जैविक खेती के फायदे और नुकसान | Organic Farming In Hindi

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दोस्तों आपने कभी ना कभी तो Organic खेती के बारे मे तो सुना ही होगा। आज हम आपको Organic Farming in Hindi में जानकारी प्रदान करेंगे। आखिर क्या है ये ऑर्गेनिक खेती और इसे कैसे किया जाता है?

इस Organic Farming से किसानों और लोगों क्या फायदा होगा। इस खेती का उपयोग करके किसान कितना मुनाफा कमा सकता है उसके बारे मे भी जानेंगे। तो चलिए जानते है इस Organic Vegetable Farming in Hindi के बारे में विस्तार में।

वैसे तो आजकल भारत में और दूसरे देशों में भी Organic Farming को ज्यादा प्रधान्यों दिया जाता है। क्योंकि लोग अब समझ रहे है कि अगर स्वस्थ रहना है, तो अच्छे विटामिन वाला खाना चाहिए। जो आजकल लोगों को नहीं मिल रहा है।

आमतौर पर लोगों को ज्यादा मात्रा में इनॉर्गेनिक फूड खाने से तरह की बीमारियां हो रही है। इसलिए लोगों ने अपना मोड़ ऑर्गेनिक खेती और Organic फल और सब्जियों की और किया है। यह तो थी Organic Farming के बारे मे सामान्य जानकारी ।

Organic Farming Kya Hai  | What Is Organic Farming In Hindi

अगर आप खेती करते है तो आपको अच्छे से पता होगा कि Organic Farming Kya Hai. इसमें उन सभी रसायनों का उपयोग नहीं होता जो आमतौर पर रसायन युक्त होती है।

इसमें जैविक खादों का उपयोग होता है। पौधों की वृद्धि और उन्हें पोषक तत्त्व देने के लिए इसके बारे में हम विस्तार से इसी आर्टिकल में जानेंगे।

Organic Farming यह इस तरह की खेती होती है जिसमें किसी भी प्रकार के कीटनाशक या किसी भी प्रकार के किसी भी केमिकल का उपयोग नहीं होता है। उसमें सभी जैविक खाद का ही उपयोग होता है इस तरह की खेती को ही हम Organic Farming कहते है।

ऑर्गेनिक खेती कैसे करते हैं | How To Do Organic Farming in Hindi

इस तरह की खेती भारत में पहले से होती ही आ रही है। लेकिन ज्यादा मुनाफे की लालच में यह Organic Farming लुप्त होती जा रही थी लेकिन फिर से यह ऑर्गेनिक खेती जोर पकड़ रही है।

Organic Farming के लिए आपको बहुत ज्यादा मात्रा में गाय के गोबर की जरूरत पड़ेगी। आप इसकी ही सहायता से और दूसरे factors की सहायता से आसानी से organic farming कर सकते हो।

Organic Farming In Hindi Images

इसके अलावा आप कंपोस्ट खाद का उपयोग कर सकते हो। कंपोस्ट खाद से आपके बिना जरूरी कचरे और सब्जी के Waste से इस तरह का खाद बनाया जाता है।

इस तरह के खाद को आपको अपने खेती में उचित समय पर डालना होता है। इस तरह से आप भी Organic Farming कर सकते हो।

ऑर्गेनिक खेती में क्या क्या आता है? |  Organic Farming In Hindi

इस तरह की खेती में फल या सब्जियों पकाने या उनका कद बढ़ाने या जंतु नाश करने के लिए किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नही किया जाता है। इस खेती में जो भी सब्जी या फल पकता है, वो सभी प्रकृति के संतुलन के आधार पर पकते है।

Organic Farming से आप कोई भी सब्जी, फल या दूसरे और तरह के पौधे भी उगा सकते हैं। आप सभी फल या सब्जियां organic खेती से भी उगा सकते हैं।

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आइए जानते हैं कि जैविक खेती कितने प्रकार की होती है?

Organic खेती कितने प्रकार की होती है | Types of Organic Farming In Hindi

वैसे तो Organic Farming के भी बहुत सारे तरीके हैं। लेकिन हम इस आर्टिकल की सहायता से थोड़े मुख्य तरीकों के बारे मे जानकारी प्राप्त करेंगे। और इन सभी Organic खेती के बारे में विस्तार में जानकारी हासिल करेंगे।

देशी खेती

इस तरह की खेती में किसान मृत खाद या मटका खाद का उपयोग करते हैं। इस तरह की खेती हमारे पूर्वजों के जरिए की जाती थी और कोई जगह अभी चल रही है।

इस तरह की देशी खेती में गाय के गोबर के खाद का भी उपयोग होता है और इससे भी अच्छी फसल होती है।

कुदरती खेती

इस तरह की खेती में फसल में या पौधों में किसी भी तरह का कोई भी खाद या कुछ भी डाला नहीं जाता। जो भी होता है वो खुद ब खुद होता है। इसमें एक बार फसल तैयार हो जाए या फल पक जाए तो उन्हें काट ले लेते हैं।

फिर से इसी प्रक्रिया को दोहराते हैं। इसलिए इस तरह की खेती को कुदरती खेती कहते है। यह भी एक तरह से Organic Farming का ही प्रकार है।

गौ आधारित खेती

इस तरह की खेती में गाय का उपयोग किया जाता। खेत को हल के जरिए खेड़ना हो या फिर दूसरा कोई भी खेती से संबंधित काम हो उसमें गौ आधारित खेती का उपयोग ही किया जाता है।

इसमें गाय के मल मूत्र गबर को खाद की तरह उपयोग किया जाता है। इस तरह की खेती से भी अच्छी फसल होती है। वो भी रसायन मुक्त खाद के साथ जो स्वथ्यो के लिए सबसे अच्छा होता है।

आइए जानते हैं कि भारत में जैविक खेती की शुरुआत कब हुई?

ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत कब हुई? History of Organic Farming In Hindi

आपको शायद नहीं पता होगा लेकिन इस तरह की ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत आज से लगभग 5 से 6 हजार साल पहले से ही हो गई थी।

उसमें जंगली गेहूं, जंगली मक्का इत्यादि फसल शामिल है। तो आपको पता चल ही गया होगा की यह ऑर्गेनिक खेती कितनी पुरानी है।

लेकिन जब हमारा देश आज़ाद हुआ तब हमारे देश में खाने की बहुत तंगी थी। क्योंकि कृषि क्षेत्रों में उतना विकास नहीं हुआ था। ऑर्गेनिक खेती से लोगों के लिए खाना पूरा नहीं हो रहा था।

तब दूसरे देशों से खाना आयात करना पड़ता था। जब भारत में हरित क्रांति का आगमन हुआ। जिसमें केमिकल युक्त खाद का भी भरपूर इस्तेमाल हुआ। इस तरह हमारा देश कृषि क्षेत्रों में अच्छा हो गया लेकिन।

खेती में ज्यादा खाद का उपयोग करने से लोगों को तरह के नए रोग और बीमारियां होने लगी।

इसके चलते देश में फिरसे ऑर्गेनिक खेती की शुरुवात हुई है। जिसमें किसी भी प्रकार के रसायन युक्त खाद का उपयोग नहीं होता।

इनॉर्गेनिक फूड के मुकाबले ऑर्गेनिक फूड के ज्यादा दाम है। क्योंकि वो सेहत के लिए अच्छा है।

अगर आप भी Organic Farming करना चाहते हो तो आपके लिए खुशखबरी है। हम Organic Farming करने की प्रक्रिया के बारेमे भी जानकारी प्राप्त करेंगे।

तो चलिए जानते है आप कैसे ऑर्गेनिक या जैविक खेती कर सकते हो।

जैविक खेती करनें की प्रक्रिया | How to Do Organic Farming In Hindi

मिट्टी की जाँच

अगर आप organic farming करना चाहते है, तो सबसे पहले आपको अपनी खेती की जमीन को उपजाऊ बनाना होगा। उसके लिए आपको यह देखना होगा कि आपकी जमीन में किन किन पोषक तत्वों की कमी है। फिर आपको उस तरह से आपकी जमीन की मावजत करनी होगी।

उसके लिए आपको अपने जमीन की जांच करानी होगी। आपको अपने जमीन की मिट्टी को अपने नजदीकी कृषि विभाग में या नजदीकी कृषि यूनिवर्सिटी में जाकर अपने जमीन की जांच करानी होगी।

जैविक खाद बनाना

यानी कि आपको जैविक खाद बनाना भी आना चाहिए जो गाय के गबर, मूत्र से से बनाया गया हो। जिसे तैयार होने में करीब 6 महीने के जितना समय लगेगा।

उसको आप उतना बनाए कि आपके पूरे खेती में हो सके। क्योंकि आप खेती में रसायन का उपयोग तो करने नहीं करने वाले तो आपको इसी खाद का उपयोग करना होगा।

जैविक खाद के प्रकार और बनाने की प्रक्रिया- Organic Farming In Hindi

अगर आप कहीं से Organic खाद खरीदना नही चाहते और आप आपका बनाए हुए खाद का उपयोग करना चाहते हैं तो वो भी आप आप कर सकते हैं। यहां हमने कुछ खाद के प्रकार के बारे में बताया है।

1- गोबर की खाद बनाने की प्रक्रिया

इस तरह का खाद बनाने के लिए आपको लगभग 1m चौड़ा, 1m गहरा और 5 से 10m लम्बा गड्ढा खोदना होगा।

सबसे पहले आपको गड्ढे में एक plastic shit फैलाकर उसमें फसलों के सूखे फसल, गाय या किसी भी पशु का मल मूत्र और पानी ज्यादा मात्र में मिलाकर मिट्टी और गोबर से ढंक दें।

इस प्रक्रिया को लगभग 20 दिनों के बाद गड्ढे में पड़े मिश्रण को अच्छी तरह मिलाये। इसी प्रकार लगभग दो महीने के बाद आप इस मिश्रण को एक बार फिरसे मिलाये और ढककर बंद कर दें|

3 महीने के दौरान आपको गोबर की खाद बनाकर तैयार हो जाएगी, उसके बाद आप इस खाद का उपयोग कहीं भी कर सकते हो।

2- वर्मीकम्पोस्ट केंचुआ की खाद बनाने की प्रक्रिया

इस तरह का वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने के लिए आपको 2 से 5 किलो केचुओ की जरूरत पड़ेगी। साथ ही गबर, नीम की पत्तियां और प्लाटिक शीट की भी जरूरत पड़ेगी।

इसके लिए आपको छायादार और नमी वाले वातावरण की जरूरत पड़ेगी। इसमें एक बात का ध्यान रखे कि जहां आप इस खाद को बनाने वाले हो वहा जल निकास का भी रास्ता हो।

उसके बाद एक गड्ढा खोदे और उसमें गबर, केचुए, नीम के पत्ते ये सब एक प्लास्टिक की शीट पर दाल दे उस गड्ढे में। उसके बाद केंचूए खाद को बनाते रहेंगे। फिर आप इस खाद का उपयोग अपनी फसल में कर सकते हो।

इस तरह की खाद बनाने में 40 से60 दिन का समय लगेगा।

3- हरी खाद

इस तरह का खाद बनाने के लिए आपको बारिश होने से 40 से 60 दिन पहले मग, शन या उड़द का वावतर कर देना है।

उसे बड़ा होने के बाद खेत में ही अच्छे से ट्रैक्टर या बैल की सहायता से पूरा मसल दे। उसके बाद आपका हरी खाद तैयार है। फिर आप उसमें कोई भी फसल बना सकते हो।

जैविक खेती से लाभ | Benefits of Organic Farming In Hindi

Organic Farming In Hindi Images

1- ऑर्गेनिक खेती करने से जमीन उपजाऊ बनेगी और ऐसी जमीन में पाक की वृद्धि होगी।

2- इस तरह की खेती करने से कृषि में सहायक ऐसे जीव शुरकशित रहेंगे और पाक में बढ़ौतरी होगी।

3- इनॉर्गेनिक खेती के समानता में इस तरह की खेती से पाक फसल कम होगी लेकिन organic farming की फसल की मार्केट में ज्यादा मांग होने से उसका दाम ज्यादा होता है तो किसान को ज्यादा मुनाफा मिलेगा।

4- ऑर्गेनिक खेती से बने खाद्य पदार्थ से लोगों को किसी भी तरह के रोग या बीमारियों का सामना नहि करना पड़ेगा।

जैविक खेती के नुकसान Disadvantages Of Organic Farming In Hindi

१- जैविक खेती में उत्पादक की कमी हो जाती है जबकि अन्य खादों का इस्तेमाल करने से फसल की उपज अच्छी होती है।

२- जहां आधुनिक मशीनों के प्रयोग से हर काम आसान हो गया है वही जैविक खेती में मानवीय श्रम की आवश्यकता पड़ती है तथा इसमें समय भी ज्यादा लगता है।

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जैविक खेती आज की आवश्यकता | Need of Organic Farming In Hindi

खेती में प्रयोग किए जाने वाले दवाइयों एवं अन्य इन ऑर्गेनिक खादों की वजह से उपज प्राकृतिक नहीं होती। यह प्राकृतिक अथवा कम मिनरल्स विटामिन वाले उपज हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है।

दूसरे शब्दों में कहें तो इनको खाने से हमारे आवश्यक तत्वों की पूर्ति नहीं होती है। यह एक मुख्य कारण है कि हमें जैविक खेती की आवश्यकता है।

प्राकृतिक प्रदूषण को रोकने के लिए भी जैविक खेती मददगार साबित हो सकती है।

Final Words- उम्मीद है इस लेख के माध्यम से आपने ऑर्गेनिक फार्मिंग Organic Farming In Hindi के बारे में पूर्ण जानकारी हासिल कर ली होगी।

यदि आपको यह लेख लाभकारी एवं ज्ञान प्रद लगा हो तो इसे अपने मित्र संबंधियों के साथ साझा कर उनका ज्ञान भी बढ़ाएं।

भविष्य में ऐसे ही Organic Farming In Hindi अन्य जानकारी भरे लेख पढ़ने के लिए इस पेज को बुकमार्क करें ताकि आप तुरंत इसे पढ़ सके।

सबका मंगल हो।

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