अपेंडिक्स का मतलब, लक्षण और इसके इलाज | Appendicitis in Hindi

Appendicitis in Hindi | Acute Appendicitis in Hindi | Chronic Appendicitis in Hindi | Types of Appendicitis in Hindi | Symptoms of Appendicitis in Hindi

गलत खानपान और गलत रहन-सहन की वजह से किसी-किसी को होने वाली अपेंडिक्स की बीमारी अब आम सी हो गई है। इस बीमारी में पेट में नीचे की ओर दाहिने तरफ दर्द की शिकायत होने लगती है।

इसे हल्के में लेना कई बार भारी भी पड़ सकता है। क्योंकि परेशानी अधिक बढ़ने से इसके पेट में फटने की संभावना बढ़ जाती है।

इस लेख में हम जानेंगे

  • अपेंडिक्स क्या होता है?
  • अपेंडिक्स कितने प्रकार का होता है?
  • अपेंडिक्स क्यों होता है?
  • अपेंडिक्स के लक्षण क्या हैं?
  • अपेंडिक्स की जांच के लिए कौन सा टेस्ट होता है?
  • अपेंडिक्स का इलाज कैसे होता है?
  • अपेंडिक्स की रोकथाम के लिए क्या करें?
  • अपेंडिक्स से होने वाले नुकसान
  • अपेंडिक्स में क्या परहेज करना चाहिए?
  • अपेंडिक्स के मरीज को क्या खाना चाहिए?
  • अपेंडिक्स के इलाज के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे
  • अपेंडिक्स के इलाज के लिए देसी नुस्खे

तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि अपेंडिक्स की बीमारी क्या है?

अपेंडिक्स क्या होता है? | What is Appendicitis in Hindi

अपेंडिक्स किसी ट्यूब के जैसा दिखता है, जिसकी लंबाई करीब 4 इंच होती है। ये पेट की आंत के पहले भाग से जुड़ा हुआ रहता है। वैसे अपेंडिक्स का काम हमारे शरीर में बहुत ज्यादा तो नहीं होता है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार ये शरीर में अच्छे बैक्टीरिया के भंडारण के तौर पर काम करता है।

ये डायरिया जैसी बीमारी के दौरान हमारे पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। तो वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अपेंडिक्स हमारे शरीर में कोई काम का नहीं होता है। इसलिए अगर इसे अगर शरीर से सर्जरी के द्वारा हटा भी दिया जाए तो हमारे स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

जब अपेंडिक्स की शुरुआत होती है तो बार-बार पेट के बीच के हिस्से में दर्द होता रहता है। और फिर धीरे-धीरे ये दर्द पेट के दाहिने भाग में नीचे की ओर होने लग जाता है। इसका दर्द खासकर तब और ज्यादा होता है, जब पीड़ित खांसता है, तेज गति में चलता है और दर्द वाले जगह पर दबाता है।

आइए जानते हैं कि अपेंडिक्स कितने प्रकार का होता है?

अपेंडिक्स कितने प्रकार का होता है | Types of Appendicitis in Hindi

अपेंडिक्स दो प्रकार का होता है –

  • एक्यूट (Acute – तीव्र)
  • क्रोनिक (Chronic – स्थायी)

पहले जानते हैं कि एक्यूट अपेंडिक्स क्या होता है?

एक्यूट अपेंडिक्स | Acute Appendicitis in Hindi

एक्यूट अपेंडिक्स तेजी के साथ विकास करता है। इसका सही समय पर अगर इलाज नहीं किया जाए तो इसके पेट में फटने की संभावना बढ़ जाती है। इस अपेंडिक्स की वजह से पेट में काफी तेज दर्द होता है।

इसमें दर्द के साथ उल्टी जैसी समस्या भी होने लग जाती है। ये तब होता है जब अपेंडिक्स में पूरी तरह से रुकावट आ जाती है। तेजी से बैक्टीरिया पैदा होने के कारण इससे मवाद और सूजन बनने लग जाता है, जो अपेंडिक्स को बेजान करने का काम कर सकते हैं।

इसके लक्षण बहुत गंभीर होते हैं, जो 24 से 48 घंटे के अंदर ही अचानक से दिखाई देने लग जाते हैं। इसे तत्काल इलाज की आवश्यकता पड़ती है।

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क्रोनिक अपेंडिक्स | Chronic Appendicitis in Hindi

क्रोनिक अपेंडिक्स में सूजन की समस्या होती है, जो कई दिनों तक बनी रह सकती है। इसमें भी पेट में दर्द की शिकायत के साथ उल्टी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। क्रोनिक अपेंडिसाइटिस के कारण रुकावट उत्पन्न होने लग जाती है, जो इसके आस पास के उत्तकों में सूजन पैदा करती है। अंदरूनी तौर पर दबाव पड़ने से ये और भी ज्यादा गंभीर होने लग जाते हैं।

आइए जानते हैं कि अपेंडिक्स के मुख्य क्या क्या कारण होते हैं?

अपेंडिक्स क्यों होता है? | Reasons of Appendicitis in Hindi

आंतों में होने वाले इंफेक्शन की वजह से अपेंडिक्स की शिकायत होती है। जैसे अगर किसी को बराबर कब्ज की समस्या रहती हो और पेट में मौजूद खराब बैक्टीरिया बढ़ने लगे।

या फिर अपेंडिक्स की नली में कई बार रुकावट की वजह से इन्फेक्शन हो जाता है, जिससे अपेंडिक्स की समस्या उत्पन्न हो जाती है। पेट में मल और सूजन बढ़ने से पेट में दर्द की शिकायत हो जाती है।

अपेंडिक्स में होने वाली सूजन को अपेंडिसाइटिस कहा जाता है।

आइए जानते हैं कि इस बीमारी के क्या लक्षण होते हैं?

अपेंडिक्स के लक्षण क्या हैं? | Symptoms of Appendicitis in Hindi

आमतौर पर पेट में होने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन या जीवाणु संक्रमण की वजह से अपेंडिसाइटिस की समस्या उत्पन्न होती है। दरअसल हमारे पेट में होने वाले इन्फेक्शन अपेंडिक्स में फैल सकते हैं और बड़ी समस्या का कारण बन सकते हैं।

वैसे तो इसके कई लक्षण होते हैं, लेकिन हम आपको उनमें से कुछ बड़े लक्षणों के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं अपेंडिक्स के कुछ लक्षणों को।

  • नाभि से आगे पेट के दाहिने हिस्से में बराबर दर्द होना।
  • 100 से 101 डिग्री के करीब बुखार रहना
  • उल्टी
  • नाभि के आस पास में दर्द
  • जी मिचलाना
  • भूख कम लगना
  • कब्ज की शिकायत रहना
  • कई लोगों को मूत्राशय के करीब भी अपेंडिक्स होता है, जिसमें मरीज को बार-बार पेशाब लगता है और जलन के साथ दर्द की शिकायत रहती है।
  • गैस से जुड़ी समस्या
  • मल त्याग करने में परेशानी
  • पेट में सूजन इत्यादि

कई मामलों में अपेंडिक्स के कुछ असामान्य लक्षण भी दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं उन असामान्य लक्षणों के बारे में।

  • पेशाब करने में दर्द की शिकायत
  • पेट दर्द से पहले उल्टी की शिकायत
  • निचले या ऊपरी पेट, पीठ या मलाशय में कहीं भी तेज या फिर हल्का दर्द।

अपेंडिक्स के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि ये एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है।

अपेंडिक्स की जांच के लिए कौन सा टेस्ट होता है?

अपेंडिक्स का पता करने के लिए पांच तरह के टेस्ट किए जाते हैं। Tests for Appendicitis in Hindi. 

  • सीटी स्कैन
  • अल्ट्रासाउंड
  • चिकित्सा परीक्षण
  • कम्प्लीट ब्लड काउंट यानी सीबीसी
  • अन्य इमेजिंग टेस्ट, जैसे MRI

अपेंडिक्स का इलाज कैसे होता है? Treatment for Appendicitis in Hindi

वैसे तो आमतौर पर सिर्फ सर्जरी के द्वारा ही अपेंडिक्स का इलाज संभव हो सकता है। लेकिन कई बार डॉक्टर इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाएं भी देते हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में लिक्विड डाइट पर रहने की सलाह भी दी जा सकती है।

तो वही कुछ मामलों में बिना किसी सर्जरी के भी एपेंडिसाइटिस के ठीक होने की बात कही जाती है। हालांकि ज्यादातर मामलों में सर्जरी ही इसका सबसे सटीक इलाज माना जाता है।

अपेंडिक्स की रोकथाम के लिए क्या करें?

नियमित तौर पर स्वास्थ्य की जांच कराते रहना ही अपेंडिक्स की रोकथाम का एकमात्र उपाय है। क्योंकि सिर्फ इसी तरीके से अंदरूनी तौर पर शरीर की जांच कर हालात का पता लगाया जा सकता है।

वैसे जो व्यक्ति अपने आहार में फाइबर का सेवन ज्यादा करते हैं, उन्हें अपेंडिक्स होने का खतरा काफी कम रहता है। क्योंकि फाइबर मल को नरम बनाकर कब्ज से राहत देने का काम करता है।

सिंपल सी बात है कि अगर पेट सही तरीके से साफ होता रहे तो अपेंडिक्स में मल के फंसने की संभावना कम हो जाती है। वैसे भी पेट सही तरीके से साफ नहीं होने पर कई अन्य तरह की बीमारी को भी पैदा कर सकती है। इसलिए हर किसी के लिए आवश्यक है कि वो अपने आहार में फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को सम्मिलित जरूर करें।

अपेंडिक्स (अपेन्डिसाइटिस) से होने वाले नुकसान

सूजन और संक्रमण के कारण अगर अपेंडिक्स फट जाए तो परेशानी काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इस स्थिति में अपेंडिक्स के अंदर एकत्रित मल पेट की गुहा को दूषित करने का काम करता है, जिसकी वजह से पेट के सभी अंगों को सहारा देने वाले उत्तक यानी कि पेरिटोनाइटिस, पेरिटोनियम की परत में सूजन और फोड़े हो सकते हैं।

पेरिटोनाइटिस – अपेंडिक्स के फटने की वजह से जो बैक्टीरिया निकलता है वो शरीर के अन्य भागों में फैल कर संक्रमण को फैलाने का काम करता है। ऐसे में संक्रमण अगर पेरिटोनियम में फैल जाता है तो पेरिटोनाइटिस की स्थिति बन जाती है।

दरअसल पेरिटोनियम उत्तकों की एक पतली सी झिल्ली होती है, जिसका काम पेट के अंदरूनी हिस्से को ढक कर रखने का होता है। ऐसे में अगर तुरंत पेरिटोनाइटिस का इलाज ना करवाएं तो आगे लंबे समय तक के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।

यहां तक कि ये काफी ज्यादा घातक भी साबित हो सकती है। इसके इलाज में सर्जरी के द्वारा अपेंडिक्स को निकालना और एंटीबायोटिक का उपयोग शामिल रहता है।

फोड़े – अपेंडिक्स के फटने के बाद उसके चारों ओर पस वाले फोड़े बनने लग जाते हैं। ये स्थिती तब उत्पन्न होती है, जब शरीर संक्रमण से लड़ने की कोशिश कर रहा होता है। कुछ मामलों में ये सर्जरी के द्वारा अपेंडिक्स को हटाने की वजह से भी होता है।

हालांकि ऐसा बहुत रेयर होता है। कई बार इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे ज्यादातर मामलों में पस को फोड़े से निकालना ही होता है। इसके लिए एनेस्थेटिक देकर सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड की मदद से, सुई के जरिये पस को बाहर निकाला जाता है।

वहीं अगर सर्जरी के करते वक्त कोई फोड़ा नजर आ जाए तो उसे पहले तो अच्छे से साफ कर दिया जाता है और फिर एंटीबायोटिक दे दिया जाता है।

अपेंडिक्स में क्या परहेज करना चाहिए?

अपेंडिक्स के मरीजों को ऐसे भोजन करने के बचना चाहिए, जिससे कब्ज होने की संभावना हो। जैसे – पिज्जा, पास्ता के अलावा कोई भी प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट, डेयरी प्रोडक्ट, चीनी से बनाई गई चीजें और कैफी युक्त पदार्थ को अपने आहार में शामिल करने से बचना चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह लेकर वक्त पर दवा लेनी चाहिए।

अपेंडिक्स के मरीज को क्या खाना चाहिए?

अपेंडिक्स के मरीजों को अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ जैसे जूस और सूप को शामिल करने की सलाह दी जाती है। पूरे दिन में कम से कम 8 गिलास पानी तो पीना ही चाहिए।

डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और साबुत अनाज को शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त चीजों को भोजन में शामिल करें।

ताकि पेट में गंदगी जमा ना हो और कब्ज ना होने पाए। क्योंकि फाइबर कब्ज बनने को रोकने में मददगार होता है। इसके अलावा शरीर में फैट बनने वाली चीजों के सेवन से भी बचना चाहिए।

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अपेंडिक्स के इलाज के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे
  • एक गिलास पानी में दो चम्मच मेथी दाना को उबाल लें और धीरे-धीरे करके पी लें। इससे अपेंडिक्स के दर्द में राहत मिलती है और सूजन में भी आराम मिलता है।
  • ईमली के बीज को पीसकर लेप बना लें और उसे पेट पर हल्के हाथों से मलें। इससे सूजन कम होगी। इसके अलावा अगर पेट फूलने की समस्या होती है तो उसमें भी आराम मिलेगा।
  • राई पीसकर दर्द वाली जगह पर मलने से भी आराम मिलता है। इसके लिए ध्यान रखें कि इस लेप को एक घंटे से ज्यादा समय तक लगा ना रहने दें। नहीं तो इससे छाले पड़ सकते हैं।
  • एक नींबू के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन करें। इससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है, क्योंकि इसमें विटामिन सी होता है।
अपेंडिक्स के इलाज के लिए देसी नुस्खे | Home Remedies for Appendicitis in Hindi
  • छाछ में थोड़ा सा काला नमक मिलाकर पीना अपेंडिक्स में काफी आराम पहुंचाने वाला हो सकता है।
  • खाली पेट 2-3 लहसुन की कलियां खाना फायदेमंद हो सकता है।
  • ज्यादा तली-भुनी चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
  • दूध को उबाल कर ठंडा करके पीना अपेंडिक्स में काफी फायदेमंद हो सकता है।
  • पालक के साग का सेवन आंतों को स्वस्थ रखने में मददगार होता है। इसलिए अपेंडिक्स के मरीज को अपने आहार में पालक को शामिल करना चाहिए।
  • एलोवेरा का सेवन भी अपेंडिक्स में फायदेमंद हो सकता है।
  • अपेंडिक्स के मरीजों को प्रतिदिन 3-4 तुलसी के पत्ते चबा चबा कर खाना चाहिए, इससे बहुत आराम मिलता है।
  • अदरक वाली चाय का सेवन करना अपेंडिक्स के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि अदरक सूजन को कम करने में सहायक होता है।

Final Words about Appendicitis in Hindi : उम्मीद है इस लेख में हमने आपके सभी सवालों के जवाब दिए हैं। थोड़ा सा व्यायाम और खान पान में परिवर्तन कई बड़ी बीमारियों से बचा सकता है।

यदि आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो चिकित्सक की सलाह अवश्य लें तथा खान पान का खयाल रखें।

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सबका मंगल हो

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