Mudra for Asthma in Hindi जीने के लिए रोटी कपड़ा और मकान से पूर्व जिसकी ज़रूरत मनुष्य को होती है वह है सांसें। सांसों पर ध्यान देकर सिर्फ़ अस्थमा ही नहीं बल्कि कई लाइलाज बीमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है।
इस पोस्ट में हम आपके साथ उन योग आसनों एवम् Mudra for Asthma मुद्राओं के बारे में बताएंगे जो आपको कुछ ही दिनों में जादुई परिणाम देंगे।
दुर्भाग्यवश मनुष्य इस बारे में सोचता ही नहीं है। देखा जाए तो ईश्वर ने स्वस्थ शरीर और उसे स्वस्थ रखने के लिए एक जादुई मस्तिष्क दिया है किंतु मनुष्य इसका उपयोग करना भूल गया है।
विडंबना यही है कि जब तक सांस है तब तक जीवन में जद्दोजहद है। खुशखबर यह है कि जब तक सांसें चल रही हैं तभी तक जीवन है। इसलिए सर्वप्रथम यदि किसी बात के लिए ईश्वर को शुक्रिया कहने का मन हो तो इस सुंदर जीवन एवं स्वस्थ सांसों के लिए कहें।
प्रदूषित माहौल में जाते ही शरीर विषैले तत्वों को भीतर लेने से मना कर देता है और इंसान का दम घुटने लगता है। कभी। सोचा है कि जब सब कुछ सही चल रहा होता है, प्रकृति सुंदर है, वायु स्वच्छ है फिर भी सांस लेने में समस्या हो तो किसकी गलती है?
यदि अपने ही शरीर की आवश्यकताओं को पूर्ति नहीं करेंगे तो अवश्य हो शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति कम होने लगती है। ऐसे में सांस लेने में तकलीफ़, हृदय गति में कमी आदि शारीरिक समस्याओं का होना सामान्य हो जाता है।
MysticMind के इस आर्टिकल में आज हम अस्थमा जैसी सांस की बीमारी से बचने के बारे में कुछ Yoga For Asthma योगासन और कुछ Yoga Mudra For Asthma मुद्राओं के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
योगासन और मुद्राएं न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं बल्कि बड़ी से बड़ी बीमारियों को दूर करने में भी सदियों से इनका योगदान रहा है।
What Are Mudras for Asthma in Hindi
मुद्राएं हाथों की उंगलियों का विशेष प्रकार से प्रयोग करना है जो शरीर में पांचों तत्वों, आकाश, जल, वायु, अग्नि एवं पृथ्वी तत्व का संतुलन करती हैं।
शरीर में बीमारियों का आगमन इन पांच तत्वों के असंतुलित होने पर ही आती हैं।
अस्थमा के लिए कुछ विशेष मुद्राएं अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई हैं। मुद्राओं के नियमित अभ्यास से ना सिर्फ़ अस्थमा स्थाई रूप से खत्म हो जाता है बल्कि आपके शरीर निरोगी एवं त्वचा चमकदार भी बनती है।
आइए देखते हैं वे कौन सी मुद्राएं Mudra for Asthma हैं जो आपको बिना किसी दवाई के प्रकृति तरीके से अस्थमा से मुक्त करने में सक्षम हैं।
Mudra for Asthma in Hindi / Hand Mudra for Asthma
१- Asthma Mudra अस्थमा मुद्रा
जैसा किनाम ही काफ़ी है यह जानने के लिए कि अस्थमा मुद्रा विशेष रूप से अस्थमा रोगियों के लिए है। पुराना अस्थमा, जो भविष्य में दौरे का कारण भी बन सकता है, समय पर इसका इलाज होना अति आवश्यक होता है।
अस्थमा मुद्रा के नियमित कुछ मिनटों के अभ्यास से पुराने से पुराना अस्थमा की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
How to Do Asthma Mudra in Hindi अस्थमा मुद्रा कैसे करें
१- ज़मीन पर चटाई बिछाकर पद्मासन सिद्धासन अथवा सुखासन में बैठ जाएं। आप चाहें तो कुर्सी पर बैठकर भी इस मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं। आपको जो सुविधाजनक लगे उस अवस्था में बैठें।
२- पीठ सीधी रखें तथा दोनों हाथों को मोड़कर हथेलियों को हृदय के सामने लाएं। ध्यान रहे कि हथेलियां एक दूसरे की ओर खुली हुई हों।
३- अब दोनों हाथों की मध्यमा उंगली को बीच से मोड़ें और नाखूनों वाले भाग को एक दूसरे मिलाकर दबाएं। बाकी की उंगलियों को बिल्कुल सीधा रखें।
४- आंखें बंद कर ध्यान को सांसों पर लाएं, नाखूनों को एक दबाएं रखें तथा ओम का उच्चारण करें। सांस भीतर लेते समय शरीर में होने वाली प्रतिक्रिया पर ध्यान दें तथा सांस छोड़ते समय ओम का उच्चारण करें।
५- अस्थमा मुद्रा का ये अभ्यास कम काम बीस से पच्चीस बार करें तथा शरीर में हो रहे परिवर्तन पर ध्यान दें।
कुछ दिनों के अभ्यास से ही आपको अंतर समझ में आने लगेगा।
२- Mudra for Asthma- Prithvi Mudra in Hindi
पृथ्वी तत्व अथवा वायु तत्व के असंतुलन के कारण दमा की समस्या का सामना करना पड़ता है। पृथ्वी मुद्रा इस तत्व को संतुलित कर स्वांस नलिकाओं को सुचारू रूप से काम करने में मदद करती है।
पृथ्वी मुद्रा काअभ्यास स्वांस संबंधी बीमारियों के अलावा अन्य भी स्वास्थ्य लाभ देती है।
पढ़ें: पृथ्वी मुद्रा कैसे करें तथा इसके लाभ
३- Bronchial Mudra in Hindi स्वास नलिका मुद्रा
जैसा कि नाम ही दर्शाता है कि यह मुद्रा स्वास नलिकाओं के लिए विशेष रूप से प्रभावी एवं अस्थमा रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
जब किसी कारणवश स्वांस नलिका में रोग ग्रस्त हो जाती है तो सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
ऐसे में ब्रोंकियल मुद्रा का नियमित कुछ मिनटों का अभ्यास प्राकृतिक तरीके से श्वसन नलियों को स्वच्छ करता है तथा दमा से राहत दिलाता है।
How to Do Bronchial Mudra in Hindi ब्रोंकियल मुद्रा कैसे करें
१- मुद्रा अभ्यास के लिए उचित शांत एवं हवादार स्थान पर चटाई बिछाकर आरामदायक आसन में बैठ जाएं।
२- दोनों हाथों की हथेलियों को घुटनों पर टिका कर ध्यान अवस्था में आ जाएं।
३- अब अंगूठे को सबसे छोटी उंगली अर्थात कनिष्का के पोर से मिलाएं। अनामिका उंगली को अंगूठे के ऊपर तथा बीच वाली अर्थात मध्यमा को अंगूठे के सबसे ऊपरी हिस्से पर रख दें। तब अंगूठे के पास वाली अर्थात तर्जनी उंगली को सामने बाहर की ओर फैलाएं।
४- इस प्रकार स्वास नलिका मुद्रा बनाने के बाद आंखें बंद कर लंबी गहरी सांस लें तथा ओम का उच्चारण करें।
५- इस मुद्रा को कम से कम एक समय में पंद्रह से बीस मिनट तक बनाए रखें। कुछ दिनों के नियमित अभ्यास से आपको दमा से राहत मिलना शुरू हो जाएगी।
४- Mudra for Asthma- Linga Mudra लिंग मुद्रा
दमा जैसी खतरनाक बीमारी को दूर भागने की एक शक्तिशाली मुद्रा लिंग मुद्रा है। इस मुद्रा के अभ्यास में उंगलियों का आकर लिंग की भांति प्रतीत होता है इसीलिए इसे लिंग मुद्रा का नाम दिया गया है।
लिंग मुद्रा को गुप्त रूप से शिवलिंग मुद्रा के नाम से भी संबोधित किया जाता है। इस शक्तिशाली मुद्रा के अभ्यास से नाक, गले एम फेफड़े को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों का विनाश हो जाता है।
लिंग मुद्रा के अभ्यास से शरीर में अत्यंत उर्जा का संचार होने लगता है जो सर्दी जुकाम से राहत दिलाता है। साथ ही स्वांस नलिकाओं को स्वच्छ कर अस्थमा जैसी बीमारी को दूर करता है।
पढ़ें : Ling Mudra Benefits in Hindi लिंग मुद्रा कैसे करें
५- Mudra for Asthma- Surya Mudra सूर्य मुद्रा
सांस संबंधी बीमारियों अक्सर शरीर का तापमान कम कर देती हैं तथा शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति भी कम करने लगती हैं। ऐसे में लिंग मुद्रा के साथ सूर्य मुद्रा भी शरीर का तापमान तुरंत बढ़ाने में मदद करती है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सूर्य है तो पृथ्वी पर जीवन है। स्वस्थ जीवन के लिए शरीर का तापमान नियंत्रित रहना अत्यंत आवश्यक है। दमा अथवा अन्य बीमारियों में जब ऊर्जा का स्तर गिरने लगता है ऐसे में सूर्य मुद्रा का नियमित अभ्यास लाभ देता है।
शरीर में गर्मी बढ़ाकर सांस नलिकाओं को स्वच्छ कर सूर्य मुद्रा सांसों को संतुलित रखने में मदद करती है। इसके अलावा भी सूर्य मुद्रा के अभ्यास से कई लाभ होते हैं।
पढ़ें: Surya Mudra Benefits: सूर्य मुद्रा कैसे करें
FAQS
१- Which Mudra is Good for Lungs?
फेंफड़ों के स्वास्थ्य के लिए उपर्युक्त मुद्राओं का अभ्यास भी लाभकारी है। सबसे अधिक फेफड़ों के लिए उपयोगी मुद्रा चंद्रकला मुद्रा है।
यह Mudra for Asthma मुद्रा फेफड़ों को साफ़ कर ती है तथा उनमें किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन होने से बचाती है।
२- Which Pranayama is Good for Asthma?
प्राणायाम जैसा कि नाम से ही साफ़ है कि प्राण अर्थात सांसों के लिए अनिवार्य क्रिया है। सदियों से सबसे प्रचलित प्राणायाम कपालभाति अत्यंत प्रभावी एवं लाभकारी प्राणायाम है।
यह स्वास नलिकाओं को स्वच्छ करता है, स्वास गति बढ़ता है तथा साथ ही शरीर में रक्त संचार बढ़ने में भी मदद करते है। जानें कपालभाति कैसे करें
कपालभाति के अतिरिक्त भस्त्रिका प्राणायाम भी अस्थमा रोगियों के लिए लाभकारी प्राणायाम है। पढ़ें भस्त्रिका प्राणायाम कैसे करें
३- Which Yoga is Best For Asthma?
अस्थमा के कई रोगियों के लिए Mudra for Asthma मुद्राओं का अभ्यास कठिन जाता है ऐसे में योगासन अत्यंत सरल विधि है जो इस समस्या से राहत देता है। अस्थमा को दूर करने में मुद्राओं के साथ भुजंगासन, पर्वतासन भी सहायता करते हैं।
४- How Can Asthma be Cure Permanently?
गंभीर रूप से अस्थमा से परेशान लोगों को लिए जैसा कि कहा जाता है कि कोई दवाई नही है जिससे इसे जड़ से खत्म किया जाए।
किंतु आजकल कई ऐसी विधियों हैं जिन्हें Alternative Medicine के नाम से जाना जाता है जैसे कि योग, प्राणायाम, ध्यान तथा रेकी, जिसे दिनचर्या में शामिल करने से अस्थमा को मत दिया जा सकता है।
ध्यान रहे नियमित अभ्यास एवं खानपान पर ध्यान देना जरूरी है।
५- What Exercise Good for Asthma?
अस्थमा रोगियों के लिए उच्च कोटि का व्यायाम जैसे कि दौड़, पर्वतारोहण, पैदल चलना, तैराकी, साइकिल चलाना इत्यादि अत्यंत लाभकारी व्यायाम सिद्ध हुआ है।
६- What Drink is Good for Asthma?
अस्थमा अथवा अन्य सांसों की समस्याओं को दूर करने में काफी पेय पदार्थ सहायक है। इनमें से काली चाय, अदरक वाली चाय, हरी चाय इत्यादि स्वासन नालियों को स्वच्छ एवं सुचारू रूप से कार्य करने में करती हैं।
७- How can I Make my Lungs Stronger With Asthma?
अस्थमा के बावजूद भी कुछ योगाभ्यासों, Mudra for Asthma मुद्राओं के अभ्यास से आप अपने फेफड़ों को मजबूत बनाने के साथ इन रोगों से भी मुक्ति पा सकते हैं।
एक अन्य अत्यंत प्रभावी विधि रेकी हीलिंग है, रेकी के नियमित अभ्यास से शरीर के अन्य अंगों को भी साथ में ही स्वस्थ बनाया जा सकता है।
८- Can Asthma Go Away?
यदि स्वयं के शरीर की जरूरतों एवं उसपर विपरीत प्रभाव डालने वाली चीजों जैसे कि भोजन एवं मौसम पर ध्यान दिया जाए तो इसे दूर किया जा सकता है।
जिन चीजों से अस्थमा बढ़ता है उनसे दूर रहकर शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने वाले तत्वों का सेवन एवं योगासनों एवं मुद्राओं के नियमित अभ्यास से अस्थमा को दूर किया जा सकता है।
९- What Food are Bad for Asthma?
अस्थमा रोगियों को खाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। विशेषकर गाय का दूध, दूध से बनी चीजें (यदि आपको दूध की एलर्जी हो तो) मूंगफली, अंडे, सोया, मछली इत्यादि के सेवन से बचना चाहिए।
१०- Does Asthma Worsen with Age?
जैसा कि उम्र के साथ शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति का कम होना सामान्य बात है। ऐसे में यदि समय रहते इस और ध्यान नहीं दिया गया तो उम्र के साथ इसका इन्फेक्शन बढ़ सकता है।
जबकि दिन में दस से बीस मिनट तक किया गया योगासन अथवा Mudra for Asthma मुद्राओं का अभ्यास अस्थमा से मुक्ति दिलाने में सहायक एवं प्रकृति उपाय है।
11- अस्थमा रोगी की दिनचर्या कैसे होनी चाहिए?
#१ सुबह आराम से उठें, किसी भी प्रकार की जल्दबाजी ना करें।
#२ यदि नींद ठीक से नहीं हुई है और आपको बेहतर नहीं महसूस हो रहा है या सर्दी महसूस हो रही हो तो शुभ स्नान के बजाय दोपहर में करें।
#३ स्नान के लिए अधिक खुशबूदार साबुन अथवा पानी का इस्तेमाल न करें। स्नानघर की खिड़कियों को खुला रखें ताकि स्वच्छ हवा आती रहे।
#४ आरामदायक कपड़े पहने। परफ्यूम अथवा तीव्र खुशबू से दूर रहें। जूते कुर्सी पर बैठकर पहने।
#५ काम के बीच बीच में ब्रेक लेते रहें। सारा काम एक साथ करने की गलती न करें।
#६ भोजन पकाते समय कोशिश करें कि बैठकर ही भोजन पकाएं। यदि खड़े होकर पकाना हो तो जरूरी चीजें जैसे की इन्हेलर पास में रखें।
#७ भोजन समय पर तथा विटामिन मिनरल युक्त करें।
Final Words: उम्मीद है इन महत्वपूर्ण Mudra for Asthma का अभ्यास कर आप अस्थमा मुक्त होने में सफल होंगे। अपने अनुभव से कह सकते हैं की यदि आपने दो हफ्ते नियमित उपर्युक्त में से किसी एक मुद्रा का अभ्यास किया तो लाभ जादुई होंगे।
अपना अनुभव हमारे साथ अवश्य साझा करें तथा लेख लाभकारी लगा हो तो दूसरों को साझा करें
भवतु सब्बै मंगलम!
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