Makarasana Yoga Pose: हठ योग के नियम, आसन तथा मुद्राएं ना सिर्फ़ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक सिद्ध हुई हैं। नियमित योगाभ्यास जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान है।
बदलती जीवन शैली का चित्र हमारे ऋषि मुनियों को सदियों पहले दिख गया था।
भविष्य में अगली पीढ़ी को शारीरिक तथा मानसिक बीमारियों से बचने के लिए उन्होंने जलचर थलचर तथा नभचर के गुणों का अध्ययन किया।
मानव शरीर को अधिक हृष्ट पुष्ट तथा निरोगी बनाने के लिए चुनिंदा जीवों के पोस्चर का अध्ययन कर योगासनों का निर्माण किया। यदि इन आसनों का सही अभ्यास किया जाए तो निरोगी तथा खुशहाल जीवन बनाना बिल्कुल सरल हो जायेगा।
योगासनों में एक महत्वपूर्ण आसान मकरासन है जिसका अभ्यास कई मायनों में अत्यंत लाभदायक है। मकरासन करने की सही विधि तथा इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे किन्तु उसके पहले मकरासन का इतिहास अथवा अर्थ जान लेते हैं।
Meaning Of Makarasana Yoga Pose in Hindi मकरासन का अर्थ
संस्कृति के मकर तथा आसन दो शब्दों से मिलकर बने मकरासन का अर्थ मकर अर्थ मगरमच्छ तथा आसान अर्थात पोस्चर। इस आसन के अभ्यास में शरीर मगरमच्छ की अवस्था में बन जाता है।
भुजंगासन की भांति मकरासन भी खास है क्योंकि यह हमारे मेरुदंड अर्थ रीढ़ की हड्डी पर खास प्रभाव डालता है। रीढ़ की हड्डी का स्वस्थ रहना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है।
शरीर की मुख्य हड्डियों के स्वास्थ्य संतुलन में मकरासन अत्यंत उपयोगी आसन है।
चलिए देखते हैं, Makarasana Yoga Pose के नियमित अभ्यास से क्या क्या लाभ होते हैं।
Benefits of Makarasana Yoga Pose/ Makarasana Benefits
मकरासन के लाभ
१- शरीर के जिस हिस्से की वजह से हम सीधा खड़े हो सकते हैं, अर्थ मेरुदंड अथवा रीढ़ की हड्डी, को स्वस्थ तथा मजबूत बनाता है।
२- Makarasana Yoga Pose के नियमित अभ्यास से सातों चक्रों का ऊर्जा प्रवाह संतुलित होने की वजह से कुण्डलिनी जागरण में सहायता मिलती है।
३- पीठ तथा कमर दर्द से राहत मिलने के साथ पीठ तथा कमर स्वस्थ होते हैं।
४- स्लीप डिस्क एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियों में दूरी आ जाती है। ऐसी अवस्था में मकरासन के अभ्यास से दूरी कम होती है तथा स्लीप डिस्क के तकलीफ़ से राहत मिलती है।
५- सम्पूर्ण शरीर में ऊर्जा तथा रक्त संचार बेहतर होने के साथ खिंचाव के कारण रक्त धमनियां स्वच्छ तथा मजबूत होती हैं।
६- कंधों तथा जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है तथा हड्डियां मजबूत बनती हैं।
७- दमा, उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगियों के लिए Makarasana Yoga Pose अत्यंत फायदेमंद है क्योंकि इसके अभ्यास से फेफड़े स्वच्छ होते हैं।
८- पेट पर पड़ने वाले तनाव के कारण पेट की अतिरिक्त वसा कम होती है, पाचन तंत्र सुधारता है तथा पेट की त्वचा में कसाव आता है।
९- अस्थमा रोगियों के लिए मकरासन रामबाण के समान है। इसका नियमित अभ्यास उपर्युक्त सभी लाभों के साथ रोग प्रतिकार शक्ति भी बढ़ाता है।
१०- बढ़ती उम्र में भी शरीर को छरहरा तथा सीधा रखने में Makarasana Yoga Pose अत्यंत प्रभावी आसन है।
Note: किसी भी आसन को जब सहयोगी आसनों के साथ अभ्यास किया जाता है तो उसका लाभ कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए मकरासन करने से पहले तथा मकरासन के बाद निम्न आसनों का अभ्यास अवश्य करें
Makarasana Yoga Pose के पहले किया जाने वाला आसन
मर्जरी आसन अर्थ Cat Pose तथा बालासन अर्थात Child Pose के अभ्यास के बाद किया जाने वाला मकरासन अत्यंत प्रभावी परिणाम देता है।
How to Do makrasana Yoga Pose/ Makarasana Method
मकरासन कैसे करें
१- ज़मीन पर आसान बिछाकर पेट के बल सीधा होकर लेट जाएं।
२- दोनों हाथों तथा पैरों को पास पास रखें।
३- पेट से ऊपर का हिस्सा अर्थात छाती, गर्दन तथा सिर को ऊपर उठाएं। हाथों को मोड़कर हथेलियों का आसन बनाकर ठोढ़ी को उसपर टिका दें।
४- लंबी गहरी सांस लें तथा दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर कूल्हे तक ले आएं और फिर वापस ज़मीन तक ले जाएं।
६- इसके बाद सिर्फ़ दाएं पैर को घुटने से मोड़कर कूल्हे तक लाएं फिर वापस जमीन पर रख दें। फिर बाएं पैर को ऊपर लाएं तथा वापस ले जाएं। तत्पश्चात दोनों पैरों को एक साथ लाएं।
७- पूरे शरीर को आराम की अवस्था में छोड़ें तथा सांसों को सामान्य होने दें।
८- पहले दोनों पैर फिर एक – एक तथा फिर दोनों पैरों के अभ्यास के बाद मकरासन का एक चक्र पूरा होता है।
९- असरदार परिणाम के लिए कम से कम दस चक्र पूरा करें।
Makarasana Yoga Pose के बाद किए जाने वाले सहयोगी आसन
मकरासन के अभ्यास के बाद भुजंगासन, सेतुबंधासन तथा शलभासन के अभ्यास सम्पूर्ण शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है।
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Makarasana Yoga Pose Precautions in Hindi
मकरासन अभ्यास में सावधानियां
मकरासन का अभ्यास शरीर को किसी भी तरह का तनाव दिए बिना, जितना संभव हो उतना ही करें। अभ्यास के पूर्व कुछ बातों को अवश्य जान लें।
१- गर्दन, सिर अथवा पीठ में तेज़ तेज़ दर्द की अवस्था में मकरासन का अभ्यास न करें।
२- किसी गंम्भीर बीमारी की अवस्था में चिकित्सक तथा योग गुरु की सलाह के बाद ही Makarasana Yoga Pose का अभ्यास करें।
३- मकरासन के दरमियान शरीर को किसी अन्य दिशा में न मोड़ें वरना मोच आने का खतरा है।
४- यदि आपका वजन ज्यादा हो हाथों तथा पैरों को पास पास के बजाय थोड़ा दूर कर सकते हैं।
५- भारी शरीर की अवस्था में पैरों को उतना ही ऊपर उठाएं जितना आसानी से जाएं। समय के साथ लचीलापन बढ़ेगा तो वह स्वत: कूल्हे तक पहुंचने लगेगा।
६- अत्यधिक मोटापे अथवा अधिक उच्च रक्तचाप की अवस्था में मकरासन का अभ्यास वर्जित है।
७- Makarasana Yoga Pose अथवा योगाभ्यास हमेशा शांत वातावरण तथा हवादार स्थान पर करें। किसी भी प्रकार का अवरोध अथवा दूषित वायु योगाभ्यास का परिणाम कम कर देती है।
८- मकरासन हमेशा बिल्कुल खाली पेट सुबह के समय में करें। किन्तु यदि किसी कारणवश अन्य समय में कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि अभ्यास के कम से कम दो घंटे पूर्ण कुछ खाया या पिया हो।
Final Words: Makarasana Yoga Pose का नियमित अभ्यास ना सिर्फ शारीरिक लाभ देता है बल्कि कई मायने में मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है।
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