बरगद के पेड़ के औषधीय गुण, फायदे व नुकसान | Banyan Tree in Hindi

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भारत देश का राष्ट्रीय वृक्ष है बरगद का पेड़। इसे बरगद के अलावा ‘अक्षयवट’, ‘वट’, ‘बट’ और ‘वर’ भी कहा जाता है। बरगद का अंग्रेजी नाम ‘बनियन ट्री’ है, जबकि इसका वैज्ञानिक नाम ‘फाइकस बेंगालेंसिस (Ficus Bengalensis)’ है।

इस वृक्ष के अनेकों स्वास्थ्य लाभ तो है ही, साथ ही हिंदू धर्म में बरगद को काफी पूजनीय भी माना जाता है। सबसे लंबे समय तक टिका रहने वाला ये पेड़ पतक्षड़ आने पर भी सूखता नहीं है और बढ़ता ही चला जाता है।

इसी वजह से इसे राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा मिला हुआ है। आइए जानते हैं बरगद के पेड़ के फायदे, नुकसान और महत्व के बारे में विस्तार से।

इस लेख में हम जानेंगे

  • बरगद के पेड़ का महत्व
  • बरगद के पेड़ में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व
  • बरगद के पेड़ के फायदे
  • बरगद के पेड़ के नुकसान

आइए सबसे पहले जानते हैं कि संसार में बरगद के पेड़ का इतना महत्व क्यों है?

बरगद के पेड़ का महत्व | Importnace of Banyan Tree in Hindi

दीर्घजीवी बरगद के पेड़ का महत्व धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काफी ज्यादा है। मान्यता है कि यक्षों के राजा मणिभद्र से बरगद के पेड़ की उत्पत्ति हुई है। इसके पूजन से पुण्य मिलता है। इस वृक्ष को त्रिमूर्ती का प्रतीक माना जाता है।

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इसकी जड़ में ब्रह्मा, शाखाओं में शिव और छाल में भगवान विष्णु का वास है। चुकी बरगद के पेड़ की आयु काफी ज्यादा लंबी होती है, इसलिए इसे “अक्षयवट” के नाम से भी जाना जाता है।

वहीं अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके महत्व की बात करें तो बरगद की छाया का असर सीधे मन पर पड़ता है, जिसकी वजह से मन शांत रहता है। भारी अकाल पड़ने पर भी ये पेड़ सूखता नहीं है। ऐसी विषम परिस्थिति में मनुष्य के लिए इसके फल और पशुओं के लिए इसके पत्ते पर निर्वाह करना मुमकिन हो सकता है।

इसके अलावा आयुर्वेद में भी इसका बहुत ही ज्यादा महत्व है। आइए जानते हैं कि बरगद के पेड़ में कौन-कौन से पौष्टिक एवं औषधि गुण पाए जाते हैं?

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बरगद के पेड़ में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व | Banyan Tree in Hindi

बरगद के पेड़ में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसलिए कई तरह के स्वास्थ्य लाभ के लिए बरगद के पेड़ के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व के बारे में।

  • सैपोनिंस
  • फ्लेवोनॉयड
  • फिनोल
  • कीटोंस
  • टैनिन्स
  • एंथोसाइनिडिन
  • स्टेरोल्स

बरगद की पत्तियों में पाए जाते हैं ये पौष्टिक तत्व

  • फाइबर (26.84%)
  • प्रोटीन (9.63%)
  • फास्फोरस (0.4%)
  • कैल्शियम (2.53%)

आइए विस्तार से जानते हैं कि बरगद के वृक्ष का क्या उपयोग है तथा यह मानव जीवन के लिए कितना फायदेमंद है?

बरगद के पेड़ के फायदे | Benefits of Banyan Tree in Hindi

बरगद के पेड़ के वैसे तो अनेकों फायदे हैं, लेकिन हम आपको आर्युवेद के दृष्टिकोण से इसके फायदों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं बरगद के पेड़ से मिलने वाले महत्वपूर्ण फायदों के बारे में।

दांत और मसूड़ों के लिए बरगद के फायदे – दांतों में होने वाले सड़न और मसूड़ों में होने वाले सूजन जैसी समस्या को कम करने में बरगद का पेड़ काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए बरगद के पेड़ की जड़ का इस्तेमाल किया जाता है। तो इसकी जड़ को तोड़कर उसे दातुन की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।

दरअसल बरगद के पेड़ में एंटी- माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो दांतों की सड़न और मसूड़ों से जुड़ी परेशानियों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

फोड़े-फुंसी में फायदेमंद – फोड़े-फुंसी और चेहरे पर आने वाले दाने जैसी समस्याओं के लिए भी बरगद की जड़ का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए इसकी जड़ को पीसकर उसे पैक की तरह चेहरे पर लगा सकते हैं।

दरअसल इसका एंटी-माइक्रोबियल तत्व बैक्टीरिया को खत्म करने में लाभदायक हो सकता है। तो वहीं इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने में फायदेमंद हो सकता हैा।

Benefits of Banyan Tree in Hindi

जोडों के दर्द में लाभदायक – आज के समय में कम उम्र के लोगों में भी ज्वाइंट पेन की समस्या देखी जा सकती है। ऐसे में बरगद का पेड़ ज्वाइंट पेन से पीड़ित व्यक्ति के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए बरगद की पेड़ की पत्तियों का अर्क निकालकर उसका उपयोग किया जाता है।

उस अर्क को ज्वाइंट पेन वाली जगह पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करने की सलाह दी जाती है। नियमित तौर पर ऐसा करने से जोडों के दर्द में काफी राहत मिल सकती है। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर बरगद के पत्ते का अर्क दर्द में तो आराम देता ही है, साथ ही सूजन को भी कम करता है।

खुजली की समस्या में फायदेमंद – त्वचा पर कई बार बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से खुजली की समस्या उत्पन्न हो जाती है। तो इससे निजात पाने के लिए भी बरगद का पेड़ काफी मददगार साबित हो सकता है।

इसके लिए बरगद की छाल या फिर उसके पत्ते को पीसकर उसका लेप बना लें और प्रभावित जगह पर लगा लें। दरअसल इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसी परेशानी से निजात दिलाने में मददगार होते हैं।

प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार – शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी बरगद के पेड़ का उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार बरगद के पत्तों में क्लोरोफॉर्म, ब्यूटेनॉल, हेक्सेन और पानी की भरपूर मात्रा पाई जाती है।

ये सारे तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। इसलिए आयुर्वेद में बरगद के पेड़ की पत्तियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

Benefits of Banyan Tree in Hindi

बवासीर में दिलाए आराम – बवासीर जैसी परेशानी के लिए भी बरगद के पेड़ का उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार बरगद के पेड़ से जो दूध निकलता है उसमें सेरिन, रेजिन, एल्ब्यूमिन, मैलिक एसिड और शुगर जैसे गुणकारी तत्व पाए जाते हैं।

ये सारे तत्व मिलकर डिसेंट्री, दस्त और बवासीर जैसी समस्या में आराम पहुंचाने में मददगार होते हैं।

डायबिटीज में लाभदायक – बरगद के पेड़ में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव मौजूद रहता है, जो ब्लड शुगर को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसलिए डाबिटीज पीड़ित लोगों के लिए बरगद का पेड़ वरदान साबित हो सकता है।

इसके लिए बरगद के पेड़ की जड़ का अर्क बनाकर पीना लाभदायक हो सकता है।

डायरिया में फायदेमंद – बरगद के पेड़ के दूध में पाए जाने वाले मौलिक एसिड, शुगर, सेरिन, एल्ब्यूमिन और रेजिन जैसे तत्व बवासीर, डिसेंट्री और डायरिया जैसी परेशानी से निजात दिलाने में लाभदायक हो सकते हैं।

डिप्रेशन कम करने में मददगार – बरगद के पेड़ पर किए गए रिसर्च में पाया गया है कि, इसमें कुछ ऐसे गुणकारी तत्व मौजूद हैं, जो लोगों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मददगार हो सकते हैं।

इससे दिमाग की नसों को भी आराम मिलता है। इसलिए कहा जा सकता है कि डिप्रेशन से पीड़ित लोगों के लिए बरगद के पेड़ की जड़ वरदान साबित हो सकती है।

Benefits of Banyan Tree in Hindi

नपुंसकता और बांझपन में लाभदायक – कहा जाता है कि बरगद के पेड़ से निकलने वाले दूध का सेवन करने से महिलाओं में यौन से जुड़ी परेशानियों को कम करने और पुरुषों में शुक्राणुओं की मात्रा को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं। हालांकि इस मामले में अभी और भी ज्यादा रिसर्च की जरूरत है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार – कहा जाता है कि बरगद के पेड़ के जलीय अर्क का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए बरगद की छाल, पत्ते और फल का उपयोग किया जा सकता है।

बालों के लिए लाभदायक – बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण बाल झड़ने की समस्या आम बात है। चुकी बरगद के पेड़ में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, इसलिए ये इंफेक्शन की वजह से बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा दिला सकता है।

इसके लिए बरगद की पत्तियों और छाल से बने लेप का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि इस मामले में भी अभी और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है।

Benefits of Banyan Tree in Hindi

यूरिनेशन में हो सकता है लाभदायक – औषधीय गुणों से भरपूर बरगद का पेड़ यूरिन की समस्या से भी राहत देने में मददगार हो सकता है। इसके लिए पेड़ के विभिन्न भागों के अर्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

कई लोग ऐसे होते हैं, जिनके मूत्राशय की नसें कमजोर होने की वजह से वो कंट्रोल नहीं कर पाते या फिर कई लोगों को यूरिनेशन में परेशानी होने लग जाती है। तो ऐसे में बरगद के पेड़ के पत्ते काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

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बरगद के किन किन अंगो को किस तरह प्रयोग में लिया जा सकता है?

बरगद के पेड़ का प्रयोग | Uses of Banyan Tree in Hindi

  • बरगद के पेड़ की पत्तियों, छाल और जड़ का लेप बनाकर बालों और त्वचा के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
  • बरगद के पेड़ की छाल, जड़ और पत्तियों का अर्क निकाल कर भी उपयोग किया जा सकता है।
  • बरगद के फल का सेवन भी किया जा सकता है।
  • कुछ परिस्थितियों में बरगद से निकलने वाले दूध का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
  • बरगद के पेड़ से निकलने वाले दूध का इस्तेमाल मरहम की तरह भी किया जा सकता है।

कितनी मात्रा में करना चाहिए इस्तेमाल?

  • अगर आप बरगद के पेड़ की पत्तियों, छाल और जड़ के अर्क का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं तो इसे रोजाना 1-2 चम्मच तक ही लेने की सलाह दी जाती है।
  • बरगद के दूध का सेवन करने के बारे में अगर सोच रहे हैं, तो इसके दूध का सेवन 2-3 बूंद ही किया जा सकता है।
  • इससे बने लेप को आप प्रभावित स्थान पर आवश्यकता अनुसार लगा सकते हैं।

आइए जानते हैं बरगद के वृक्ष से क्या नुकसान हो सकता है?

बरगद के पेड़ से होने वाले नुकसान |Disadvantages of Banyan Tree in Hindi

वैसे तो बरगद के पेड़ से होने वाले नुकसान के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती है। लेकिन फिर भी किसी भी चीज का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है।

इसलिए बरगद के किसी भी हिस्से का इस्तेमाल जिस भी रूप में करना हो, सीमित मात्रा में ही करें और अगर डॉक्टर की सलाह लेकर इसका इस्तेमाल किया जाए तो सबसे अच्छा।

Final Words about Banyan Tree in Hindi: इस प्रकार भारत भारत में मिलने वाले बरगद के वृक्ष के अनेकों लाभ है। यह हमें अनेकों स्वास्थ्य लाभ देता है तथा हमें इसके वृक्षारोपण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

यदि आपको यह लेख जानकारी से भरा एवं उपयोगी लगा हो तो इसे दूसरों के साथ साझा कर बरगद के वृक्षारोपण के प्रचार प्रसार में अपना सहयोग प्रदान करें।

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सबका मंगल हो

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