कुंडलिनी शक्ति कैसे जागृत करें | How to Activate Kundalini Chakra in Hindi

How to activate Kundalini chakra in Hindi क्या आप अपने जीवन में अधिक सुख शांति, प्रेम, दौलत या शोहरत लाना चाहते हैं? यदि हां तो कुण्डलिनी शक्ति आपके जीवन में अनगिनत चमत्कारिक परिवर्तन लाने का सहज साधन है।

यदि आप कुण्डलिनी शक्ति को सक्रिय कर अपने जीवन को संपूर्णता और खुशहाली का स्रोत बनाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िए। अपने इस आर्टिकल में मैंने अपने अनुभवों के साथ वह सब कुछ साझा किया है जो आपके लिए मददगार साबित होगा।

How to activate Kundalini chakra in Hindi  लोग कहते हैं कुंडलिनी शक्ति को जगाना अत्यंत मुश्किल है। सच कहूं तो यह पूर्ण रूप से सत्य नहीं है। यदि आपकी इच्छा है इसे जगाने की तो मैं आपको एक विश्वास दिलाना चाहती हूं कि शक्ति स्वयं आपका मदद करती है। आपको बस आवश्यकता है दृढ़ इच्छा शक्ति की। यदि आपके पास वह है तो जीवन की हर दौलत, शौहरत और खुशी आपके तकदीर में है।

इससे पहले कि इसे सक्रिय करने के तरीके आपके साथ साझा करूं, गहराई में यह जान लेना अत्यंत आवश्यक है कि यह शक्ति है क्या?

What is kundalini shakti? कुण्डलिनी शक्ति क्या है?

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इस शक्ति को समझाने के लिए मैं एक छोटी सी कहानी की सहायता ले रही हूं।

ईश्वर ने जब मनुष्य की रचना की तो उसमें अपनी सारी शक्तियां भर दी। जैसा कि हर पिता अपने बच्चे के साथ करता है, उसे अपनी सारी दौलत दे देता है, ईश्वर ने भी दिया। उस समय देवताओं के मन में एक चिंता उठी। उनका कहना था कि समय के साथ मनुष्य में काम क्रोध लोभ मोह अहंकार आदि विकारों का प्रवेश होगा। ऐसे में वह इन शक्तियों का दुरुपयोग करने लगेगा। संसार में आतंक मचाकर सृष्टि का विनाश कर देगा।

How to activate Kundalini chakra in Hindi किसी ने सुझाव दिया कि इन शक्तियों को किसी ऐसी जगह छिपा दिया जाए जिसे वह जल्दी से ढूंढ ही ना पाए। उस गुप्त जगह की तलाश की जाने लगी। किसी ने कहा कि आकाश की ऊंचाई में, किसी ने कहा कि समुद्र की गहराई में, किसी ने कहीं पर्वत की गुफाओं में छिपा देते हैं। अंततः परिणाम यही होता था कि मनुष्य का मस्तिष्क इतना तेज़ है कि वह इन सब जगहों पर आसानी से जा सकता है।

How to activate Kundalini chakra in Hindi काफ़ी विचार विमर्श करने के बाद एक देवता ने सुझाव दिया कि इन शक्तियों को मनुष्य के अन्दर ही छिपा देते हैं। उसका Monkey Mind ब्रह्मांड के किसी भी कोने में जा सकता है, किन्तु उसके खुद के अंदर जल्दी नहीं जाएगा। इस बात पर सबने सहमति जताई तथा इन शक्तियों को इंसान के भीतर ही दबा दिया गया। जिसे दूसरे शब्दों के कुंडलिनी शक्ति कहा जाता है।

How to activate Kundalini chakra in Hindi जिस प्रकार कस्तूरी की सुगंध में व्याकुल हिरण सारा जंगल छान मारता है जबकि कस्तूरी उसके है तलवे में होती है। उसी प्रकार आज मनुष्य शक्तिशाली बनने के लिए ना जाने क्या क्या कर्म करता है, किन्तु अपनी ही अकल्पनीय शक्तियों से अनजान बैठा है।

Kundalini Shakti in Hindi कुण्डलिनी शक्ति

(kundalini rahasya in hindi)

मनुष्य का शरीर ऊर्जा या दूसरे शब्दों में कहें तो पांच तत्वों से मिलकर बना है। शरीर के भीतर इसे चलाने के लिए ऊर्जा के छोटे छोटे अनगिनत केंद्र हैं। मुख्य रूप से सात केंद्र हैं जो सबसे ज्यादा प्रभावी हैं। यह रीढ़ की हड्डी के भीतर हैं जिन्हें इन आंखों से देखा नहीं जा सकता।

How to activate Kundalini chakra in Hindi जिस प्रकार आप हवा को देख नहीं किन्तु मन की आंखों से महसूस कर सकते हैं, उसी प्रकार इन केंद्रों को महसूस किया जा सकता है। इन्हीं ऊर्जा केंद्रों को अध्यात्म जगत में चक्र के नाम से जाना जाता है।

Kundalini Images/ & chakra Images

इन सातों में से जो प्रथम चक्र मूलाधार चक्र अथवा Root chakra है। इसी चक्र में कुण्डलिनी शक्ति सुप्तावस्था में पड़ी रहती है।

How to activate Kundalini shakti in Hindi

एक आदमी की ऊर्जा हमेशा नीचे की तरफ़ बहती है। परिणामस्वरूप वह भौतिक दुनिया में तथा व्यसनों में व्यस्त रहता है। कुण्डलिनी जागरण के साथ उसकी उच्च चेतना का स्तर बढ़ जाता है और वह अपनी अद्भुत शक्तियों का विवेकपूर्ण प्रयोग करने लगता है।

How to activate Kundalini chakra in Hindi कुण्डलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए इन चक्रों को सक्रिय करना आवश्यक है। जैसे- जैसे ये चक्र एक- एक करके सक्रिय होते जाते हैं, ऊर्जा का प्रवाह ऊपर की ओर होने लगता है।

How to awaken Kundalini

कुंडलिनी शक्ति को सक्रिय करने के कई तरीके हैं। इन तरीकों के साथ आपकी इच्छा शक्ति, और निरंतरता की भी अत्यंत आवश्यकता है। जैसा कि अपने ऊपर पढ़ा ईश्वर की सारी शक्तियों का स्रोत कुण्डलिनी है। तो, इसे सक्रिय करने के लिए आपको अपनी दिनचर्या के साथ विचारों में भी परिवर्तन लाने होंगे। इसके साथ ही, एक दिव्य तथा अद्भुत अनुभव के लिए स्वयं को तैयार रखना होगा जो आपने अब तक नहीं किया है।

१- रेकी साधना/ शक्तिपात Reiki

मेरे अनुभव से मैं कह सकती हूं कि सबसे सरल तथा कम समय के साथ सुरक्षित तरीका रेकी विधि है। रेकी के बारे में विस्तार में नीचे दिए लिंक पर जाकर पढ़ें।

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इस विधि में गुरु आपके चक्रों को सक्रिय कर आपको कुछ साधनाएं सिखाता है। इस प्रकार आपको किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता है। जैसा कि अपने सुना होगा कि कुंडलिनी जागरण हमेशा गुरू के देख रेख़ में करनी चाहिए।

रेकी द्वारा आपको एक चक्रों के सक्रिय होने की अनुभूति होती है। परिणास्वरूप आप पूर्ण कुण्डलिनी जागरण होने पर उसकी शक्तियों से अनजान नहीं होते तथा आसानी से उसका प्रयोग कर पाते हैं।

२- प्राणायाम/ नाड़ी क्रिया Pranayama

How to activate Kundalini chakra in Hindi/ Pranayam

प्राणायाम दूसरा शक्तिशाली तरीका है कुण्डलिनी शक्ति को जागृत करने का। मानव शरीर में कुल ७२००० नाड़ियां हैं जिनमें से इड पिंगला तथा सुषुम्ना मुख्य है। रीढ़ की हड्डी के बाईं ओर इ डा दाहिनी और पिंगला तथा मध्य में सुषुम्ना नाड़ी है।

How to activate Kundalini chakra in Hindi अक्सर मनुष्य एक ही नाड़ी द्वारा स्वांस लेता है। जब आप अपनी सांसों पर ध्यान देते हैं, प्राणशक्ति दोनों नासिकाओं से बहने लगती है। परिणास्वरूप इडा और पिंगला दोनों नाड़ियां सक्रिय होने लगती हैं। निरंतर अभ्यास से आपके शरीर और इन नाड़ियों की शुद्धता होती है। सुषुम्ना नाड़ी अभी भी सुप्तावस्था में ही होती है।

अभ्यास में निरंतरता और लगन द्वारा समय के साथ सुषुम्ना नाड़ी भी सक्रिय होने लगती है। इस के साथ शरीर में मौजूद चक्र सक्रिय होने लगते हैं तथा कुंडलिनी शक्ति ऊपर की ओर बहना शुरू हो जाती है।

जानें: नाड़ी शोधन प्राणायाम कैसे करें एवं सावधानियां

३- How to activate Kundalini chakra in Hindi- चक्र ध्यान/ Chakra Meditation

मुझे पूरी उम्मीद है कि आपको ध्यान की कई विधियों के बारे में ज्ञान होगा। सभी प्रचलित विधियों में एक प्रमुख विधि चक्र मेडिटेशन भी है।

इस विधि में आपको चक्रों का संपूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है। इन लिंक पर जाकर आप विस्तार में जान सकते हैं।

१- मूलाधार चक्र

२- स्वाधिष्ठान चक्र

३- मणिपुर चक्र

४- अनाहत चक्र

५- विशुद्ध चक्र

६- आज्ञा चक्र

७- सहस्रार चक्र

ऊर्जा अथवा प्राणशक्ति का एक विशेष नियम है। आपका ध्यान जहां- जहां जाता है वह वहां प्रवाहित होने लगती है। जब आप इन चक्रों पर अपना ध्यान ले जाते हैं तो आपकी ऊर्जा वहां प्रवाहित होने लगती है।
इस विधि द्वारा भी आसानी से kundalini Awakening हो जाती है।

How to activate Kundalini chakra in Hindi सबसे पहले ४-५ लंबी गहरी सांस लें तथा अपनी सांसों को। अंदर जाते एवं बाहर आते देखें। धीरे धीरे ध्यान सांसों से हटाकर मूलाधार चक्र पर ले जाएं। चक्र को लाल रंग में समाहित होते कल्पना करें। कुछ मिनट उस चक्र पर ध्यान रखें फिर दूसरे चक्र पर ध्यान ले जाएं।

इस प्रकार एक एक करके सारे चक्रों पर अपना ध्यान ले जाएं तथा उसके रंगों की कल्पना करें। कुछ हफ़्तों के अभ्यास के बाद ही आपको परिवर्तन दिखने लग जाएगा।

कुंडलिनी जागरण के समय ध्यान योग्य विशेष बातें
Things to Take Care While Kundalini Awakening Process

कुंडलिनी शक्ति एक दैवी शक्ति है। इसके जागरण के दौरान यदि कुछ विशेष बातों पर ध्यान दिया जाय तो यह प्रक्रिया सरल तथा आसान हो जाती है।

१- ईश्वर तथा समय पर विश्वास रखें। जैसा कि यह धीमी प्रक्रिया है, तो ईश्वर में आस्था के साथ धैर्यता अत्यंत आवश्यक है।

२- कहते हैं किसी गुण को जितना अभ्यास किया जाए उतना बढ़ता है। इसलिए जहां तक संभव हो दूसरों की मदद करें।

३- सकारात्मक विचारों से स्वयं को भरपूर रखें। नकारात्मक विचार कुण्डलिनी जागरण प्रक्रिया में सबसे बड़ा अवरोध है।

४- इस दैवी शक्ति के जागृत होने से पहले अपनी चेतना को उच्च स्तर पर ले जाएं। सांसारिक विषयों से ऊंचे उठने के लिए कर्म करें।

५- यदि आप मांसाहार का सेवन करते हैं तो इस प्रक्रिया के दौरान बंद करें। भोजन का शरीर तथा ऊर्जा पर सबसे अधिक प्रभाव होता है।

६- जहां तक संभव हो ताजे फल सब्जियों का सेवन करें। इस प्रकार आप ऊर्जा को ऊपर उठने में मदद करते हैं।

७- जीवन में जो भी परिस्थिति आती है उसे सहज स्वीकार करें। विचारों को उद्वेलित होने से रोकें। ध्यान रखें जो होता है अच्छे के लिए होता है।

८- अच्छी सकारात्मक पुस्तकें या संत महात्माओं के विचार पढ़ें या वीडियो देखें।

९- जहां तक हो सके रीढ़ की हड्डी को सीधी रखने का अभ्यास करें।। जब भी बैठें या खड़े हों, पीठ को सीधी रखें।

१०- सोशल मीडिया से ब्रेक लें या फिर जितना ज़रूरी हो उतना ही प्रयोग करें। किसी भी बहस या नकारात्मक बहस का हिस्सा ना बनें।

नोट: इन बातों को ध्यान में रखना अनिवार्य नहीं है। मेरा यहां बताने का उद्देश्य मात्र आपकी साधना को तीव्रता देना है।

How to Awaken Kundalini by Meditation

How to activate Kundalini chakra in Hindi

कोई भी साधारण ध्यान की विधि कुण्डलिनी शक्ति को जागृत करती है। ऊपर दी गई विधियों तथा अन्य विधियों में सिर्फ समय का अंतर होता है। अन्य ध्यान द्वारा अधिक समय लग सकता है।

How to do Kundalini meditation in Hindi कुण्डलिनी ध्यान कैसे करें?

कुंडलिनी मेडिटेशन को घर पर भी किया जा सकता है। यदि आप इस अभ्यास को करना चाह रहे हैं तो इस प्रकार से करें।

१- स्वयं को मानसिक रूप से ध्यान के लिए तैयार करें। कहने का तात्पर्य है कि अक्सर ध्यान के दौरान सारे महत्वपूर्ण कार्य याद आ जाते हैं। “ध्यान बाद में कर लेंगे” इस खयाल के साथ लोग उठ जाते हैं। इसलिए। ध्यान आरंभ करने से पहले स्वयं को यह सुनिश्चित करा दें कि कुछ भी हो जाए उठना नहीं है।

३- समय तथा सही स्थान का चुनाव करें। आपके प्रतिदिन का एक समय सुनिश्चित करें। स्थान भी ऐसा चुनें जहां आप प्रतिदिन अभ्यास कर सकें। स्थान बार बार बदलते रहने से ध्यान की प्रगति पर असर पड़ता है।

४- प्राणायाम, रेकी।साधना अथवा चक्र मेडिटेशन, जिस भी विधि का अभ्यास आपको करना है, सुनिश्चित करें। पीठ अथवा रीढ़ कि हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।

५- कुछ देर तक सांसों के आवागमन पर ध्यान दें। उनकी ठंडी तथा गर्मी को महसूस करें। इस प्रकार आप ध्यान को वर्तमान में लाते हैं।

६- सांसों के बाद कुण्डलिनी मेडिटेशन आरंभ करें। रंगों तथा मंत्रों का प्रयोग भी आप कर सकते हैं। हर चक्र का एक मंत्र होता है। उसका उच्चारण भी कुण्डलिनी जागरण में काफ़ी प्रभावकारी है।

Kundalini Awakening Benefits / Kundalini Experience in Hindi

कुंडलिनी शक्ति से होने वाले लाभ अनगिनत हैं। इतना समझ लीजिए कि संसार की सारी शक्तियां आपके साथ होती है। कुछ लाभ जो मुख्य रूप से देखने के लिए मिलते हैं वे निम्नलिखित हैं।

१- कुंडलिनी जागरण आपकी चेतना को उच्च स्तर पर लेकर जाती है। चेतना का वह स्तर जहां ईश्वर अथवा इस सृष्टि के निर्माता के साथ आपका संबंध पहले से अधिक गहरा तथा सुंदर हो जाता है। दूसरे शब्दों से कहें तो आपके जीवन को एक नया आयाम मिल जाता है।

२- मनुष्य कितना भी सच्चा तथा पवित्र रहने की कोशश कर ले सांसारिक जाल में फंसकर कुछ न कुछ गलती करता रहता है। कुंडलिनी शक्ति के जागृत होते ही उसके मन की, शरीर की तथा आत्मा की मलीनता दूर हो जाती है। उसके विचारों में उच्च कोटि की पवित्रता आ जाती है।

३- विचारों की शुद्धता के साथ आपसे उस चुंबकीय शक्ति का प्रवाह होने लगता है जो आपकी हर इच्छा को पूर्ण करती है। दूसरे शब्दों में कहें तो आकर्षण के नियम का सीक्रेट इस कुण्डलिनी शक्ति में समाहित है। आप जैसे लोग और जैसी परिस्थिति अपने जीवन में चाहते हैं, आकर्षित करने लगते हैं।

४- आपकी पांचों इन्द्रियों की सेंसिटिविटी बढ़ जाती है। अर्थात आप की, सुनने, देखने, महसूस करने आदि की क्षमता में जबरदस्त तीव्रता आ जाती है। बंद आंखों से आप चीजें देख सकते हैं।

५- कुंडलिनी शक्ति के साथ ही आपकी मानसिक क्षमता बढ़ जाती है। आप खुद की तथा दूसरों की किसी भी बीमारी को ठीक कर सकते हैं। दूर बैठे लोगों के विचार पढ़ सकते हैं तथा उनसे बातें कर सकते हैं। भविष्य में होने वाली घटनाओं का आभास आपको स्वतः होने लगता है।

६- आपके फ़ोकस, याददाश्त तथा आइक्यू लेवल बढ़ जाता है। आपके मन में चल रहे विचारों की गति धीमी हो जाती है। आप व्यर्थ विचारों को तुरंत पहचानकर उनपर विराम लगाने में सक्षम हो जाते हैं।

७- आपके जीवन में तथा आपके आसा पास एक गहरी शांति तथा सुखमय वातावरण बन जाता है। आपके बिगड़े हुए रिश्ते सुधरने लगते हैं तथा जीवन सपनों सा लगने लगता है।

८- आपको अपने जीवन के उस उद्देश्य का ज्ञान हो जाता है जिसके लिए आप इस धरा पर अवतरित हुए हैं। आपके अंदर विश्व प्रेम, विश्व शांति तथा भाईचारे की भावना बढ़ जाती है आपकी सोच सिर्फ स्वयं तथा अपने परिवार तक सीमित न रहकर विश्व हित में बदल जाती है।

९- आपकी चेतना शक्ति इतनी सक्रिय हो जाती है कि परिस्थितियों का आप पर कोई फर्क नहीं पड़ता। आप लोगों से तथा परिस्थितियों से स्वयं को आसानी से detach अनासक्त कर लेते हैं। परिणास्वरूप आप पहले से शांत तथा खुश रहने लगते हैं।

१०- आप शारीरिक रूप से स्वस्थ तथा ऊर्जावान हो जाते हैं। उम्र का असर आप पर सामान्य लोगों की अपेक्षा कम होने लगता है।

Kundalini Awakening Symptoms in Hindi कुंडलिनी जागरण के संकेत

१- कुंडलिनी सक्रिय होते ही आपको पूरे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह महसूस होने लगता है। काभी कभी यह इतना तीव्र हो सकता है कि आप बैचैन हो सकते हैं। ऐसी अवस्था में ध्यान करें तथा खुद को इस शक्ति के सामने समर्पित कर दें। शक्ति स्वयं अपना स्थान चुनती है तथा अपना मार्गदर्शन करती है।

२- पीठ तथा गर्दन में पीड़ा या तेज़ गरमाहट का होना भी कुंडलिनी जागृत होने की पहचान है। इसी प्रकार ऊर्जा आपके शरीर या मन में जो भी नकारात्मक विचार या कोई बीमारी होती है उस ठीक कर शुद्ध करती है। इसलिए डरें नहीं बल्कि उस शक्ति के प्रति कृतज्ञ होकर साक्षी भाव धारण करें।

३- कुण्डलिनी शक्ति आज्ञा चक्र को सर्वाधिक प्रभावित करती है। आज्ञा चक्र जो कि छठा चक्र है इससे होकर शक्ति क्राउन चक्र अर्थात ब्रह्मांड से मिलती है। ऐसे में जब यह आज्ञा चक्र से होकर गुजरती है तो सरदर्द होने की संभावना होती है।

४- सर्दी में गर्मी तथा गर्मी से सर्दी का अनुभव भी kundalini Awakening के दौरान अनुभव होता है। इसी प्रकार शक्ति आपको मौसम के प्रभाव से बचाती है तथा आपकी रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाती है।

५- आपके विचारों में तेज़ी से परिवर्तन होने लगते हैं। आप भूतकाल की घटनाओं को चाहकर भी मन में नहीं दोहरा सकते। जबरदस्ती ऐसा करने से सरदर्द होने लगता है।

६- अकेले रहना अच्छा लगने लगता है। कुंडलिनी जागरण का अनुभव इतना सुन्दर होता है कि उसमें डूबे रहना अच्छा लगता है।

७- आपने दयाभाव तथा भाईचारे की भावना तीव्र हो जाती है। आप परिस्थितियों को अनेक नज़रिए से देखने लगते हैं।

Kundalini Jagran Mantra in Hindi

मंत्रों के उच्चारण द्वारा भी कुण्डलिनी जागृति की जा सकती है। इस चमत्कारी मंत्र का दिन में १०८ बार जाप करें। जाप के समय शरीर में हो रहे परिवर्तन पर ध्यान दें। यदि आ चक्रों पर ध्यान दे सकते हैं तो सबसे अच्छा है।

Kundalini Images/ Kundalini Jagran Mantra

उपर्युक्त मंत्र का जाप पूर्ण होने के बावजूद नीचे दिए गए मंत्र को बोलें।

Kundalini Images/ Kundalini jagran Mantra

 

Final Words: मुझे उम्मीद है कि कुंडलिनी शक्ति से संबंधित आपके How to activate Kundalini chakra in Hindi and सारे सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे।

भवतु सब्बै मगलम्!

14 thoughts on “कुंडलिनी शक्ति कैसे जागृत करें | How to Activate Kundalini Chakra in Hindi”

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