Mahamrityunjay Mantra in Hindi– हमारे पुरातन वेदों एवं पुराणों में महामृत्युंजय मंत्र की महिमा का गायन है। Mahamrityunjay Mantra के उच्चारण से अकाल मृत्यु का भय और जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
हमारा भारतवर्ष पूरे विश्व में हमारी समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। महान ऋषि मुनियों ने इसी धरा पर जन्म लिया और जीवन के अनेक रहस्यों का उजागर किया। महा मृत्यंजय मंत्र भी उनमें से एक अद्भुत मंत्र है।
जिन लोगों को धार्मिक कृत्यों में विश्वास नहीं है उनको बता दूं के ये मंत्र सिर्फ भगवान की पूजा अर्चना के लिए नहीं बने थे। बल्कि इसके पीछे गहरा विज्ञान है।
वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि ब्रह्मांड में जो आवाज़ उत्पन्न होती है उससे ओम् ध्वनि निकलती है। इसी प्रकार मंत्रों में प्रयोग किए गए हर शब्द से एक ऊर्जा निकलती है और हमारे मस्तिष्क में फैलती है। मस्तिष्क से हमारे शरीर में फैलती है और फिर वातावरण में।
Mahamrityunjay Mantra in Hindi महामृत्युंजय मंत्र का जाप आपके मस्तिष्क के अंदर उस शक्तिशाली ऊर्जा का निर्माण करता है जो शरीर के किसी भी बीमारी को ठीक करने में मदद करती है। मन में बसे डर को बाहर निकाल आपके मन बुद्धि में शक्ति भर देता है।
Mahamrityunjay Mantra में कुल मिलाकर ३३ अक्षरों का प्रयोग किया गया है जो मान्यताओं के अनुसार ३३ करोड़ देवताओं के प्रतीक हैं। इन ३३ देवताओं में ८ वसु, ११ रुद्र, १२ आदित्य, १ प्रजापति तथा एक षटकार हैं। इन देवताओं में विद्यमान सभी शक्तियां Mahamrityunjay Mantra में निहित हैं।
Maha Mrityunjaya Mantra Lyrics in Hindi
ओम् त्र्यम्बकं यजा महे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम्।
उर्वा रुक मिव बन्ध नान् मृत्यो र्मुक्षीय माऽमृतात्॥
Mahamrityunjay Mantra Lyrics in English
Om trayambakm yajamahe, sugandhim pushti vardhanam Urvarukmiv bandhnaan, mrityormokshi yamamritat.
महामृत्यंजय मंत्र का अर्थ [Meaning of Mahamrityunjay Mantra]
- ओम् = पावन शब्द
Om= pavan शब्द - त्रयंबकम् = [तीन] त्रि-नेत्रों वाला
Trayambakm= teen netron wala - यजामहे = हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं।
Yajamahe= hum unko pujte hain, samman karte hain - सुगंधिम = सुगंधित
Sugandhim= sugandhit - पुष्टिः = समृद्ध जीवन की परिपूर्णता
Pushti= samriddh jeevan ki paripurnata - वर्धनम् = जो धन, सुख, आनंद बढाते हैं
Vardhanam= jo vriddhi [Growth] karta hai - उर्वारुकम = ककड़ी (कर्मकारक)
Urvarukam= kakdi - इव = उसी तरह
Iv= jaise, is tarah - बन्धनात = बंधन से / तने से
bandhnaan= bandhano se - मृत्योरमोक्षीय = मृत्यु से मुक्ति दें, स्वतंत्र कर दें
Mrityormokshiy= mrityu se mukti den, swatantr kar den - माsमृतात= मृत्यु के चक्कर से हमेशा के लिए [अमृत समान] मुक्त कर दें।
Mamritat= mrityu के chakkar se hamesha ke liye [amrit ke saman] mukti den
[Mahamrityunjay Mantra In Hindi] अर्थात हे त्रीनेत्रीय महादेव, इस सृष्टि के पालन हार, हम आपकी पूजा, चिंतन एवं अर्चना करते हैं। जिस प्रकार ककड़ी का फल समय आने पर बिना किसी कष्ट के वृक्ष से अलग हो जाता है। उसी प्रकार हमें भी इस दुनिया के मोह, माया एवं जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति दें।
महामृत्यंजय मंत्र की उत्पत्ति का इतिहास [History of Mahamrityunjay Mantra In Hindi]
ऋग्वेद में वर्णित मृकण्ड ऋषि संतानहीन होने के कारण दुःखी रहते थे। उन्हें पता था कि उनके जीवन में संतान सुख नहीं लिखा गया है। चूंकि, वे महादेव के भक्त थे, एक दिन उनके मन में खयाल आया कि क्यों न महादेव को प्रसन्न कर उनसे संतान का वरदान मांग लिया जाए।
उनके कठिन तप से प्रसन्न हो भोलेनाथ ने ऋषि को दर्शन दिया। ऋषि की मांग सुनकर महादेव ने उनसे कहा कि वे विधि का विधान तो नहीं बदल सकते इसलिए उन्हें संतान सुख के साथ दुख भी भोगना पड़ेगा।
Mahamrityunjay Mantra in Hindi-शिवजी के वरदान अनुसार ऋषि को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जिसका नाम उन्होंने मार्कण्डेय रखा। लेकिन कुछ समय बाद ही उन्हें इस बात का पता चल गया कि उनका पुत्र बहुत ही कम समय जीवित रहेगा। उसकी उम्र सिर्फ १२ वर्ष ही है। उनकी सारी खुशी संताप में बदल गई।
उनकी पत्नी को चिंता सताने लगी। ऋषि ने उन्हें आश्वासन दिया कि जिस भोलेनाथ ने उन्हें यह पुत्र दिया है वही इसकी रक्षा भी करेंगे। उनके मन में एक गहरा विश्वास था कि जिस तरह उन्होंने अपनी भक्ति के बल पर विधाता के लिखे विधान को बदल दिया। इस बार भी वे कुछ ऐसा करके हालात बदल लेंगे।
Mahamrityunjay Mantra in Hindi- समय के साथ बालक मार्कंडेय बड़े होने लगे। ऋषि मृकण्ड ने उन्हें सारी दिक्षाएं दीं और शिवमंत्र भी सिखाया। मार्कण्डेय की बढ़ती उम्र देख उनकी माता अधिक चिंतित रहने लगीं। एक दिन उन्होंने अपने चिंता की वजह बालक मार्कण्डेय को बता दिया।
बालक मार्कण्डेय ने निश्चय किया कि अपने माता पिता के सुख के लिए वे शिव जी से ही अपनी लंबी उम्र का वरदान लेंगे। जीवन भी तो उन्होंने ही दिया है।
मार्कंडेय की उम्र १२ वर्ष से कम थी। इस नन्हीं सी उम्र में उन्होंने महामृत्युंजय मंत्र की रचना की। और Mahamrityunjay Mantra का अखंड जाप करना शुरू कर दिया।
Mahamrityunjay Mantra in Hindi- जब उनकी १२ वर्ष की उम्र पूरी हुई तो यमदूत उन्हें लेने आए और उन्होंने देखा कि बालक भगवान शिव की आराधना में तल्लीन है। उन्होंने थोड़ी देर प्रतीक्षा की, किन्तु मार्कंडेय तो अपनी अखंड आराधना में तल्लीन रहे।
यमदूत उनके प्राण लिए बिना वापस चले गए। उन्होंने यमराज से कहा कि वे मार्कण्डेय के निकट नहीं जा सके।
यमदूतों के खाली हाथ आने के बाद यमराज ने स्वयं मार्कंडेय के प्राण लाने का फैसला किया। स्वयं यमराज को अपने सामने देख मार्कण्डेय ने ज़ोर ज़ोर से मंत्रोच्चारण के साथ शिवलिंग को कसकर पकड़ लिया।
Mahamrityunjay Mantra in Hindi- यमराज ने ज़ोर जबरदस्ती से बालक को शिवलिंग से अलग करने की कोशिश की। परन्तु नाकामयाब रहे। इस बीच मंदिर में एक तेज़ प्रकाश फैल गया और शिवलिंग से स्वयं शिवजी प्रकट हुए।
यमराज की आंखों के सामने अंधेरा छा गया। शिवजी ने यमराज से पूछा कि मेरी आराधना में तल्लीन मेरे भक्त को इस तरह खींचने का साहस तुमने कैसे किया?
शिवजी के इस प्रचंड रूप को देख यमराज घबरा गए। उन्होंने सारी कथा सुनाते हुए कहा कि इस बालक के प्राण हरने का समय आ गया है प्रभु।
Mahamrityunjay Mantra in Hindi तब शिवजी ने बताया कि इस बालक की तपस्या से प्रसन्न होकर मैंने इसे दीर्घायु का आशीर्वाद दे दिया है। अब तुम इसे नहीं ले जा सकते। यमराज ने महादेव की आज्ञा का पालन किया और खाली हाथ लौट गए।
शिवजी के आशीर्वाद के बाद मार्कण्डेय दीर्घायु हुए और उनकी रचना महामृत्युंज्य मंत्र अमर।
जो भी मनुष्य पूरी निष्ठा के साथ Mahamrityunjay Mantra का जप करता है। उस पर अवश्य ही शिवजी की कृपा होती है और उसके मन से भय आशंका दूर हो जाती है।
Benefits of Maha Mrityunjaya Mantra Chanting
कब करें महा मृत्युंजय मंत्र का जाप [When to chant Mahamrityunjay Mantra In Hindi]
1- यदि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपके कुंडली में ग्रहों की दशा ठीक ना हो तो आप Mahamrityunjay Mantra का जप करने जीवन में सुख शांति का अनुभव कर सकते हैं।
यदि आप, घर का कोई सदस्य किसी रोग से ग्रस्त है तो आप Mahamrityunjay Mantra के जाप से रोग के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
यदि धन हानि हो रही हो या घर में धन को लेकर क्लेश हो रहा हो तो भी Mahamrityunjay Mantra चमत्कारिक रूप से काम करता है।
मन धार्मिक कार्यों से विमुख हो गया हो और में में बुरे विचारों ने घर कर रखा हो तो Mahamrityunjay Mantra आपको उन विचारों से मुक्त कर जीवन की दिशा बदल आपको सही राह दिखाएगा।
यदि आपके आस पास के समाज में कोई महामारी का प्रकोप हो या आपसी विद्रोह से परिस्थिति अशांत हो तो Mahamrityunjay Mantra वातावरण में शांति लाएगा।
Benefits of Maha Mrityunjaya Mantra Chanting
कितनी बार महामृत्यजंय मंत्र का जप करना चाहिए [How many times to chant Mahamrityunjya Mantra in hindi]
1- किसी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए बीमार को कम से कम १५ बार Mahamrityunjay Mantra का जाप करना चाहिए।
2- शिव पुराण के अनुसार यदि किसी व्यक्ति में भय और आशंका का प्रभाव बढ़ गया हो तो उसे शिवजी का ध्यान करते हुए। ११०० बार Mahamrityunjay Mantra का जाप करना चाहिए। निसंदेह उसे भय से मुक्ति मिलेगी। [Mahamrityunjay Mantra In Hindi]
3- परिवार में सफलता, पुत्र प्राप्ति, शक्ति और विभिन्न परिस्थितियों में सहनशक्ति के लिए व्यक्ति को १५०००० बार Mahamrityunjay Mantra का जाप करने की सलाह दी गई है।
4- Mahamrityunjay Mantra in Hindi- यदि किसी को अकाल मृत्यु का भय है तो इस भय को दूर करने और सुखी जीवन के लिए व्यक्ति को १५०००० बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के सलाह दी गई है।
5- पुराणों के अनुसार यदि गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र Mahamrityunjay Mantra , दोनों का एक साथ जाप किया जाए तो इसका जीवन पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। यह मनुष्य के मन, बुद्धि, आत्मा को शुद्ध कर जीवन की राह में आने वाली बाधाओं से बचाता है।
महामृत्युंजय मंत्र जप समय तथा सावधानियां
[ Right Time and Precautions before Chanting Mahamrityunjay Mantra in Hindi]
याद रखें Mahamrityunjay Mantra का जाप पूरी निष्ठा और साफ़ मन से करें। यदि आपको मंत्रों की शक्तियों के प्रभाव का अनुभव करना है तो नियमों का पालन आवश्यक है।
कोशिश करें कि सुबह ४ से ४:३० बजे Mahamrityunjay Mantra का जाप करें। यह ब्रह्मा मुहूर्त का समय है। इस समय का जीवन में अत्यंत महत्व है।यदि सुबह सम्भव न हो तो सुबह सोकर उठने के बाद तथा रात को सोने से पहले मंत्र जाप की आदत डालें।
Mahamrityunjay Mantra in Hindi- Mahamrityunjay Mantra के शब्दों का उच्चारण शुद्ध रूप से करें। तथा एक निश्चित समय पर जाप करें। अपनी दिनचर्या अपने सुविधानुसार बनाए तथा प्रतिदिन उसी निश्चित समय पर Mahamrityunjay Mantra का जाप करें।
दिन में कम से कम १०८ बार Mahamrityunjay Mantra का जाप करने की सलाह दी गई है। यदि एक बार में संभव न हो तो, आप चाहें तो इसे कुछ भागों में विभाजित कर पूरे दिन में १०८ बार कर सकते हैं।
जितनी संख्या में अपने पहले दिन जाप किया था उतनी ही रोज़ करें। यदि अपने पहले दिन १०८ बार किया तो आने वाले दिनों में भी १०८ बार ही करनी है। इसे काम ना करें।
Mahamrityunjay Mantra in Hindi- जब भी आप जाप की शुरुआत करें उन समय में मांस, मदिरा तथा अन्य व्यसनों से दूर रहें। मन की स्वच्छता शरीर की स्वच्छता से अधिक आवश्यक है।
इस प्रकार महामृत्युंजय मंत्र [Mahamrityunjay Mantra In Hindi] आपकी सर्व मनोकामापूर्ति के लिए उपयोगी है। यह बिल्कुल आकर्षण के नियम की तरह काम करता है। आपकी हर इच्छा की पूर्ति करता है। यदि अपने अभी तक आकर्षण के नियम के बारे में नहीं पढ़ा तो यहां पढ़िए।
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Nice