Akshay Tritiya in Hindi।अक्षय तृतीया का महत्व एवं 6 आध्यात्मिक संदेश

Akshay Tritiya, जिसे सम्पूर्ण भारतवर्ष तथा नेपाल में अखातीज के नाम से भी जाना जाता है, हिंदुओं का एक शुभ त्योहार है।

हालांकि इसका महत्व होली, दिवाली जैसा नहीं है किंतु गुप्त रूप से यह दिन अपने आप में विशेष महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि नया व्यापार शुरू करना हो, गाड़ी खरीदनी हो अथवा नया घर लेना हो, लोग इस दिन का चुनाव करते हैं।

Mystic Mind के इस आर्टिकल में हम आपको इस त्योहार के छिपे रहस्यों से अवगत कराएंगे। अक्षय तृतीया/ Akshay Tritiya क्या है, क्यों मनाई जाती है तथा इसका अध्यात्मिक महत्व क्या है इन सभी सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे।

आइए सबसे पहले देखते हैं कि अक्षय तृतीया क्या है?

What is Akshay Tritiya in Hindi

शाब्दिक रूप से देखा जाए तो इसके नाम में ही इसकी शक्तियों का रहस्य है। संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर अक्षय तृतीया बना है।

अक्षय का अर्थ होता है जिसका कभी क्षय अर्थात विघटन नहीं होता। दूसरे शब्दों में, जिसका कभी अंत नहीं होता अर्थात जो अनंत है उसे अक्षय कहते हैं।

तृतीया अर्थात तीन, इस गिनती का पुराणों, शास्त्रों यहां तक कि विज्ञान एवं गणितीय विभाग में अपना महत्व है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी मास के शुक्ल पक्ष अर्थात चंद्रमास का तीसरा तीन तृतीया के रूप में जाना जाता है।

हिंदू कैलेंडर का दूसरा मास अर्थात बैशाख मास एक अत्यंत महत्वपूर्ण मास है। अक्षय तृतीया/ Akshay Tritiya बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन पड़ती है।

आइए देखते हैं कि अक्षय तृतीया एक विशेष त्योहार के रूप में अथवा बैसाख मास इतना विशेष क्यों है?

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What is Special about Akshay Tritiya In Hindi?

Akshay Tritiya Images

शास्त्रों के अनुसार नारद मुनि ने बैशाख मास के महत्व को बताते हुए कहा है,” जिस प्रकार देवताओं में भगवान विष्णु, मंत्रों में ओम, नदियों में गंगा तथा वृक्षों में कल्पवृक्ष का महत्व है उसी प्रकार मासों में बैसाख मास का महत्व है।”

बैसाख मास के महत्वपूर्ण होने के कई विशेष कारण हैं जो कुछ इस प्रकार हैं।

#१ हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के सभी अवतारों का विशेष महत्व है। अपने प्रत्येक अवतार में उन्होंने इस धरा का उद्धार किया। भगवान विष्णु के छठे अवतार जिन्हें हम भगवान परशुराम के नाम से जानते हैं, का जन्म इसी अक्षय तृतीया/ Akshay Tritiya के दिन हुआ था।

#२ नदियों में सर्वश्रेष्ठ नदी, पतित पावनी गंगा जी इसी तृतीया के दिन भगवान विष्णु के चरणों से निकल धरती पर अवतरित हुईं। इस कारण भी इस दिन का भारत की धरती पर विशेष महत्व है।

#३ भारतीय शास्त्रों के अनुसार चार युगों, सतयुग, द्वापर तथा त्रेता युग की गड़ना इसी बैसाख मास की तृतीया से शुरू होती है इसलिए यह दिन खास है।

#४ मत्स्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया भगवान विष्णु से अक्षय वरदान लेने का विशेष दिन है। अतः लोग अपनी संतान तथा धन संपदा को अक्षय बनाने के लिए इस दिन विशेष उनकी पूजा अर्चना करते हैं।

#५ भविष्य पुराण के अनुसार वणिक नमक धर्मात्मा बैसाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को, अपने परिवार के खिलाफ़ जाकर दान दक्षिणा किया करता था। परिणामस्वरूप राजा के रूप में उसका पुनर्जन्म हुआ। इसलिए यह दिन को दान दक्षिणा के लिए विशेष महत्व रखता है।

#६ दान के इस प्रवृत्ति को विज्ञान ने भी स्वीकार किया है, आधुनिक शब्दों में इसे आकर्षण के नियम तथा कृतज्ञता का परिणाम माना जाता है। हम जो देते हैं बदले में हम वह दस गुना होकर मिलता है। इसलिए अक्षय तृतीया/ Akshay Tritiya को दान दिवस विशेष के रूप में भी मनाया जाता है।

#७ बैशाख मास की इस तृतीया को भगवान परशुराम के अलावा ब्रह्मा देव के पुत्र अक्षय का जन्म भी हुआ था इसलिए इस दिन विशेष सफ़ेद फूलों से पूजा करना अत्यंत कल्याणकारी माना जाता है।

#८ हिंदू धर्म में चार धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री का विशेष महत्व है। दूर दूर से लोग इनके दर्शन के लिए जाते हैं। अक्षय तृतीया/ Akshay Tritiya के ही दिन बद्रीनाथ धाम अर्थात भगवान बद्रीनाथ के द्वार खुलते हैं।

#९ वृंदावन, उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध स्थल होने के साथ कृष्ण भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। श्रीबिहारी जी के दर्शन के लिए लोग साल भर प्रतीक्षा करते हैं तथा अक्षय तृतीया के ही दिन उन्हें दर्शन का सौभाग्य मिलता है।

#१० माना जाता है की अक्षय तृतीया के दिन ही प्रचलित पांचवा महावेद, “महाभारत” की रचना महर्षि वेदव्यास जी ने शुरू की थी। महाभारत का एक खंड हमारी “श्रीमद्भागवत गीता” हैं जो सभी ग्रंथों को माता मानी जाती हैं।

#११ जिस दिन भगवान शिव ने धन के स्वामी कुबेर को माता लक्ष्मी की पूजा करने की सलाह दी वह दिन बैसाख मास, शुक्ल पक्ष की तृतीया था। इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना करने की परंपरा है।

#१२ पुराणों के अनुसार अन्न की देवी “माता अन्नपूर्णा” का जन्म भी अक्षय तृतीया Akshaya Tritiya को माना जाता है। इसलिए इस दिन गरीबों का भोजनकराने अथवा दान करने से पुण्य कर्मों का खाता बढ़ने के साथ माता अन्नपूर्णा का आशीर्वाद बना रहता है।

उपर्युक्त १२ कारणों से अक्षय तृतीया हिंदुओं का एक अत्यंत शुभ एवं फलदाई त्योहार है। किसी भी कार्य को शुरुआत अथवा सफलता के लिए इस दिन पंचांग देखने को आवश्यकता नहीं होती है।

आइए देखते हैं इस त्योहार से हमें क्या अध्यात्मिक संदेश मिलते हैं।

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Akshay Tritiya Spiritual Significance

Akshay Tritiya Wishes Images

भारतवर्ष एक धरा पर एकमात्र देश हैं जहां अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं। यह कहना कम नहीं होगा कि स्वयं भगवान को हमारे भारतवर्ष से अत्यंत लगाव है। इसका कारण यहां की संस्कृति, सभ्यता एवं जीवन शैली।

प्रत्येक त्योहार हमें कुछ न कुछ अध्यात्मिक सीख देते हैं जिसके मार्गदर्शन से हम अपने जीवन को और बेहतर बनाते हैं। अक्षय तृतीया Akshay Tritiya भी हमें कई अध्यात्मिक सीख देती है।

#१ भगवान विष्णु का अवतार हमें यह संदेश देता है कि आने वाला साल अत्यंत लाभकारी होने वाला है तथा उनका साथ हमें सारे कष्टों, रुकावटों को दूर करने में हमारा मार्गदर्शन करेगा।

#२ पतित पावनी गंगा जी का इस धरा पर आगमन हमें यह संदेश देता है कि जिस प्रकार गंगा मैया पतितों को भी माफ़ कर उनके पाप धोकर उन्हें पुनः बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं, हमें भी परोपकार की भावना रखनी चाहिए।

#३ सतयुग, द्वापर एवं त्रेता युग का आरंभ होना इस बात का संकेत है कि आने वाले साल में परिस्थितियां कैसी भी हों, हमारी कोशिश एक अच्छा एवं सच्चा इंसान बनने की होनी चाहिए। अपने जीवन को एक नया मोड़ देकर बेहतर जीवन शैली अपनानी चाहिए।

#४ वणिक का दानी स्वभाव हमें यह संदेश देता है कि जीवन में दान दक्षिणा अवश्य करना चाहिए। सभी कर्मों में सर्वोच्च कर्म दान देना है जो हमारे कई कुकर्मों को माफ़ कर अच्छे कर्मों का खाता बढ़ा देता है।

#५ जैसा कि अक्षय तृतीया/ Akshay Tritiya एकमात्र ऐसी तिथि है जिसका कभी क्षय नहीं होता। इसलिए इस दिन शुरू किया गया व्यापार, खरीदी गई नई संपति अथवा कोई भी नया काम प्रगति ही देता है। इस सत्य को स्वीकार कर, सच्चे हृदय से की गई शुरुआत अति लाभकारी होती है।

#६ नए काम की शुरुआत के साथ अक्षय तृतीया के दिन दिया गया दान आपको उस दान के बदले लाखों गुना लाभ देता है इसलिए दान अवश्य करें।

अक्षय तृतिया के दिन शुरू किया गया कोई भी काम सफल होता है। अब देखते हैं कि अक्षय तृतीया/ Akshaya Tritiya के दिन किन चीजों का दान अधिक शुभ फलदाई होता है?

अक्षय तृतीया के दिन क्या दान करें?

अक्षय तृतीया/ Akshay Tritiya के दिन विशेष रूप से गाय, जमीन, तिल, सोना, घी, कपड़े, अनाज, गुड चांदी, नमक, शहद, मिट्टी का मटका खरबूजा एवं कन्यादान विशेष फलदाई होता है।

अक्षय तृतीया के दिन इन वस्तुओं का दान अत्यंत प्रचलित एवं प्रभावी माना जाता है।

When is Akshay Tritiya 2021 in India

इस साल यह शुभ दिन १४ मई को है।

अक्षय तृतीया प्रारंभ तिथि : १४ मई
अक्षय तृतीया समाप्त तिथि: १५ मई

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त /Akshay Tritiya Date

१४ मई सुबह ५:३८ से दोपहर १२:१८ तक

Akshay Tritiya Shubh Muhurt For Buying Gold in Hindi

१४ मई सुबह ५:३८ से १५ मई ५:३० तक

What Should be done on Akshay Tritiya in Hindi

मान्यताओं के अनुसार आज के दिन खरीदी गई नई वस्तु तथा दिया गया दान दिन दूना रात चौगुना बढ़ता है। इसलिए अक्षय तृतीया/ Akshaya Tritiya के दिन अपनी हैसियत अनुसार सोना अथवा चांदी खरीदने के साथ मंदिर में या गरीबों का दान अवश्य करें।

ध्यान रहे दान कभी भी मान सम्मान अथवा दिखावे के लिए ना करें। दान वही फलदाई होता है जो गुप्त रूप से किया जाता है।

Which God is worshipped on Akshay Tritiya?

अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम के रूप में अवतरित भगवान विष्णु की पूजा अर्चना अत्यंत फलदाई होती है। साथ ही माता लक्ष्मी से धन धान्य सुख सम्पदा के अक्षय होने का आशीर्वाद भी लेना शुभ है।

Is Akshay Tritiya Good for marriage?

दक्षिण भारतीय कथाओं के अनुसार भगवान शिव के अवतार भगवान सुंदरेश एवं देवी मधुरा का विवाह बैसाख मास, शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही हुआ था। अतः यह दिन विवाह के लिए अत्यंत शुभ है।

इस दिन वैवाहिक जोड़ों को सभी देवताओं के आशीर्वाद के साथ अनंत सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

What Should we Eat on Akshay Tritiya Fast?

जैसा कि यह दिन अत्यंत सुखद एवं फलदाई है, इस दिन किया गया उपवास सोने पर सुहागे जैसा काम करता है।

उपवास में खाने के लिए मेरा सुझाव रहेगा कि ताजे फल एवं फलों के रस का सेवन करें। आपकी ऊर्जा को बढ़ाने, मन को शांत रखने तथा पूजा में ध्यान बढ़ाने के लिए फलाहार अत्यंत उपयोगी है।

Final Words: अक्षय तृतीया/ Akshay Tritiya अनेकों कारणों से सबसे शुभ दिवस के रूप में प्रचलित है। इसलिए इस दिन का भरपूर लाभ लें।

सबका भला हो, शुभ अक्षय तृतीया

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