत बढ़ जाती है, आपका समय बचता है तथा उसका लाभ पूर्ण रूप से मिलता है।

यही कारण है कि प्राचीन समय से गुरू की महिमा हर जगह है।

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