सर्दी जुकाम भगाने का सहज उपाय | Linga Mudra Benefits in Hindi

Linga Mudra Benefits in Hindi ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में यदि हम इंसान स्वयं अपने शरीर का खयाल रखने की शक्ति रखते हैं तो अन्य जीव हम पर अथवा प्रकृति पर निर्भर करते हैं।

इसमें कोई शक नहीं कि प्रकृति का हर जीव एक दूसरे पर किसी न किसी तरह निर्भर है। मनुष्य एकमात्र प्राणी है जो अपने फैसले खुद मेरा है तथा अपने मन बुद्धि का ख्याल खुद रख सकता है। जल में रहने वाले जीव जैसे कि ठंडी प्रकृति वाले कछुए अपना भोजन पचाने के लिए गर्मी सूर्य की रोशनी पर निर्भर हैं।

मनुष्य को ईश्वर ने ऐसी शारीरिक संरचना दी है जिसे वह खुद अपना भोजन पचा सकता है उसे अन्य किसी पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है।

शारीरिक और मानसिक कमजोरी के कारण मनुष्य अपनी शारीरिक क्षमता खोने लगता है। यही कारण है कि उसे भिन्न भिन्न बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

सदियों पहले योगियों ने योग की अनेकों विधियों का आविष्कार किया जो इंसान की प्रकृति क्षमता को पुनः बढ़ा सकती है।

मनुष्य का शरीर किसी भी प्रकार की बीमारी से लड़ने की क्षमता रखता है। किसी कारणवश यदि उसकी रोग प्रतिकार क्षमता कम हो चुकी हो तो योगासनों एवं मुद्राओं के अभ्यास से रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाई जा सकती है।

ऐसी ही एक मुद्रा जिसे हम लिंग मुद्रा Linga Mudra के नाम से जानते हैं, शरीर में उसकी गर्माहट का स्तर बढ़ाकर कई शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाता है।

लिंग मुद्रा के अभ्यास से मिलने वाले Linga Mudra Benefits लाभों को जानने से पहले जानते हैं कि लिंग मुद्रा क्या है?

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What is Linga Mudra in Hindi

शरीर में पांच तत्वों को संतुलित करने में हस्त मुद्राओं का महत्वपूर्ण योगदान है। लिंग मुद्रा Linga Mudra शरीर में अग्नि तत्व अर्थात गर्मी संतुलित करने में मदद करती है।

लिंग मुद्रा को पुरुषत्व का स्वरूप भी माना जाता है। उंगलियों से विशेष मुद्रा बनाकर शरीर में ऊष्मा को भिन्न भिन्न अंगों में प्रवाहित किया जा सकता है।

लिंग मुद्रा Linga Mudra नाम का एक रहस्य यह भी है कि इस मुद्रा में अंगूठे का आकर लिंग के समान प्रतीत होता है।

इस मुद्रा से प्रवाहित होने वाली ऊर्जा शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा का प्रवाह करके मौसमी बीमारियों से बचाती है। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक लिंग मुद्रा Linga Mudra का अभ्यास शिव, रूद्र तथाकाल भैरव की साधना के दौरान किया जाता है।

Linga Mudra Benefits अक्सर इस मुद्रा का अभ्यास तंत्र योग, योनि तथा महायोनि जैसी तांत्रिक साधनाएं में किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो एक तरह से गुप्त साधनाओं का फल देने में यह मुद्रा विशेष प्रभावी है।

How to Do Linga Mudra in Hindi

लिंग मुद्रा Linga Mudra का अभ्यास भले ही विशेषकर गुप्त साधनाओं में किया जाता है किंतु शरीर में सर्दी लगने तथा शीतलता से प्रभावित किसी भी अन्य रोग को दूर करने के लिए इसका अभ्यास किया जा सकता है। परिणाम कम से कम समय में देखा जा सकता है। नीचे दिए Linga Mudra Steps के अनुसार इस मुद्रा का सही अभ्यास जानें।

Linga Mudra Benefits/ Linga Mudra Images

१- लिंग मुद्रा Linga Mudra के अभ्यास के लिए सर्वप्रथम एक शांत एवं हवादार स्थान पर ज़मीन पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं। इस मुद्रा का अभ्यास खड़े होकर अथवा कुर्सी पर बैठकर भी किया जा सकता है।

२- ज़मीन पर बैठने के लिए पद्मासन, सिद्धासन, वज्रासन अथवा स्वस्तिकासन का प्रयोग अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं।

३- आंखें बंद कर ध्यान सांसों पर लाएं तथा लंबी गहरी सांस भरकर सांसों को भीतर रोक लें। जितनी देर तक संभव हो सांस रोककर रखें फिर मुंह द्वारा बाहर छोड़ दें।

४- सांसों के अभ्यास से शरीर को आराम दायक अवस्था में तथा मन को वर्तमान में लाने में सहायता मिलती है। इस दौरान दोनों हाथों को घुटनों पर हथेलियों को ऊपर की तरफ़ खोलकर रखें।

५- अब दोनों हाथों को छाती के सामने लाएं तथा हाथों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे में फंसा दें। दाहिने हाथ के अंगूठे को बिल्कुल सीधा खड़ा करें तथा उसे बाएं हाथ के अंगूठे से घेरे में लें।

६- आंखें बंद कर सांसे लयबद्ध रीति से सामान्य चलने दें तथा मन में ओम का उच्चारण करें। अपने समयानुसार १०८ बार ओम का उच्चारण करने तक इसी अवस्था में रहें।

७- हाथों को बदलकर जैसे कि बाएं हाथ के अंगूठे को सीधा तथा दाएं अंगूठे से घेरा बनाकर भी लिंग मुद्रा का अभ्यास किया जा सकता है।

८- मुद्रा Linga Mudra अभ्यास के बाद हाथों को सामान्य करें, तथा धीरे धीरे ध्यान को शरीर पर लाकर साधारण रूप से बैठ जाएं।

९- यदि आप एक सौ आठ बार ओम का उच्चारण न कर सकें तो कम से कम सोलह मिनट तक लिंग मुद्रा में स्थित रह सांसों पर ध्यान केंद्रित रखें।

Benefits of Linga Mudra in Hindi/ Linga Mudra Benefits in Hindi

इस Linga Mudra एक अद्भुत मुद्रा के नियमित से शास्त्रों की मानें तो भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। इसके अलावा नियमित अभ्यास करने से कई शारीरिक एवं मानसिक लाभ Linga Mudra Benefits होते हैं जो निम्न हैं।

१- यदि आप शिव के साधक हैं तो इस मुद्रा के अभ्यास से उनका ध्यान लगाना अत्यंत आसन हो जाता है।

२- Linga Mudra Benefits लिंग मुद्रा शरीर में अग्नि तत्व का संचार तथा संतुलन करने का कार्य करती है। अतः सर्दियों के दिनों में शरीर में गर्माहट उत्पन्न कर बीमारियों से बचाती है।

३- इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर में गर्माहट पैदा कर अतिरिक्त चर्बी को आसानी से कम किया जा सकता है।

४- Linga Mudra Benefits लिंग मुद्रा के अभ्यास से छाती में जमा हुए बलगम को पिघलाने में मदद मिलती है जिससे सर्दी खांसी दूर किया जा सकता है।

५- गले में खराश अथवा गले संबंधी अन्य समस्याओं को दूर करती है तथा स्पष्ट बोलने की शक्ति प्रदान करती है।

६- Linga Mudra Benefits साइनस, अस्थमा तथा रक्तचाप जैसी बीमारियों की अवस्था में लिंग मुद्रा का नियमित अभ्यास अत्यंत लाभकारी है।

७- लिंग मुद्रा का अभ्यास सूर्य मुद्रा के साथ करने से स्त्रियों में माहवारी की अनियमितता को सुधारने में मदद मिलती है।

८- Linga Mudra Benefits लिंग मुद्रा का नियमित अभ्यास शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाता है तथा पाचन प्रक्रिया को भी संतुलित करता है। फलस्वरूप पाचन संबंधी एवं पर संबंधी बीमारी नहीं होती है।

९- जैसा कि लिंग मुद्रा पुरुषत्व का प्रतीक है, इस मुद्रा के अभ्यास से नपुंसकता से मुक्ति मिल सकती है।

१०- Linga Mudra Benefits लिंग मुद्रा का नियमित अभ्यास शरीर के मुख्य सातों चक्रों को संतुलित कर कुण्डलिनी शक्ति को कम समय में जगाने में सहायक है।

कुण्डलिनी शक्ति जागने के लाभ

Linga Mudra Precautions लिंग मुद्रा अभ्यास में सावधानियां

यह मुद्रा जितनी लाभकारी है उतनी ही सावधानियां बरतना भी आवश्यक है। इस मुद्रा के अभ्यास से पूर्व निम्न बातों पर विशेष ध्यान दें।

१- जैसा कि अपने ऊपर पढ़ा इस मुद्रा के अभ्यास से शरीर में तीव्र ऊष्मा प्रवाहित होने लगती है। इसलिए अपने शरीरके तापमान अनुसार ही समय का चुनाव करें।

२- जिन लोगों को पित्त दोष की शिकायत हो वे लिंग मुद्रा के अभ्यास से बचें।

३- मुद्रा अभ्यास के दौरान अत्यंत गहने एवंभारी कपड़े पहनने से बचें, हल्के एवं साधारण कपड़े पहने ताकि ध्यान लगने में आसानी हो।

४- गर्मियों में अभ्यास अवधि कम कर दें ताकिशरीर में अग्नि मुद्रा की अति न हो।

५- जब भी इस मुद्रा का अभ्यास शुरू करें, दाएं रहे को शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए अपनी दिनचर्या में अधिक पानी का सेवन करें।

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Side Effects Of Linga Mudra

यदि ऊपर बताई बातों को ध्यान में रख लिंग मुद्रा का अभ्यास करेंगे तो सिर्फ़ लाभ ही होंगे किन्तु यदि Linga Mudra Benefits के साथ सावधानियों को अनदेखा करेंगे तो कुछ विपरीत परिणाम दिख सकते हैं।

१- ज़रूरत से ज्यादा समय अभ्यास करने से शरीर में जल तत्व की कमी हो सकती है तथा उससे संबंधी स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

२- गर्मियों में समय पर विशेष ध्यान नहीं दिया तो पसीना, उल्टी अथवा बेहोशी का सामना करना पड़ सकता है।

३- पित्त दोष बढ़ने के साथ नाक से खून आने की अथवा बुखार की समस्या हो सकती है।
यदि लिंग मुद्रा Linga Mudra के अभ्यास से ऐसा कोई भी प्रभाव दिखाई दे तो तुरंत अभ्यास बंद अथवा समय अवधि कम कर दें।

Final Words: लिंग मुद्रा एक अद्भुत एवं अत्यंत उपयोगी मुद्रा है। Linga Mudra Benefits के साथ सावधानियों पर विशेष ध्यान देकर इस मुद्रा का अभ्यास करने से सिर्फ़ लाभ ही लाभ मिलते हैं।

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भवतु सब्बै मंगलम!

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