
Bhukamp Information in Hindi | Bhukamp Kya hai | Earthquake in Hindi Language | Earthquake Essay in Hindi
आए दिन दुनिया के किसी न किसी कोने में भूकंप आने को खबर सुनने के लिए मिलती ही रहती है। भारत के भी कई प्रदेश हैं जहां अकसर संभावना बनी रहती है।
इसमें कोई शक नहीं है कि प्राकृतिक आपदाएं मनुष्य के वश में नहीं होती हैं। किंतु उन आपदाओं के बारे में आवश्यक जानकारी होने पर हम स्वयं को सुरक्षिरखने की कोशिश तो कर ही सकते हैं।
यही कारण है कि विज्ञान सभी प्राकृतिक विपत्तियों पर शोध करता रहता है ताकि हम सुरक्षित रहें।
Mystic Mind के इस लेख में भूकम्प क्या है, भूकम्प कितने प्रकार का होता है, भूकम्प के क्या कारण होते हैं तथा भूकम्प से कैसे बचा जा सकता है, आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी साझा करेंगे।
दूसरे शब्दों में कहें तो हम आपके लिए Bhukamp Information in Hindi लेकर आए हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भूकम्प क्या है अर्थात् इसका अर्थ क्या है?
Also Read: कद्दू खाने के जादुई लाभ। Benefits of Pumpkin in Hindi
भूकंप का अर्थ | What is the meaning of earthquake in Hindi
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो सभी प्राकृतिक आपदाओं से सबसे विनाशकारी आपदा माना जाता है। इसके कारण मानव जीवन को अपार क्षति पहुंचती है।
भूकंप दो शब्दों से मिलकर बना है – भू और कंप। भू का अर्थ है धरती या पृथ्वी और कंप का अर्थ है हिलना यानी की साधारण भाषा में कहें तो पृथ्वी में होने वाले कंपन को ही भूकंप कहा जाता है।
Bhukamp Information in Hindi के दूसरे पड़ाव पर जानते हैं कि भूकंप की परिभाषा क्या है अथवा bhukamp Kise Kahte hain?
भूकंप की परिभाषा क्या है | What is the Definition Of Earthquake in Hindi
पृथ्वी के भूपटल पर अदैशिक या सदैशिक शक्तियों द्वारा उत्पन्न तनाव के अचानक मुक्त होने पर धरती की सतह का कांपना या हिलना ही भूकंप कहलाता है।
भूकंप का प्रभाव अधिकतर अत्यंत विस्तृत क्षेत्रों में देखा जाता है, जो पहाड़ों तथा पर्वतों के नजदीक होता है। ज्यादातर क्षेत्रों में भूकंप के कम प्रभाव तथा कुछ विशेष क्षेत्रों में भयंकर त्रासदी भी देखी जाती है।
भूपटल पर अचानक आने वाले भूकंप के प्रभाव से पृथ्वी पर जो उथल-पुथल या हल्का सा कंपन होता है उससे व्यापक स्तर पर तबाही होने की संभावना होती है।
कहने और सुनने में भूकम्प एक ही शब्द लगता है किंतु इसके भी कई प्रकार होते हैं। Bhukamp Information in Hindi के मुख्य हिस्से अर्थात् भूकम्प के प्रकार के बारे में जानते हैं।
भूकंप के प्रकार | Type of earthquake in Hindi
साधारणतः भूकंप दो प्रकार का होता है
- प्राकृतिक कारणों से उत्पन्न भूकंप – यह भूकंप प्राकृतिक रुप या प्राकृतिक घटनाओं जैसे- भूपटल में हलचल या किसी प्रकार का उथल-पुथल, ज्वालामुखी विस्फोट तथा चट्टान या दरारों के टूटने के कारण आता है।
- मानव गतिविधियों से उत्पन्न भूकंप – मानव गतिविधियों जैसे – विशाल गहरे कुएं में वज्य पदार्थ व कोई तरल पदार्थों का दोहन, तेल निकालने के लिए गहरे कुएं का खनन करना, जल संरक्षण के लिए विशाल बांधों का निर्माण करना तथा नाभिकीय विस्फोट जैसी भयंकर मानवीय गतिविधियों के कारण भी विनाशकारी भूकंप आता है।
उदाहरण के लिए महाराष्ट्र के कोयला क्षेत्र में 1967 में कृत्रिम जलाशय के निर्माण से आने वाला भूकंप।
आइए जानते हैं कि किन वजहों अर्थात् Bhukamp ke Karan क्या क्या हैं? दूसरे शब्दों में कहें तो Cause of Bhukamp Information in Hindi
भूकंप आने के कारण | What is Causes Of Earthquake in Hindi
साधारण भाषा में कहें तो हमारी धरती 4 परतों inner core, outer core, mental व crust से मिलकर बनी है। यह परत लगभग 50 किलोमीटर चौड़ा है जो चार वर्गों में विभाजित है, यह टेक्टोनिक प्लेट्स कहलाती है।
यह प्लेटें धरातल के नीचे घूमती रहती है और जब यह प्लेट्स बार-बार हिलती हुई किसी दूसरे प्लेट से टकराती है, तो प्लेट्स में दरारें पड़ने लगती हैं। ज्यादा टकराने के कारण प्लेट्स टूटने लगती हैं जिससे धरातल के नीचे का ऊर्जा ऊपर आकर दवाब बनाती है जिससे पृथ्वी में कंपन होता है, इस प्रकार भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती है।
कुछ भूगोल शास्त्रियों का मानना है कि जब प्लेटें अपनी जगह से हिलती है तो एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाती है या ऊपर चढ़ जाती है, जिससे पृथ्वी में हलचल होता है जिसके उपरांत भूकंप आता है।
भूकंप आने के संकेत | Symptpms of an earthquake in Hindi
जब पृथ्वी में अचानक कंपन होता है अर्थात भूकंप के समय धरातल कुछ समय के लिए हिलता है जिससे एक हल्का झटका- सा महसूस होता है। जब भूकंप के दो झटके महसूस होते हैं तो दूसरा झटका पहले झटके से अधिक प्रभावकारी होता है।
साधारणतः भूकंप कुछ सेकंड के लिए ही आता है लेकिन जब दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस होता है तो वह करीब 1 मिनट से अधिक का भी हो सकता है।
भूकंप की शक्ति
भूकंप से उत्पन्न धरती में कंपन का समय मिट्टी की स्थिति, इमारतों की ऊंचाई, अधिकेंद्र से दूरी तथा उस जगह के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री पर निर्भर करता है।
भूकंप की तीव्रता भूकंप आवर्ती पर निर्भर करती है। अगर भूकंप की आवर्ती ऊपर की ओर है तो कम झटका या प्रभाव महसूस किया जाता है और यदि नीचे की ओर है तो भूकंप से अधिक क्षेत्र प्रभावित होता है।
भूकंप की तीव्रता मापन यंत्र
भूकंप की तीव्रता सिस्मोग्राफ या रिक्टर स्केल से मापा जाता है। भूकंप को मापने के लिए रिक्टर स्केल पर 1 से 9 तक लाइन बने होते हैं। रिक्टर स्केल के केंद्र अर्थात एपीसेंटर से भूकंप की तीव्रता या भूगर्भीय ऊर्जा की तीव्रता को मापा जाता है। रिक्टर स्केल से भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगाया जाता है।
भूकंप से सुरक्षा
- भूकंप से बचाव के लिए आपातकालीन व्यवस्था तथा इमरजेंसी कीट पहले से बना कर रख लें।
- आवश्यक एवं जरूरी सामानों को रखने की पूरी व्यवस्था कर लें।
- भूकंप जब आए तो किसी मजबूत टेबल या मेज के नीचे हाथ से चेहरे को ढ़क कर बैठ जाएं।
- जब भूकंप आए तो घर के अंदर ही रहे परंतु खिड़कियों, दरवाजे तथा दीवारों से दूर ही रहें।
- भूकंप के समय अगर आप घर से बाहर हैं, तो ऊंची इमारतों तथा किसी खम्भें के नजदीक ना रहे।
- अगर आप भूकंप के कारण मलबे के नीचे दब गए हैं, तो अपनी मौजूदगी जताएं और अपने चेहरे को ढ़क कर ही रखें।
भारत के प्रमुख भूकंपीय क्षेत्र
भारत के प्रमुख भूकंपीय क्षेत्रों को चार जोनों में बांटा गया है, जो निम्नलिखित है :-
- सीस्मिक जोन 5 – गुजरात का कच्छ, अंडमान-निकोबार व जम्मू कश्मीर इत्यादि।
- सीस्मिक जोन 4 – दिल्ली, एनसीआर, बिहार, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी तट से सटे महाराष्ट्र और राजस्थान, यूपी इत्यादि।
- सीस्मिक जोन 3 – केरल, गोवा, लक्षदीप, गुजरात एवं पश्चिम बंगाल इत्यादि
- सीस्मिक जोन 2 – बाकी बचे सभी अन्य क्षेत्र।
भूकंप से होने वाले नुकसान
भूकंप से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार हैं
- भूकंप आने से अपार धन जन की क्षति होती है।
- भूकंप से बड़ी-बड़ी तथा ऊंची इमारतें गिर जाती है तथा बड़े-बड़े कल कारखानों में भीषण आग लग जाती है।
- गहरे तथा विशाल महासागरों में भूकंप के प्रभाव से सुनामी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
- इसके अलावा भू-स्खलन की क्रिया भी तेज हो जाती है।
भूकंप का उद्देश्य क्या है?
इस प्रकार जब धरती के तले में किसी भी कारण से असंतुलन उत्तपन्न होता है तो उसमें संतुलन लाने के लिए कुछ प्राकृतिक क्रियाएं होती हैं। परिणामस्वरूप धरती के ऊपरी सतह पर कम्पन होती है जिसे हम भूकंप कहते हैं।
भूकंप का केंद्र क्या कहलाता है?
Final Words: उम्मीद हैन भूकंप से जुड़े आपके सभी सवालों के जवाब इस आर्टिकल में मिल गए होंगे। यदि आपको यह लेख ज्ञानवर्धक लगा हो तो दूसरों के साठ साझा कर उनका ज्ञान आवश्य बढ़ाएं।
इस पेज को बुकमार्क अवश्य करें ताकि भविष्य में ऐसे ” Bhukamp Information in Hindi” अन्य जानकारी युक्त लेखों को आसानी से एवं तुरंत पढ़ सकें।
सबका मंगल हो