औषधीय गुणों से भरपूर बबूल के फायदे और नुकसान | Babool Tree in Hindi

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प्रकृति ने इस सृष्टि को वनस्पतियों का भण्डार दिया हुआ है। उसी भंडार में से एक है बबूल का पेड़। वैसे तो पूरे भारतवर्ष में बबूल का पेड़ पाया जाता है, लेकिन खासतौर पर मरू भूमि में ये काफी सहजता से पनपने वाला कांटेदार वृक्ष है।

ये सड़क किनारे या खेतों की मेड़ जैसी जगहों पर अपने आप ही उग आते हैं। इसके बारे में कम लोगों को ही जानकारी होती है कि ये पेड़ हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना ज्यादा लाभदायक हो सकता है।

आयुर्वेद में इसे बहुत ही उत्तम औषधि के रूप में जाना जाता है। तो आइए इस लेख में हम बबूल के पेड़ Babool Tree in Hindi के बारे में जानते हैं विस्तार से।

इस लेख में हम जानेंगे

  • बबूल क्या है?
  • बबूल के उपयोगी भाग
  • बबूल के फायदे
  • बबूल के नुकसान

आइए सबसे पहले जानते हैं कि बबूल का पेड़ क्या है or What is Babool Tree in Hindi एवं यह कैसा दिखता है?

बबूल क्या है | Babool Tree in Hindi

Babool Tree in Hindi Images

बबूल के पेड़ की पत्तियां छोटी-छोटी होती हैं और इसके पेड़ कांटेदार होते हैं। गर्मी के मौसम में बबूल के पेड़ पर पीले रंग के गोल-गोल आकार में फूल खिलते हैं, जो गुच्छों में होते हैं। इसकी फलियां ठंड के मौसम में आती हैं। बबूल के पेड़ से निकलने वाले गोंद और उसकी छाल का व्यवसाय किया जाता है।

बबूल का पेड़ अन्य पेड़ों की अपेक्षा अधिक उपयोगी इसलिए है क्योंकि इस के हर हिस्से को किसी न किसी तरह प्रयोग करके स्वास्थ्य लाभ लिया जाता है। आइए जानते हैं कि बबूल के किन-किन हिस्सों का उपयोग किया जाता है?

बबूल के उपयोगी भाग | Babool Tree in Hindi

बबूल के निम्न भाग का उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है।

  • तने की छाल
  • तने
  • पत्ते
  • गोंद
  • फली

इसमें कोई शक नहीं कि बबूल का वृक्ष अत्यंत स्वास्थ्य उपयोगी वृक्ष है। आइए विस्तार से जानते हैं कि बबूल के वृक्ष के कितने स्वास्थ्य लाभ होते हैं?

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बबूल के फायदे | Benefits of Babool Tree in Hindi

हड्डी के टूटने पर बबूल के फायदे

  • बकरी के दूध या फिर एक चम्मच शहद के साथ बबूल के पंचांग का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ने लगती है। अस्थिभंग की समस्या में बबूल के बीज को पीसकर शहद के साथ सेवन करने से लाभ मिल सकता है।
  • बबूल की फली का चूर्ण बनाकर एक-एक चम्मच सुबह शाम सेवन करने से टूटी हुई हड्डी जल्दी जुड़ सकती है। अर्थराइटिस की समस्या में भी इससे काफी लाभ मिल सकता है।

ज्यादा पसीना आने पर बबूल के फायदे

  • बहुत लोग अधिक पसीना आने की वजह से काफी ज्यादा परेशान रहते हैं। तो अगर आप भी इस समस्या से ग्रस्त हैं तो बबूल का उपयोग करके देखें। आपको इसका लाभ जरूर मिल सकता है।
  • बबूल के पत्ते और बाल हरड़ को बराबर मात्रा में लेकर उसका चूर्ण बना लें। अब नियमित रूप से इस चूर्ण को अपने पूरे शरीर पर लगाकर मालिश करें और कुछ देर के लिए लगा रहने दें और फिर नहा लें। कुछ ही दिनों तक ऐसा करते रहने से पसीना आना काफी कम हो जाएगा।
  • इसके अलावा बबूल के पत्ते को पीसकर उसका पेस्ट लगाने से भी पसीना आना कम हो जाता है।

Benefits of Babool Tree in Hindi- कमर दर्द में फायदेमंद

  • अगर आप कमर दर्द की समस्या से पीड़ित रहते हैं, तो बबूल की छाल, गोंद और कीकर की फली को बराबर मात्रा में मिला लें और उसे पीसकर रख लें। अब इसे दिन में तीन बार एक-एक चम्मच की मात्रा में सेवन करें। इससे कमर के दर्द में काफी आराम मिल सकता है।

सिर दर्द में बबूल के फायदे

  • तनावग्रस्त जीवन और गलत लाइफस्टाइल की वजह से आज के समय में लोगों में सिर दर्द की समस्या आम हो गई है। तो अगर आपको भी आए दिन सिर दर्द की समस्या से जूझना पड़ता है, तो उसके लिए बबूल की फली का पाउडर बनाकर गर्म पानी के साथ रोज सुबह-शाम ले सकते हैं। इससे सिर दर्द में काफी आराम मिल सकता है।

शारीरिक जलन में बबूल के फायदे

  • बबूल की छाल में मिश्री मिलाकर पीने से शरीर में होने वाले जलन की समस्या में आराम मिल सकता है।

Benefits of Babool Tree in Hindi- दांतों के लिए फायदेमंद

  • बबूल की टहनी से रोजाना दांत साफ करने से दांतों में होने वाली कई तरह की परेशानी से बचा जा सकता है। इसलिए तो लंबे टाइम से आज भी गांव में लोग बबूल के दातुन का इस्तेमाल करते आ रहे हैं।
  • अगर आप इसके टहनी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, तो बादाम के छिलके की राख और बबूल की फली के छिलके की राख में नमक मिलाकर मंजन कर सकते हैं। इससे भी दांतों में होनेवाली कई तरह की समस्या से बचा जा सकता है।

मुंह के रोगों के लिए बबूल के फायदे

  • बबूल, जामुन और फूली हुई फिटकरी को मिलाकर काढ़ा बना लें और फिर उससे कुल्ला करें। नियमित तौर पर ऐसा करने मुंह के कई प्रकार के रोग ठीक हो सकते हैं।
  • अगर मुंह में छाले हो गए हों, तो बबुल के गोंद के टुकड़े को चूसने से आराम मिल सकता है। जीभ के सूखने पर, जीभ पर दाने होने पर या फिर छाले होने पर बबूल की मुलायम पत्तियों को पीसकर पानी के साथ पीने से काफी आराम मिल सकता है।

आंखों के लिए बबूल के फायदे

  • आंखो में अगर जलन हो, आंखें लाल हो रही हों, या फिर आंखों में दर्द रहता हो, तो बबूल के पत्ते को पीसकर उसे टिकिया के आकार में बना लें और सोते समय आंखों पर लगाएं। इससे काफी आराम मिल सकता है।
  • आंखों से अगर पानी बहता हो, तो बबूल के पत्तों का काढ़ा बनाकर शहद के साथ काजल की तरह लगाने से काफी आराम मिल सकता है। बबूल के तने की छाल और बबूल के पत्तों का काढ़ा बनाकर आंखों को धोने से कई तरह की परेशानियां खत्म हो सकती हैं।

Benefits of Babool Tree in Hindi- गले के लिए बबूल के फायदे

  • बबूल की छाल, बबूल के पत्ते और बरगद की छाल को समान मात्रा में लेकर पानी में भीगने के लिए छोड़ दें और फिर उस पानी से कुल्ला करें। नियमित तौर पर ऐसा करने से गले में होने वाली कई तरह की परेशानी से निजात मिल सकती है।
  • इसके अलावा पानी में बबूल की छाल को उबालकर अगर उससे गरारे करते हैं, तो गले की सूजन और खराश में आराम मिल सकता है।

खून वाले दस्त में लाभदायक

  • अगर किसी के दस्त में खून आ रहे हों, तो उसे शहद के साथ बबूल की हरी पत्तियों के रस को मिलाकर दिन में 2-3 बार पीना चाहिए। इससे काफी आराम मिल सकता है।
  • इसके अलावा दस्त और खूनी दस्त, दोनों में आराम पाने के लिए आधा कप पानी में 10 ग्राम बबूल के गोंद को अच्छे से मिलाकर उसे छानकर पीने से काफी आराम मिल सकता है।

कमर दर्द में बबूल के फायदे

  • बबूल के गोंद, छाल और उसके फली को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और इसे कुछ दिनों तक रोजाना दिन में तीन बार लें। कमर के दर्द में इससे काफी आराम मिल सकता है।

Benefits of Babool Tree in Hindi- पीलिया में बबूल के फायदे

  • पीलिया से पीड़ित लोगों को मिश्री के साथ बबूल के फूल को पीसकर चूर्ण बनाकर सुबह शाम लेना चाहिए। इससे पीलिया रोग में काफी आराम मिल सकता है।

घाव में लाभदायक

  • घाव में बबूल के पत्तों को पीसकर लगाने से जल्द आराम मिल सकता है। वैसे इसके बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना सही रहता है।

खासी में बबूल के लाभ

  • खांसी से अगर तंग आ गए हैं, तो बबूल के तने की छाल और उसके पत्ते को मिलाकर चूर्ण बना लें और उसे शहद के साथ 1-2 ग्राम की मात्रा में रोज सेवन करें। इससे खांसी में काफी आराम मिल सकता है।

पेट के रोगों में बबूल के फायदे

  • पेट को स्वस्थ रखने के लिए बबूल की छाल का काढ़ा बना कर 1-2 मिली की मात्रा में मट्ठे के साथ सेवन करने से काफी लाभ मिल सकता है। ध्यान दें कि इसके लिए सिर्फ मट्ठे का ही प्रयोग किया जाना चाहिए।
  • अगर पेट में दर्द हो तो उसके लिए बबूल के फल को भूनकर उसका चूर्ण बना लें और पानी को उबालने के बाद जब वो थोड़ा गर्म रह जाए तो उसी गुनगुने पानी के साथ चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। इससे पेट दर्द में काफी आराम मिल सकता है।
  • जलोदर रोग में फायदे के लिए बबूल के छाल से बने काढ़ा को छाछ के साथ पीने से काफी आराम मिल सकता है।

Benefits of Babool Tree in Hindi- भूख बढ़ाने में कारगर

  • अगर किसी को भूख कम लगती हो, या खाने में स्वाद नहीं लगता हो, तो कीकर या बबूल की फली के अचार में सेंधा नमक मिलाकर खाने से भूख बढ़ सकती है। इतना ही नहीं ये जठराग्नि को प्रदीप्त करने में भी कारगर हो सकता है।

Benefits of Babool Tree in Hindi- वीर्य रोग में बबूल के फायदे

  • बबूल की फली को इकट्ठा करके उसे छाया में सुखा लें और फिर सबको पीसकर पाउडर बना कर एक डिब्बे में रख लें। अब रोजाना समान मात्रा में मिश्री मिलाकर पानी के साथ इसका सेवन करें। इससे वीर्य से जुड़ी कई तरह की परेशानियां ठीक हो सकती हैं।
  • पुरुषों के वीर्य को बढ़ाने के लिए बबूल के गोंद को घी में तलकर खाने से काफी लाभ मिल सकता है।
  • शुक्राणु से जुड़ी समस्याओं के लिए 2 ग्राम बबूल के पत्ते, चीनी और 1 ग्राम जीरा को एक साथ मिलाकर 100 मिली दूध के साथ सेवन करने से काफी फायदा मिल सकता है।

मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों में फायदेमंद

  • 400 मिली पानी में 20 ग्राम बबूल की छाल को पानी में उबालें। जब पानी करीब 100 मिली बचे तो दिन में तीन बार इसका सेवन करें। इससे मासिक धर्म में अधिक खून आने जैसी समस्याओं में काफी आराम मिल सकता है।
  • बबूल के गोंद और गेरु को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से कई तरह के मासिक विकारों में लाभ मिल सकता है।

इतनी लागू के बावजूद भी अन्य चीजों की तरह बबूल से भी कुछ नुकसान होते हैं। आइए जानते हैं कि बबूल का वृक्ष कब और किस परिस्थिति में नुकसानदायक साबित हो सकता है?

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बबूल के नुकसान | Disadvantages of Babool Tree in Hindi

  • ज्यादा मात्रा में बबूल का सेवन करने से ये लिवर को प्रभावित कर सकता है।
  • अगर गलती से बबूल का कांटा चुभ जाए तो उसे तुरंत निकाल देना चाहिए। नहीं तो उस जगह पर पस हो सकता है।
  • कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को बबूल का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
  • जिस व्यक्ति को गोंद से एलर्जी हो, उसे भी इसके सेवन से बचना चाहिए।
  • किसी भी चीज का सेवन करने से पहले अवश्य रूप से उसके लाभ और नुकसान के बारे में अच्छे से जानकारी जुटा लेनी चाहिए। और किसी भी चीज का सेवन उचित मात्रा से ज्यादा नहीं करना चाहिए। नहीं तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

बबूल से जुड़ी अन्य जानकारियां | Babool Tree in Hindi

  • मनुष्य को बबूल की फली को सुखाकर और पीसकर सेवन करना चाहिए। जानवरों को इसे कच्चा खिलाया जा सकता है।
  • बबूल की छाल को नियमित रूप से चबाने से मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है।
  • बबूल का इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभ के अलावा कागज और फर्नीचर इत्यादि बनाने के काम में किया जाता है।
  • बुजुर्गों के अनुसार घर या घर के आस पास बबूल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि ये अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि कांटेदार पौधे लगाने से घर में दरिद्रता और अशांति आती है। इसके अलावा बच्चे इससे घायल भी हो सकते हैं।
  • बबूल की दो प्रजातियां होती हैं। जिनमें से एक होती है श्वेत खदिरी या त्रिकंटकी और दूसरी क्षुद्र किंकिरात या क्षुद्र बर्बुर।

Final Words about Babool Tree in Hindi : वृक्ष लगाना मात्र एक नारा ना होकर हम सबकी जिम्मेदारी हो जानी चाहिए। उम्मीद है बबूल से मिलने वाले लाभों को जानने के बाद आप अपने आसपास बबूल का एक वृक्ष अवश्य लगाएंगे।

यदि आपको यह लेख ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी लगा हो तो इसे अपने मित्र संबंधियों एवं सोशल मीडिया पर अवश्य साझा करें। तथा दूसरों को भी बबूल के वृक्ष अथवा वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करें।

भविष्य में ऐसे Babool Tree in Hindi ही ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी लेखों को पढ़ने के लिए इस पेज को अवश्य बुकमार्क करें।

सबका मंगल हो

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