Halasana Yoga in Hindi/ कमर दर्द एवं पीठ दर्द का प्राकृतिक इलाज

Halasana Yoga in Hindi कमर दर्द आजकल सिर्फ महिलाओं की ही नहीं बल्कि पुरुषों की भी समस्या बन चुका है। बढ़ता हुआ हड्डियों में दर्द खासकर कमर का दर्द, शरीर में अधिक दिनों तक रहने देना एक बड़ी मुसीबत को बुलावा देना है।

MysticMind के इस आर्टिकल में हम आपके साथ कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताएंगे जो कमर दर्द के साथ कई प्रकार के दर्द को बिना दवाई राहत देने में कामयाब रहे हैं।
यदि आप कमर दर्द अथवा पेट की गैस की समस्या से परेशान हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए अत्यंत उपयोगी है।

कमर, शरीर का सबसे मुख्य हिस्सा है जो हमे खड़े होने एवं चलने फिरने के काबिल बनाता है। मेरुदंड कमर को स्वस्थ रखने एवं हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य में अहम रोल निभाता है। अतः कमर अथवा मेरुदंड का दर्द तुरंत ध्यान देने वाली बात है।

मेरुदंड अथवा रीढ़ की हड्डी शरीर के सम्पूर्ण अंगों को स्वस्थ रखने में सहायक है। विशेष योगासनों का अभ्यास मेरुदंड को लचीला बनाकर उसके स्वास्थ्य के साथ शरीर के अन्य अंगों को भी स्वस्थ करता है।

हलासन Halasana Yoga एक ऐसा आसन है जो मेरुदंड को सीधा प्रभावित करता है फलस्वरूप इड़ा एवं पिंगला से प्रवाहित होने वाली ऊर्जा शरीर के अन्य अंगों तक आसानी से पहुंचती है। शरीर के स्वास्थ्य के लिए यह आकाशीय ऊर्जा अत्यंत आवश्यक एवं उपयोगी है।

What is Halasana Yoga in Hindi?

हलासन योग दो शब्दों हल एवं आसन से मिलकर बना है। हल एक ऐसा यंत्र है जो प्राचीन समय से किसानों के खेती करने का महत्वपूर्ण साधन रहा है। बंजर भूमि को भी हल के माध्यम से खेती करने योग्य बनाया जा सकता है।

इस एक शब्द के दो अर्थ होते हैं पहला हल जो ज़मीन को उपजाऊ बनाने में तथा उसकी उर्वरा शक्ति को मिलाने में मदद करता है। दूसरा हल अर्थात किसी भी समस्या का समाधान।

इस प्रकार देखा जाए तो दोनों ही अर्थ में हलासन योग Halasana Yoga जीवन के कई महत्वपूर्ण तथ्यों को प्राकृतिक रूप से हल करने में मदद करता है।

लंबे समय तक व्यायाम की कमी, चिंता अवसाद की ज्यादती एवं गलत खान पान शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न कर देता है।

जिस प्रकार से हल का प्रयोग ज़मीन को जोतकर उपयोगी एवं खेती करने योग्य बनाता है उसी प्रकार हलासन योग शरीर में जमा हानिकारक तत्वों को बाहर कर शरीर को पुनः स्वस्थ बनाता है।

दिन में थोड़ा समय निकलकर हलासन योग Halasana Yoga का अभ्यास कई समस्याओं जैसे कि पेट अथवा कमर की समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।

हठ योग के आसनों में अत्यंत महत्वपूर्ण इस हलासन योग को पाश्चात्य जगत में Plow Pose के नाम से जाना जाता है।

हलासन योग के अभ्यास से पहले बालासन योग का अभ्यास इस आसन को और प्रभावी एवं आसन बना देता है। बालासन योग का सही अभ्यास जानने के लिए निम्न लिंक पर जाएं।

बालासन योग की विधि एवं लाभ

आइए देखते हैं कि Halasana Yoga Pose/ हलासन योग अभ्यास की सही विधि क्या है?

How to Do Halasana Yoga in Hindi हलासन योग कैसे करें

१- हलासन के अभ्यास के लिए समतल ज़मीन का चुनाव कर उपयुक्त वातावरण में चटाई बिछाकर उसपर पीठ के बल लेट जाएं।

२- शरीर को बिल्कुल सीधा रखें, हाथों को फैलाकर कमर के पास ले जाएं तथा हथेलियों को ज़मीन की तरफ़ खुला रखें।

३- तीन से चार लंबी गहरी सांस लेकर सांस को भीतर रोक रखें फिर आराम से छोड़ें। ऐसा कर ध्यान को वर्तमान में लाने के साथ शरीर को हलासन योग के लिए तैयार करें।

४- एक गहरी सांस लेकर दोनों पैरों को आराम से ऊपर आसमान की तरफ़ उठाना शुरू करें। इतना ऊपर उठाएं कि आपका शरीर ९०डिग्री का त्रिकोण बनाए।

५- इसी अवस्था में कुछ सेकंड रुकें तथा पेट की मांसपेशियों पर पड़ने वाले प्रभाव पर ध्यान दें।

६- अब दोनों हथेलियों से कमर को सहारा देते हुए पैरों को सिर की तरफ़ ले जाना शुरू करें। धीरे धीरे पैरों के सिर के पीछे ले जाकर दोनों अंगूठे जमीन पर टिका दें।

७- हथेलियों को वापस ज़मीन पर पूर्व स्थिति में लाएं, कमर को पूर्ण रूप से ज़मीन पर रखें तथा इसी स्थिति में कम से कम २० से २५ सेकंड तक रुकें। अपनी सुविधानुसार समय को कम अथवा ज्यादा कर सकते हैं।

८- अब धीरे धीरे पैरों को उठाना शुरू करें तथा लयबद्ध तरीके से आराम से शवासन की स्थिति में आ जाएं। टांगों को वापस ज़मीन पर लाते समय किसी भी प्रकार की जल्दबाजी ना करें।

९- कुछ देर विश्राम के पश्चात दोबारा हलासन का अभ्यास करें। एक समय में कम से कम तीन से चार बार हलासन का अभ्यास कर सकते हैं।

Halasana Yoga Benefits in Hindi हलासन के फायदे इन हिंदी

हलासन के अभ्यास से शरीर के अनेकों अंगों पर प्रभाव पड़ता है जिससे कई शारीरिक एवं मानसिक लाभ मिलते हैं।

Halasana Yoga Images

१- हलासन Halasana Yoga के अभ्यास का सबसे अधिक प्रभाव पेट अर्थात पाचन तंत्र पर पड़ता है। पेट पर खिंचाव आने के कारण वहां की मांसपेशियों में रक्त संचार बढ़ जाता है जिस कारण पाचन प्रक्रिया बेहतर होने लगती है।

२- पाचन प्रक्रिया बेहतर होने की वजह से पेट संबंधी समस्याएं जैसे कि पेट में गैस बनना, अपच होना, पुराना कब्ज़ इत्यादि समस्याएं दूर हो जाती हैं।

३- भोजन सुचारू रूप से पचने के कारण पेट अंदर जाने के साथ वजन भी संतुलित होने लगता है। पेट के आस पास की चर्बी पिघलने लगती है।

४- पाचन प्रक्रिया में सुधार होने से मधुमेह, सिर दर्द, अनिद्रा आदि बीमारियों से मुक्ति मिलती है।

५- कमर तथा रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव आने के कारण हड्डियों का व्यायाम हो जाता है जिससे इनमें प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचने लगता है। फलस्वरूप कमर अथवा रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या दूर हो जाती है।

६- हलासन Halasana Yoga के नियमित अभ्यास से विशुद्ध चक्र सक्रिय होने लगता है फलस्वरूप गले संबंधी किसी भी प्रकार की बीमारी से मुक्ति मिलती है।

७- हलासन का अभ्यास सातों चक्रों पर प्रभाव डालकर उन्हें सक्रिय एवं संतुलित रखने में मदद करता है। जिसके परिणाम में कुंडलिनी शक्ति का लाभ लेना संभव हो जाता है।

इसे पढ़ें: कुंडलिनी शक्ति जागृत होने से मिलने वाले लाभ

Halasana Yoga Information in Hindi/ Scientific Effect of Halasan Yoga

हलासन योग के अभ्यास से शरीर की मुख्य नलिकाएं जिसे अध्यात्म जगत में इड़ा एवं पिंगला के नाम से जानते हैं, उस पर प्रभाव पड़ने लगता है।

रीढ़ की हड्डियों पर हलासन से पड़ने वाले प्रभाव इन नलिकाओं को स्वच्छ कर सम्पूर्ण शरीर से किसी भी प्रकार के विषैले अथवा हानिकारक तत्वों को स्वांस के जरिए बाहर निकाल देता है।

स्वच्छ वायु एवं उसमें युक्त ऑक्सिजन सम्पूर्ण शरीर के लिए हीलिंग का कार्य करता है। इसी शुद्ध प्राण शक्ति के कारण कुण्डलिनी शक्ति जागृत होती है एवं मनुष्य का शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास होने लगता है।

Precautions of Halasan Yoga हलासन अभ्यास में सावधानियां

१- पैरों के सिर के ऊपर ले जाते एवं वापस ज़मीन पर लाते समय किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें अन्यथा उल्टे परिणाम हो सकते हैं।

२- हलासन अभ्यास खाली पेट सुबह अथवा अभ्यास के कम से कम दो घंटे पूर्व कुछ न खाए पिएं।

३- तीव्र कमर दर्द अथवामेरुदंड में किसी भी समस्या की स्थिति में चिकित्सक से सलाह लेकर ही हलासन का अभ्यास करें।

४- गर्भावस्था के दौरान हलासन Halasana Yoga का अभ्यास ना करें।

५- हृदय रोग अथवा उच्च रक्तचाप के रोगी चिकित्सक की सलाह एवं योग्य शिक्षक की देख रेख में ही हलासन का अभ्यास करें।

६- हलासन के अभ्यास के बाद भुजंगासन का अभ्यास करने से थकान मिट जाती है एवं शरीर को अधिक लाभ मिलते हैं।

जानें: भुजंगासन करने की विधि एवं सावधानियां

हलासन के नुकसान

अन्य योगासनों को भांति सही विधि से किया गया हलासन Halasana Yoga अनेकों स्वास्थ्य लाभ देता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि उपर्युक्त सावधानियों को ध्यान में रखकर ही अभ्यास करें ताकि किसी भी प्रकार का विपरीत परिणाम न पड़े।

जानें: नौकासन के फायदे एवं अभ्यास की सही विधि

Final Words: हलासन Halasana Yoga एक ऐसा अद्भुत आसन है जिसका कुछ हफ्तों का अभ्यास आपको कई गंभीर बीमारियों से निजात दिला सकता है। उम्मीद है, आज से ही आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखेंगे।

हलासन अथवा किसी भी अन्य समस्या से संबंधित सवाल आप कॉमेंट बॉक्स में कर सकते हैं। अन्य कोई अनुभव हमारे साथ अवश्य साझा करें।

सबका भला हो

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