Vajrasana Yoga in Hindi शारीरिक हो या मानसिक, सभी बीमारियां पेट से ही शुरू होती हैं। भोजन, जो हर रोज़ आप खाते हैं, पोषक तत्वों के साथ कई हानिकारक तत्व जैसे कि अतिरिक्त वसा, तेल, नमक, मीठा इत्यादि भी अपने साथ आपके पेट तक ले जाता है।
यदि इन हानिकारक तत्वों को समय रहते शरीर के बाहर नहीं निकाला गया तो जमा हो- होकर बीमारियों के पैदा होने का कारण बनते हैं। इस बात से तो आप इनकार नहीं कर सकते कि आप इन तत्वों का सेवन नहीं करते। कब्ज़ हो या मोटापा, डायबिटीज हो या थकान की समस्या सभी पेट से अथवा पाचन तंत्र के असंतुलित होने से ही शुरू होती है।
MysticMind के इस आर्टिकल में हम आपके साथ एक ऐसे आसन के बारे में विस्तार से जानकारी साझा करने जा रहे हैं जो उपर्युक्त सभी समस्याओं का समाधान करता है। एकमात्र आसन जो खाना खाने के तुरंत बाद करने से अनेकों बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है।
भोजन के बाद कुछ मिनटों का वज्रासन Vajrasana Yoga जादुई तरीके से स्वास्थ्य में परिवर्तन लाता है। इसके नियमित अभ्यास से होने वाले लाभों एवं इसे करने की विधि से पहले जाते हैं कि वज्रासन योग क्या है?
What is Vajrasana in Hindi
अंग्रेजी में Diamond pose के नाम से प्रचलित वज्रासन Vajrasana Yoga संस्कृत भाषा के दो शब्दों, वज्र तथा आसन से मिलकर बना हुआ है। वज्र का अर्थ आकाशीय बिजली तथा हीरा भी होता है, एवं आसन शरीर के बैठने अथवा खड़े होने की अवस्था है।
वज्र, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देव इंद्र, के हथियार को भी कहा जाता है। जिनका प्रयोग कर इंद्र देव बारिश अथवा आकाश में गर्जना करते थे। वज्रासन का अभ्यास करते समय शरीर का आकर उस वज्र के समान तथा हीरे के आकर में परिवर्तित होता है। यही कारण है कि इसका नाम प्राचीन काल में ही योगियों ने वज्रासन Vajrasana Yoga रख दिया था।
वज्रासन में बैठकर कई मुद्राएं, कपालभाति तथा अनुलोम विलोम करने से इनके फ़ायदे दोगुने हो जाते हैं।
आइए देखते हैं कि वज्रासन अभ्यास का सटीक एवं सही तरीका क्या है?
How to do Vajrasana in Hindi/ Vajrasana vidhi in Hindi
अब आपके सबसे महत्वपूर्ण सवाल, वज्रासन कैसे करें, का उत्तर देखते हैं। वज्रासन का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए इसका सटीक अभ्यास अर्थात इसके Vajrasana Procedure को भली भांति जानना अत्यंत आवश्यक है। अतः Vajrasana Yoga steps के बारे में ध्यान दे पढ़ें।
१- Vajrasana Yoga वज्रासन अभ्यास का अभ्यास के लिए उपयुक्त वातावरण, शांतिपूर्ण एवं हवादार स्थान पर योगा मैट समतल ज़मीन पर बिछाकर तैयार हो जाएं।
२- दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर उसपर खड़े हो जाएं, दोनों पैरों के पंजे आसपास तथा ऊपर की और खुला रखें। दोनों अंगूठों को एक दूसरे के साथ मिलाकर रखें।
३- अब दोनों पंजों के बीच बने गद्देदार स्थान अर्थात पंजों पर बैठ जाएं। सम्पूर्ण शरीर, कमर, पीठ, गर्दन एवं सिर को पूर्ण रूप से सीधा रखें।
४- पैरों के दोनों घुटनों को पास पास रखें तथा दोनों हाथों को घुटनों पर रख दें। वज्रासन में सामान्य रूप से आंखें बंद कर सांस लें तथा उसके आवागमन पर ध्यान केंद्रित रखें।
५- पांच से दस मिनट तक वज्रासन में बैठने के बाद फिर से हाथों को बगल में कर, घुटनों के बल खड़े हो जाएं। Vajrasana Procedure पूर्ण होने के बाद आंखें खोल, सामान्य रूप से खड़े हो जाएं।
AdvancePose/ Supt Vajrasana
यदि आ पहले से वज्रासन का नियमित अभ्यास करते आए हैं तो ही वज्रासन के एडवांस अर्थात सुप्त वज्रासन का अभ्यास करें।
इस करने के लिए घुटनों के बल, पंजों पर बैठने के बाद, शरीर को पीछे की ओर झुकाना रहता है। हाथों की कोहनियों को ज़मीन पर टिकाकर सिर को पैरों के पास ज़मीन से टिकाएं।
Supt Vajrasana Yoga सुप्त वज्रासन का फेफड़ों, गर्दन, मेरुदंड एवं कमर के लिए रामबाण जैसा लाभ देता है। इसका अभ्यास सर्वप्रथम योग्य शिक्षक की निगरानी में ही करें। सबसे पहले वज्रासन का नियमित तथा लंबे समय से अभ्यास करने वाले ही सुप्त वज्रासन का अभ्यास करें।
आइए देखते हैं कि वज्रासन Vajrasana Yoga अभ्यास के वह कौन से फ़ायदे हैं जो लाखों लोगों को इसके अभ्यास के लिए प्रेरित करते हैं।
Benefits of Vajrasana Yoga in Hindi
Vajrasana Procedure को भली भांति करने के पश्चात अनेकों लाभ मिलने शुरू हो जाते हैं। Vajrasana Benefits जान लेने के बाद आप स्वयं को इसके अभ्यास से वंचित नहीं रख पाएंगे।
१- पुराना कब्ज़, बवासीर अथवा फिशर की समस्याओं से मुक्ति दिलाने के साथ एसिडिटी एवं अपच की समस्या को भी वज्रासन Vajrasana Yoga का अभ्यास दूर करता है।
२- खाने के तुरंत बाद पांच से दस मिनट का अभ्यास भोजन को सही तरीके से पचाकर पाचन तंत्र को स्वस्थ करता है तथा पेट संबंधी अन्य बीमारियों से बचाता है।
३- साइटिका, कमर दर्द में मुक्ति मिलने के साथ, मेरुदंड भी सुदृढ़ बनता है। फलस्वरूप खड़े होने तथा बैठने की स्थित में सुधार होता है जो व्यक्तित्व विकास की प्रथम आवश्यकता है।
४- स्त्रियों का पाचन तंत्र सुधारने के साथ मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं जैसे कि अत्यंत पीड़ा अथवा रक्त प्रवाह को संतुलित करने में वज्रासन मदद करता है। प्रसव पीड़ा को कम कर आसानी से प्रसव होने में भी मदद करता है।
५- कमर, पेट एवं पैरों की मांस पेशियों को मजबूत कर अतिरिक्त वसा अर्थात जमा चर्बी को कम करता है। किडनी, लीवर आदिअंगों में रक्त संचार बढ़ाकर उनके स्वास्थ्य में वृद्धि करता है।
६- भोजन सही रूप से पचने तथा पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के फलस्वरूप, शुगर एवं अन्य कई बीमारियों के खतरे से वज्रासन Vajrasana Yoga बचाता है।
८- पैरों को मजबूत बनाता है तथा मन को शांत कर धैर्यशीलता बढ़ाता है। जननांगों को मजबूत तथा स्वस्थ रखने में भी वज्रासन का नियमित अभ्यास मदद करता है।
९- घुटने एवं एड़ियों को मजबूत बनाने के साथ लचीला बनाता है एवं जोड़ों के दर्द, गठिया वात से मुक्ति दिलाता है।
१०- वायु तत्व को संतुलित कर वायु दोष के प्रभावों जैसे कि पेट मे गैस की समस्या को खत्म करने में वज्रासन Vajrasana Yoga सर्वाधिक प्रभावी आसन है।
Vajrasana Precautions/ वज्रासन अभ्यास में सावधानियां
एक तरफ जहां यह एक अधिक प्रभावी तथा लाभकारी ये आसन है, वहीं दूसरी तरफ़ कुछ बातों की सावधानियां आवश्यक है। वज्रासन अभ्यास से पूर्व एवं अभ्यास के दौरान निम्न बातों का खास खयाल रखें।
१- पैरों की एड़ियों, घुटनों अथवा हड्डियों में कोई समस्या हो अथवा किसीप्रकारकी सर्जरी हुई हो तो पहले चिकित्सक की सलाह लें।
२- स्लीप डिस्क के मरीज़ अथवा मेरुदंड में किसी भी प्रकार की पीड़ा के हालात में इस आसन को बिना डॉक्टर की सलाह के ना करें।
३- पेट मे किसी गंभीर बीमारी, हर्निया, अल्सर इत्यादि की हालात में भी चिकित्सक की सलाह एवं योग्य शिक्षक की निगरानी का खयाल रखें।
Vajrasana Yoga for Begginers
वज्रासन का अभ्यास शुरू में ही पांच से दस मिनट बैठने में तकलीफ़ हो सकती है। शरीर में, खासकर पैरों में लचीलापन लाने के लिए समय लगता है, तो हो सकता है कि आरंभिक दिनों में अधिक पीड़ा का अनुभव हो।
नए लोग, शुरुआत में उतनी ही देर वज्रासन का अभ्यास करें जितना आसानी से हो जाए। नियमित अभ्यास से। पांच से दस मिनट बैठना आसन हो जाएगा और आप अधिक समय तक भी बैठ सकते हैं।
शरीर के साथ कभी जोर जबरदस्ती ना करें, यह हानिकारक साबित है सकता है।
FAQs
१- How long should you sit in Vajrasana Yoga?
Vajrasana Time Limit/ वज्रासन आपके पाचन तंत्र को सुचारू तथा स्वस्थ करता है जो प्रतिदिन किसी न किसी प्रकार से नुकसान का सामना करता है। इसलिए जितना संभव हो उतनी देर तक इसका अभ्यास कर सकते हैं। यदि आप नियमित अभ्यास करते हैं तो तीस मिनट तक कर वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं।
२- Who should not do Vajrasana Yoga?
उपर्युक्त सावधानियों के अलावा यदि कोई गंभीर शारीरिक बीमारी है जिससे पैरों अथवा मेरुदंड को नुकसान पहुंच सकता है वे Vajrasana Yoga वज्रासन का अभ्यास ना करें।
३- What Happens when sitting in Vajrasana Yoga?
शरीर में रक्त प्रवाह लगातार होता रहता है जो शरीर के भिन्न भिन्न अंगों को उनका कार्य करने में मदद करता है। भोजन के बाद उसके पचाने के लिए जितना समय इंसान को चाहिए आजकल वह उतना दे नहीं पाता।
वज्रासन Vajrasana Yoga में बैठने से पैर मोड़ने की वजह से घुटने से रक्त प्रवाह कम हो जाता है जिससे पाचन तंत्र में रक्त संचार अधिक होने लगता है। फलस्वरप भोजन को पूर्ण रूप।से पचाने में मदद मिलती है।
४- Does Vajrasana reduce Belly fat?
जी हां, वज्रासन का नियमित अभ्यास शरीर के अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है।
Vajrasana for weight loss in Hindi पाचन तंत्र को सुचारू कर पेट पर चर्बी को जमा नहीं होने देता है। पहले से जमा चर्बी को अन्य आसनों का अभ्यास कर आसानी से घटाया जा सकता है।
५- What are the disadvantages of Vajrasana Yoga?
वज्रासन Vajrasana Yoga का सही अभ्यास किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं है, बशर्ते उसके अभ्यास के दौरान उपर्युक्त सावधानियों पर विशेष ध्यान दें।
Final Words: आप योगासनों का अभ्यास करते हों या नहीं, वज्रासन Vajrasana Yoga को अपनी दिनचर्या में अवश्य शामिल कर अपने सेहत को बेहतर बनाएं।
यदि आर्टिकल लाभदायक लगा हो तो दूसरों के साथ साझा कर उन्हें अच्छी सेहत बनाने में उनकी मदद करें।
भवतु सब्बै मंगलम!
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