12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान | 12 Shivling Name and Place in Hindi

12 Shivling Name and Place भगवान शिव हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देवता माने जाते हैं और उनके शिवलिंग का पूजन भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। शिवलिंग के विभिन्न नाम और स्थान भारत के विभिन्न हिस्सों में पाए जाते हैं, और इनके पीछे गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है।

आइए, हम शिवलिंग के 12 प्रमुख नामों और स्थानों के बारे में जानते हैं।

12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान | 12 Shivling Name and Place

1- केदारनाथ

केदारनाथ, भगवान शिव के एक प्रमुख धामों में से एक है और यह उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के कारण यह स्थल हिन्दू धर्म के आत्मीय और श्रद्धालुओं के बीच एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

केदारनाथ केदार क्षेत्र का हिस्सा है, जिसे पंच केदार नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में भगवान शिव के पांच प्रमुख मंदिर हैं, और केदारनाथ मंदिर इनमें से एक है। केदारनाथ मंदिर, जो शिव भगवान के पूज्य रूप को समर्पित किया गया है, इस धाम का मुख्य स्थल है।

मंदिर की विशेषता यह है कि यह सड़कों द्वारा नहीं पहुँचा जा सकता है, और यात्री इसे पैदल या पालकी के साथ ही पहुँच सकते हैं। केदारनाथ की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण पर्याग है। केदारनाथ का प्राचीन मंदिर प्रायः मई से नवम्बर के बीच ही यात्रियों के लिए खुला रहता है, क्योंकि इस समय हिमालय का मौसम अनुकूल होता है।

केदारनाथ की यात्रा माता पार्वती के आवागमन की कथा पर आधारित है। यात्री स्वयं को शुद्ध और पवित्र बनाने के लिए तीर्थ स्नान करते हैं और मंदिर में भगवान के दर्शन करते हैं।
केदारनाथ केदार पर्वतीय श्रृंग में स्थित है, और यहाँ पर पहुँचकर यात्री अपने जीवन की दिशा को समय-समय पर मान्यता और आदर्श के साथ देखते हैं।

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2- अमरनाथ

अमरनाथ गुफा, जो कि भगवान शिव के पवित्र आवास के रूप में माना जाता है, एक प्रमुख तीर्थ स्थल है जो भारत के उत्तरी प्रदेश, जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में स्थित है। यहाँ का महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक है, और वार्षिक अमरनाथ यात्रा का आयोजन होता है, जिसमें लाखों शिव भक्त आते हैं भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक्षा करते हैं।

अमरनाथ गुफा भगवान शिव के पवित्र आवास के रूप में माना जाता है। यहाँ पर श्रद्धालु भगवान के शिवलिंग की पूजा और आराधना करते हैं और उनके दर्शन करने के लिए यात्रा करते हैं।

अमरनाथ यात्रा हर साल बादामवार से लेकर आमरनाथ तक आयोजित की जाती है। यात्रा के दौरान शिवलिंग की पूजा और आराधना की जाती है, और श्रद्धालु शिव की ध्यान और भक्ति में लीन रहते हैं।

अमरनाथ यात्रा हर साल श्रावण मास के आसपास होती है, जिसमें अमरनाथ के गुफा में बर्फ का लिंग दिखाई देता है। इस समय पर हिमाचल प्रदेश के पास होने वाली आयुक्त बर्फ से ढकी ध्यान देने वाली गुफा को दर्शन करने का अद्वितीय अवसर मिलता है।

अमरनाथ क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य भी यहाँ के पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। यहाँ के बर्फ की गुफाएँ, हिमाचल प्रदेश के शिव भगवान के आवास के रूप में मानी जाती हैं, और इनकी विशेषता है कि ये बर्फ सिर्फ मानसून के समय ही पायी जाती हैं।

3- सोमनाथ

सोमनाथ, जो कि गुजरात राज्य के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का हिस्सा है, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंग का आवास है और भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग का स्थल है और यहाँ पर शिव की पूजा विशेष भक्ति और श्रद्धा के साथ की जाती है। इस मंदिर का नाम सोम, चंद्रमा देवता के नाम पर है, जो कि हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण अंश है।

सोमनाथ मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसे कई बार विनाश किया गया है और पुनः निर्माण किया गया है। इसका उल्लेख महाभारत में भी है।सोमनाथ मंदिर का विशेष रूप से यह है कि यह प्राचीन शैली में बना हुआ है और इसका शिखर शिव ज्योतिर्लिंग के आवास की ओर उठता है।

सोमनाथ में भगवान की पूजा और आराधना धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। यहाँ पर भक्त शिव के दर्शन करने और उनके समीप आने के लिए यात्रा करते हैं, जिसमें वे अपनी भक्ति और आदर के साथ शिव का आदर करते हैं। सोमनाथ मंदिर समुद्र किनारे पर स्थित है, और यहाँ के पर्यापण बीच का दृश्य भी बहुत खूबसूरत है।

4- महाकालेश्वर

महाकालेश्वर, भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंग का आवास है और यह भारत के मध्यप्रदेश राज्य, उज्जैन नगर में स्थित है। यह स्थल हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।

महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव के एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग की पूजा की जाती है, और यहाँ पर शिव की पूजा और आराधना विशेष भक्ति और श्रद्धा के साथ की जाती है। महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के पवित्र आवास के रूप में माना जाता है और यह हिन्दू संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थल है।

मंदिर की विशेषता यह है कि यह ज्योतिर्लिंग के ऊपर बालक रूप में शिव को प्रसन्न करने के लिए प्राप्त होता है। महाकालेश्वर मंदिर में नियमित रूप से आरती और पूजा की जाती है। यहाँ पर आने वाले भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए आरती और पूजा में भाग लेते हैं और अपनी आत्मा को शांति का अनुभव करते हैं।

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन शहर में स्थित है, और यहाँ के पर्यापण बीच का दृश्य भी बहुत खूबसूरत है। उज्जैन भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्रों में से एक है और महाकालेश्वर की यात्रा यहाँ पर आने वाले यात्री के लिए महत्वपूर्ण है।

5- भीमशंकर – 12 Shivling Name and Place

भीमशंकर एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक तीर्थ स्थल है, जो भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। भीमशंकर मंदिर महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है और यहाँ पर भगवान शिव के पवित्र ज्योतिर्लिंग की पूजा की जाती है। मंदिर का नाम महाराष्ट्र के महान पहाड़ी भीमाशंकर पर आधारित है।

भीमशंकर मंदिर पुणे से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य भी यात्री के बीच लोकप्रिय है।

6- रामेश्वरम

रामेश्वरम एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है, जो कि भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में माना जाता है। यह स्थल भारत के तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है ।

रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है और यहाँ पर भगवान शिव के पवित्र ज्योतिर्लिंग की पूजा की जाती है। मंदिर का नाम भगवान श्रीराम के समय के स्मृति से जुड़ता है, जब रामचंद्रजी ने यहाँ अपनी दिव्य दर्शन किए थे।

रामेश्वरम मंदिर पूरे साल खुला रहता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से इसकी महत्वपूर्ण तिथियाँ होती हैं, जैसे महाशिवरात्रि और कार्तिक पूर्णिमा। रामेश्वरम तमिलनाडु के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ एक खूबसूरत भी जगह है। यह समुंदर किनारे पर स्थित है और यहाँ के समुंदर किनारे के दृश्य भी बहुत आकर्षक हैं।

7- काशी विश्वनाथ – 12 Shivling Name and Place

काशी विश्वनाथ, जिसे अक्सर केवड़िया के नाम से भी जाना जाता है, भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में स्थित है। यहाँ का शिव मंदिर एक विशेष धार्मिक महत्व रखता है और भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है।

काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी शहर के हृदय में स्थित है। मंदिर का नाम भगवान शिव के एक अन्य नाम, “विश्वनाथ” से जुड़ा हुआ है, जिसका अर्थ होता है “सबका स्वामी”।
काशी विश्वनाथ मंदिर में नियमित रूप से आरती और पूजा की जाती है। काशी विश्वनाथ मंदिर पूरे साल खुला रहता है।

वाराणसी भारत की सबसे प्राचीन और पवित्र शहरों में से एक है, और इसका इतिहास और संस्कृति काफी धन्य है। काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा यहाँ कई और प्रमुख तीर्थ स्थल भी हैं, जो इसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं।

8- घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जिसमें भगवान शिव का प्रमुख ज्योतिर्लिंग होता है। यह स्थल महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में स्थित है और हिन्दू धर्म के अनुसार यहां पर शिव की पूजा और आराधना की जाती है।

घृष्णेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है और यहां पर भगवान शिव के पवित्र ज्योतिर्लिंग की पूजा की जाती है। मंदिर का नाम “घृष्णेश्वर” शिव के एक अन्य नाम से जुड़ता है, जिसका अर्थ होता है “क्रोध विनाशकारी”।

घृष्णेश्वर मंदिर पूरे साल खुला रहता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से इसकी महत्वपूर्ण तिथियाँ होती हैं, जैसे महाशिवरात्रि, सावन का महीना, और कार्तिक पूर्णिमा। घृष्णेश्वर मंदिर अहमदनगर शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यह भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है।

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9- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग – 12 Shivling Name and Place

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है, जो कि भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थल गुजरात राज्य के द्वारका शहर के पास स्थित है और हिन्दू धर्म के अनुसार यहां पर शिव की पूजा और आराधना की जाती है।

मंदिर का नाम “नागेश्वर” शिव के एक अन्य नाम से जुड़ता है, जिसका अर्थ होता है “नागों के स्वामी” या “सर्पों के प्रभु”। नागेश्वर मंदिर पूरे साल खुला रहता है। नागेश्वर मंदिर द्वारका शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यह भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है।

10- मल्लिकार्जुन

मल्लिकार्जुन एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है, जो कि भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थल भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के श्रीशैलम नामक जगह पर स्थित है और हिन्दू धर्म के अनुसार यहां पर शिव की पूजा और आराधना की जाती है।

मंदिर का नाम “मल्लिकार्जुन” शिव के एक अन्य नाम से जुड़ता है, जिसका अर्थ होता है “मल्लिका के साथ विराजमान”। मल्लिकार्जुन मंदिर पूरे साल खुला रहता है। मल्लिकार्जुन मंदिर श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश के शहर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

11- बैद्यनाथ

देवघर का बैद्यनाथ धाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक है. इस द्वादश ज्योतिर्लिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह विश्व का इकलौता शिव मंदिर है, जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं, इसलिए इसे शक्तिपीठ भी कहते हैं।

पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि यहां माता सती का ह्रदय कट कर गिरा था इसलिए इसे हृदय पीठ भी कहते हैं वैद्यनाथ इस स्थल का इतिहास वेद, पुराण, और अन्य पौराणिक ग्रंथों में उल्लिखित है और इसे ‘दक्षिण काशी’ के नाम से भी जाना जाता है।

मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और यह कई बार नष्ट हो चुका है, लेकिन हमेशा ही पुनर्निर्माण किया गया है। यहाँ वार्षिक श्रावण मास के दौरान कांवड़ यात्रा का भी महत्वपूर्ण स्थल है, जब श्रावण सोमवार को भक्तगण यहाँ भगवान शिव की पूजा के लिए आते हैं।

12- त्र्यंबकेश्वर

त्र्यंबकेश्वर भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह स्थल महाराष्ट्र राज्य के नासिक शहर के पास स्थित है। मंदिर का नाम “त्र्यंबकेश्वर” शिव के एक अन्य नाम से जुड़ता है, जिसका अर्थ होता है “तीन नेट्रों वाले ईश्वर”।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर में नियमित रूप से आरती और पूजा की जाती है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर पूरे साल खुला रहता है। त्र्यंबकेश्वर भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है।

FAQS

1- 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का क्रम क्या है?

12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का क्रम निम्नलिखित है:

  • सोमनाथ: पहले, गुजरात राज्य के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें।
  • मल्लिकार्जुन: फिर, आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का दर्शन करें।
  • महाकालेश्वर: मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करें।
  • अमरनाथ: अगले, जम्मू और कश्मीर के अमरनाथ गुफा में स्थित अमरनाथ ज्योतिर्लिंग के पास जाएं।
  • केदारनाथ: उत्तराखंड के केदारनाथ में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का दर्शन करें।
  • त्र्यंबकेश्वर: महाराष्ट्र के नासिक में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास जाएं।
  • वैद्यनाथ: जार्खंड के देवघर में स्थित वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें।
  • भीमशंकर: महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करें।
  • रामेश्वरम: तमिलनाडु के रामेश्वरम में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की पूजा करें।
  • काशी विश्वनाथ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के पास जाएं।
  • केदारनाथ: फिर से केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की यात्रा करें।
  • घृष्णेश्वर: महाराष्ट्र के अहमदनगर में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास जाएं।

यह 12 ज्योतिर्लिंगों का प्रमुख क्रम होता है, जिसे अनुसरण करके भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए जा सकते हैं।

2- 12 ज्योतिर्लिंग देखने में कितने दिन लगते हैं?

12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने में कितने दिन लगते हैं, यह आपकी यात्रा के तरीके और आपकी यात्रा की व्यवस्था पर निर्भर करता है। यहां कुछ कार्यक्रम के अनुसार एक एक्सेम्पल दिया गया है, लेकिन आप अपनी यात्रा के आधार पर इसे अनुकूलित कर सकते हैं:

  • सोमनाथ: आपकी यात्रा की शुरुआत सोमनाथ से हो सकती है। इसके लिए 1-2 दिन की आवश्यकता हो सकती है।
  • मल्लिकार्जुन: फिर आप आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम जाकर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं, जिसमें 2-3 दिन का समय लग सकता है।
  • महाकालेश्वर: उज्जैन, मध्यप्रदेश में महाकालेश्वर के दर्शन करने के लिए आपको 1-2 दिन की आवश्यकता हो सकती है।
  • अमरनाथ: अगले, आप जम्मू और कश्मीर के अमरनाथ ज्योतिर्लिंग की यात्रा कर सकते हैं, जो कुछ दिनों तक चल सकती है, जैसे की 3-4 दिन।
  •  केदारनाथ: फिर आप उत्तराखंड के केदारनाथ जाकर केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं, जिसके लिए 2-3 दिन की आवश्यकता हो सकती है।
  •  त्र्यंबकेश्वर: महाराष्ट्र के नासिक में त्र्यंबकेश्वर के दर्शन करने के लिए 1-2 दिन की यात्रा करें।
  •  वैद्यनाथ: आप जार्खंड के देवघर जाकर वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं, जिसमें 1-2 दिन लग सकते हैं।
  •  भीमशंकर: महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमशंकर के दर्शन करने के लिए 1-2 दिन की यात्रा करें।
  •  रामेश्वरम: तमिलनाडु के रामेश्वरम में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए 1-2 दिन की आवश्यकता हो सकती है।
  •  काशी विश्वनाथ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के पास जाने के लिए 1-2 दिन की यात्रा करें।
  •  केदारनाथ: फिर से केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की यात्रा करने के लिए 2-3 दिन की आवश्यकता हो सकती है।
  •  घृष्णेश्वर: अहमदनगर, महाराष्ट्र में घृष्णेश्वर के दर्शन करने के लिए 1-2 दिन की यात्रा करें।

Final Words about 12 Shivling Name and Place : भगवान शिव के शिवलिंग के ये 12 नाम और स्थान हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो हमें भगवान शिव की महिमा और भक्ति की महत्वपूर्ण बातें सिखाते हैं।

ये स्थल हमारे धर्मिक यात्राओं का महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं, जो हमें आत्मा की शांति और सुख की दिशा में मदद करते हैं। इन स्थलों पर जाकर हम अपनी आत्मा को शांति और सकारात्मकता की ओर बढ़ा सकते हैं।

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