गरुड़ासन करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियां | Garudasana Benefits in Hindi

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खड़े होकर किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण योगासनों में से एक होता है गरुड़ासन। इस आसन का नाम पक्षीराज गरुड़ ने नाम पर रखा गया है। गरुड़ यानी की चील, जिसे विश्व भर की सभ्यताओं में ऐसे प्रतीक के तौर पर देखा जाता है, जो बुरी शक्तियों से लड़ता है।

नियमित तौर पर गरुड़ासन का अभ्यास करने से शरीर को अनेकों तरह के फायदे मिलते हैं, जिनमें हाथ, पैर और घुटनों की मजबूता के अलावा शरीर को अच्छा स्ट्रेच मिलता है, गुप्त रोग से जुड़ी समस्या में आराम मिलता है और गुर्दे की समस्या से भी राहत मिलती है।

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इसके अलावा भी इस आसन को करने से कई लाभ मिलते हैं, जो हम आगे इस लेख में विस्तार से जानेंगे। तो आइए Garudasana Benefits in Hindi जानने से पहले जानते हैं कि गरुड़ासन क्या है?

गरूड़ासन क्या है | What is Garuansana in Hindi

योग विज्ञान के मुताबिक गरुड़ासन बेसिक लेवल या कम कठिनाई वाला आसन है। इसे अंग्रेजी में ‘ईगल पोज’ कहा जाता है। गरुड़ासन को विन्यास शैली का आसन कहा जाता है। इसका अभ्यास करने के दौरान एक पैर पर 30 सेकंड तक ही रहना चाहिए।

उसके बाद फिर दूसरे पैर पर उतने देर के लिए ही किया जाना चाहिए। इस आसन को करने से हिप्स, जांघों, कंधों, पिंडलियों, एड़ियों और अपर बैक में खिंचाव आता है। नियमित तौर पर गरुड़ासन का अभ्यास करते रहने से पिंडलियों और एड़ियों को मजबूती मिलती है।

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आइए जानते हैं कि इस कठिन से लगने वाली आज आसन के नियमित अभ्यास से क्या-क्या लाभ होते हैं अर्थात What are Garudasana Benefits in Hindi ?

गरुड़ासन करने के फायदे | Garudasana Benefits in Hindi

नियमित तौर पर गरुड़ासन करने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं। हर उम्र के लोगों के लिए ये आसन काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। आइए जानते हैं गरुड़ासन को करने से मिलने वाले फायदों के बारे में विस्तार से।

शरीर का संतुलन बेहतर होता है – गरुड़ासन को करने के लिए हमें एक पैर पर ही पूरे शरीर का संतुलन बनाना पड़ता है। इसलिए शुरुआती दौर में इसे करने में आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे लगातार अभ्यास करते रहने से आप इसे बहुत ही आसानी से कर पाएंगे। इसे नियमित तौर पर करने से आपके पूरे शरीर के संतुलन में सुधार होने लग जाता है।

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पीठ में लचीलापन आता है – चुकी गरुड़ासन एक प्रकार का स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है, जिसे करने के दौरान शरीर के कई हिस्सों में खिंचाव की स्थिति बनती है। इसलिए माना जाता है कि रोजाना इस आसन को करने से पीठ को लचीला बनाने में मदद मिल सकता है।

Garudasana Benefits in Hindi

हिप्स और जांघों को स्ट्रेच करने में – गरुड़ासन करने के दौरान सबसे ज्यादा प्रभाव हिप्स और जांघों पर पड़ता है, शरीर के इस भाग पर सबसे ज्यादा खिंचाव का एहसास हो सकता है। इसलिए ये कहना शायद गलत नहीं होगा कि गरुड़ासन करने के फायदों में हिप्स और जांघों के स्ट्रेचिंग भी शामिल हैं। हालांकि इस पर फिलहाल किसी तरह का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलता है।

मांसपेशियों को मजबूत बनाता है – अगर किसी व्यक्ति की मांसपेशियां कमजोर होने लग जाए, तो उन्हें मांसपेशियों से जुड़ी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में गरुड़ासन का नियमित अभ्यास काफी ज्यादा लाभदायक साबित हो सकता है।

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क्योंकि इस आसन को करने से मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है, जिसकी वजह से मांसपेशियों को मजबूती मिल सकती है। इसके अलावा पैर की मांसपेशियों में अगर ऐंठन की समस्या रहती हो, तो उसमें भी इस आसन को करने से आराम मिल सकता है।

तनाव कम कर सकता है गरुड़ासन – मानसिक विकार से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के समय में इस बात से लगभग हर इंसान परिचित है।

गरुडासन भी उन खास आसनों में गिना जाता है, जिसे करने से तनाव दूर हो सकता है। इसलिए मानसिक तौर पर तनाव मुक्त होने के लिए भी आप गरुड़ासन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

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गरुड़ासन करने के अन्य फायदे | Garudasana Benefits in Hindi

  • कंधों, अपर बैक, हिप्स और जांघों का स्ट्रेच होता है।
  • साइटिका, आर्थराइटिस, रूमेटिज्म और आमवात के दर्द में आराम मिलता है।
  • हिप्स, कमर और पैर ज्यादा लचीले बनते हैं।
  • हाथों को मजबूती मिलती है और कोहनी के दर्द से राहत मिलती है।
  • इसे करने से स्ट्रेस कम होता है।
  • मूत्राशय तथा मलाशय से संबंधित कई परेशानियों से निजात मिल सकती है।

Garudasana Benefits in Hindi के बाद जानते हैं कि इस आसन के अभ्यास की सही विधि क्या है? ऊपर बताए गए सभी लाभों को पाने के लिए गरुड़ासन का अभ्यास सही तरीके से करना अत्यंत आवश्यक है।

गरुड़ासन करने का सही तरीका | Garunasana Steps in Hindi

  • योगा मैट बिछाकर उसपर सीधे खड़े हो जाएं।
  • धीरे-धीरे दोनों पैरों के घुटनों को नीचे की तरफ झुकाएं।
  • अब अपने बाएं पैर को दाएं पैर के पीछे की तरफ से जितना हो सके लपेटने की कोशिश करें।
  • ऐसे में आपके दाएं पैर की एड़ी के ऊपर बाएं पैर की एड़ी आ जाएगी।
  • ध्यान दें कि आपका जो बायां पैर है, वो दाएं पिंडली से नीचे वाले भाग को टच करना चाहिए।
  • अब अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर ऊपर उठाएं।
  • अब अपने बाएं हाथ के चारों ओर दाहिने हाथ को लपेटें।
  • शरीर को बैलेंस में रखते हुए धीरे-धीरे करके हिप्स को नीचे की तरफ लाएं।
  • अपने घुटनों को इधर-उधर ना झुकने दें। उसे अपने शरीर के बीच में ही रखें।
  • इस पोजिशन में आप करीब 15-30 सेकंड तक खुद को रखें।
  • इस दौरान धीमी गति से श्वास लेते और छोड़ते रहें।
  • बुरे ख्यालों को अपने मन से दूर करने की कोशिश करें और तीसरी आंख पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें।
  • धीरे-धीरे नॉर्मल पोजीशन में आएं।
  • इसी तरह दूसरे पैर से भी इस आसन को करें।

गरुड़ासन की विधि एवं Garudasana Benefits in Hindi के बारे में जानने के साथ कुछ सावधानियां जान लेना भी अत्यंत आवश्यक है। आइए जानते हैं कि गरुण आसन के अभ्यास के दौरान एवं उससे पहले किन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए?

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गरुड़ासन से पहले इन बातों का खास ध्यान रखें | Garudasana Precautions in Hindi

सुबह सवेरे इस आसन को करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आप शाम के समय में इस आसन को करने की सोच रहे हैं, तो ध्यान दें कि इस आसन को करने से कम से कम 4-6 घंटे पहले ही आपने कुछ खाया हो।

इस आसन को करने से पहले आपको शौच कर लेना चाहिए। क्योंकि गरुड़ासन को करने के लिए पेट पूरी तरह से खाली रहे तो बेहतर होता है।

गरुड़ासन करने में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

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  • अगर आपके कोहनी, टखने या घुटने में किसी प्रकार की चोट लगी हो, तो इस आसन को ना करें।
  • लो ब्लड प्रेशर के मरीज को भी गरुड़ासन नहीं करना चाहिए।
  • गठिया से पीड़ित व्यक्ति को केवल विशेषज्ञ की सलाह और देखरेख में इस आसन को करना चाहिए।
  • अगर किसी को नस में सूजन की समस्या हो, तो उन्हें गरुड़ासन नहीं करना चाहिए।
  • जोड़ों तथा हड्डियों में अगर किसी प्रकार का चोट हो, तो इस आसन को ना करें।
  • गरुड़ासन को शुरुआत में योग विशेषज्ञ की देख रेख में करना सही रहता है।
  • जब आप अच्छे से पूरे संतुलन के साथ इस आसन को करने लगें, तो बिना किसी की देख रेख में भी आप आसानी से कर सकते हैं।
  • इस बात का ध्यान रखें कि इस आसन को अगर आप करना चाहते हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। क्योंकि कई और अन्य तरह की शारीरिक परेशानियों में इसे नहीं करने की सलाह दी जा सकती है।

गरुड़ासन करने से पहले किए जाने वाले आसन 

गरुड़ासन का अधिक लाभ लेने के लिए इसे करने से पहले कुछ अन्य आसनों को करने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं, कि कौन से हैं वो आसन, जिसे गरुड़ासन को करने से पहले करना चाहिए।

  • वीरासन (Virasana)
  • सुप्त बद्धकोणासन (Supta Baddha Konasana)
  • उपविष्ठ कोणासन (Upavistha Konasana)
  • गोमुखासन (Gomukhasana)
  • प्रसारित पादोत्तनासन (Prasarita Padottanasana)
  • वृक्षासन (Vrikshasana)
  • अधो मुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)

गरुड़ासन करने के बाद किए जाने वाले आसन 

  • गोमुखासन (Gomukhasana)
  • शीर्षासन (Sirsasana)
  • उत्कटासन (Utkatasana)
  • अधोमुख वृक्षासन (Adhomukh Vrikshasana)

पक्षीराज गरुड़ को समर्पित गरुड़ासन योग साइंस के सबसे बेहतरीन आसनों में से एक है। गरुड़ासन का मतलब संदेह, अहंकार और डर को अपने अंतर्मन से खत्म करने वाला आसन भी माना जाता है।

इस आसन को नियमित तौर पर करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। प्रतिदिन इसे करने से आप दिन ब दिन खुद को ज्यादा मजबूत और फोकस्ड महसूस करेंगे। ठीक उसी प्रकार जिस तरह गरुड़ यानी कि चील शिकार करने के दौरान होते हैं।

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गरुड़ासन को करने के लिए आवश्यक है कि आपके पैर और क्वाड्रीसेप्स काफी मजबूत हो, ताकि आपके पूरे शरीर का वजन उठा पाने में समर्थ हो। इस आसन को करने से पहले अपने मन से इस डर को निकाल फेंके कि इसे करते हुए कहीं आप गिर ना जाएं।

क्योंकि डर के आगे ही जीत है। अगर एक-दो बार गिरना भी पड़े को मन में आत्मविश्वास को बना कर रखें और अभ्यास करते रहें, आप आसानी से इसे कर पाने में समर्थ हो जाएंगे।

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Final Words About Garudasana Benefits in Hindi :

गरुड़ासन को करने के दौरान हो सकता है कि आपको ऐसा महसूस हो जैसे आपका पूरा शरीर जकड़ा हुआ है। लेकिन जब इसे आप नियमित रूप से करने लग जाएंगे और अभ्यस्त हो जाएंगे, तो आपको अपना शरीर काफी हल्का महसूस होने लग जाएगा।

ऐसा प्रतीत होगा मानो आप गरुड़ के समान हवा में उड़ रहे हैं। यानी कि आपके शरीर में जो ऊर्जा का प्रवाह होगा, वो आपको बेहद शानदार महसूस करवाने का काम करेगा।
गरुड़ासन को नियमित तौर पर करने से आप शारीरिक रूप से तो मजबूत बनेंगे ही, साथ ही मानसिक तौर पर भी आप काफी रिलैक्स महसूस करेंगे।

गरुड़ासन को करना आसान नहीं है, क्योंकि शुरुआत में जब आप इसे करेंगे, तो आपको काफी ज्यादा थकान महसूस होगी। हो सकता है कि आप हार मानने लग जाए और उसे ना करने के बारे में सोचने लग जाएं।

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गरुड़ासन करते वक्त थोड़ी सी गलती आपके संतुलन को बिगाड़ कर आपको जमीन पर गिरा सकती है। लेकिन अगर आप पूरी शक्ति और शांत दिमाग से इस आसन को ध्यान पूर्वक करेंगे, तो आप जल्द इसे आसानी से कर पाने में समर्थ हो जाएंगे।

यदि आपको यह देख जानकारी भरा एवं लाभकारी लगा हो तो इसे दूसरों के साथ अवश्य साझा करें। भविष्य में Garudasana Benefits in Hindi ऐसे ही अन्य लेखों को पढ़ने के लिए इस पेज को बुकमार्क अवश्य करें।

सबका मंगल हो

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