Holi Festival in Hindi: भारत में जन्म लेना किसी सौभाग्य से कम नहीं है क्योंकि दुनिया का एकमात्र देश जहां पर साल में सभी मौसम एवं हर दिन एक विशेष त्योहार होता है।
भारतवर्ष में मनाए जाने वाले त्योहारों के पीछे कई अध्यात्मिक, सामाजिक एवं वैज्ञानिक रहस्य छिपे रहते हैं। ये अलग बात है कि बदलते समय के एवं व्यस्त जीवन के साथ इन त्योहारों का महत्व लुप्त होता जा रहा है।
हमारे देश के सभी जाति धर्म वर्ग विशेष में सबसे अधिक प्रचलित एक ऐसा अद्भुत त्योहार जो रंग रूप, जाति को भुलाकर सबको एक रंग में रंगने को मजबूर कर देता है। जी हां, मैं हम सभी के पसंदीदा Holi Festival की बात कर रही हूं।
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My Favourite Festival Holi in Hindi होली किसी वर्ग या जाति विशेष लोगों तक सीमित त्योहार नहीं है। बल्कि इस दिन सभी लोग गीले-शिकवे, रंजो- गम को भुलाकर एक दूसरे को प्रेम के रंग में भिगो देते हैं।
Happy Holi Festival in Hindi यदि आप 10 Lines on Holi Festival in Hindi, Essay on Holi in Hindi, Holi per nibandh अथवा होली पर १० लाइन हिंदी में तलाश रहे हैं तो आप बिल्कुल सही लेख पढ़ रहे हैं।
MysticMind के इस आर्टिकल में हमने About Holi Festival in Hindi/ होली से संबंधित सभी जानकारियां दी है।
तो चलिए Information about Holi Festival in Hindi जानने की कड़ी में सबसे पहले जानते हैं कि Holi festival है क्या तथा इसके नाम “Holi” का अध्यात्मिक रहस्य क्या है?
What is Holi Festival in Hindi?
वसंत ऋतु का नशा एवं प्रकृति पर छाए रंगों के खुमार में चार चांद लगाने वाला त्योहार होली विशेष रूप से भारत एवं नेपाल में मनाया जाने वाला त्योहार है। होली का त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महीने को पूर्णमासी अर्थात पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
धरती पर जब चांद पूर्ण रूप से अपनी छटा बिखेर रहा होता है हम भारतीय आपसी प्रेम को रंगों के रूप में एक दूसरे पर बिखेरते हैं।
आजकल सम्पूर्ण विश्व में Holi Festival होली का त्योहार मनाया जाने लगा है और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सामान्य रंगों की जगह फूलों अथवा प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाने लगा है।
अन्य त्योहारों की भांति Holi Festival की शुरुआत भी एक पौराणिक कहानी से शुरू होती है एवं कुछ अध्यात्मिक महत्व लिए हुए है।
होली का महत्व/ होली का अध्यात्मिक रहस्य जानने से पहले देखते हैं कि होली की शुरुआत कब हुई एवं इसके पीछे के अध्यात्मिक कहानी क्या है?
What is the Story of Holi Festival in Hindi
होली भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की कहानी है। जब असुरों के राजा हिरण्यकश्यप का अत्याचार बढ़ा वह स्वयं को भगवान समझने लगा तब भगवान विष्णु ने उसका आतंक खत्म करने के लिए स्वयं अवतार लिया।
हिरण्य कश्यप को एक विशेष वरदान मिला था जिसके अनुसार उसे कोई व्यक्ति या जानवर, कोई अस्त्र शस्त्र, घर या घर के बाहर तथा दिन या रात में नहीं मार सकता था।
अपने इसी वरदान का लाभ उठाकर वह स्वयं को भगवान समझने की गलती कर बैठा।
उसका बेटा प्रहलाद विष्णु भक्त था जिसे वह जबरन स्वयं को भगवान मानने की कोशिश में लगा रहता था। जब प्रहलाद ने उसकी बात नहीं मानी तो उसे मरवाने के लिए कई तरीके अपनाए। किंतु विष्णु भगवान हर बार उसे बचा लेते थे।
हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि में न जलने का आशीर्वाद मिला था। इसी का लाभ उठाते हुए उसने भाई के साथ मिलकर प्रह्लाद को जान से मारने की योजना बनाई।
योजनानुसार होलिका प्रह्लाद को गोद में बिठाकर लकड़ियों के ढेर पर बैठ गई एवं आग लगा दी गई। ईश्वर ने अपना चमत्कार दिखाया, होलिका जल गई किंतु प्रह्लाद जीवित रहा।
जलती हुई होलिका ने जब ईश्वर से शिकायत की और वरदान की याद दिलाई तो ईश्वर ने उससे यही कहा कि “वरदान स्वयं को आग से बचाने एवं जनसेवा के लिए दिया था किसी की जान लेने के लिए नहीं।”
इसी उद्देश्य से पूर्णिमा की रात को लकड़ियों का गट्ठर जमा कर उसमें सभी बुराइयों एवं नकारात्मक विचारों को होलिका के रूप में जला दिया जाता है। दूसरे दिन सुबह एक नई शुरुआत के रूप में प्रेम से एक दूसरे को रंग एवं अबीर गुलाल आदि लगाया जाता है। घर घर में अनेकों पकवान बनाए जाते हैं तथा दूसरों को खिलाया जाता है।
होली का महत्व/ होली का अध्यात्मिक रहस्य
उपरोक्त कहानी से यह तो समझ ही गए होंगे कि होली अपने अंदर की बुराइयों को जलाकर भस्म करने एवं अपने आस पास दूसरों के साथ प्रेम से रहने के संदेश देता है।
होलिका बनाकर लकड़ियों, घासफूस के साथ अपनी सभी बुराइयों एवं नकारात्मकता को पूर्णिमा को रोशनी में जला दिया जाता है।
अध्यात्म, जिसका उद्देश्य ही ईश्वर की पहचान कर उनसे मजबूत रिश्ता बनाना है। होली का अध्यात्मिक अर्थ ही है कि हो+ली! अर्थात अपनी सभी नकारात्मकता को जलाकर हे ईश्वर, मैं आत्मा अब तेरी होली!
अध्यात्म जगत में होली अर्थात ईश्वर को होकर उसके प्रेम के सतरंगी रंगों में स्वयं को भिगो देना। इन्हीं सप्तरंगों से बनी आत्मा के साथ वे साथ रंग अर्थात सात चक्र हैं जिनके सक्रिय होने से कुंडलिनी शक्ति सक्रिय हो जाती है।
कुंडलिनी शक्ति क्या है तथा इसे कैसे जगाएं
जीवन में होली के रंगों से स्वयं को रंगकर अपने आसपास प्रेम एवं सहयोग की भावना फैलाना ही होली Holi Festival का विशेष अध्यात्मिक संदेश है।
Why do we Celebrate Holi Festival in Hindi/
होली क्यों मनाई जाती है
होली का त्योहार सर्दियों के मौसम के जाने एवं वसंत, जिसे ऋतुओं का राजा कहा जाता है, के आने के बाद मनाते हैं। इसका संबंध वसंत मौसम और बसंती फसलों से भी है जबकि विशेष रूप से इसे खुशियां बांटने, एक दूसरे को माफ़ कर साथ रहने एवं रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए मनाया जाता है।
होली का त्योहार एवं रंगों का प्रयोग वैज्ञानिक रूप से भी विशेष महत्व रखता है। होलिका दहन के साथ सरसों का उबटन सम्पूर्ण शरीर पर लगाया जाता है एवं पीले रंग का अधिक प्रयोग किया जाता है।
पीला रंग मन, बुद्धि एवं आत्मा के आत्मिक स्वरूप को अधिक शक्तिशाली एवं त्वचा से अवांछित संचय को दूर करने में सहायक है।
10 Lines on Holi Festival in Hindi
होली के बारे में 10 लाइन इन हिंदी
१- होली का त्योहार भारत के मुख्य त्योहारों में से एक है जो भारत के हर राज्य में मनाया जाता है।
२- Holi Festival होली का त्योहार हिंदी महीने, फाल्गुन में मनाया जाता है।
३- होली राग, द्वेष, आपसी बैर को अग्नि में जलाकर अपने भीतर प्रेम और सौहार्द्य के रंग भरने और समाज में फैलाने का प्रतीक है।
४- रंगों के इस त्योहार को कई राज्यों में धुलंडी के नाम से भी जाना जाता है, रंगों के साथ खेलने से पहले होलिका दहन किया जाता है।
५- Holi Festival होली के इस त्योहार का विशेष महत्व होने के नाते इस दिन सारे सरकारी कार्यालयों के बंद होने के साथ राष्ट्रीय छुट्टी होती है।
६- घरों में रंगों के इस त्योहार को दोगुना करने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के पकवान, मुख्य रूप से गुझिया बनाई जाती है।
७- आजकल मिलावटी रंगों से होने वाले त्वचा संबंधी नुकसान से बचने के लिए सूखे अबीर एवं फूलों का प्रयोग अधिक सुरक्षित एवं लाभकारी है।
८- Holi Festival होली के उपलक्ष्य में सभी धार्मिक स्थल एवं कार्यालय बंद होते हैं ताकि लोग परिवार के साथ समय बिता सकें।
९- होली के पहले बाजारों में रंग बिरंगे रंगों के साथ भांति भांति की पिचकारियां देखने के लिए मिलती हैं जो बच्चों को अत्यंत भाती हैं।
१०- Holi Festival होली जैसा पवित्र एवं आध्यात्मिक त्योहार किसी धर्म अथवा जाति विशेष नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए विशेष संदेश देने वाला अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है।
Holi festival in Hindi/ Lathmar Holi of Vrindavan
मात्र भारतवर्ष ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में बरसाना की लठमार होली प्रसिद्ध है। पूरे भारत में वाराणसी, ब्रज, मथुरा एवं वृंदावन की होली प्रसिद्ध है। दूर दूर से लोग इसे देखने के लिए आते हैं।
लठमार होली राधाकृष्ण के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन सभी महिलाएं पुरुषों पर रंग बरसाने के साथ लाठियों से प्रहार भी करती हैं। यह कोई हिंसा नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही है प्रथा है जो देखने लायक होती है।
Holi Khele Masane me Bhakti Song इसी लठमार होली के उपलक्ष में बनाया गया अत्यंत लोकप्रिय होली गीत है।
Final Words: उम्मीद है होली के बारे में सामान्य जानकारी पर्याप्त मात्रा में मिल गई होगी। Holi festival in Hindi के बारे में अन्य कोई सवाल हो तो कॉमेंट बॉक्स में अवश्य पूछें।
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भवतु सब्बै मंगलम!