How to Stop Negative Thoughts in Hindi- नमस्कार, स्वागत है आपका एक नए article में…. आज के इस आर्टिकल में मैं आपके साथ ऐसी आठ बातें या टिप्स शेयर करूंगी जो न सिर्फ़ आपको निगेटिव विचारो से मुक्त करेंगी बल्कि जीवन को मैजिकल तरीक़े से बदल देंगी।
नकारात्मक विचार, वह स्लो पॉयजन है जो मनुष्य को भीतर ही भीतर खोखला करता रहता है। अकसर चाह कर भी ऐसे विचारों पर ब्रेक लगाना मुश्किल हो जाता है। अपने विचारों पर काबू न पाना एक ऐसी कमजोरी है जिसे दूर करके, यानी स्वयं को मजबूत करके अपने आपको पॉजीटिव बनाना सम्भव है।
ये विचार मात्र परिस्थितियों के कारण नहीं आते,। कई बार ये विचार हमारे ही कर्मों के परिणाम होते हैं,। कभी कभी तो पूर्व जन्मों से संबंधित होते हैं, इस बात का उदाहरण वे कुछ लोग हैं जिनसे आप पहली बार मिलते हैं और आपके मन में उनको लेकर कुछ अच्छे विचार नहीं आते, या आपको उनसे नेगेटिव वाइब आती है।
ऐसे में यह कहना बिलकुल सही है कि नकारात्मक विचारों का जाल अत्यंत गहरा होता है, आसानी से मुक्त होना सम्भव नही लगता। लेकिन जिस प्रकार एक बाल्टी में भरे हुए गंदे पानी को यदी उसमे लगातार पानी भरते रहें तो एक टाइम ऐसा होता है जब वह पानी पूरा स्वच्छ हो जाता है, वैसे ही, यदि अपने विचारों और कर्मों को लगातर पॉजीटिव दिशा देते रहें तो जन्मों जन्मों के निगेटिव विचारो, भावनाओ और प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं।
तो यदि आप सेल्फ प्रोग्रेस चाहते हैं, अपने आपको पॉजीटिव विचारों से भरना चाहते हैं तो अपनी दिनचर्या में इन आठ बातों को अपनाएं। How to Stop Negative Thoughts
लेकिन उससे पहले मेरी आप लोगों से गुजारिश है कि यदि आपको हमारे आर्टिकल अच्छे, इनफॉर्मेटिक और हेल्पफुल लगते हैं तो लाईक और कमेन्ट करके ज़रूर बताएं। साथ ही कम से कम अपने दो मित्रों के साथ शेयर करें। अच्छी बाते शायर करने से बढ़ती हैं।
तो चलिए अब आते हैं उन बातों पर जिन्हे अपनाकर आप आप विचारों को आपके वश में कर सकतें हैं।
How to Stop Negative Thoughts in Hindi
1- अपने मन को बार बार पॉजीटिव विचार दें।
अपने निगेटिव विचारों को बदलने का पहला स्टेप तो यही है कि अपने आपको पॉजीटिव विचारों से भरें इसके लिए आपको अपने लिए कुछ ऐसे सेल्फ टॉक चाहिए जो आपको याद दिलाएं कि आप सेल्फ ट्रांसफोरम्शन जर्नी पर हैं
इस प्रॉसेस को ज्यादा इफेक्टिव और सक्सेस बनाने के लिए दिन भर में कुछ सेल्फ हेल्प की किताबें पढ़ें, यदि आप यूट्यूब पर समय बिताते हैं तो कुछ मनोरंजक विडियोज को कम करके ऐसे विडियोज देखें जो आपको पॉजीटिव बनाए।
कहने का मतलब है कि अपने अंदरूनी विचारों पर काबूपाने के लिए अंदरूनी विचारों यानि सेल्फ टॉक के अलावा कुछ बाहरी सोर्स की भी मदद लें।
जब भी समय मिले, कुछ पॉजिटिव विचार ही ग्रहण करें। साथ ही कुछ ऐसे म्यूजिक सुनें जो आपके मन को सुकून देता हो।
2- How to Stop Negative Thoughts- पॉजीटिव लोगों की संगत में रहें
कहते हैं कि हम जिन पांच लोगों के साथ सबसे अधिक अपना समय बिताते हैं उन्ही के जैसा बन जाते हैं। अपने अनुभव से मैं कह सकती हुं कि यह सही भी है। तो आप जिन लोगों के साथ अपना सबसे अधिक समय बिताते हैं उन लोगों पर गौर करें। यदि उनमें चीजों को लेकर क्रिटिकल थिंकिंक होगी तो आप भी वैसे ही बनेंगे।
अपना समय ऐसे लोगों के साथ बताएं जो दूसरों में अच्छाई खोजते हैं। जिनमें जीवन को लेकर एस्ट्रा उत्साह होता है। जो लोग परिस्थितियों से लड़ना जानते हैं और आपको भी उस बात के लिए गाइड करते हैं।
पॉजीटिव लोग जीवन से निगेटिविटी को कम करने औरधीरे धीरे खत्म करने में मदद करते हैं।
३- हेल्थी दिनचर्या अपनाएं।
आपको पता है, देर से सोने और देर से उठने वाले के जीवन में उन लोगों की अपेक्षा अधिक समायाएं होती हैं जो सोते और जल्दी जागते हैं। इसलिए अपनी दिनचर्या अर्थात उठने और सोने का समय सही करें।
सुबह जल्दी उठे, सुबह के वायुमण्डल सात्विक होता है,ऐसे में बाहर खुली हवा में घूमना,मेडिटेशन करना या अच्छी किताबें पढ़ना हमारे मन पर अच्छा प्रभाव डालते हैं।
मन ही तो है हमारे मन में विचारों को उत्पन्न और ग्रो करता हैं। जब दिन की शुरुवात अच्छी होती है, तो सारा दिन अच्छा जाता है क्योंकि सुबह की शुद्ध वायु आपके मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी को पुरी करती है।
परीणाम स्वरूप मास्थिस्क की कार्य क्षमता बढ़ती है और दिन में कैसी भी समस्या या परिस्थिति आए वह उससे निपटने के लिए तैयार रहता है।
४- How to Stop Negative Thoughts- अपनी diet में बदलाव लाएं।
यदि आप सोच रहे हैं कि हमारे विचारो एवं डायट का क्या संबंध है तो मैं बता दू की इन दोनों में बहुत ही सुक्ष्म किंतू गहरा संबंध है। कहते हैं ना जैसा अन्न, वैसा मन। आप जो कुछ भी खाते हैं वह मात्र अपने डाइजेस्टिव सिस्टम नहीं बल्कि मन और मस्तिष्क पर भी प्रभाव डालता है।
उदहारण के लिए क्या आपने कभी गौर किया है कि जो लोग मांस मछली का सेवन करते हैं उनका स्वभाव सात्विक लोगों की तुलना में अधिक एग्रेसिव होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि तामसिक भोजन मस्तिष्क में उग्र विचारों को उकसाता है।
इस विषय पर एक article बन सकती है, यदि आप इसके बारे में विस्तर से जानना चाहते हैं तो कमेन्ट करके बताएं, हम इस पर डिटेल article लेकर आएंगे।
भोजन के प्रभाव का दुसरा उदाहरण, जब आप उपवास रखते हैं और ताजे फलों का सेवन करते हैं तो अपने विचारों पर गौर करें, वे एकदम सात्विक होते हैं और मन किसी भी परिस्थिति में शांत रहता है। इसलिए नकारात्मक विचारो से मुक्ति के लिए अपनी डायट में
fresh fruits और water की मात्रा बढ़ा दें।
५- अपनी जिम्मेदारियों को दिल से निभाएं
मुझे उम्मेद है कि आप लोग इस बात से सहमत होंगे कि जब मन में नकारात्मक विचार चलते हैं तो थकान जल्दी होने लगती है।। इसका कारण है कि नकारात्मक विचार आपकी सारी ऊर्जा सक कर लेते हैं, जबकि पॉजीटिव विचार आपमें एक नई उर्जा का संचार करते हैं।
तो यदि आप थका और हारा भी महसूस कर रहें हों तब भी अपनी जिम्मेदारियां जैसे कि ऑफिस के काम, घर के काम, परिवार के प्रति जिम्मेदारियां, इन सबको मन से निभाएं। जब आप अपनी जिम्मेदारियों को पूरे मन से निभाते हैं तो आपको उसका महत्त्व समझता है और निगेटिव विचार पॉजीटिव में बदल जाते हैं।
याद रखे कि इस दुनिया में बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो परिवार और जिम्मेदारियों के लिए तरसते हैं।
६- हर रोज़ कोई एक पुण्य का काम करें
कहते हैं न कि दुआओं में जो असर है वह किसी और चीज़ में नहीं तो दौलत शोहरत सब कमाएं। साथ ही दुआयें कमाने से वंचित न रहें। आप चाहे जैसी भी परिस्थिति में हों, हर रोज़ कुछ ऐसा करें जिससे किसी का कुछ अच्छा हो, किसी का भला हो।
कुछ नहीं तो अपनी छत या बालकनी पर पक्षियों के लिए अनाज के कुछ दाने और पानी का कटोरा ही रख दें। किसी गरीब को भोजन खिला दें। कहने का अर्थ है कि एक नियम बना लें कि नियमति आपको किसी जीव के लिए कुछ अच्छा करना है।
आपको नहीं पता कब किस हाल में किसकी दुआ काम आ जाए। इसलिए ऐसे रैंडम कर्म करते रहें।
यह भाव ही आपके मन में जीवन के प्रति उमंग उत्साह भरेगा और आपकी सोच सकारात्मक होने लगेगी।
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७- जो लोग आपके जीवन में कांटे बिछाते हैं उनको माफ़ करें
क्या यह आसान हैं, बिल्कुल नहीं लेकिन एक बात याद रखें, आपके जीवन में कांटे वही बिछाते हैं जो आपकी तरक्की से दुखी हैं। तो जो लोग पहले से ही दुखी हैं उनके बारे में सोचकर आप अपना मन क्यों दुखी करें। बल्कि उनको उनकी गलतियों के लिए माफ करें और खुद भी उनसे मन ही मन माफ़ी मांग लें।
ऐसा करने से एक तो आप निगेटिव भावनाओं और विचारों से बच जायेंगे, दूसरा आपके उनसे माफ़ी मांगने की ऊर्जा उनके मन से आपके प्रति निगेटिव बातें निकल देंगी और समय के साथ वे आपकी राहों में आना ही बंद कर देंगे, कांटे बिछाना तो दूर की बात है।
मुझे पता है कि यह आसान नहीं है पर याद रखे,। डेली प्रैक्टिस से सब कुछ सम्भव है।
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८- दिल से दुआएँ दें
आपको पता है आपके मन में जो भाव रिपेटेड उत्पन्न होते हैं वो बड़ी ही तेजी से ग्रो होते हैं। इसीलिए तो कहते हैं कि हमेशा पॉजीटिव सोचें। तो किसी के लिए दुआ देना, इससे पॉजीटिव और पॉवरफुल विचार क्या हो सकते हैं?
तो जब भी कोई नकारात्मक विचार मन में आए, उसे बदल दें। उदहारण के लिए किसी की कोई बात मन को दुख पहुंचा गई और मन में बार बार नकारात्मक विचार आए तो उसे तुरंत बदलें और उस व्यक्ति के लिए दुआ के कुछ शब्द दोहराएं। ऐसा करने से आपकी ऊर्जा बदल जायेगी।
आप अपने व्यथित मन को शाक्तिशाली बना लेंगे साथ ही, आपकी दुआओं वाली ऊर्जा उस व्यक्ति तक जाकर उसे सही रास्ता दिखाएगी।
Final Words about How to Stop Negative Thoughts- तो ये थी कुल आठ छोटी किंतु बहुत ही प्रभावी और पॉवरफुल बातें जो न सिर्फ़ आपको पॉजीटिव बनाएंगी बल्कि आपकी आत्मिक शक्ति में भी बल भरेगी।
साथ ही यदि आपने इसे आज से प्रैक्टिस करना शुरु किए तो कुछ महीनों में आपमें जबरदस्त परिवर्तन आएगा। आप एक प्रभावी व्यक्तित्व बनकर उभरेंगे।
यदि आप अभी तक आर्टिकल में बने हैं, तो साथ देने के लिए धन्यवाद। और आज के लिए बस इतना ही, मिलते हैं अगले आर्टिकल में एक नए टॉपिक के साथ। तब तक स्वस्थ रहें और आपका दिन शुभ हो।
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