नटराजासन के फायदे, नियम और करने का तरीका | Natraj Aasan in Hindi

Natraj Aasan in Hindi योग न केवल एक शारीरिक व्यायाम है, बल्कि यह एक आत्मिक और मानसिक संतुलन की ओर एक कदम बढ़ाने का भी माध्यम है। योग के अनगिनत आसन हैं जो आपकी तंदुरुस्ती को बढ़ाने और मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद कर सकते हैं, और इनमें से एक है “नटराजासन” जिसे योग के राजा कहा जाता है।

इस लेख में, हम नटराजासन के महत्व और इसके लाभों के बारे में चर्चा करेंगे।

नटराजासन क्या है? |  Natraj Aasan in Hindi

नटराजासन, जिसे शिवनटराज पोज भी कहा जाता है, एक प्रमुख योग आसन है जो योग और ध्यान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस आसन का नाम संस्कृत में “नट” यानी नृत्यकर्मी और “राज” यानी राजा से आता है, जिसका अर्थ होता है “भगवान शिव का नृत्य करने वाला राजा”।

नटराजासन का मुख्य लक्ष्य भगवान शिव के एक विशेष रूप को दर्शाने का होता है, जो उनके नृत्य को प्रकट करता है। इस आसन के दृश्य में, शिव एक पैर को ऊपर की ओर उठाते हैं और दूसरे पैर को धनुरासन की तरह विस्तारित करते हैं।

उनके बाल फैले हुए होते हैं, और वे अपने आदिकांशक से प्रशंसा और आत्मा के अत्यंत उत्कृष्टता का प्रतीक करते हैं। नटराजासन का प्रैक्टिस शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है और आत्मा के साथ जुड़े आध्यात्मिक आरामदायक लाभ प्रदान कर सकता है।

यह आसन शारीरिक संरचना को सुधारकर तंदुरुस्त और समर्थ बनाने में मदद कर सकता है, और साथ ही मानसिक चिंता और स्ट्रेस को भी कम कर सकता है।

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नटराजासन के लाभ | Benefits of Natraj Aasan in Hindi

नटराजासन (Natarajasana) योग का एक महत्वपूर्ण आसन है, जो आपके शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। इस आसन का प्रैक्टिस नियमित रूप से किया जाता है, तो यह निम्नलिखित लाभ प्रदान कर सकता है:

1- शारीरिक सुधार

नटराजासन आपके पैरों, जांघों, कूल्हों, पेट, और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इससे आपके शारीरिक संरचना में सुधार होती है, जिससे आपकी पोस्चर स्थिति में सुधार हो सकती है।

2- संतुलन और समर्पण

इस आसन को करते समय आपको संतुलन और समर्पण का अभ्यास करना पड़ता है। यह आपके मानसिक और भावनात्मक स्थिति को स्थिर करने में मदद कर सकता है और आत्मा को ध्यान में लाने में मदद कर सकता है।

3- आत्मा की ऊँचाइयों को छूने का मार्ग

नटराजासन आपके आत्मा की ऊँचाइयों को छूने का मार्ग दिखा सकता है। इसका प्रैक्टिस आपके आंतरिक अवबोधन को बढ़ावा देता है और आपको आत्मा के अत्यधिक प्रेम की दिशा में अग्रसर कर सकता है।

4- मानसिक स्थिति को सुधारना

नटराजासन ध्यान और सामर्जन का अभ्यास करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। यह मानसिक चिंता को कम करने, स्ट्रेस को दूर करने, और मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद कर सकता है।

5- फिजिकल फिटनेस

नटराजासन का प्रैक्टिस करने से पैरों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं, जिससे पैर मजबूत और सुन्दर दिखते हैं।

नटराजासन कैसे करें | Steps to do Natraj Aasan in Hindi

  1. सबसे पहले, एक स्थिर और शांत जगह पर खड़े हों।
  2. अपने दाएं पैर को उठाकर अपने बाएं हाथ की उंगलियों से पकड़ें।
  3. अपने दाएं पैर को पीछे की ओर नीचे की ओर बढ़ाएं, और आपकी बाएं हाथ को आसमान की ओर उठाएं।
  4. अपने मन को शांत और संयमित रखें, और ध्यान दें कि आप भगवान शिव की तरह नृत्य कर रहे हैं।
  5. धीरे-धीरे इस स्थिति को बनाए रखें और सांस बाहर छोड़ें।
  6. सांस छोड़ते समय धीरे-धीरे अपने पूरे शारीरिक संरचना को स्थिति में लाएं, और सांस छोड़ते समय आराम से उसे छोड़ें।
  7. आराम से प्रारंभ करें और समय के साथ अपनी स्थिति को बढ़ाते जाएं।

Supportive Aasans to Natraj Aasan in Hindi | नटराजासन के समर्थन के आसन

नटराजासन, या लॉर्ड ऑफ द डांस पोज, एक उन्नत योग आसन है जिसमें संतुलन, ताक़त, और लचीलापन की आवश्यकता होती है। इस आसन को करने से पहले अपने शारीरिक और मानसिक तैयारी को ठीक से करना बेहद महत्वपूर्ण है।

नीचे कुछ ऐसे समर्थन के आसन दिए गए हैं जो आपको इस आसन के लिए आवश्यक ताक़त और लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:

1- ताड़ासन (माउंटेन पोज)

ताड़ासन एक शुरुआती बिंदु हो सकता है क्योंकि यह आपको मज़बूत आधार बनाने में मदद करता है । अपने पैरों को मिलाकर खड़े हों, अपने कोर को सक्रिय करें, और अपने शारीरिक संरचना को संरेखित करने पर ध्यान केंद्रित करें।

2- वीरभद्रासन III (वॉरियर III)

वॉरियर III एक संतुलन आसन है जो आपके पैरों, कोर, और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह भी मनोबल और संतुलन को सुधारने में मदद करता है, जो नटराजासन के लिए महत्वपूर्ण है।

3- अर्ध चन्द्रासन (हाफ मून पोज)

हाफ मून पोज एक और संतुलन आसन है जो आपकी स्थिरता और पैरों की ताक़त में सुधार कर सकता है। यह हिप मांसपेशियों को खिचकने और मज़बूत करने में भी मदद करता है।

4- उत्थित हस्त पादांगुस्थासन (एक्सटेंडेड हैंड-टू-बिग-टो पोज)

यह आसन पाद मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है और संतुलन को सुधारने में मदद करता है। आप एक स्ट्रैप का उपयोग कर सकते हैं ताक़त से पैर को पकड़ने के लिए यदि आप अपने हाथ से उसे छू नहीं सकते हैं।

5- अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन (हाफ बाउंड लोटस स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड)

यह आसन संतुलन को सुधारने और पैरों की ताक़त में सुधारने के लिए एक अच्छा प्रक्रियात्मक हो सकता है। यह आपकी पादुकों और हिप मांसपेशियों की लचीलापन में सुधार करता है।

6- सुप्त वीरासन (रेक्लाइनिंग हीरो पोज)

इस पोज आपकी क्वाड्रिसेप्स को खिचकता है और खुल करने और मज़बूत करने में मदद करता है। यह भी पैरों और हिप की लचीलापन को बढ़ावा देने में मदद करता है।

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Precautions in Natraj Aasan in Hindi |  सावधानियां

  1.  नटराज आसन को अच्छी तरह से करने के लिए, सुनिश्चित करें कि आपका आसन करने का स्थान फ्लूर पर स्थित होता है और कोई चीजों का आपके रास्ते में नहीं है।
  2. सुरक्षित रूप से आसन करने के लिए आपके पास आरामदायक और धारणा के अच्छे वस्त्र होने चाहिए।
  3. आसन करते समय अपनी दृढ़ और स्थिर स्थिति को बनाए रखें। जब भी आवश्यक हो, आप एक योग गुरु के मार्गदर्शन में आसन कर सकते हैं।
  4. नटराज आसन के दौरान आपका ध्यान एकाग्र रूप से आपके शरीर, मन, और आत्मा पर होना चाहिए।
  5.  योग आसन करते समय अत्यधिक दबाव से बचें, खासकर अगर आपके शारीरिक स्वास्थ्य को कोई समस्या है।
  6. आसन करने के लिए जरूरी सुविधाओं का उपयोग करें, जैसे कि योगा मैट और आसन स्थान।
  7. आसन को धीरे-धीरे करें और अपने सीमा के अनुसार ही काम करें, अपने शरीर की सुनें और तब ही आगे बढ़ें।
  8. नटराज आसन के बाद धीरे-धीरे बैठें और फिर खड़े हों। स्थिति में बदलाव को धीरे से करें ताकि चक्कर न आएं।
  9. यदि आपको किसी प्रकार की अस्वस्थता की गुंजाइश होती है, तो आसन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
  10. आसन के दौरान अपने शरीर की सुनवाई करें और अगर कोई अस्वसंरक्षण या दर्द का संकेत होता है, तो तुरंत आसन को छोड़ दें।

FAQS

1- योग का असर कितने दिन में दिखता है?

योग के असर को दिखाने में समय की अनिवार्यता होती है, और यह समय व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य स्तर, प्रैक्टिस की नियमितता, और आसनों के प्रकार पर निर्भर करता है। यह किसी भी निश्चित संख्या में दिनों में नहीं आता है।

योग का प्रैक्टिस नियमित और प्रतियामित रूप से किया जाना चाहिए ताकि आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सके। पहले दिन से ही कोई असर नहीं दिखता है, लेकिन समय के साथ योग का प्रैक्टिस करने से आप अपने शारीरिक और मानसिक लाभ देख सकते हैं।

असर दिखने में समय का आपके योग प्रैक्टिस की नियमितता, दृढ़ इच्छा, और समर्पण के साथ संबंधित होता है। कुछ लोगों को कुछ हफ्तों या महीनों में हलका सुधार दिख सकता है, जबकि दूसरों को इसमें थोड़ा और समय लग सकता है।

योग के प्रैक्टिस का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य, शांति, और संतुलन को साधना होता है, और यह आपके जीवन में धीरे-धीरे पॉजिटिव परिणाम देगा। इसलिए, योग को नियमित रूप से अपने जीवन का हिस्सा बनाने के रूप में अपनाना बेहद महत्वपूर्ण होता है।

Final Words about Natraj Aasan in Hindi: नटराजासन आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है, और यह एक आंतरिक सफलता की ओर एक कदम आगे बढ़ने का मार्ग दिखा सकता है।

इसे नियमित रूप से प्रैक्टिस करके आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और एक स्वस्थ और सुखमय जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।

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